बीजिंग में फिर बढ़ा प्रदूषण का खतरा, घनी धुंध से ढका शहर; AQI 215 पर पहुंचा, येलो अलर्ट जारी


नई दिल्ली /चीन की राजधानी बीजिंग में एक बार फिर वायु प्रदूषण ने चिंता बढ़ा दी है। गुरुवार 18 दिसंबर 2025 को शहर घनी धुंध की चपेट में रहा जिसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI 215 के स्तर तक पहुंच गया। यह स्तरबेहद अस्वास्थ्यकारी श्रेणी में आता है और आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। वर्षों तक चले व्यापक सफाई अभियानों के बाद बीजिंग में इस तरह के प्रदूषण की वापसी को दुर्लभ लेकिन चिंताजनक माना जा रहा है।

चीन की राष्ट्रीय वेधशाला ने हालात को देखते हुए बीजिंग समेत आसपास के कई इलाकों मेंयेलो अलर्ट जारी किया है। चेतावनी में कहा गया है कि मौसम की मौजूदा परिस्थितियों के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में फंसे हुए हैं जिससे धुंध और स्मॉग की स्थिति बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में ठंडी हवा के साथ स्थिर मौसम और कम हवा की गति प्रदूषण को फैलने से रोकती है जिससे हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ जाती है।गुरुवार सुबह से ही बीजिंग के कई हिस्सों में दृश्यता काफी कम दर्ज की गई। ऊंची इमारतें धुंध में लिपटी नजर आईं और सड़कों पर वाहन धीमी गति से चलते दिखे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों बुजुर्गों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को घर के अंदर रहने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।

राष्ट्रीय वेधशाला के मुताबिक बीजिंग के अलावा हेबेई तियानजिन हेनान अनहुई जियांग्सू हुबेई सिचुआन बेसिन और चोंगकिंग जैसे क्षेत्रों में भी भारी धुंध छाए रहने की संभावना है। इन इलाकों में भी वायु गुणवत्ता के स्तर में गिरावट दर्ज की जा सकती है। प्रशासन ने स्थानीय सरकारों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर आपात कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।गौरतलब है कि एक दशक पहले तक बीजिंग दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जाता था। भारी उद्योगों कोयले से चलने वाले संयंत्रों और तेजी से बढ़ते वाहनों के कारण यहां की हवा बेहद जहरीली हो गई थी। हालात को सुधारने के लिए चीनी सरकार ने 2016 के बाद से कई सख्त कदम उठाए। भारी प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को या तो बंद किया गया या शहर से बाहर स्थानांतरित किया गया जिस पर अरबों डॉलर खर्च किए गए।

इसके अलावा सर्दियों में कोयले से चलने वाली सार्वजनिक हीटिंग प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से प्राकृतिक गैस और बिजली आधारित व्यवस्था में बदला गया। अधिकारियों के अनुसार इस बदलाव पर एक अरब डॉलर से अधिक की राशि खर्च हुई और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। इन उपायों से बीजिंग की वायु गुणवत्ता में बीते वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ था जिससे घनी धुंध की घटनाएं काफी कम हो गई थीं।हालांकि मौजूदा हालात यह दिखाते हैं कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते प्रदूषण फिर से गंभीर रूप ले सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही उत्सर्जन नियंत्रण में हों लेकिन सर्दियों के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही या प्राकृतिक परिस्थितियां भी हवा को बेहद खराब बना सकती हैं।प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे मास्क का इस्तेमाल करें बाहरी गतिविधियों को सीमितरखें और स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त नियंत्रण उपाय लागू किए जा सकते हैं।