Author: bharati

  • बॉबी देओल और अक्षय खन्ना की धमाकेदार कमबैकधुरंधर और एनिमल में नेगेटिव रोल में हुए वायरलफैंस की मांग Humraaz 2 की

    बॉबी देओल और अक्षय खन्ना की धमाकेदार कमबैकधुरंधर और एनिमल में नेगेटिव रोल में हुए वायरलफैंस की मांग Humraaz 2 की


    नई दिल्ली । 2025 बॉलीवुड के लिए कमबैक साल साबित हो रहा हैऔर इस बार की ताजा चर्चा का केंद्र बने हैं दो बड़े सितारे बॉबी देओल और अक्षय खन्ना। दोनों ने अपने-अपने फिल्मों में नेगेटिव शेड्स में इतनी शानदार परफॉर्मेंस दी कि लीड हीरो भी इनके सामने फीके पड़ गए। बॉबी देओल ने एनिमल में एक दमदार कमबैक किया और अपने किरदार जमाल कुडू के आइकॉनिक डांस से सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटोरी। वहीं अक्षय खन्ना ने धुरंधर में डकैत रहमान का किरदार निभाया और FA9LA गाने पर धमाकेदार एंट्री लीजिसे फैंस द्वारा खूब वायरल किया जा रहा है।

    इन दोनों सितारों की जबरदस्त वापसी ने दर्शकों को 2002 की सुपरहिट फिल्म हमराज की याद दिला दी। बॉबी और अक्षय की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को लेकर सोशल मीडिया पर हलचल मची हुई हैऔर फैंस ने Humraaz 2 की डिमांड तेज़ कर दी है। कुछ यूज़र्स ने तो यह भी कहा कि अब्बास-मस्तान को Humraaz 2 बनानी चाहिएक्योंकि अब्बास-मस्तान की फिल्म में इन दोनों की जोड़ी हमेशा से बेहतरीन रही है।

    अक्षय खन्ना ने अपनी स्क्रीन प्रेज़ेंस से रणवीर सिंह को भी ओवरशैडो कर दिया। धुरंधर में उनका किरदार रहमान डकैत किसी भी स्टेज पर सामने आने के बाद सभी की नजरें उन पर ही थम गईं। खासकर उनका FA9LA सॉन्ग वायरल हो रहा हैऔर कहा जा रहा है कि अक्षय ने इस सीन को खुद कोरियोग्राफ किया था।

    बॉबी देओल और अक्षय खन्ना की जोड़ी को दर्शकों ने 2002 की हमराज और Naqaab जैसी फिल्मों में पसंद किया थाऔर अब उनकी वापसी ने एक नई उम्मीद जगा दी है। हालांकिमेकर्स की तरफ से Humraaz 2 पर कोई आधिकारिक अपडेट नहीं हैलेकिन फैंस की डिमांड और एक्साइटमेंट को देखकर यह तय है कि अगर ऐसी कोई फिल्म बनती है तो वह एक ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है।

  • भारत को घर पर मिली बड़ी हारबुमराह को लगे 4 छक्के और अर्शदीप का 13 गेंदों वाला ओवर टी-20 में टूटे कई रिकॉर्ड

    भारत को घर पर मिली बड़ी हारबुमराह को लगे 4 छक्के और अर्शदीप का 13 गेंदों वाला ओवर टी-20 में टूटे कई रिकॉर्ड


    नई दिल्ली । मुल्लांपुर स्टेडियम में खेले गए दूसरे टी-20 मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने भारत को 51 रन से हराकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने 213 रन बनाए। भारतइन रन का पीछा करते हुए 191 ओवर में 162 रन पर ऑलआउट हो गयाऔर इस हार के साथ भारत को अपने घरेलू मैदान पर टी-20 क्रिकेट में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले4 अक्टूबर 2022 को इंदौर में साउथ अफ्रीका ने भारत को 49 रन से हराया था।

    बुमराह को पहली बार पड़ी 4 छक्के

    इस मैच में एक और दिलचस्प मोमेंट आया जब जसप्रीत बुमराह को अपने टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बार एक पारी में 4 छक्के लगे। यह उनके 82वें टी-20 मैच का हिस्सा था। इससे पहले बुमराह के खिलाफ कभी एक पारी में तीन से अधिक छक्के नहीं लगे थेऔर उनका पिछला सबसे खराब रिकॉर्ड 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ थाजब उन्हें तीन छक्के पड़े थे।

    अर्शदीप सिंह का 13 गेंदों वाला ओवर

    अर्शदीप सिंह ने इस मैच में एक नया रिकॉर्ड बनाया जब उन्होंने एक ओवर में 13 गेंद फेंकीं। साउथ अफ्रीका की पारी के 11वें ओवर में अर्शदीप ने 7 वाइड गेंदें फेंकीजिसके चलते उनका ओवर 13 गेंदों का हो गया। यह रिकॉर्ड फुल मेंबर देशों के मैचों में अब तक का सबसे लंबा ओवर था। इससे पहले2024 में अफगानिस्तान के नवीन-उल-हक ने जिम्बाब्वे के खिलाफ एक ओवर में 13 गेंदें फेंकी थीं।

    भारत ने डालीं 16 वाइड गेंदें

    भारत के गेंदबाजों ने इस मैच में 16 वाइड गेंदें डालींजो टी-20 इंटरनेशनल इतिहास में भारत का दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था। इससे पहले2009 में मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ भारत ने 17 वाइड फेंकी थींजो अब भी सबसे खराब रिकॉर्ड है। 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भी भारत ने 16 वाइड डाली थींऔर 2007 में डरबन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 15 वाइड डाली थीं।

    तिलक वर्मा का छक्का रिकॉर्ड

    इस मैच में भारतीय युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 27 छक्के लगाकर भारतीय बल्लेबाजों के बीच सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड बनाया। इस सूची में दूसरे स्थान पर सूर्यकुमार यादव हैंजिन्होंने 25 छक्के लगाए हैंजबकि तीसरे स्थान पर संजू सैमसन हैंजिनके नाम 19 छक्के हैं।

    डी कॉक का 50+ स्कोर

    साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने भारत के खिलाफ पांचवीं बार 50 से अधिक रन बनाए। उन्होंने केवल 12 पारियों में यह उपलब्धि हासिल कीजो भारत के खिलाफ सबसे तेजी से 50+ स्कोर बनाने का रिकॉर्ड है। इससे पहले निकोलस पूरन और जोस बटलर ने इसे करने में 20 और 24 पारियां ली थीं। डी कॉक का यह प्रदर्शन भारत के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ।

    साउथ अफ्रीका का छक्का रिकॉर्ड

    साउथ अफ्रीका ने इस मैच में 15 छक्के लगाएजो भारत के खिलाफ उनके टी-20 इंटरनेशनल में दूसरे सबसे ज्यादा छक्के थे। इससे पहले2022 में इंदौर में उन्होंने भारत के खिलाफ 16 छक्के लगाए थे। इस मैच में साउथ अफ्रीका का छक्का लगाने का प्रदर्शन उनकी बल्लेबाजी शक्ति को दर्शाता हैऔर यह भारत के गेंदबाजों के लिए एक कड़ा संदेश था।

    भारत की यह हार एक कड़ा संदेश है कि घरेलू मैदान पर भी एक मजबूत टीम को हराना आसान नहीं होता। भारतीय टीम को अपनी गेंदबाजी में सुधार करना होगाखासकर वाइड बॉल्स और गेंदबाजों की लय को लेकर। वहींबुमराह को भी अपनी लय में लौटने की आवश्यकता हैजबकि युवा खिलाड़ियों जैसे तिलक वर्मा को सकारात्मक प्रदर्शन जारी रखना होगा। साउथ अफ्रीका ने इस मैच में सभी विभागों में शानदार प्रदर्शन कियाऔर उन्होंने भारत को साबित किया कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता।

  • अखिलेश यादव का 40,000 रुपये देने का वादा: अयोध्या की महिलाओं ने की ये बड़ी बात

    अखिलेश यादव का 40,000 रुपये देने का वादा: अयोध्या की महिलाओं ने की ये बड़ी बात


    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधानसभा चुनावों से पहले नेताओं के घोषणाएं और वादे चर्चा का विषय बन जाते हैं। हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महिलाओं को सालाना 40,000 रुपये देने का वादा किया है। उन्होंने इसे बीजेपी के बिहार चुनाव में दिए गए 10,000 रुपये के वादे का जवाब बताया। इस घोषणा पर अयोध्या की महिलाओं की क्या राय है, यह जानने के लिए यूपी Tak की टीम ने गांव में जाकर उनकी प्रतिक्रिया ली।

    महिलाओं ने की उम्मीदें जाहिर

    अयोध्या के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने इस योजना पर अपनी राय दी और अपनी उम्मीदों का इज़हार किया। एक स्थानीय महिला सुंदर कली ने कहा, अखिलेश यादव का यह प्रस्ताव अच्छा है, हम लोग मजदूरी करते हैं, इससे अच्छा होगा कि हमें पैसा मिले। अभी सरकार की तरफ से हमें कुछ नहीं मिलता, केवल मजदूरी करते हैं। अगर अखिलेश यादव देंगे तो ठीक है, नहीं तो हम अपना काम करते रहेंगे।

    विकास की उम्मीदें भी बनीं मुद्दा

    वहीं कश्मीरा देवी ने कहा, हम लोग मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। अगर सरकार कुछ मदद करेगी तो अच्छा रहेगा, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। सरकार बढ़िया नहीं काम कर रही है, जो विकास करेगा हम उसके साथ रहेंगे। विमला देवी ने भी कहा, समाजवादी सरकार के समय पेंशन मिलती थी और सड़कें बनती थीं। अब कुछ नहीं मिल रहा है। हमें विकास और रोजगार दोनों चाहिए।

    महिलाओं की मांग-पैसा नहीं, विकास और रोजगार भी चाहिए

    ममता नाम की महिला ने कहा, यह अच्छा है कि पैसा मिलेगा, इससे हमारी रोज़ी-रोटी में मदद होगी। गरीब बच्चों को भी फायदा होगा, लेकिन सिर्फ पैसा नहीं, हमें काम भी चाहिए। अगर पैसा मिलेगा तो वोट देंगे, नहीं मिला तो कोई बात नहीं। वहीं अन्य महिलाओं ने भी इस योजना का स्वागत किया, लेकिन साफ किया कि अगर वादा पूरा नहीं हुआ तो वे वोट नहीं देंगी।

    योगी सरकार से तुलना

    महिलाओं ने योगी सरकार की योजनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें विधवा पेंशन के रूप में 2,000 रुपये मिलते हैं, लेकिन इसके बावजूद गांव में विकास की कमी महसूस हो रही है। रोज़मर्रा की सुविधाओं और रोजगार के मामले में उन्हें अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

    समाजवादी पार्टी और बीजेपी का मुकाबला

    अखिलेश यादव का यह वादा महिलाओं के बीच उम्मीद और नाखुशी का मिश्रित असर छोड़ रहा है। हालांकि, उनका कहना है कि वे सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि स्थिरता, रोजगार और विकास के लिए भी वोट देंगे। यह साफ है कि महिलाएं अपनी जिंदगी में सुधार और अपने गांव के विकास को भी उतना ही महत्व देती हैं जितना कि चुनावी वादों को।

  • सोने के दाम में हल्की बढ़ोतरी.चांदी हुई सस्ती.जानें प्रमुख शहरों में कीमतें.

    सोने के दाम में हल्की बढ़ोतरी.चांदी हुई सस्ती.जानें प्रमुख शहरों में कीमतें.


    नई दिल्ली । सोने और चांदी के दाम में आज 12 दिसंबर हल्की-फुल्की उथल-पुथल देखने को मिली है। जहां सोने के दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई.वहीं चांदी के दाम में गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की फरवरी कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,32,599 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार हुआ। वहीं.चांदी की मार्च एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट में 0.50% की गिरावट आई और वह 1,97,951 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी।

    गुरुवार को चांदी का नया रिकॉर्ड

    गुरुवार को चांदी ने इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह पहली बार 1,98,000 रुपये के पार पहुंची और 1,98,814 रुपये प्रति किलो तक चली गई। चांदी ने 5.33% की उछाल के साथ 1,98,799 रुपये पर बंद किया। वहीं.सोने की कीमतों में भी 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 1,32,469 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

    कीमतों में वृद्धि का कारण

    सोने और चांदी की कीमतों में यह वृद्धि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से बेंचमार्क ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद आई। इसके साथ ही.फेड चेयरमैन ने अगले साल एक और कटौती का संकेत दिया.जिससे निवेशकों में उत्साह और अधिक बढ़ गया। इन निर्णयों से बाजार में सकारात्मक माहौल बना.जिसने कीमती धातुओं की कीमतों को ऊंचा किया।

    देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें

    शुक्रवार को देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतों में हल्की उतार-चढ़ाव देखी गई। चेन्नई 24 कैरेट सोना 1,33,640 रुपये प्रति 10 ग्राम.22 कैरेट सोना 1,22,500 रुपये प्रति 10 ग्राम
    मुंबई.कोलकाता.बैंगलोर.हैदराबाद.केरल.पुणे 24 कैरेट सोना 1,32,660 रुपये प्रति 10 ग्राम.22 कैरेट सोना 1,21,600 रुपये प्रति 10 ग्राम
    दिल्ली 24 कैरेट सोना 1,32,810 रुपये प्रति 10 ग्राम.22 कैरेट सोना 1,21,750 रुपये प्रति 10 ग्राम
    वडोदरा.अहमदाबाद 24 कैरेट सोना 1,32,710 रुपये प्रति 10 ग्राम. 22 कैरेट सोना 1,21,650 रुपये प्रति 10 ग्राम

    आज सोने और चांदी की कीमतों में मामूली बदलाव आया है। जहां सोने में हल्की बढ़ोतरी देखी गई.वहीं चांदी में गिरावट आई है। निवेशक और सोने-चांदी के खरीदार इसे ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय ले सकते हैं। यदि आप भी सोने और चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं.तो वर्तमान मूल्य में उतार-चढ़ाव के बावजूद यह एक उपयुक्त समय हो सकता है।

  • असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान पैसा नहीं विचारधारा तय करती है वोट

    असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान पैसा नहीं विचारधारा तय करती है वोट


    नई दिल्ली । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में मतदान के पैटर्न को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि असम में वोट केवल सरकारी योजनाओं या नकद सहायता पर निर्भर नहीं होते.बल्कि यह विचारधारा और पहचान से तय होते हैं। उनका मानना है कि कई समुदाय अपने राजनीतिक निर्णय केवल आर्थिक प्रोत्साहन या सरकारी लाभ से नहीं.बल्कि अपनी विचारधारा और सांस्कृतिक पहचान के आधार पर लेते हैं।

    एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात की। सरमा ने स्पष्ट किया कि असम के मुस्लिम मतदाता.जिनकी संख्या राज्य में महत्वपूर्ण है.अक्सर अपनी वोटिंग पसंद को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हैं। उनका कहना था कि चाहे सरकार 10 हजार रुपये दे या 1 लाख रुपये.कुछ समुदाय.खासकर मुस्लिम मतदाता.उसी सरकार को वोट नहीं देंगे यदि वह सरकार उनकी विचारधारा और पहचान से मेल नहीं खाती।

    नकद सहायता को नकारा

    एक सवाल के जवाब में.जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या असम में महिलाओं को बिहार की तरह नकद सहायता दी जा सकती है.तो उन्होंने इसे साफ तौर पर खारिज कर दिया। उनका कहना था कि चुनाव में वोटिंग का आधार केवल वित्तीय लाभ नहीं है। वह मानते हैं कि हर समुदाय अपने राजनीतिक विकल्पों का चयन विचारधारा और पहचान के आधार पर करते हैं.न कि केवल आर्थिक प्रोत्साहन पर।

    जनसांख्यिकीय बदलाव पर चिंता

    मुख्यमंत्री सरमा ने असम में जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि 2021 में राज्य की मुस्लिम आबादी लगभग 38% थी.और हर दशक में यह 4-5% बढ़ रही है। यदि यह वृद्धि दर जारी रही.तो 2027 तक मुस्लिम आबादी 40% तक पहुंच सकती है। सरमा ने कहा कि यदि मुस्लिम आबादी 50% से अधिक हो गई.तो अन्य समुदायों की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान पर दबाव बढ़ सकता है।

    व्यक्तिगत संबंध वोट में नहीं बदलते

    सीएम हिमंत सरमा ने कहा कि उनका व्यक्तिगत संबंध मिया समुदाय की महिलाओं और कई मुस्लिम परिवारों के साथ अच्छा है.लेकिन चुनाव में यह जुड़ाव वोट में तब्दील नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पक्ष में वोट करें.भाजपा अपनी स्थिति असम में बनाए रख सकती है।

    सरमा ने अंत में कहा..असम में मेरे अपने वे लोग हैं.जो खुद को असमी और भारतीय पहचान से जोड़ते हैं।. उनका यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता राज्य के असमी और भारतीय पहचान के लोगों पर है.और उनकी राजनीतिक नीतियां इसी पर आधारित हैं।

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का यह बयान असम की राजनीति और वोटिंग पैटर्न को लेकर एक महत्वपूर्ण संकेत है। उन्होंने यह साफ किया कि असम में वोटिंग सिर्फ सरकारी योजनाओं या नकद सहायता पर नहीं.बल्कि विचारधारा और सांस्कृतिक पहचान पर आधारित होती है। इसके साथ हीउन्होंने राज्य में बढ़ती मुस्लिम आबादी और उसके प्रभाव पर भी चिंता जताई।

    उनका यह बयान असम की राजनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.क्योंकि यह दर्शाता है कि वह न केवल चुनावी रणनीतियों को बल्कि राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को भी ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां बना रहे हैं।

  • दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, लखनऊ में डिप्टी सीएम के आवास से पकड़ा गया

    दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, लखनऊ में डिप्टी सीएम के आवास से पकड़ा गया


    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़े ठग का पर्दाफाश हुआ है, जो खुद को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का प्रतिनिधि बताकर लोगों से ठगी कर रहा था। आरोपी, नोएडा निवासी दशरथ पाल को शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया। वह कई शहरों में सत्ता और संगठन के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने का काम कर चुका था।

    कैसे पकड़ा गया ठग?
    आरोपी दशरथ पाल ने उपमुख्यमंत्री के आवास पर शिष्टाचार भेंट देने का दावा करते हुए पहुंचने की कोशिश की। उपमुख्यमंत्री की टीम को पहले ही सूचना मिल गई थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति उनके आवास तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। जब वह अंदर गया, तो सतर्कता टीम ने उसकी पहचान जांची और पाया कि वह दिल्ली बीजेपी नेतृत्व से कोई संबंध नहीं रखता। इसके बाद उसे तत्काल पुलिस के हवाले कर दिया गया।

    ठगी की वारदातें
    पूछताछ में सामने आया कि दशरथ पाल नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ और लखनऊ जैसे शहरों में कई लोगों से ठगी कर चुका था। वह खुद को बीजेपी के बड़े नेताओं का प्रतिनिधि बताकर लोगों को काम करने का वादा करता और बदले में पैसों की मांग करता था। अब पुलिस उसकी जांच कर रही है कि उसने कितने लोगों से ठगी की और उसके पीछे कोई गिरोह तो नहीं है।

    डिप्टी सीएम का कड़ा संदेश
    घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस तरह के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन की छवि खराब करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मौर्य ने इस मामले में कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

    पुलिस की जांच जारी
    पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि उसने किस-किस व्यक्ति से ठगी की और उसके पास कितने पैसे हैं। पुलिस आरोपी के नेटवर्क और पुराने मामलों की भी जांच कर रही है, ताकि उसकी अन्य ठगी की वारदातों का भी खुलासा हो सके।

  • कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सियासी हलचल: सिद्धारमैया के बेटे के बयान ने बढ़ाई विवाद की गर्मी, डीके समर्थक भड़के

    कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सियासी हलचल: सिद्धारमैया के बेटे के बयान ने बढ़ाई विवाद की गर्मी, डीके समर्थक भड़के


    कर्नाटक । में सीएम पद को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया के हालिया बयान ने कांग्रेस के भीतर बढ़ते मतभेदों को फिर से उकसाया है। यतींद्र ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद में कोई बदलाव नहीं होगा और जो लोग नेतृत्व परिवर्तन का सपना देख रहे हैं, वे सिर्फ सपना ही देख सकते हैं। उनका यह बयान उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों को खटक गया और इसके बाद एक नई सियासी हलचल शुरू हो गई है।

    डीके शिवकुमार ने यतींद्र के बयान पर संयमित प्रतिक्रिया दी, लेकिन उनके समर्थक भड़क उठे। कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने कहा कि अगर कोई नेतृत्व पर सवाल उठाता है, तो नोटिस जारी किए जाते हैं। उन्होंने इस बयान को अनुशासनहीनता बताया और कहा कि हर किसी को अपनी सीमा समझनी चाहिए। वहीं, सिद्धारमैया के करीबी मंत्री बायरथी सुरेश ने यतींद्र का बचाव करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हाईकमान के निर्देशों के अनुसार ही कार्य करेंगे, और नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

    कर्नाटक की सियासत में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद नया नहीं है। शिवकुमार समर्थक अक्सर यह आरोप लगाते आए हैं कि सरकार गठन के समय 2.5 साल के पावर-शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति बनी थी, जिसके तहत सिद्धारमैया को कार्यकाल के आधे समय बाद पद छोड़ देना था। हालांकि, इस पर कोई खुला बयान नहीं आया है, लेकिन विवाद लगातार बने रहते हैं। अब यतींद्र के बयान ने एक बार फिर इस विवाद को तूल दे दिया है, जिससे हाईकमान को फिर से हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।

  • दक्षिण दिल्ली को मिलेगी नई गोल्डन लाइन मेट्रो निर्माण कार्य की शुरुआत

    दक्षिण दिल्ली को मिलेगी नई गोल्डन लाइन मेट्रो निर्माण कार्य की शुरुआत


    नई दिल्ली । दक्षिण दिल्ली के यात्रियों को अब एक और शानदार मेट्रो कॉरिडोर की सुविधा मिलने जा रही है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने फेज़-IV के तहत एक नई ‘गोल्डन लाइन की शुरुआत की है जो साकेत जी ब्लॉक से लाजपत नगर तक विस्तारित होगी। यह नई एलिवेटेड मेट्रो लाइन दिल्ली के कुछ सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ते हुए यात्रियों को तेज़.सुरक्षित और जाम मुक्त यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।

    इस नई मेट्रो लाइन की शुरुआत साकेत के पास पुष्पा भवन में पहले टेस्ट पाइल और भूमिपूजन से हुई। इस परियोजना के साथ सिविल कार्यों की आधिकारिक शुरुआत भी हो चुकी है। इस लाइन का निर्माण करते हुए DMRC का उद्देश्य है कि वह दक्षिण दिल्ली के प्रमुख इलाकोंकनेक्टिविटी को बेहतर बनाए और यात्रियों को मेट्रो नेटवर्क के जरिए सहज यात्रा सुविधा प्रदान करे।

    गोल्डन लाइन विशेषताएँ

    एलिवेटेड कॉरिडोर

    यह नई मेट्रो लाइन पूरी तरह से एलिवेटेड होगी.जिससे ट्रैफिक जाम से बचने और तेज़ यात्रा की सुविधा मिलेगी। लाइन में कुल 8 स्टेशन होंगे.जो प्रमुख क्षेत्रों को आपस में जोड़ेंगे।

    सहज कनेक्टिविटी

    गोल्डन लाइन का उद्देश्य विभिन्न मेट्रो लाइनों से बेहतर कनेक्टिविटी देना है। इस लाइन के माध्यम से यात्रियों को लाजपत नगर और चिराग दिल्ली के इंटरचेंज हब से वायलेट.पिंक और मैजेंटा लाइनों तक आसानी से पहुंचने का अवसर मिलेगा। इससे दक्षिण दिल्ली के क्षेत्रों जैसे ग्रेटर कैलाश.साकेत.लाजपत नगर और पुष्प विहार में यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

    मुख्य स्टेशनों का नेटवर्क

    गोल्डन लाइन के प्रमुख स्टेशन होंगे साकेत जी ब्लॉक, पुष्पा भवन,साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर, चिराग दिल्ली ,ग्रेटर कैलाश, लाजपत नगर,एंड्रूज़ गंज,पुष्प विहार,जाम से राहत यह मेट्रो लाइन दिल्ली के जाम से राहत प्रदान करेगी.खासकर उन क्षेत्रों में जहां ट्रैफिक का दबाव अधिक रहता है। स्कूलों.कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों के लिए यह यात्रा को और भी सुविधाजनक बना देगा।

    इंटीग्रेशन और इंटरचेंज हब

    इस परियोजना का एक प्रमुख आकर्षण यह है कि यह तीन मेट्रो लाइनों से जुड़ने वाली है.जो यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में सुविधा प्रदान करेंगी।

    फेज़-IV के अन्य प्रोजेक्ट्स

    गोल्डन लाइन के अलावा.दिल्ली मेट्रो के फेज़-IV में दो और महत्वपूर्ण कॉरिडोरों पर भी कार्य चल रहा है। इनमें इंद्रलोक से रिठाला और इंद्रप्रस्थ से नरेला तक के कॉरिडोर शामिल हैं। इन विस्तारों से दिल्ली मेट्रो नेटवर्क और भी मजबूत होगा.जिससे शहरभर में सफर करना और भी सुविधाजनक हो जाएगा।
    नई गोल्डन लाइन मेट्रो कॉरिडोर दक्षिण दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या को हल करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह मेट्रो लाइन न केवल यात्रियों को जाम मुक्त यात्रा का अनुभव देगी बल्कि दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को और भी सशक्त बनाएगी। इसके साथ ही.दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करने वालों को नई सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

  • मुल्लांपुर की शर्मनाक हार पर भड़के सूर्या, गिल को दी जिम्मेदारी, टीम की सबसे बड़ी चूक का किया खुलासा

    मुल्लांपुर की शर्मनाक हार पर भड़के सूर्या, गिल को दी जिम्मेदारी, टीम की सबसे बड़ी चूक का किया खुलासा


    नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मुल्लांपुर में खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में भारत को 51 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने कप्तान सूर्यकुमार यादव को काफी निराश किया, जिन्होंने मैच के बाद अपनी टीम की नाकामी को स्वीकार किया। सूर्यकुमार यादव ने हार की मुख्य वजह टॉप ऑर्डर की नाकामी को बताया, और विशेष रूप से युवा ओपनर शुभमन गिल के जल्दी आउट होने पर गुस्सा जताया।

    कप्तान का गुस्सा: शुभमन गिल को दिया दोष

    कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद कहा कि उन्हें और शुभमन गिल को अच्छी शुरुआत देनी चाहिए थी, जिससे टीम को मजबूती मिलती। गिल का पहली गेंद पर आउट होना कप्तान के लिए बेहद निराशाजनक था। सूर्या ने कहा, “मुझे और शुभमन को बेहतर शुरुआत देनी चाहिए थी। हर बार अभिषेक शर्मा से उम्मीद नहीं की जा सकती है। शुभमन की पहली गेंद पर आउट होना टीम के लिए बड़ा झटका था।” उन्होंने यह भी माना कि उनका और गिल का जल्दी आउट होना हार की प्रमुख वजह बनी।

    टॉस और रणनीति पर पछतावा

    सूर्यकुमार यादव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले को भी गलत ठहराया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है हमें पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। विकेट शुरुआती ओवरों में बल्लेबाजी के लिए अच्छा था, और हम इसका सही उपयोग नहीं कर पाए।” कप्तान ने गेंदबाजों की रणनीति पर भी सवाल उठाया, कहा कि उनकी टीम सही लेंथ पर गेंदबाजी करने में नाकाम रही, और साउथ अफ्रीका ने पावरप्ले में तेजी से रन बटोरने का फायदा उठाया।

    ओस का फायदा उठाने में नाकामी

    मुल्लांपुर में ओस होने के बावजूद भारतीय टीम दूसरी पारी में इसका फायदा नहीं उठा पाई। सूर्या ने कहा, “थोड़ी ओस थी, लेकिन हमारी योजना काम नहीं कर रही थी। हमें अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए था, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए।” यह हार टीम के लिए एक सीख थी, और सूर्या ने आगे सुधार की बात की।

    अक्षर पटेल की तारीफ, लेकिन टॉप ऑर्डर की नाकामी भारी पड़ी

    कप्तान सूर्यकुमार यादव ने निचले क्रम में अक्षर पटेल की तारीफ की, जिन्होंने अकेले संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब टॉप ऑर्डर फेल हो जाए, तो निचला क्रम मैच को पलटने में नाकाम रहता है। सूर्या ने कहा, “अक्षर ने अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन हमें शुरुआत में ही पारी को सेट करना चाहिए था। तभी चेज करना आसान होता।”

    सूर्यकुमार यादव का यह तीखा रिएक्शन साफ तौर पर दिखाता है कि टीम अगले मैच में अपनी रणनीति और प्लेइंग इलेवन में बड़े बदलाव करने की योजना बना सकती है। भारत सीरीज में वापसी करने के लिए हर हाल में जीत दर्ज करना चाहेगा।

  • 2025: 5 बड़ी राजनीतिक घटनाएँ जिन्होंने भारत की सियासत और समाज को बदल दिया

    2025: 5 बड़ी राजनीतिक घटनाएँ जिन्होंने भारत की सियासत और समाज को बदल दिया


    नई दिल्ली। साल 2025 भारतीय राजनीति के लिए कई बदलावों और महत्वपूर्ण घटनाओं का साल रहा। दिल्ली और बिहार के चुनावों से लेकर वक्फ संशोधन विधेयक और उपराष्ट्रपति चुनाव तक, इन घटनाओं ने न सिर्फ देश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित किया, बल्कि विपक्ष और सरकार के बीच खींचतान को भी बढ़ावा दिया। आइए जानते हैं उन पांच अहम घटनाओं के बारे में, जिन्होंने भारतीय राजनीति का रंग और रुख बदल दिया।

    1. दिल्ली विधानसभा चुनाव (फरवरी 2025)

    2025 में दिल्ली की राजनीति में एक बड़े बदलाव ने सबको चौंका दिया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को हराकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। इस जीत ने दिल्ली में 10 साल तक सत्ता में रही केजरीवाल सरकार को सत्ता से बाहर किया और बीजेपी ने नए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चुना। बीजेपी की यह जीत न केवल दिल्ली की सियासत में बदलाव लेकर आई, बल्कि विपक्षी एकता को भी बड़ा झटका दिया।

    2. वक्फ संशोधन विधेयक (अप्रैल 2025)

    अप्रैल में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने के लिए पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इसे मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना था, लेकिन इसे लेकर विवाद बढ़ गया। इस विधेयक को पारित कराकर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया, लेकिन यह मुद्दा आगामी चुनावों में गर्माता रहेगा।

    3. पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर (अप्रैल-मई 2025)

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादियों द्वारा 27 पर्यटकों की हत्या ने देश को झकझोर दिया। भारत ने इस हमले का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसमें भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में भारत ने 10 मई को अचानक इस ऑपरेशन को रोक दिया, जिससे कूटनीतिक संकट पैदा हुआ। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि यह निर्णय अमेरिकी दबाव में लिया गया था।

    4. उपराष्ट्रपति चुनाव (सितंबर 2025)

    14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कार्यकाल के बीच इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीति में हलचल मच गई। सरकार ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया, और उन्होंने 452 वोट प्राप्त कर बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। यह चुनाव न केवल उपराष्ट्रपति पद का अहम फैसला था, बल्कि सरकार की ताकत और विपक्ष की कमजोरी को भी दर्शाता है।

    5. बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर-नवंबर 2025)

    बिहार विधानसभा चुनाव ने भारतीय राजनीति में एक नई दिशा तय की। एनडीए (नीतीश कुमार) और महागठबंधन (तेजस्वी यादव) के बीच यह मुकाबला था। एनडीए ने 202 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की, जिसमें बीजेपी ने 89 सीटें और जेडीयू ने 85 सीटें जीतीं। वहीं, महागठबंधन को केवल 30 सीटें ही मिलीं, जिससे विपक्षी गठबंधन में गहरी दरारें पैदा हुईं। इस परिणाम ने न केवल बिहार में सत्ता को बनाए रखा, बल्कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में फिर से स्थापित किया और 2029 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय कर दी।

    साल 2025 ने भारतीय राजनीति को कई अहम मोड़ों से गुजरते हुए नया आकार दिया। इन घटनाओं ने न केवल सत्तारूढ़ दलों को नई दिशा दी, बल्कि विपक्ष की रणनीति और एकजुटता को भी परख लिया। आगामी चुनावों में इन घटनाओं के प्रभाव को महसूस किया जाएगा, जो भारतीय राजनीति के अगले अध्याय का निर्धारण करेंगे।