यह विवाद अहमदाबाद की एक कंपनी मेसर्स स्ट्राटाटेक मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह कोल ब्लॉक आवंटन आदिवासी इलाकों में हो रहा है जहां पेड़ों और जमीनों की भारी कटाई की जा रही है। इस पर विरोध करते हुए स्थानीय आदिवासी समुदाय लंबे समय से शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी आवाज़ों को अनदेखा कर रही है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बिना किसी वैध अनुमति के और मनमाने तरीके से पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसके साथ ही हजारों आदिवासी परिवारों को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है बिना पुनर्वास की कोई व्यवस्था किए। सिंगरौली में आदिवासी परिवारों के खिलाफ पुलिस बल तैनात किया जा रहा है ताकि उनका विरोध कुचला जा सके। कांग्रेस ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया कानून के खिलाफ है और आदिवासी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन है।
इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एमपी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। कांग्रेस ने ट्वीट किया प्रधानमंत्री मोदी एक तरफ कहते हैं कि ‘एक पेड़ मां के नाम लगाओ और दूसरी तरफ वही मोदी अडानी को हजारों पेड़ काटने की अनुमति दे रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि सरकार आदिवासियों के खिलाफ दमनात्मक नीतियां अपना रही है जबकि वही लोग अपनी ज़मीन पर काबिज होते हुए भी अन्याय का शिकार हो रहे हैं।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने इस मामले की जांच की और पाया कि अडानी के लिए 2672 हेक्टेयर ज़मीन आवंटित की गई है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने यह भी कहा कि एक ओर जहां आदिवासी समुदायों को अपनी ज़मीन पर काबिज होने के लिए परेशान किया जाता है वहीं दूसरी ओर बड़े उद्योगपतियों को विशाल भूमि और जंगल की छूट दी जा रही है।
इस विवाद में एक और गंभीर आरोप यह है कि आदिवासी लोगों को अपने घरों से बेदखल किया जा रहा है जबकि सरकार ने किसी तरह का पुनर्वास या मुआवजा नहीं दिया है। सिंगरौली में स्थानीय लोग लंबे समय से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब प्रशासन ने इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है। यह स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है क्योंकि आदिवासी समुदाय के लोग अपनी ज़मीन और जीवन का अधिकार बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इस मामले को लेकर एमपी कांग्रेस ने सरकार से जवाब की मांग की है और यह सुनिश्चित करने की बात की है कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन न हो। साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि जब तक पेड़ों की कटाई और आदिवासियों का शोषण बंद नहीं होता उनका विरोध जारी रहेगा।
