इसी जरूरत को देखते हुए 70 नए पुजारियों की भर्ती का प्रस्ताव तैयार किया गया, जिसे 13 दिसंबर को मणिराम छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी बैठक में मंजूरी दी गई। ट्रस्ट का मानना है कि नए पुजारियों की नियुक्ति से मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना का क्रम बिना किसी बाधा के पूरे दिन संचालित किया जा सकेगा।वर्तमान स्थिति की बात करें तो राम मंदिर में इस समय कुल 20 पुजारी कार्यरत हैं। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र नाथ शास्त्री के निधन के बाद चार वरिष्ठ पुजारी पहले से सेवाएं दे रहे थे। इसके बाद पुजारी प्रशिक्षण योजना के तहत 24 युवकों को प्रशिक्षित किया गया था, हालांकि नियुक्ति पत्र न मिलने और मानदेय से जुड़े विवादों के कारण यह मामला काफी समय तक उलझा रहा।
बाद में ट्रस्ट ने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और निर्धारित मानदेय देकर मुक्त कर दिया, जिससे कई पुजारी निराश हो गए। कुछ महीनों बाद उन्हीं प्रशिक्षित पुजारियों में से पहले 10, फिर 6 को सशर्त नियुक्ति पत्र दिए गए, जबकि 4 को पूरी तरह बाहर कर दिया गया। इस तरह वर्तमान में कुल 20 पुजारी राम मंदिर परिसर में सेवाएं दे रहे हैं।इन 20 पुजारियों को रामलला और राम दरबार के अलावा शेषावतार मंदिर, परकोटे के छह मंदिरों, सप्त मंडपम, यज्ञमंडप और कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। कार्यभार अधिक होने के कारण ड्यूटी को सुबह और शाम की पालियों में बांटा गया है।ड्यूटी व्यवस्था में अब हिंदी पंचांग के अनुसार अमावस्या और पूर्णिमा के आधार पर बदलाव किया जाता है। 10-10 पुजारियों की दो टीमें बनाई गई हैं, जिनमें से एक टीम रामलला में और दूसरी राम दरबार में पूजा करती है। अगले दिन रोस्टर के अनुसार दोनों टीमें अपनी जगह बदल लेती हैं।
फिलहाल पुजारियों की कमी के कारण शेषावतार, परकोटा, सप्त मंडपम और कुबेर टीला में पूजा केवल सीमित समय के लिए ही हो पा रही है। यहां सुबह और शाम की आरती के बीच लंबे समय तक मंदिरों के पट बंद रहते हैं। ट्रस्ट का मानना है कि यदि पर्याप्त पुजारी उपलब्ध हो जाएं तो सभी मंदिरों में पूरे दिन दर्शन और पूजा संभव हो सकेगी।आकलन के अनुसार, राम मंदिर परिसर के सभी मंदिरों में नियमित पूजा और दर्शन के लिए कम से कम 50 पुजारियों की तत्काल जरूरत है। तीन शिफ्टों में आठ-आठ घंटे की ड्यूटी के हिसाब से यह संख्या और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में 70 नए पुजारियों की भर्ती का फैसला आने वाले समय में श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
