एमएससी नर्सिंग प्रवेश में हाई कोर्ट सख्त, काउंसिल के अधिवक्ता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश


भोपाल। मध्य प्रदेश में एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। याचिकाकर्ता एनएसयूआइ उपाध्यक्ष रवि परमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिवक्ता को 15 दिसंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने न्यायालय को बताया कि काउंसिल ने एमएससी नर्सिंग और पोस्ट-बीएससी काउंसलिंग की समय-सारणी जारी की है, लेकिन काउंसिल की वेबसाइट पूरी तरह से कार्यशील नहीं है। इसका सीधा असर हजारों छात्रों पर पड़ा है, जो प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में काउंसिल की लापरवाही पर कड़ा सवाल उठाया और आदेश दिया कि अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर छात्र हितों और प्रवेश प्रक्रिया की स्थिति की व्याख्या करें।

वेबसाइट और तकनीकी खामियां

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, काउंसिल की वेबसाइट में लगातार तकनीकी खामियां हैं। कई छात्र पंजीकरण या आवेदन फॉर्म भरने में असफल हो रहे हैं। समय पर प्रवेश न मिलने की स्थिति में छात्रों की पढ़ाई और करियर प्रभावित होने की आशंका है। वर्तमान में कई छात्र इस समस्या के कारण परीक्षा और काउंसलिंग की तारीखों को लेकर असमंजस में हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी तकनीकी लापरवाही के कारण छात्रों के अधिकार प्रभावित नहीं होने चाहिए।

काउंसिल की जिम्मेदारी

हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रेशन काउंसिल को चेतावनी दी कि छात्रों के प्रवेश और करियर से जुड़ी प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता या विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अदालत ने निर्देश दिया कि अधिवक्ता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर वेबसाइट की स्थिति और प्रवेश प्रक्रिया की व्याख्या करनी होगी। इस कदम से यह संदेश गया है कि छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकारी संस्थानों की जिम्मेदारी है कि डिजिटल और प्रशासनिक प्रक्रियाएं समय पर और सुचारु रूप से पूरी हों।

छात्रों की बढ़ती परेशानियां
एमएससी नर्सिंग में दाखिले की प्रक्रिया पर तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं के कारण छात्रों में चिंता और असमंजस बढ़ गया है। कई छात्र बार-बार वेबसाइट पर लॉग इन करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लगातार त्रुटि संदेश और फॉर्म अपलोड न होने की समस्याएं उन्हें बाधित कर रही हैं।हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि काउंसिल जल्द ही वेबसाइट और प्रवेश प्रक्रिया को सुचारु बनाएगी। इससे छात्रों का समय बचेगा और वे बिना बाधा के काउंसलिंग में भाग ले सकेंगे। 

आगे की प्रक्रिया
15 दिसंबर 2025 को अधिवक्ता की व्यक्तिगत पेशी के बाद अदालत स्थिति का व्यापक आकलन करेगी और आवश्यक निर्देश जारी कर सकती है। यह सुनवाई मध्य प्रदेश में नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।