छिंदवाड़ा में सांसद निवास के पास सरेआम गुंडागर्दी युवकों को बेल्ट और बल्ले से पीटा 2 आरोपी हिरासत में


छिंदवाड़ा । छिंदवाड़ा में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। कोतवाली थाना क्षेत्र के परासिया रोड पर जो सांसद निवास और कार्यालय से कुछ कदम की दूरी पर स्थित है एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दो गुटों के युवकों के बीच सरेआम बेल्ट और बल्ले से मारपीट होती दिखाई दे रही है। यह घटना गुरुवार को हुई जब पुरानी रंजिश और क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई के चलते इन युवकों ने सड़क पर लगभग 10 मिनट तक उत्पात मचाया।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रैफिक के बीच सड़क पर कई लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे लेकिन कोई भी घटनास्थल पर हस्तक्षेप करने के लिए आगे नहीं आया। हमलावरों ने बिना किसी डर के बेल्ट और बल्ले से एक-दूसरे को बेरहमी से मारा। हमले के दौरान सिर हाथ और पैर पर जमकर चोटें आईं। हमलावरों को न तो पुलिस का खौफ था और न ही आसपास के लोगों का डर। यह घटना पूरी तरह से सड़क पर एक असमर्थता की स्थिति उत्पन्न कर रही थी।

आरोपियों ने जिस तरह से यह मारपीट की उससे यह भी प्रतीत होता है कि इस घटना के पीछे एक पुरानी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई का कारण हो सकता है। हमलावरों के बीच इस संघर्ष का मुख्य उद्देश्य केवल इलाके में अपनी ताकत दिखाना था जो उनके व्यवहार से साफ तौर पर स्पष्ट हो रहा था।

मारपीट के बाद सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल था क्योंकि लोग गाड़ी चलाने और इस हिंसक घटना से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। पुलिस की समय पर प्रतिक्रिया के बावजूद घटनास्थल पर काफी देर तक स्थिति नियंत्रण से बाहर रही। पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।

यह घटना स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है। सांसद निवास के पास इस प्रकार की हिंसक घटना का होना स्थानीय प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। इलाके में सुरक्षा के प्रति जनता का विश्वास कमजोर हो रहा है खासकर जब पुलिस की उपस्थिति भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहती है।

वीडियो वायरल होने के बाद इलाके के लोग इस हिंसक घटना की निंदा कर रहे हैं। इस घटना ने छिंदवाड़ा में कानून-व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है और इस प्रकार की घटनाओं के पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।

इसके अलावा वीडियो में दिखाए गए कुछ लोग घटनास्थल पर खड़े होकर यह तमाशा देख रहे थे लेकिन किसी ने भी हमलावरों को रोकने की कोशिश नहीं की। यह दर्शाता है कि लोगों में भी कानून और सुरक्षा के प्रति किसी प्रकार का भय नहीं रह गया है और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।

अब पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में न हों और सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कानून बनवाने के लिए आवाज उठाएं।