वेनेजुएला पर अमेरिकी कार्रवाई को लेकर रूस की ट्रंप को सख्त चेतावनी, कहा-घातक गलती से होंगे भयावह नतीजे


नई दिल्ली/वेनेजुएला संकट एक बार फिर वैश्विक राजनीति के केंद्र में आ गया है। अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने के बाद रूस ने खुलकर चेतावनी दी है। मॉस्को ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आगाह करते हुए कहा है कि वेनेजुएला में किसी भी तरह की घातक गलती पूरे पश्चिमी गोलार्ध में अप्रत्याशित और गंभीर परिणाम पैदा कर सकती है। रूस ने साफ संकेत दिया है कि वह वेनेजुएला को अपना करीबी सहयोगी मानता है और इस मुद्दे पर पूरी तरह सतर्क है।

दरअसल, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला के खिलाफ प्रतिबंधों को और सख्त करते हुए वहां से तेल ले जाने वाले टैंकरों की आवाजाही पर पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया है। ट्रंप ने इसे “टोटल एंड कंपलीट ब्लॉकेड” करार दिया है। अमेरिका का कहना है कि यह कदम राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार पर दबाव बनाने के लिए उठाया गया है, जिसकी अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर तेल निर्यात पर निर्भर है।अमेरिका ने इस कार्रवाई के तहत एक तेल टैंकर को जब्त भी किया है और कैरेबियन सागर में भारी नौसैनिक तैनाती की है। इस सैन्य मौजूदगी ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। अमेरिकी नौसेना की गतिविधियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की आशंकाएं तेज हो गई हैं।

इस पूरे घटनाक्रम पर रूस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। क्रेमलिन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि ट्रंप प्रशासन कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगा, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए। रूस का मानना है कि वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य या आक्रामक कार्रवाई न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि इसके असर पूरे पश्चिमी गोलार्ध में महसूस किए जाएंगे।क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बयान जारी कर कहा, हम निश्चित रूप से क्षेत्र के सभी देशों से संयम बरतने का आग्रह करते हैं, ताकि किसी भी तरह के अप्रत्याशित घटनाक्रम से बचा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कैरेबियन सागर में अमेरिकी युद्धपोतों की मौजूदगी के चलते हालात संवेदनशील बने हुए हैं और नाकाबंदी के परिणाम अभी स्पष्ट नहीं हैं।

रूस ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने सहयोगी और साझेदार वेनेजुएला के साथ लगातार संपर्क में है। मॉस्को लंबे समय से वेनेजुएला की सरकार का समर्थन करता रहा है और आर्थिक व राजनीतिक संकट के दौर में काराकास को सहारा देता आया है। अतीत में रूस ने वेनेजुएला की कमजोर अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्र में मदद की है।वहीं, वेनेजुएला ने अमेरिकी कदम को समुद्री डकैती करार देते हुए तीखी निंदा की है। मादुरो सरकार का कहना है कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है और उसकी संप्रभुता पर हमला कर रहा है। वेनेजुएला ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग भी की है।

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप ने दावा किया था कि वेनेजुएला दक्षिण अमेरिका के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े नौसैनिक घेराव का सामना कर रहा है। इस बयान के बाद क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप की आशंकाएं और गहरा गई हैं।इसी बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में एक फोन कॉल के दौरान निकोलस मादुरो को अपना समर्थन दोहराया था। रूस के इस रुख से साफ है कि वेनेजुएला को लेकर अमेरिका और रूस के बीच टकराव और गहरा सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए तनाव की स्थिति बन सकती है।