पंजाब सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक शेखर द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल को यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जिला अमृतसर का चारदीवारी क्षेत्र वॉल्ड सिटीजिला रूपनगर का श्री आनंदपुर साहिब नगर और जिला बठिंडा का तलवंडी साबो नगर अब पंजाब राज्य के पवित्र शहर घोषित किए जाते हैं। यह दर्जा मिलने के बाद इन इलाकों में कई तरह की गतिविधियों पर नियंत्रण लागू होगा।सरकार ने सबसे पहले आबकारी विभाग को निर्देश जारी किए हैं। विभाग को कहा गया है कि इन तीनों पवित्र शहरों की नगरपालिका सीमाओं के भीतर शराब और उससे जुड़े सभी उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश तुरंत जारी किए जाएं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में मौजूद शराब के ठेकों को बंद करने या उन्हें शहर की सीमा से बाहर स्थानांतरित करने को लेकर भी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को भी इस फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। विभाग से अनुरोध किया गया है कि इन पवित्र शहरों में सिगरेट तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए जाएं। सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ धार्मिक वातावरण शुद्ध रहेगा बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।सरकार ने पशुपालन विभाग को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अमृतसर की वॉल्ड सिटी श्री आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो की नगरपालिका सीमाओं के भीतर मांस और उससे जुड़े उत्पादों की बिक्री व उपयोग पर रोक लगाने के आदेश जारी किए जाएं। इस कदम को खास तौर पर धार्मिक भावनाओं के सम्मान और पवित्र स्थलों की गरिमा बनाए रखने से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस फैसले को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्थानीय सरकार विभाग को भी अधिसूचना भेजी गई है। साथ ही अमृतसर रूपनगर और बठिंडा के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में इस निर्णय को जमीन पर उतारने के लिए जरूरी कदम उठाएं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही स्थानीय प्रशासन विस्तृत दिशा-निर्देश और नियमावली जारी करेगा।सरकार के इस फैसले को सिख धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों की पवित्रता से जोड़कर देखा जा रहा है। अमृतसर सिख धर्म का सबसे बड़ा केंद्र है जहां श्री हरमंदिर साहिब स्थित है। वहीं श्री आनंदपुर साहिब सिख इतिहास में खालसा पंथ की स्थापना का साक्षी रहा है जबकि तलवंडी साबो जिसे श्री दमदमा साहिब भी कहा जाता है सिखों के पांच तख्तों में से एक है। पंजाब सरकार का कहना है कि इन ऐतिहासिक और धार्मिक शहरों की आध्यात्मिक गरिमा बनाए रखने और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने के लिए यह फैसला समय की जरूरत था।
