साल 2025 की प्रमुख भगदड़ घटनाएं:
9 जनवरी – आंध्र प्रदेश, तिरुमाला हिल्स (वेंकटेश्वर मंदिर)
वैकुंठ द्वार दर्शन के टिकट के लिए लाइन में भगदड़
6 मौतें, कई घायल
29 जनवरी – प्रयागराज (महाकुंभ)
मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु घाट पर
30 मौतें, 60 घायल
15 फरवरी – प्रयागराज (नई दिल्ली रेलवे स्टेशन)
प्लेटफॉर्म पर अफरातफरी
18 मौतें, 4 बच्चे शामिल
3 मई – गोवा (शिरगाओ, लैराई देवी जात्रा मंदिर)
बिजली का झटका और भगदड़
6 मौतें, 70 घायल
4 जून – बेंगलुरु (IPL जश्न)
3 लाख से अधिक लोग जुटे, नियंत्रण न होने से भगदड़
11 मौतें, 50+ घायल
27 जुलाई – उत्तराखंड (हरिद्वार, मनसा देवी मंदिर)
अफवाह फैलने से भगदड़
9 मौतें, 30+ घायल
27 सितंबर – तमिलनाडु (करूर, विजय रैली)
भारी भीड़ और देर से आगमन
41 मौतें, 50+ घायल
1 नवंबर – आंध्र प्रदेश (वेंकटेश्वर मंदिर, श्रीकाकुलम)
एकादशी पर भारी भीड़
9 मौतें (8 महिलाएं, 1 बच्चा)
भगदड़ के मुख्य कारण:
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की कमी
संकरे रास्ते और अनुचित एंट्री-एग्जिट प्लान
आयोजकों और श्रद्धालुओं द्वारा सुरक्षा नियमों की अनदेखी
अफवाह फैलना और अचानक हलचल
तकनीकी निगरानी की कमी (CCTV, क्राउड सेंसर)
सार्वजनिक जगहों पर अनुशासन की कमी
विशेषज्ञों के अनुसार, हर घटना प्रशासन और आम जनता के लिए चेतावनी है: भीड़ को संभावित खतरे के रूप में देखना और अनुशासन अपनाना अनिवार्य है।
क्या प्रशासन और लोग सतर्क हुए?
लगातार हादसों के बावजूद सुरक्षा उपाय अभी भी अपूर्ण हैं।
बड़े आयोजनों में फुल-प्रूफ सुरक्षा और तकनीकी निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता।
आम जनता और आयोजकों में सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाना जरूरी।
2025 की ये घटनाएं स्पष्ट संदेश देती हैं कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा पर गंभीर ध्यान न दिया गया तो अनगिनत जानें हर साल जोखिम में रहेंगी।
