सरकार का आधिकारिक बयान
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 8 दिसंबर 2025 को लोकसभा में लिखित रूप में जवाब दिया कि आठवें वेतन आयोग के लाभ से लगभग 50.14 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 69 लाख पेंशनभोगी सीधे प्रभावित होंगे। पंकज चौधरी ने बताया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग 8th CPC की सिफारिशें लागू होने के बाद, इसके प्रभाव में आने वालों की संख्या में काफी वृद्धि होगी। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि बजट में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे, क्योंकि यह एक बड़ा व्यय केंद्र सरकार के लिए होगा।
AIDEF की आपत्ति और सरकार की प्रतिक्रिया
इससे पहले, ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन ने आठवें वेतन आयोग के दायरे से 69 लाख पेंशनभोगियों को बाहर किए जाने के खिलाफ आपत्ति जताई थी। उन्होंने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर टर्म ऑफ रेफरेंस में असंगतियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। का कहना था कि पेंशनभोगियों को इस आयोग से बाहर करना अनुचित होगा, क्योंकि वे पहले से ही सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन नियमों का पालन कर रहे हैं
वेतन आयोग का प्रभाव
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आएंगी। इस आयोग की सिफारिशों के अनुसार, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वेतन संरचना, भत्ते और अन्य सुविधाओं में वृद्धि की संभावना है। यह कदम केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा व्यय होगा, क्योंकि इसे लागू करने के लिए बजट में खास प्रावधान किए जाएंगे। केंद्र सरकार के लिए यह निर्णय व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे लागू करने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। लेकिन, यह कदम कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, जो लंबे समय से वेतन आयोग की सिफारिशों का इंतजार कर रहे थे।
आगे क्या होगा
अब जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि पेंशनभोगियों को भी आठवें वेतन आयोग का लाभ मिलेगा, यह सभी संबंधित पक्षों के लिए एक राहत की बात है। इसके बाद, केंद्र सरकार को इस फैसले को बजट में शामिल करना होगा और इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान करना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि बजट में किस तरह से इस फैसले को लागू करने के लिए कदम उठाए जाते हैं और यह निर्णय केंद्र सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर कितना प्रभाव डालता है।
आठवें वेतन आयोग का लाभ अब सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा, जैसा कि सरकार ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है। इससे संबंधित कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच खुशी की लहर है, क्योंकि यह उनकी लंबे समय से लंबित उम्मीदों का फल है। हालांकि, इस फैसले के लागू होने के बाद केंद्र सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर इसका प्रभाव पड़ेगा, और इसे बजट में सही तरीके से प्रावधानित करना होगा।
