कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की लव लाइफ और पत्नी की शिक्षा: जानिए 13 साल बाद भी पढ़ाई जारी रखने की प्रेरक कहानी


नई दिल्ली ।अनिरुद्धाचार्य महाराज, जिन्हें हम पूकी बाबा के नाम से भी जानते हैं, भारत के एक प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनकी कथा शैली और मजाकिया अंदाज उन्हें युवाओं और बुजुर्गों दोनों में समान रूप से लोकप्रिय बनाती है। अनिरुद्धाचार्य के पास 17 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं और उनकी धार्मिक और जीवन से जुड़ी शिक्षाओं को मानते हैं।

पारिवारिक जीवन और पत्नी के साथ संबंध

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की निजी जिंदगी भी उतनी ही प्रेरणादायक है, जितनी उनकी कथाएँ। उनकी पत्नी का नाम आरती तिवारी है, जो एक गृहिणी हैं। अनिरुद्धाचार्य अक्सर अपने कथा सत्रों में विवाह के महत्व पर चर्चा करते हैं और बताते हैं कि जीवन की सफलता और सुकून में पत्नी का साथ बेहद महत्वपूर्ण होता है। उनका कहना है कि, सही जीवनसाथी के साथ विवाह से जीवन में शांति और खुशी बनी रहती है, और यह किसी भी इंसान की जीवनधारा को बदल सकता है। अपने जीवन में वह हमेशा अपनी पत्नी के साथ सहायक रहे हैं और उन्हें शादी के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

शादी के बाद पत्नी की शिक्षा को बढ़ावा

एक खास बात यह है कि, अनिरुद्धाचार्य ने अपनी पत्नी को शादी के बाद कॉलेज में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया। वह मानते हैं कि महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए, और इस तरह से जेंडर इक्वालिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है। अनिरुद्धाचार्य ने अपनी पत्नी के उच्च शिक्षा के खर्च को भी खुद उठाया, ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। 13 साल के वैवाहिक जीवन के बाद भी, आरती तिवारी अपनी पढ़ाई जारी रख रही हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि, उनके पास साइकोलॉजी में PhD की उपाधि भी है, जो इस बात का प्रमाण है कि अनिरुद्धाचार्य के समर्थन से उनकी पत्नी ने शिक्षा में सफलता हासिल की।

घर और बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का उत्साह

अनिरुद्धाचार्य ने अपनी एक कथा में बताया कि जब उनकी पत्नी परीक्षा की तैयारी में व्यस्त रहती थी, तो वह खुद घर और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाते थे। उन्होंने इस बारे में कहा कि पारिवारिक जीवन में सहयोग और समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है, और यह एक अच्छे रिश्ते की बुनियाद बनाता है।

सामाजिक विवाद और केस

हालांकि, हाल ही में अनिरुद्धाचार्य को एक विवाद का सामना भी करना पड़ा। बेटियों पर की गई एक विवादास्पद टिप्पणी के कारण सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की गई। इसके बाद उनके खिलाफ एक परिवाद दर्ज किया गया, और उन्हें 1 जनवरी 2026 को कोर्ट में पेश होना है। इस मामले में उनकी कथाएँ और विचार समाज में कई तरह की प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर रहे हैं।

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य न केवल एक महान आध्यात्मिक गुरु हैं, बल्कि उन्होंने अपनी निजी जिंदगी में भी उदाहरण प्रस्तुत किया है कि एक अच्छे जीवनसाथी की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। उनकी पत्नी आरती तिवारी का शिक्षा में योगदान और उनके परिवार में निभाई गई भूमिका प्रेरणा देने वाली है। उनके विचार और जीवन की गहराई दर्शाते हैं कि रिश्ते और परिवार की अहमियत आध्यात्मिक जीवन में भी महत्वपूर्ण है।