पहले से क्षेत्र में तनाव को देखते हुए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पिछले हफ्ते तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित किए गए हुमायूं कबीर भी नमाज में शामिल हुए। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल बढ़ा दिया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आयोजकों ने करीब 1 हजार लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की थी, लेकिन भीड़ उससे कहीं अधिक थी। पड़ोस के प्लासी से आए लोगों ने करीब डेढ़ क्विंटल चावल से खिचड़ी बनाई। खाना बनाने वाली कमेटी के एक सदस्य ने कहा, ‘हम ये सवाब के लिए कर रहे हैं। पता नहीं कितने लोग आएंगे, लेकिन उन्हें खिलाना बड़ा पुण्य है।’
राजनीतिक बयानबाजियां तेज
नींव रखे जाने के बाद से बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनने वाली इस मस्जिद के लिए भारी चंदा आ रहा है। स्थल पर रखे दान-पात्र तेजी से भरते दिखे और डिजिटल योगदान के लिए क्यूआर कोड भी लगाए गए थे। नींव समारोह ने तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं पैदा की थीं। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सांप्रदायिक तुष्टिकरण का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि यह सारा मामला भाजपा के इशारे पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्र को ध्रुवीकृत करने की साजिश है। हुमायूं कबीर ने कहा कि वे सिर्फ लोगों की मांग पर ऐसा कर रहे हैं।
