बेंगलुरू के स्पर्श हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग के HOD डॉ. शिवराज अज्जी करियप्पाला लक्ष्मण ने इस आदत के गंभीर वैज्ञानिक और स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला है।डॉक्टर के मुताबिक मुँह ढककर सोने से कंबल के अंदर ताजी हवा का फ्लो काफी कम हो जाता है जिससे हम अपनी ही छोड़ी हुई हवा जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड अधिक होती है को दोबारा भीतर लेते हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 15 से 20% तक घट सकता है। नतीजतन फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन ग्रहण करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिससे नींद बार-बार टूटती है। लंबे समय तक ऐसा करने से सुबह उठकर भारीपन थकान लगातार सिरदर्द और सांस संबंधी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं।
मुँह ढककर सोना क्यों है रिस्की 11 हेल्थ रिस्क
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले मुख्य नकारात्मक प्रभाव
ऑक्सीजन की कमी हाइपोक्सिया कंबल के भीतर CO2 का स्तर बढ़ता है और ऑक्सीजन घटती है जिससे दम घुटने जैसा एहसास होता है।
किन लोगों के लिए यह आदत जानलेवा हो सकती है
डॉक्टर शिवराज अज्जी करियप्पाला लक्ष्मण स्पष्ट करते हैं कि कुछ लोगों के लिए मुँह ढककर सोना अत्यंत गंभीर और जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकता हैअस्थमा और स्लीप एप्निया के मरीज़ इन स्थितियों में पहले से ही सांस लेने में दिक्कत होती है। मुँह ढकने से हवा का फ्लो और कम हो जाता है जिससे सांस रुकने जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है। शिशु और छोटे बच्चे बच्चों खासकर शिशुओं के लिए यह आदत जानलेवा है। इसे सडेन इन्फेंट डेथ सिन्ड्रोम का एक बड़ा कारण माना जाता है। कंबल या रजाई गलती से पूरी तरह चेहरे पर आने से शिशु का दम घुट सकता है।
मुँह ढककर सोने की आदत कैसे छुड़ाएं
अगर आपको यह आदत है तो इसे धीरे-धीरे छोड़ना बेहतर है। धीरे आदत बदलें एकदम से चेहरा खुला न रखें। शुरुआत में कंबल में थोड़ा गैप या एयर-टनल बनाए रखें। कुछ दिनों में धीरे-धीरे कंबल को नीचे लाकर पहले नाक-मुँह और फिर पूरे चेहरे को एक्सपोज करने की आदत डालें। सचेत पोजिशनिंग: सोने से पहले कंबल को कंधों के नीचे सेट करें ताकि नींद में भी वह चेहरे तक न आए।तापमान नियंत्रित रखें कमरे का तापमान इतना आरामदायक रखें कि आपको अत्यधिक ठंड महसूस न हो और चेहरा ढकने की ज़रूरत ही न पड़े। वज़नदार कंबल का प्रयोग: कई लोग सुरक्षित एहसास के लिए मुँह ढकते हैं। इसकी जगह वेटेड ब्लैंकेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बिना मुँह ढके वही शांति और सुरक्षित होने का एहसास देता है।
