रहमान डकैत की मौत असल जिंदगी में इस तरह हुई 'धुरंधर' फिल्म में दिखाए गए तथ्य से था अलग


नई दिल्ली । फिल्म धुरंधर में रहमान डकैत की मौत को एक अलग तरीके से दिखाया गया है लेकिन असल जिंदगी में उनका अंत काफी अलग था। फिल्म में यह दिखाया गया है कि रणवीर सिंह जो कि रहमान डकैत का किरदार निभा रहे हैं एसपी चौधरी असलम संजय दत्त के साथ मिलकर उन्हें धोखा देते हैं और इस साजिश में वह रहमान को मार डालते हैं। हालांकि असल में रहमान डकैत की मौत इस तरह नहीं हुई थी।

रहमान डकैत की असल मौत की कहानी

रहमान डकैत जिनका असली नाम सरदार अब्दुल रहमान बलोच था की मौत के पीछे एक अलग साजिश थी। एक पाकिस्तानी पुलिस अफसर शकीमुद्दीन ने एक पॉडकास्ट में रहमान की मौत का असली कारण बताया। उन्होंने कहा “रहमान डकैत की एक बार अपने चेहरे पर गंभीर चोट लग गई थी जिससे उसका चेहरा खराब हो गया। वह इलाज के लिए ईरान गया था। वहीं एक पीपल्स पार्टी के सीनियर नेता ने एसपी चौधरी असलम से कहा था कि ‘रहमान को मैनेज करो वह चुनाव लड़ने वाला है।

पॉलिटिकल ट्रैप में फंसा रहमान डकैत

शकीमुद्दीन ने आगे बताया “एसपी चौधरी असलम ने रहमान डकैत से ईरान में संपर्क किया और कहा कि अगर वह राजनीति में उतरना चाहता है तो वह उसे सूबाई असेंबली के टिकट के लिए बात कर सकते हैं। रहमान ने एसपी चौधरी से कहा ‘हां अगर आप कहें तो मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।’ एसपी चौधरी ने उसे कराची बुलाया और कहा कि ‘तुम्हें टिकट मिल जाएगा। यह एक पॉलिटिकल ट्रैप था।

मौत की साजिश

जब रहमान डकैत कराची पहुंचे तो एसपी चौधरी ने उन्हें सिंधी वडेरे के डेरे पर बुलाया। वहीं रहमान डकैत को मार डाला गया। यह पूरी साजिश एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा थी जिससे एसपी चौधरी ने उन्हें धोखा दिया और उनकी हत्या कर दी।

फिल्म में बदलाव

‘धुरंधर’ फिल्म में इस कहानी को क्रिएटिव फ्रीडम के तहत थोड़ा बदला गया है। फिल्म में रणवीर सिंह का किरदार रहमान डकैत का भरोसा जीतता है और फिर एसपी चौधरी असलम के साथ मिलकर उसे धोखा दे देता है। लेकिन असल जिंदगी में मामला राजनीतिक था और धोखा देने के पीछे पॉलिटिकल मंशाएं थीं। फिल्म ‘धुरंधर’ ने रहमान डकैत की मौत को मनोरंजन के हिसाब से प्रस्तुत किया है लेकिन असल जीवन में उनका अंत काफी जटिल और राजनीतिक षड्यंत्र से जुड़ा हुआ था। यह कहानी दिखाती है कि कैसे सत्ता और राजनीति के खेल में लोगों की जान चली जाती है और यह भी कि फिल्मों और असल जिंदगी के बीच बहुत अंतर हो सकता है।