Author: bharati

  • कोलकाता में मेसी के दौरे का शर्मनाक अंत: सुरक्षा चूक के कारण 10 मिनट में मैदान छोड़ा, ममता ने मांगी माफी

    कोलकाता में मेसी के दौरे का शर्मनाक अंत: सुरक्षा चूक के कारण 10 मिनट में मैदान छोड़ा, ममता ने मांगी माफी


    कोलकाता । के साल्ट लेक स्टेडियम में शनिवार को फुटबॉल की एक ऐतिहासिक घटना की बजाय एक शर्मनाक कुप्रबंधन का दृश्य सामने आया। वैश्विक फुटबॉल सुपरस्टार लियोनेल मेसी को देखने के लिए आए हजारों दर्शकों को गहरा झटका तब लगा जब सुरक्षा कारणों से उन्हें महज 10 मिनट में मैदान छोड़ना पड़ा। इस अप्रत्याशित घटना के कारण फुटबॉल प्रेमियों में गुस्से की लहर दौड़ गई, और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

    दर्शकों का गुस्सा और विरोध प्रदर्शन
    साल्ट लेक स्टेडियम, जिसे ‘भारतीय फुटबॉल का मक्का’ माना जाता है, पर यह घटना कोलकाता के फुटबॉल प्रेमियों के लिए सबसे बड़े झटके के रूप में आई। प्रीमियम टिकटों पर मोटी रकम खर्च कर स्टेडियम पहुंचे दर्शकों को जब मेसी का कार्यक्रम समय से पहले समाप्त होता दिखाई दिया, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए दर्शकों ने विरोध प्रदर्शन किया, बोतलें फेंकीं और आयोजकों के खिलाफ नारेबाजी की। कई होर्डिंग्स और कुर्सियों को नुकसान भी पहुँचाया गया।

    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “आज साल्ट लेक स्टेडियम में जो कुप्रबंधन देखने को मिला, उससे मैं अत्यधिक व्यथित हूं। मैं लियोनेल मेसी, सभी खेल प्रेमियों और उनके प्रशंसकों से दिल से माफी मांगती हूं।”

    जांच कमेटी का गठन
    इस शर्मनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तत्काल एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी की अध्यक्षता कलकत्ता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस आशिम कुमार रे करेंगे। जांच का उद्देश्य घटना की पूरी जाँच करना, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना है।

    राजनीतिक हलचल और भाजपा का हमला
    यह घटना न केवल खेल जगत बल्कि राज्य की राजनीति में भी भूचाल ला गई है। भाजपा ने इस मामले को ममता सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम बताया और राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास से इस्तीफे की मांग की। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटना को “बड़ा अपमान” और “मेजर स्कैम” करार दिया। उनका आरोप था कि 70 फुट की प्रतिमा का अनावरण राजनीतिक उद्देश्य से किया गया और दर्शकों को गुमराह किया गया।

    मेसी का दौरा अधूरा
    यह घटना लियोनेल मेसी के ‘गोट इंडिया टूर 2025’ का पहला पड़ाव था, जो अब अधूरा रह गया है। सुरक्षा चिंताओं के कारण मेसी ने अपना दौरा समय से पहले ही समाप्त कर दिया। कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम, जैसे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली से मुलाकात, अब अधूरे रह गए हैं। मेसी अब अपने अगले कार्यक्रम के लिए हैदराबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

    साल्ट लेक स्टेडियम में हुआ कुप्रबंधन फुटबॉल के प्रति कोलकाता की दीवानगी और उसके ऐतिहासिक महत्त्व के लिए एक काला धब्बा बनकर उभरा है। यह घटना न केवल फुटबॉल प्रशंसकों के लिए निराशाजनक थी, बल्कि राज्य सरकार और आयोजकों के लिए भी एक बड़ा कड़ा सबक साबित हुई है।

  • मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दो साल: अतीत, वर्तमान और भविष्य-तीनों में संतुलित विकास

    मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दो साल: अतीत, वर्तमान और भविष्य-तीनों में संतुलित विकास


    मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में अतीत, वर्तमान और भविष्य-तीनों क्षेत्रों में संतुलित विकास की दिशा में कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यकाल के शुरुआती दौर से ही प्रदेश की पहचान को सांस्कृतिक प्रशासनिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से मजबूत करने की रणनीति अपनाई।

    अतीत: सांस्कृतिक धरोहर का पुनर्निर्माण
    सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया है। उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का विस्तार कार्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहर की पहचान भी मजबूत कर रहा है। प्राचीन धरोहर स्थलों पर संरक्षण गतिविधियाँ तेज की गई हैं। ओंकारेश्वर क्षेत्र में अद्वैत दर्शन से जुड़े प्रकल्पों को गति दी जा रही है। इसके अलावा, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थल श्रीकृष्ण पाथेय के तहत तीर्थस्थल के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। इन पहलों का उद्देश्य सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।

    वर्तमान: प्रशासनिक सुधार और बुनियादी ढांचा

    दो वर्षों में सरकार ने सड़क नेटवर्क, औद्योगिक कॉरिडोर और शहरी सुविधाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी है। ग्रामीण सड़कें भी सुधार के अभियान में हैं। शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल सुविधाओं और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम पर काम हुआ है। कृषि क्षेत्र में उपार्जन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, सिंचाई क्षमता बढ़ाने और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएँ जैसे लाड़ली बहना और स्टार्टअप प्रोत्साहन कार्यक्रम भी प्रभावी रूप से लागू किए गए हैं।

    भविष्य: निवेश, ऊर्जा और स्वास्थ्य

    आगामी दशक को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नई औद्योगिक नीति और औद्योगिक क्लस्टरों के विकास की योजना बनाई है। पीथमपुर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन और जबलपुर में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।सौर ऊर्जा उत्पादन, जल संरक्षण और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ढांचे को बढ़ावा देकर हरित ऊर्जा क्षेत्र में भी कदम बढ़ाए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए जिला एवं ग्रामीण स्तर पर अस्पताल उन्नयन और टेली-मेडिसिन सेवाओं का विस्तार प्रस्तावित है।

    संतुलित नेतृत्व का संकेत

    डॉ. मोहन यादव के दो वर्षों का कार्यकाल यह दर्शाता है कि सरकार सांस्कृतिक गौरव, वर्तमान प्रशासनिक प्राथमिकताओं और भविष्य की विकास योजनाओं-तीनों को एक साथ आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। आने वाले समय में इन पहलों का वास्तविक असर प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों में देखने को मिलेगा।मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दो साल में अतीत की सांस्कृतिक धरोहर, वर्तमान प्रशासनिक सुधार और भविष्य की विकास योजनाओं को संतुलित रूप से आगे बढ़ाया है। यह संतुलित दृष्टिकोण राज्य के दीर्घकालिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत देता है।
  • तुर्की में बढ़ते सिंकहोल: गेहूं की ज्यादा उपज और घटते भूजल ने खोखली की जमीन

    तुर्की में बढ़ते सिंकहोल: गेहूं की ज्यादा उपज और घटते भूजल ने खोखली की जमीन


    नई दिल्ली / तुर्की का कोन्या मैदान जिसे देश का ‘अन्न भंडार’ कहा जाता है इन दिनों एक गंभीर संकट से जूझ रहा है। यह इलाका गेहूं और अन्य अनाज के उत्पादन में तुर्की का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है लेकिन अत्यधिक फसल उत्पादन और भूजल का अत्यधिक उपयोग जमीन के लिए खतरा बन गया है। तुर्की आपदा प्रबंधन एजेंसी AFAD की नई रिपोर्ट के अनुसार अब तक 684 सिंकहोल की पहचान हुई है। कोन्या तकनीकी विश्वविद्यालय के अनुसार 2017 में यहां केवल 299 सिंकहोल थे जो 2021 तक बढ़कर 2550 हो गए। साल 2025 में करीब 20 नए बड़े गड्ढे बन चुके हैं जिनकी गहराई 30 मीटर और चौड़ाई 100 फीट तक है।

    संकट के मुख्य कारण

    विशेषज्ञों के अनुसार सिंकहोल की समस्या मानवजनित गतिविधियों और प्राकृतिक कारणों का मिश्रण है।भूवैज्ञानिक संरचना: कोन्या मैदान ‘कार्स्ट’ संरचना वाला इलाका है। यह घुलनशील चट्टानों जैसे कार्बोनेट और जिप्सम से बना है। पानी के प्रभाव से ये चट्टानें धीरे-धीरे घुलती हैं और सिंकहोल बनाती हैं। बारिश में कमी: पिछले 15 सालों में क्षेत्र में वर्षा की मात्रा काफी घट गई है। जलवायु परिवर्तन के चलते भूजल पुनर्भरण धीमा हो गया है जिससे जमीन कमजोर हो रही है। ग्राउंड वाटर का अत्यधिक दोहन: चुकंदर मक्का और अन्य पानी-गहन फसलों की सिंचाई के लिए हजारों वैध और अवैध कुएं उपयोग में हैं। कुछ इलाकों में ग्राउंड वाटर स्तर 60 मीटर तक गिर चुका है। इससे जमीन का सहारा कम होता है और अचानक धसाव आता है।

    प्रशासन और बचाव प्रयास

    AFAD ने 1850 क्षेत्रों में संभावित धसाव के संकेत पाए हैं। सरकार अवैध कुओं पर रोक लगा रही है और बेहतर जल प्रबंधन की दिशा में कदम उठा रही है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर ग्राउंड वाटर दोहन और अधिक हुआ तो सिंकहोल की संख्या तेजी से बढ़ सकती है और पड़ोसी क्षेत्र भी प्रभावित हो सकते हैं।

    कृषि और आर्थिक प्रभाव
    कोन्या मैदान तुर्की का प्रमुख अनाज उत्पादन केंद्र है। सिंकहोल के कारण किसानों के हजारों हेक्टेयर खेत बर्बाद हो रहे हैं जिससे अनाज उत्पादन घट सकता है। यह कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।

    सामाजिक और पर्यावरणीय असर

    सिंकहोल न केवल खेती प्रभावित कर रहे हैं बल्कि ग्रामीण आबादी के पलायन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। भूजल की कमी जैव विविधता पर भी असर डाल रही है। इससे शहरीकरण और सामाजिक असंतुलन की समस्याएं बढ़ सकती हैं।विशेषज्ञों का निष्कर्ष: यदि वर्तमान स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो तुर्की में सिंकहोल की समस्या और गंभीर होगी। सतत जल प्रबंधन और निगरानी ही इस संकट से बचाव का रास्ता है।

  • केरल निकाय चुनाव: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, LDF का चार दशकों पुराना किला ढहा

    केरल निकाय चुनाव: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, LDF का चार दशकों पुराना किला ढहा


    नई दिल्ली। तिरुवनंतपुरम, जो न केवल केरल की प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक राजधानी भी मानी जाती है, ने राज्य की राजनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव देखा है। बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनावों में तिरुवनंतपुरम नगर निगम में जबरदस्त जीत दर्ज की, और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) से सत्ता छीन ली। यह वही नगर निगम है जिस पर LDF ने पिछले चार दशकों से भी अधिक समय तक अपनी पकड़ बनाए रखी थी। इस सत्ता परिवर्तन को वाम मोर्चे के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।

    तिरुवनंतपुरम की राजनीतिक अहमियत
    तिरुवनंतपुरम न सिर्फ केरल की प्रशासनिक राजधानी है, बल्कि यहां का राजनीतिक माहौल भी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने गए हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से कांग्रेस और वाम मोर्चे के प्रभाव वाला रहा है। ऐसे में नगर निगम में बीजेपी की जीत ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दिया है।

    BJP की जीत: बदलाव के संकेत
    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत विधानसभा चुनावों में 2-3 सीटें जीतने से कहीं ज्यादा प्रभावशाली है। नगर निगम जैसे बड़े शहरी निकाय में बीजेपी की जीत यह संकेत देती है कि शहरी मतदाता पारंपरिक राजनीतिक ध्रुवीकरण से बाहर निकल कर नए विकल्प की तलाश में हैं। खासतौर पर, यह बदलाव उस राज्य में महत्वपूर्ण है, जहां चुनावी मुकाबला अब तक मुख्य रूप से LDF और UDF के बीच ही सीमित रहा है।

    स्थानीय चुनावी रुझान यह दर्शाते हैं कि शहरी इलाकों में LDF के खिलाफ नाराजगी और असंतोष बढ़ा है। प्रशासन, शहरी बुनियादी ढांचे, पारदर्शिता और स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं का असंतोष इस चुनाव में खुलकर सामने आया। तिरुवनंतपुरम जैसे LDF के मजबूत गढ़ में हार ने वाम मोर्चे की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    BJP का उत्साह और भविष्य की उम्मीदें
    बीजेपी ने अपनी जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह परिणाम केरल में बीजेपी के बढ़ते संगठनात्मक आधार और जनता के बदलते रुख का प्रमाण है। पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है, और इसे केरल में बीजेपी के लिए भविष्य की राजनीति का मजबूत आधार माना जा रहा है।

    वहीं, LDF ने नतीजों को गंभीरता से लिया है और आत्ममंथन की बात कही है। वाम नेताओं का कहना है कि चुनाव परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

    प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
    तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर उन्होंने लिखा, “Thank you Thiruvananthapuram!” पीएम मोदी ने इसे केरल की राजनीति में एक ‘वॉटरशेड मोमेंट’ करार देते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी-एनडीए को मिले समर्थन से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य के लोग मानते हैं कि केवल बीजेपी ही केरल की विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी तिरुवनंतपुरम जैसे जीवंत शहर के विकास के लिए काम करेगी और आम लोगों के लिए ‘Ease of Living’ को और बेहतर बनाएगी।

    तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की जीत ने न केवल राज्य की राजनीतिक स्थिति को हिलाया है, बल्कि एक नए राजनीतिक समीकरण की शुरुआत भी की है। इस ऐतिहासिक जीत ने केरल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया है, और भविष्य में राज्य की राजनीति में इसका असर देखने को मिल सकता है।

  • पाकिस्तान में 1947 के बाद पहली बार संस्कृत पढ़ाई जाएगीस्कूलों में मिलेगा भगवद गीता का ज्ञान

    पाकिस्तान में 1947 के बाद पहली बार संस्कृत पढ़ाई जाएगीस्कूलों में मिलेगा भगवद गीता का ज्ञान


    नई दिल्ली । पाकिस्तान में 1947 के विभाजन के बाद पहली बार संस्कृत को औपचारिक रूप से शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज ने शास्त्रीय संस्कृत में चार क्रेडिट का कोर्स शुरू किया हैजिसमें महाभारत और भगवद गीता के ज्ञान को छात्रों तक पहुँचाया जाएगा। यह कदम पाकिस्तान में सांस्कृतिक और भाषाई एकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

    LUMS का संस्कृत कोर्स

    लाहौर विश्वविद्यालय ने संस्कृत को लेकर एक महत्वाकांक्षी पहल शुरू की हैजिसमें शास्त्रीय संस्कृत का अध्ययन कराया जाएगा। इस चार क्रेडिट कोर्स की शुरुआत तीन महीने चलने वाली वीकेंड वर्कशॉप से हुई थीजिसे छात्रों और विद्वानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इस कोर्स के अंतर्गत महाभारत टेलीविजन श्रृंखला की प्रसिद्ध थीम ‘है कथा संग्राम की का उर्दू संस्करण भी पढ़ाया जाएगा।

    यह कोर्स विशेष रूप से उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो संस्कृत के शास्त्रीय ज्ञान और भारतीय साहित्य से जुड़ी गहरी समझ प्राप्त करना चाहते हैं। यह पहल भारतीय साहित्य और संस्कृति को समझने का एक सशक्त मंच प्रदान करती हैजिससे पाकिस्तान में संस्कृत के प्रति जागरूकता और रुचि में वृद्धि होगी।

    पाकिस्तान के समृद्ध संस्कृत संग्रह पर ध्यान

    गुरमानी सेंटर के निदेशक डॉ. अली उस्मान कासमी ने पाकिस्तान के संस्कृत संग्रह की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पंजाब विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में संस्कृत के सबसे समृद्ध लेकिन उपेक्षित संग्रहों में से एक हैजिसे 1930 के दशक में विद्वान जेसीआर वूल्नर ने सूचीबद्ध किया था। हालांकि1947 के बाद से किसी पाकिस्तानी विद्वान ने इस संग्रह से जुड़ी गहरी रिसर्च नहीं की।

    डॉ. कासमी का मानना है कि यदि स्थानीय विद्वानों को प्रशिक्षित किया जाएतो पाकिस्तान में संस्कृत के अध्ययन और शोध को एक नई दिशा मिल सकती है। उनका कहना है कि संस्कृत के माध्यम से पाकिस्तान में महाभारत और भगवद गीता जैसे महत्वपूर्ण भारतीय ग्रंथों का अध्ययन करने से न केवल सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित किया जा सकता हैबल्कि यह क्षेत्रीय इतिहास और साहित्य को भी एक नया आयाम देगा।

    डॉ. शाहिद रशीद का योगदान

    फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाहिद रशीद ने इस पहल को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संस्कृत का अध्ययन करते हुए इस कोर्स को शुरू करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. रशीद ने अरबी और फारसी के अध्ययन के बाद संस्कृत सीखी और इस क्षेत्र के प्रसिद्ध विद्वान एंटोनिया रुपेल और मैकमास टेलर के मार्गदर्शन में संस्कृत व्याकरण का अध्ययन किया। डॉ. रशीद का मानना है कि शास्त्रीय भाषाओंविशेष रूप से संस्कृत मेंमानवता के लिए गहन ज्ञान छिपा हुआ हैजो अन्यथा अनुपस्थित रह सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत केवल एक धर्म विशेष की भाषा नहीं हैबल्कि यह पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर है।

    संस्कृत के माध्यम से सांस्कृतिक एकता

    डॉ. शाहिद रशीद ने संस्कृत के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह भाषा ना सिर्फ भारतीय साहित्य और संस्कृति की पहचान हैबल्कि पाकिस्तान और भारत के बीच सांस्कृतिक पुल बनाने का एक माध्यम भी हो सकती है। उन्होंने आशा जताई कि यदि भारत में हिंदू और सिख अरबी भाषा सीखेंऔर पाकिस्तान में अधिक मुस्लिम संस्कृत सीखेंतो यह दोनों देशों के बीच भाषा के माध्यम से बेहतर समझ और सामंजस्य स्थापित कर सकता है।

    भविष्य की योजना और उम्मीदें

    डॉ. कासमी ने भविष्य की योजनाओं का खुलासा करते हुए कहा कि अगले 10-15 वर्षों में पाकिस्तान में महाभारत और भगवद गीता के विद्वान उभर सकते हैं। यह पहल पाकिस्तान में शास्त्रीय संस्कृत शिक्षा को नया जीवन देगीजिससे सांस्कृतिक अध्ययन और शोध को नई दिशा मिलेगी।
    इस प्रकारपाकिस्तान में संस्कृत को शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करना न केवल एक ऐतिहासिक कदम हैबल्कि यह एक बड़ी सांस्कृतिक और शैक्षिक क्रांति की शुरुआत हो सकती हैजो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और भाषाई संबंधों को प्रगाढ़ बनाएगी।

  • U19 Asia Cup 2025: भारत-पाकिस्तान महामुकाबला आज, जानिए कब-कहां और कैसे देखें लाइव मैच

    U19 Asia Cup 2025: भारत-पाकिस्तान महामुकाबला आज, जानिए कब-कहां और कैसे देखें लाइव मैच

     नई दिल्ली  /U19 एशिया कप 2025 में क्रिकेट प्रेमियों को एक और रोमांचक मुकाबला देखने को मिलने वाला है। टूर्नामेंट के सबसे बहुप्रतीक्षित मैचों में से एक भारत बनाम पाकिस्तान अंडर-19 मुकाबला आज यानी 14 दिसंबर को खेला जाएगा। यह मैच दुबई की ICC एकेडमी ग्राउंड पर आयोजित होगा, जहां दोनों टीमें जीत के इरादे से मैदान में उतरेंगी।

    यूएई के खिलाफ भारत की धमाकेदार शुरुआत
    भारतीय अंडर-19 टीम ने टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में यूएई को 234 रनों से करारी शिकस्त देकर अपने इरादे साफ कर दिए थे। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 433 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसके जवाब में यूएई की टीम सिर्फ 199 रन पर सिमट गई। इस ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने महज 95 गेंदों में 171 रन की तूफानी पारी खेली। उनकी इस पारी में 9 चौके और 14 छक्के शामिल थे। वैभव के इस प्रदर्शन ने उन्हें टूर्नामेंट के सबसे चर्चित खिलाड़ियों में शामिल कर दिया है।

    भारत-पाकिस्तान मैच का समय और वेन्यू

    भारत और पाकिस्तान के बीच यह हाईवोल्टेज मुकाबला 14 दिसंबर 2025, ICC एकेडमी ग्राउंड, दुबई मैच शुरू: सुबह 10:30 बजे भारतीय समय टॉस: सुबह 10:00 बजेभारतीय टीम की कप्तानी आयुष महात्रे कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान की कमान फरहान यूसुफ के हाथों में है। U19 स्तर पर भी भारत-पाकिस्तान मुकाबले हमेशा रोमांच और दबाव से भरे रहते हैं।

    कहां देखें लाइव मैच?

    क्रिकेट फैंस इस रोमांचक मुकाबले का लाइव प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर देख सकते हैं।वहीं, मोबाइल और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मैच की लाइव स्ट्रीमिंग सोनी लिव ऐप पर उपलब्ध रहेगी। दर्शक अपने स्मार्टफोन, टैबलेट या स्मार्ट टीवी पर आसानी से यह मुकाबला देख सकते हैं।

    दोनों टीमों के स्क्वाड पर एक नजर
    भारतीय U19 टीम: वैभव सूर्यवंशी, आयुष महात्रे कप्तान, विहान मल्होत्रा, कनिष्क चौहान, अभिज्ञान कुंडू विकेटकीपर, हरवंश पंगालिया, खिलान पटेल, हेनिल पटेल, दीपेश देवेंद्रन, उधव मोहन, नमन पुष्पक, वेदांत त्रिवेदी, किशन कुमार सिंह, आरोन जॉर्ज, युवराज गोहिल।

    पाकिस्तान U19 टीम:
    उस्मान खान, फरहान यूसुफ कप्तान, हुजैफा अहसन, हमजा जहूर विकेटकीपर, मोहम्मद सय्याम, अली हसन बलूच, डेनियल अली खान, समीर मिन्हास, अली रजा, मोमिन कमर, अब्दुल सुभान, मोहम्मद हुजैफा, मोहम्मद शायान, नकाब शफीक, अहमद हुसैन।

    भारत की जीत से बढ़ा आत्मविश्वास
    यूएई के खिलाफ शानदार जीत ने भारतीय टीम का मनोबल काफी ऊंचा कर दिया है। बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग-तीनों विभागों में भारत का प्रदर्शन संतुलित नजर आया। ऐसे में भारत-पाकिस्तान मुकाबले में टीम से एक और दमदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

  • सिवनी तीन करोड़ की हवाला डकैती मामले में प्रमोद सोनी की जमानत खारिजन्यायालय ने साक्ष्य प्रभावित होने की आशंका जताई

    सिवनी तीन करोड़ की हवाला डकैती मामले में प्रमोद सोनी की जमानत खारिजन्यायालय ने साक्ष्य प्रभावित होने की आशंका जताई


    सिवनी ।सिवनी जिले में तीन करोड़ रुपये की हवाला डकैती के सनसनीखेज मामले में जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक प्रमोद सोनी की जमानत याचिका को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले की जांच अभी जारी हैऔर उपलब्ध तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती। विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज पर सत्र न्यायाधीश सिवनीगालिब रसूल ने 11 दिसंबर को यह आदेश पारित कियाजिसमें आरोपित की रिहाई से साक्ष्य प्रभावित होने और जांच पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना जताई गई।

    यह मामला सिर्फ एक डकैती का नहीं बल्कि एक संगठित अपराध नेटवर्क का हिस्सा भी प्रतीत हो रहा हैजिसमें पुलिस महकमे के कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आए कॉल डिटेल्सआपसी संपर्कडिजिटल साक्ष्य और घटनाक्रम ने पूरे मामले को और भी जटिल बना दिया है।

    प्रमोद सोनी की संलिप्तता का खुलासा

    प्रमोद सोनी पर आरोप है कि वह हवाला डकैती के इस पूरे षड्यंत्र का हिस्सा थे। पुलिस की जांच के मुताबिकप्रमोद सोनी के कॉल डिटेल्स और डिजिटल साक्ष्य में उनकी भूमिका का खुलासा हुआ है। यह हवाला डकैती पुलिस महकमे के भीतर एक संगठित अपराध के नेटवर्क की ओर इशारा करता हैजो अपराधियों को सुरक्षा प्रदान करने और अवैध धन की तस्करी में मदद कर रहा था।

    यहां तक कि जांच में यह भी पाया गया है कि प्रमोद सोनी ने अपने पद का दुरुपयोग किया और पुलिस की जानकारी का फायदा उठाकर हवाला नेटवर्क में शामिल हुए। उनके खिलाफ पुलिस ने ठोस साक्ष्य जुटाए हैंजिनमें आपसी संपर्क और फाइनेंशियल लेन-देन की जानकारियां शामिल हैं।

    न्यायालय का फैसला और जमानत खारिज होने के कारण

    विशेष न्यायाधीश गालिब रसूल ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि चूंकि मामले की जांच चल रही है और साक्ष्य के आधार पर यह प्रतीत होता है कि प्रमोद सोनी की रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती हैइसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुएआरोपित के खिलाफ जांच की प्रक्रिया को किसी भी तरह से प्रभावित होने का खतरा नहीं उठाया जा सकता।

    न्यायालय ने यह स्वीकार किया कि हवाला डकैती का मामला केवल एक वित्तीय अपराध नहीं बल्कि एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा हैजिसमें पुलिस महकमे की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में प्रमोद सोनी को जमानत देना मामले की गहराई को देखते हुए उचित नहीं होगा।

    पहले भी जमानत याचिकाएं खारिज

    यह पहला मामला नहीं है जब इस हवाला डकैती मामले में जमानत याचिका खारिज की गई है। इससे पहले भी कई आरोपितों की जमानत याचिकाएं न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। जांच एजेंसियां मामले में हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि इस संगठित अपराध के नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट किया जाए।

    सिवनी का यह हवाला डकैती मामला पुलिस महकमे की भ्रष्टाचार और अपराध से संबंधित गंभीर समस्याओं को उजागर करता है। अब जबकि प्रमोद सोनी और अन्य आरोपितों के खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाए जा चुके हैंयह उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

    न्यायालय का यह फैसला इस बात को भी स्पष्ट करता है कि कानून के दायरे में रहते हुए किसी भी व्यक्ति को आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने का लाभ नहीं मिल सकताचाहे वह पुलिस अधिकारी हो या आम नागरिक। अब मामले की जांच और विस्तार से की जाएगीजिससे इस बड़े आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।

  • सुकमा में एम्बुलेंस के अभाव में युवक की मौतशव खाट पर लेकर घर पहुंचे परिजन

    सुकमा में एम्बुलेंस के अभाव में युवक की मौतशव खाट पर लेकर घर पहुंचे परिजन


    सुकमा । सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके में एक दर्दनाक घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां के निवासी 40 वर्षीय युवकबारसे रामेश्वरमकी तबीयत बिगड़ने के बाद एम्बुलेंस का इंतजार करते-करते उसकी मौत हो गई। सबसे अधिक आश्चर्य की बात यह है कि न सिर्फ युवक की मौत के समयबल्कि बाद में शव को ले जाने के लिए भी परिजनों को एम्बुलेंस नहीं मिली। परिणामस्वरूपपरिजनों को शव को खाट पर लेकर घर जाना पड़ा। इस घटना ने न केवल जगरगुंडा क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर कियाबल्कि पूरे सुकमा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति को भी सामने ला दिया है।

    क्या है पूरा मामला

    मृतक युवक बारसे रामेश्वरमजगरगुंडा इलाके का निवासी था। बताया जाता है कि युवक को हाथ-पैर में सूजन और पेट दर्द की शिकायत थी। पहले उसे जगरगुंडा के सरकारी अस्पताल में इलाज दिया गयालेकिन अचानक उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को कॉल कियालेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया।बार-बार एम्बुलेंस के लिए संपर्क करने के बावजूदजब कोई राहत नहीं मिलीतो परिजनों ने खुद ही अस्पताल पहुंचने की कोशिश की। लेकिन तब तक युवक की हालत और अधिक बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया।

    स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

    यह घटना न केवल इस क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को उजागर करती हैबल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह से नदियोंपहाड़ियोंऔर अन्य दूरस्थ इलाकों में रह रहे लोगों के लिए मेडिकल सहायता तक पहुंच प्राप्त करना कितना कठिन हो सकता है। जगरगुंडा जैसे इलाकों मेंजहां तक पहुंचने के लिए भी बेहद कठिन रास्तों से गुजरना पड़ता हैएम्बुलेंस का समय पर उपलब्ध न होना गंभीर समस्या बन चुकी है।मृतक के परिजनों ने एम्बुलेंस का इंतजार कियालेकिन जब कोई मदद नहीं मिलीतो शव को खाट पर लादकर घर ले जाना पड़ा। यह घटना न केवल सुकमा जिले के चिकित्सा प्रशासन के लिए एक शर्मनाक स्थिति हैबल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की अत्यधिक कमी को भी दर्शाती हैजो गंभीर स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए बिल्कुल असमर्थ है।

    समाजसेवी और स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

    स्थानीय समाजसेवियों और कुछ ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि सुकमा जिले में कई गांवों में एम्बुलेंस की कमी लंबे समय से बनी हुई हैऔर प्रशासन इसे नजरअंदाज करता आ रहा है। जब भी किसी को मेडिकल सहायता की जरूरत होती हैतो इन गांवों में लोग अक्सर चिकित्सा सेवा की अनुपलब्धता से जूझते हैं।कई बार एम्बुलेंस को बुलाने पर वह समय पर नहीं पहुंच पातींजिससे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इस घटना के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सुकमा प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देगा या यह मुद्दा ऐसे ही उपेक्षित रहेगा।

    आगे की राह और सुधार की आवश्यकता

    यह घटना सुकमा और अन्य ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति में सुधार की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट करती है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर गांव में एम्बुलेंस की उपलब्धता होऔर मेडिकल सहायता समय पर मिले। इसके अलावाएम्बुलेंस कर्मचारियों और चिकित्सा उपकरणों का उचित प्रबंध भी किया जाएताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

    साथ हीग्रामीण इलाकों के लिए विशेष स्वास्थ्य योजनाएं और सुविधाएं बनाई जाएं ताकि वहां रहने वाले लोग भी बेसिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठा सकें। सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके में हुई यह घटना न केवल इस क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर करती हैबल्कि यह पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता को भी दिखाती है। जब तक प्रशासन और सरकार इस दिशा में कदम नहीं उठातीतब तक ऐसे हादसे होते रहेंगेजो न केवल जिंदगियां ले सकते हैंबल्कि लोगों के विश्वास को भी तोड़ सकते हैं।

  • सलमान खान के साथ बिग बॉस 19 की सक्सेस पार्टी ब्लैक थीम में अमाल–तान्या–फरहाना ने बिखेरा ग्लैमर गौरव खन्ना की जीत का जश्न

    सलमान खान के साथ बिग बॉस 19 की सक्सेस पार्टी ब्लैक थीम में अमाल–तान्या–फरहाना ने बिखेरा ग्लैमर गौरव खन्ना की जीत का जश्न


    नई दिल्ली / टीवी के सबसे चर्चित और लोकप्रिय रियलिटी शो बिग बॉस 19 का सफर 7 दिसंबर को ग्रैंड फिनाले के साथ खत्म हो गया। इस सीजन में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हुआ और अंत में अभिनेता गौरव खन्ना ने ट्रॉफी के साथ 50 लाख रुपये की इनामी राशि अपने नाम की। शो के सफल समापन के बाद हमेशा की तरह होस्ट सलमान खान ने मुंबई में एक भव्य सक्सेस पार्टी का आयोजन किया जिसमें बिग बॉस हाउस के सितारों का जमावड़ा देखने को मिला।इस पार्टी में सिर्फ जीत का जश्न ही नहीं बल्कि चार महीने तक चले इस रोमांचक सफर की यादें रिश्ते और अनुभव भी शामिल थे। सलमान खान की मौजूदगी ने इस आयोजन को और खास बना दिया। जैसे ही सलमान पार्टी वेन्यू पर पहुंचे फैंस की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हालात ऐसे रहे कि कुछ देर के लिए इलाके में ट्रैफिक तक धीमा पड़ गया।

    कैजुअल लुक में सलमान खान का दबंग स्वैग
    सक्सेस पार्टी में सलमान खान हमेशा की तरह सिंपल लेकिन स्टाइलिश अंदाज़ में नजर आए। उन्होंने कैजुअल टी-शर्ट और पैंट पहनी थी जिसमें उनका सिग्नेचर स्वैग साफ झलक रहा था। सलमान ने सभी कंटेस्टेंट्स और विजेता के साथ गर्मजोशी से बातचीत की और तस्वीरें भी खिंचवाईं। उनकी मौजूदगी ने पार्टी में चार चांद लगा दिए।

    विजेता गौरव खन्ना पत्नी के साथ पहुंचे

    बिग बॉस 19 के विजेता गौरव खन्ना अपनी पत्नी आकांक्षा चमोला के साथ पार्टी में पहुंचे। जीत के बाद गौरव के चेहरे पर आत्मविश्वास और खुशी साफ नजर आ रही थी। उनके साथ शो के अन्य मजबूत कंटेस्टेंट्स जैसे मृदुल तिवारी और प्रणीत मोरे भी इस खास मौके का हिस्सा बने।

    ब्लैक थीम में छाया ग्लैमर

    इस सक्सेस पार्टी की खास बात रही इसकी ब्लैक थीम। रनर-अप फरहाना भट्ट फाइनलिस्ट अमाल मलिक और तान्या मित्तल ब्लैक आउटफिट में ट्विनिंग करते नजर आए और उन्होंने मीडिया व फैंस का खूब ध्यान खींचा। तीनों का कॉन्फिडेंट अंदाज़ और स्टाइल पार्टी की हाईलाइट बन गया। इसके अलावा पार्टी में मालती चाहर नीलम गिरी अभिषेक बजाज अश्नूर कौर शहबाज बदेशा अवेज दरबार और नगमा मिराजकर जैसे कई चर्चित चेहरे भी शामिल हुए। सभी कंटेस्टेंट्स के बीच दोस्ती और बॉन्डिंग साफ दिखाई दे रही थी जो बिग बॉस के घर में बिताए गए समय की गवाही दे रही थी।

    जीत पर बोले गौरव खन्ना

    गौरव खन्ना की जीत को लेकर सोशल मीडिया पर जहां उन्हें भरपूर प्यार मिला वहीं कुछ आलोचनाएं भी सामने आईं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गौरव ने कहा कि उन्होंने हमेशा नकारात्मक बातों से दूर रहकर दर्शकों के प्यार पर ध्यान दिया। एक इंटरव्यू में गौरव ने कहा कि बिग बॉस का यह चार महीने का सफर उनके 20 साल के करियर का सार रहा है और आज वे जिस मुकाम पर हैं वह दर्शकों के विश्वास और समर्थन की वजह से है।

    यादगार रहा बिग बॉस 19 का जश्न
    मुंबई में हुई यह सक्सेस पार्टी सिर्फ एक जीत का जश्न नहीं थी बल्कि बिग बॉस 19 से जुड़े रिश्तों अनुभवों और यादों का उत्सव बन गई। सलमान खान की मेजबानी और कंटेस्टेंट्स की मौजूदगी ने इस शाम को बेहद खास और यादगार बना दिया जिसे फैंस लंबे समय तक याद रखेंगे।

  • Paush Purnima 2026 जानें कब है इस साल की पहली पौष पूर्णिमा, मुहूर्त और पूजा विधि

    Paush Purnima 2026 जानें कब है इस साल की पहली पौष पूर्णिमा, मुहूर्त और पूजा विधि


    नई दिल्ली ।पौष पूर्णिमाजिसे शाकंभरी पूर्णिमा भी कहा जाता हैहर साल पौष माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णुमाता लक्ष्मीऔर चंद्र देव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण होता है। 2026 मेंपौष पूर्णिमा 3 जनवरी को मनाई जाएगीजो नए साल की पहली पूर्णिमा होगी। इस दिन के खास महत्व को समझते हुए लोग गंगायमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने और दान देने के लिए अग्रसर होते हैंक्योंकि माना जाता है कि इस दिन किए गए दान का फल जन्मों तक मिलता है।

    पौष पूर्णिमा की तिथि और समय

    पौष पूर्णिमा का पर्व 2 जनवरी 2026 की शाम 653 बजे से प्रारंभ होगा और 3 जनवरी 2026 को दोपहर 332 बजे समाप्त होगा। विशेष रूप से इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 525 से 620 बजे में स्नान करना और पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस समय में किए गए कार्यों का विशेष महत्व होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

    पौष पूर्णिमा की पूजा विधि

    पौष पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा विधि है जिसे करने से व्यक्ति को शांतिसमृद्धिऔर सुख-शांति प्राप्त होती है।स्नान इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करेंयदि नदी तक पहुंचने का अवसर न होतो घर में गंगाजल का छिड़काव करके स्नान करें। इस दिन का स्नान मन और तन की पवित्रता के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
    सूर्य पूजा स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। इससे जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।

    विष्णु और लक्ष्मी पूजा इस दिन भगवान विष्णुमाता लक्ष्मीऔर चंद्र देव की पूजा विशेष महत्व रखती है। विष्णु भगवान को पंचामृतकेला और पंजीरी का भोग अर्पित करें।शाकंभरी पूजा ष पूर्णिमा को देवी शाकंभरी की उपासना का भी महत्व है। शाकंभरी माता प्रकृति की देवी मानी जाती हैं और इस दिन उनकी पूजा से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।

    दान और दक्षिणा इस दिन घर के मुख्य द्वार और पीपल के नीचे दीपक जलाएं और घर में लक्ष्मी माता की कृपा के लिए प्रार्थना करें।
    इसके बाद गरीबों को सफेद वस्त्रखाने की चीजें या चंद्र देव से संबंधित वस्तुएं दान करें।सत्यनारायण पूजा इस दिन सत्यनारायण की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान पंडित जी को बुलाकर कथा करवाएं और आसपास के लोगों को आमंत्रित करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरण और दान-दक्षिणा दें।

    पौष पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी की प्रसन्नता पाने के उपाय

    पौष पूर्णिमा के दिन यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हैतो सफेद वस्त्रदहीचावल और दूध का दान करें और चंद्र देव के मंत्रों का उच्चारण करें। घर के ईशान कोण में दीपक जलाने से भी लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।

    पौष पूर्णिमा का महत्व

    पौष पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से दान और पुण्य के लिए उपयुक्त है। इस दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से न केवल शरीर बल्कि मन भी पवित्र हो जाता है। इस दिन किए गए दान का महत्व बहुत अधिक है और यह जन्मों तक शुभ फल देने वाला माना जाता है। शाकंभरी पूर्णिमा के दिन देवी शाकंभरी की पूजा से भी प्रकृति की विशेष कृपा प्राप्त होती है

    पौष पूर्णिमा 2026 का पर्व इस साल 3 जनवरी को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से पूजास्नानदान और लक्ष्मी पूजन के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन की पूजा विधि और उपायों को सही तरीके से पालन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।