बंद हुई कंपनियों के वाहनों के लिए एचएसआरपी बनवाना हुआ मुश्किल भोपाल में दो हजार से अधिक वाहन मालिक परेशान



भोपाल ।
भोपाल में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की अनिवार्यता अब पुराने वाहन मालिकों के लिए समस्या बन गई है। यह समस्या खासतौर पर उन गाड़ियों के मालिकों के लिए है जो कंपनियां अब बंद हो चुकी हैं या जिन्होंने भारत में अपना कारोबार समेट लिया है। इन गाड़ियों पर एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने का काम अब नहीं हो पा रहा है क्योंकि एचएसआरपी बनाने के लिए वाहन निर्माता कंपनियों OEM और नंबर प्लेट निर्माता कंपनियों के बीच एक करार एग्रीमेंट होना जरूरी होता है ।
ऐसी कंपनियों की गाड़ियों के मालिकों को अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इन कंपनियों का कोई प्रतिनिधि या सिस्टम अब उपलब्ध नहीं है। इसका सीधा असर भोपाल में दो हजार से अधिक वाहन मालिकों पर पड़ रहा है जो अपने वाहन पर एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के लिए आरटीओ और डीलरों के चक्कर काट रहे हैं ।
लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। यहां तक कि भोपाल में काम करने वाली प्रमुख नंबर प्लेट निर्माता कंपनियों जैसे रोजमाटा सेफ्टी प्राइवेट लिमिटेड एफटीए और सुजुकी इन कंपनियों की गाड़ियों के लिए एचएसआरपी बनाती हैं लेकिन जिन कंपनियों का अब अस्तित्व नहीं है उनके वाहन मालिकों के लिए यह प्रक्रिया ठप हो चुकी है।
दरअसल एचएसआरपी व्यवस्था के तहत एक नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी को वाहन निर्माता कंपनी से एक एग्रीमेंट की आवश्यकता होती है जिससे पोर्टल पर डाटा प्रोसेस हो सके। अगर वाहन निर्माता कंपनी बंद हो गई है तो पोर्टल पर उनका डाटा प्रोसेस नहीं हो सकता और इस कारण उन गाड़ियों की नंबर प्लेट बनवाना संभव नहीं होता।
इस प्रकार उन पुराने वाहनों के मालिकों के लिए जो बंद हो चुकी कंपनियों से संबंधित हैं एचएसआरपी नंबर प्लेट का मिलना एक बड़ा संकट बन गया है। कई वाहन मालिक महीनों से इस समस्या का समाधान ढूंढ़ रहे हैं लेकिन किसी भी तरह का ठोस समाधान सामने नहीं आ पा रहा है। ऐसे में वाहन मालिकों को विभिन्न अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
इसके अलावा यह भी देखा गया है कि नए नियमों के तहत एचएसआरपी की अनिवार्यता बढ़ने से वाहन मालिकों की परेशानियां और भी बढ़ गई हैं खासकर उन गाड़ियों के मालिकों के लिए जिनकी कंपनियां अब बंद हो चुकी हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक एचएसआरपी सिस्टम को लागू करने का उद्देश्य वाहनों की पहचान को सुनिश्चित करना और सुरक्षा बढ़ाना है लेकिन इस प्रक्रिया में पुराने वाहन मालिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।