पाम ऑयल की खाद्य तेल सुरक्षा में अहम भूमिका: गलतफहमियों को वैज्ञानिक तथ्यों से चुनौती देने की जरूरत


नई दिल्‍ली । पाम ऑयल की महत्वता को लेकर भारत में जो गलतफहमियां फैली हुई हैं उन्हें वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर चुनौती देने की आवश्यकता है क्योंकि खाद्य तेल सुरक्षा में पाम ऑयल का योगदान बेहद अहम है। यह बयान एशियन पाम ऑयल अलायंस के सेक्रेटरी जनरल डॉ. सुरेश मोटवानी ने पाम ऑयल कॉन्क्लेव 2025 के दौरान दिया। उनका कहना था कि पाम ऑयल को लेकर भारत में जो नकारात्मक धारणाएं बनाई गई हैं वे निराधार हैं और इसे सस्ती होने की वजह से कम गुणवत्ता वाला समझा जाता है जो पूरी तरह गलत है।

डॉ. मोटवानी ने पाम ऑयल की खेती को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह दुनिया भर में छोटे किसानों के लिए एक लाभकारी फसल है। विशेष रूप से पाम ऑयल की प्रति एकड़ पैदावार अन्य तेल फसलों की तुलना में 5 से 10 गुना अधिक होती है जिससे यह खेती करने वाले किसानों के लिए आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी साबित होती है। इसके अलावा पाम ऑयल का पर्यावरणीय प्रभाव भी न्यूनतम होता है बशर्ते इसे जिम्मेदारी से उगाया जाए।

भारत की खाद्य तेल सुरक्षा में पाम ऑयल की भूमिका को लेकर डॉ. मोटवानी ने बताया कि भारत अपनी खाद्य तेल की जरूरतों का 60% आयात करता है, और इसमें पाम ऑयल की हिस्सेदारी 80% तक है। ऐसे में उपभोक्ताओं के बीच पाम ऑयल के प्रति नकारात्मक सोच खाद्य तेल बाजार को गहरे स्तर पर प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति को सुधारने के लिए पाम ऑयल के फायदे और वास्तविकता को सही ढंग से पेश किया जाना जरूरी है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 11,000 करोड़ रुपये के ‘ऑयल पाम मिशन’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह मिशन भारत में पाम ऑयल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। यदि इस मिशन का फायदा देश की जनता तक नहीं पहुंचा तो यह मिशन असफल हो सकता है। इसके लिए उपभोक्ताओं के बीच भ्रांतियों को दूर करना बेहद आवश्यक है।

डॉ. मोटवानी ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी प्रकार के खाद्य तेल अच्छे होते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी तेल का उपयोग किस मात्रा में और किस प्रकार से किया जा रहा है। उदाहरण के लिए डीप फ्राइंग में पाम ऑयल अधिक स्थिर और सुरक्षित माना जाता है। वहीं किसी भी तेल को बार-बार गरम करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

उपभोक्ताओं की शंकाओं को लेकर उन्होंने कहा कि हम किसी भी तथ्य को छिपाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। कॉन्क्लेव में प्रदर्शनी के दौरान 30 से अधिक ब्रांड्स ने गर्व से यह बताया कि वे पाम ऑयल का उपयोग कर रहे हैं। उनका उद्देश्य यही है कि उपभोक्ताओं में पाम ऑयल को लेकर किसी भी प्रकार की दुविधा या भ्रम न हो और वे इसके सही उपयोग को समझ सकें।

इस प्रकार पाम ऑयल को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने और इसके फायदे को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि सरकार और उद्योग एकजुट होकर पाम ऑयल के वास्तविक लाभों को उजागर करें ताकि यह भारतीय खाद्य तेल उद्योग की एक अहम और स्थिर कड़ी बन सके।