वायर खींचना: छोटे बच्चों का खेलते समय ढीले या खुले तारों को खींचना, जिससे उन्हें ज़ोरदार झटका लगता है।


नई दिल्ली सर्दियों के मौसम में नहाने, कपड़े धोने या घरेलू कामों में हल्के गर्म पानी की जरूरत हर घर में होती है। इसी कारण कई लोग गीजर की जगह इमर्शन रॉड का उपयोग करते हैं क्योंकि यह किफायती होने के साथ-साथ आसानी से इस्तेमाल भी हो जाता है। लेकिन इसकी कीमत कम जरूर है पर ज़रा-सी लापरवाही जान तक ले सकती है।

हाल ही में यूपी के हाथरस जिले के नगला चौबे गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 3 साल की एक बच्ची खेलते-खेलते इमर्शन रॉड के तारों के संपर्क में आ गई और उसे जोरदार करंट लगा। अस्पताल पहुंचाने से पहले ही बच्ची की जान चली गई। इससे पहले देवरिया में भी एक महिला पानी गर्म करते समय करंट की चपेट में आकर मौत का शिकार हो गई थी। ऐसे कई हादसे हर साल होते हैं, जिनकी वजह सिर्फ इमर्शन रॉड के गलत या असावधान इस्तेमाल होती है। इसलिए आज जरूरत की खबर में हम समझेंगे-इमर्शन रॉड कितना खतरनाक हो सकता है इसे सुरक्षित तरीके से कैसे इस्तेमाल करें, और खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

इमर्शन रॉड क्या होता है और कैसे काम करता है?
इमर्शन रॉड एक पोर्टेबल इलेक्ट्रिक हीटिंग डिवाइस है, जो स्टेनलेस स्टील या कॉपर की कॉइल से बना होता है। इसका एक सिरा पानी में डाला जाता है और दूसरा प्लग के जरिए बिजली से जुड़ता है। जैसे ही बिजली प्रवाहित होती है, कॉइल गर्म होकर पानी को गर्म करना शुरू कर देती है। 1000–1500 वॉट की रॉड आमतौर पर 5–10 मिनट में पानी को गर्म कर देती है। लेकिन हमेशा ध्यान रखें-रॉड हवा में चालू न हो, वरना यह ओवरहीट होकर जल सकती है। इमर्शन रॉड से होने वाले खतरे ।


इमर्शन रॉड का सबसे बड़ा जोखिम है इलेक्ट्रिक शॉक।

यदि रॉड में कट जंग या वायरिंग में खराबी हो तो करंट सीधे पानी में फैल सकता है। मेटल बाल्टी में रॉड का इस्तेमाल करंट लगने की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है। रॉड को पानी में डाले बिना चालू करने पर कॉइल जल सकती है और फटने तक की नौबत आ सकती है।  ओवरहीटिंग के कारण प्लास्टिक बाल्टी पिघल सकती है, जिससे गंभीर चोट या जलने की घटना हो सकती है।

इमर्शन रॉड का उपयोग करते समय जरूरी सावधानियां ।


कुछ सरल नियम आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। हमेशा रॉड को पानी में डूबोकर ही स्विच ऑन करें। रॉड चालू रहते समय पानी या बाल्टी को हाथ न लगाएं।
बच्चों को इसके पास बिल्कुल न जाने दें। मेटल बाल्टी का उपयोग बिल्कुल न करें, प्लास्टिक बाल्टी ही इस्तेमाल करें। रॉड चालू होने पर हाथ गीले न हों और न ही गीली सतह पर खड़े हों।  पानी गर्म होने के बाद पहले प्लग निकालें, फिर ही रॉड को बाहर निकालें।

अगर करंट लग जाए तो क्या करें?

सबसे पहले घर का मेन स्विच ऑफ करें। प्रभावित व्यक्ति को हाथ से छूकर न बचाएं। लकड़ी या प्लास्टिक की किसी वस्तु से अलग करें। व्यक्ति बेहोश हो तो तुरंत CPR दें और एम्बुलेंस बुलाएं।
करंट का झटका दिल की धड़कन रोक सकता है, इसलिए मेडिकल सहायता तत्काल जरूरी है।

इमर्शन रॉड खरीदते समय किन चीजों पर ध्यान दें? 

ISI या BIS सर्टिफिकेशन जरूर देखें। यह सुरक्षा मानकों की पुष्टि करता है। वायर की गुणवत्ता मजबूत होनी चाहिए। पतला या ढीला वायर दुर्घटना की वजह बनता है। पावर रेटिंग 1000–1500 वॉट घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त है। मटेरियल स्टेनलेस स्टील या कॉपर की रॉड ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ होती है। थ्री-पिन प्लग और वाटरप्रूफ हैंडल होना चाहिए। इंडिकेटर लाइट से पता चलता है कि रॉड चालू है या नहीं। भरोसेमंद ब्रांड और कम-से-कम एक साल की वारंटी देखें। ऑनलाइन यूजर रिव्यू पढ़कर प्रोडक्ट की विश्वसनीयता जरूर जांचें।

इमर्शन रॉड की सफाई और देखभाल ।


हर 10–15 दिनों में कॉइल पर जमी सफेद परत को साफ करें। इसके लिए रॉड को नींबू के रस या सिरके में 20–30 मिनट भिगो दें और फिर ब्रश से हल्के हाथ से साफ करें। रॉड को हमेशा सूखा करके ही स्टोर करें और समय-समय पर प्लग तथा वायर की जांच करते रहें। कुछ आम सवाल-संक्षिप्त जवाब रॉड को चालू छोड़कर कहीं न जाएं-यह बेहद खतरनाक है। रॉड बिना पानी के चालू करना बिल्कुल गलत है। स्विच ऑफ करने के बाद 10 सेकंड रॉड को पानी में रहने दें। मेटल बाल्टी में रॉड कभी न इस्तेमाल करें। प्लास्टिक बाल्टी सुरक्षित है लेकिन ओवरहीटिंग से बचें।पुरानी रॉड को हर सीज़न शुरू होने से पहले टेक्नीशियन से चेक कराएं।थोड़ी सतर्कता और सही तरीके से उपयोग आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इमर्शन रॉड सुरक्षित है बस सावधानी अनिवार्य है।