दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगेगी लगाम सरकार ने लागू किया नया कानून


नई दिल्ली ।दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अब दिल्ली सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता अधिनियम-2025 और उससे जुड़े नियमों को पूरी तरह से लागू कर दिया है। इस नए कानून के तहत अब कोई भी निजी स्कूल अपनी फीस बढ़ाने से पहले सरकारी मंजूरी और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

शिक्षा मंत्री का बयान

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस निर्णय की जानकारी दी और इसे 27 साल बाद आया एक ऐतिहासिक सुधार बताया। उन्होंने कहा कि कई दशकों से निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी अभिभावकों के लिए सबसे बड़ी समस्या रही थी। हालांकि पहले की सरकारें इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठा सकीं लेकिन वर्तमान सरकार ने यह कानून जल्दी लागू कर यह साबित कर दिया है कि वह अभिभावकों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा शिक्षा कोई कारोबार नहीं बल्कि बच्चों का अधिकार है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी निजी स्कूल बिना ठोस कारण के और बिना मंजूरी के फीस न बढ़ा सके। अब शिक्षा विभाग स्कूलों द्वारा प्रस्तावित फीस वृद्धि की जांच करेगा उनकी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करेगा और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। अगर कोई स्कूल बिना मंजूरी के फीस बढ़ाता है तो उस पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावकों की भागीदारी अनिवार्य

इस नए कानून के तहत अभिभावकों की भागीदारी भी अनिवार्य कर दी गई है। अब फीस बढ़ाने की प्रक्रिया में अभिभावकों को शामिल किया जाएगा। हर निजी स्कूल को अपनी फीस संरचना आय-व्यय का विवरण और वित्तीय जरूरतें सार्वजनिक रूप से घोषित करनी होंगी। इसके अलावा एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली भी बनाई जाएगी जिससे अभिभावक सीधे अपनी शिकायतें और सुझाव दे सकेंगे।

निजी स्कूलों की निगरानी

पिछले कई सालों से दिल्ली में निजी स्कूल हर साल ट्यूशन फीस एडमिशन फीस और अन्य शुल्कों में भारी बढ़ोतरी कर रहे थे। इस पर 2007 और 2012 में कुछ प्रयास जरूर किए गए थे लेकिन कानूनी खामियों के कारण वे ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाए। अब 2025 का यह नया कानून उन सभी खामियों को दूर करने का दावा करता है।

सरकार ने कहा है कि आने वाले महीनों में सभी निजी स्कूलों की विशेष निगरानी की जाएगी। जो स्कूल नियमों का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी में पारदर्शिता बनी रहे और अभिभावकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

दिल्ली सरकार के इस नए कानून से लाखों अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है। अब निजी स्कूल अपनी फीस बढ़ाने से पहले पूरी पारदर्शिता और सरकारी मंजूरी हासिल करेंगे। इस कदम से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था और भी जवाबदेह ईमानदार और पारदर्शी बनेगी। यह कानून न केवल अभिभावकों के लिए राहत का कारण बनेगा बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।