पूर्व डीजीपी आर श्रीलेखा बनीं तिरुवनंतपुरम के पहले बीजेपी मेयर उम्मीदवार वाम मोर्चे को दी हार


नई दिल्ली । केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीजीपी आर श्रीलेखा ने तिरुवनंतपुरम में हुए निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्होंने संस्थामंगलम डिवीजन में बड़ी जीत हासिल की है जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी उन्हें तिरुवनंतपुरम नगर निगम का मेयर बना सकती है। यह चुनाव केरल की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है खासकर तब जब बीजेपी ने एलडीएफ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा को हराकर नगर निगम में सत्ता हासिल की है। एलडीएफ को 40 साल बाद इस नगर निगम से बाहर किया गया है।

लेखा का राजनीतिक सफर

आर श्रीलेखा ने 2024 में बीजेपी जॉइन की थी और इसके बाद उन्होंने नगर निगम चुनाव में वॉर्ड सदस्य के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया। श्रीलेखा की जीत ने यह साबित कर दिया कि जनता ने उनकी मेहनत और प्रयासों को सराहा है। वह पार्टी के फैसले को सम्मान देने का बयान देती हैं और कहती हैं कि वह तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की पहली महिला मेयर बनने को लेकर खुश हैं अगर पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी देती है।

एलडीएफ और कांग्रेस की आलोचनाओं के बावजूद जीत

श्रीलेखा ने इस दौरान यह भी कहा कि जब उनकी उम्मीदवारी की घोषणा हुई थी तब एलडीएफ और कांग्रेस ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। दोनों पार्टियों ने उनके खिलाफ कई आरोप लगाए थे लेकिन श्रीलेखा ने जनता के समर्थन को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने पार्टी विरोधियों को उचित जवाब दिया है।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनाव के परिणाम

शनिवार को हुए चुनाव परिणामों के बाद यह साफ हो गया कि बीजेपी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने में सफलता प्राप्त की है। बीजेपी ने 101 सदस्यीय नगर निगम में 50 वॉर्डों में जीत हासिल की है जबकि एलडीएफ को सिर्फ 29 सीटें मिली हैं। कांग्रेस की अगुआई वाली यूडीएफ को 19 सीटें मिलीं। यह परिणाम बीजेपी की ताकत और पार्टी के लिए केरल में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

आर श्रीलेखा का आईपीएस करियर

आर श्रीलेखा ने जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी के तौर पर सेवा शुरू की थी। उन्होंने अपने करियर में कई अहम पदों पर कार्य किया जिनमें सीबीआई केरल क्राइम ब्रांच विजिलेंस फायर फोर्स और मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट शामिल हैं। 2017 में वह केरल की डीजीपी बनीं और इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए जाना गया। उनके सीबीआई कार्यकाल के दौरान उन्हें “रेड श्रीलेखा” का उपनाम भी मिला था क्योंकि वह बिना किसी डर के छापे मारती थीं और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाती थीं।

राजनीति में कदम

रिटायरमेंट के बाद आर श्रीलेखा ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। वह अक्सर सार्वजनिक मामलों में अपनी राय रखती रहीं जैसे कि अभिनेता दिलीप पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों और कांग्रेस नेता राहुल मामकूटाथिल पर केस में देरी को लेकर सवाल उठाना। अक्टूबर 2024 में उन्होंने औपचारिक रूप से बीजेपी जॉइन की और अब चर्चा है कि पार्टी उन्हें तिरुवनंतपुरम नगर निगम का मेयर बना सकती है।

आर श्रीलेखा की तिरुवनंतपुरम में मिली जीत न केवल उनके राजनीतिक करियर की सफलता का प्रतीक है बल्कि यह केरल की राजनीति में भी एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। अगर उन्हें बीजेपी का मेयर बनाया जाता है तो यह केरल में पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी खासकर तब जब राज्य में वाम मोर्चे के कई दशकों से कायम रहे प्रभुत्व को चुनौती मिल रही है।