नई दिल्ली । माइग्रेन सिरदर्द का एक गंभीर रूप है जो सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। यह न केवल व्यक्ति की कार्य क्षमता को प्रभावित करता है बल्कि जीवनशैली को भी चुनौतीपूर्ण बना सकता है। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में तेज दर्द मतली उल्टी तेज रोशनी और शोर से परेशानी जैसी समस्याएं होती हैं। यह आम सिरदर्द से कहीं अधिक होता है और कई बार माइग्रेन के लक्षण सामान्य सिरदर्द से बढ़कर हो सकते हैं। हालांकि माइग्रेन का इलाज दवाओं से किया जाता है लेकिन अगर कुछ लाइफस्टाइल बदलाव किए जाएं तो बिना दवा के भी राहत पाई जा सकती है।
माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने वाली आदतें अनहेल्दी डाइट
कुछ खाने-पीने की चीजें माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं जैसे चॉकलेट कैफीन शराब और कुछ प्रोसेस्ड फूड्स। अगर आप यह महसूस करते हैं कि इन चीजों के सेवन से आपका माइग्रेन बढ़ता है तो इन्हें अपनी डाइट से हटा दें।
नींद की कमी
कम नींद या अत्यधिक नींद भी माइग्रेन का कारण बन सकती है। यदि आप नियमित रूप से नींद की कमी महसूस करते हैं तो दिन में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।
तनाव
मानसिक तनाव माइग्रेन के दर्द को और बढ़ा सकता है। इसलिए मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है। काम के दबाव और तनाव से बचने के लिए ध्यान योग या गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाई जा सकती हैं।
माइग्रेन से राहत के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव नियमित व्यायाम
हल्का-फुल्का व्यायाम जैसे योग स्विमिंग या चलना माइग्रेन से राहत देने में मदद कर सकता है। व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
हाइड्रेशन
शरीर में पानी की कमी से भी माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है। दिनभर में पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। यदि शरीर में पानी की कमी होती है तो सिरदर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
सही खानपान
सही और पोषण से भरपूर आहार लेना माइग्रेन की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। ताजे फल हरी सब्जियां साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। कैफीन और शराब से बचें।
नींद का पैटर्न ठीक करें
एक नियमित सोने का समय बनाएं और रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें। सही समय पर सोना और जागना आपके शरीर को आराम देने के लिए महत्वपूर्ण है।
तनाव कम करें
तरीका है तनाव कम करना। ध्यान प्राणायाम गहरी सांस लेने की तकनीकें और हल्की-फुल्की चहलकदमी करने से मानसिक तनाव कम हो सकता है। इसके अलावा आपको जो पसंदीदा एक्टिविटी करें जैसे किताबें पढ़ना या संगीत सुनना वह भी तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
कर्मस्थल पर आराम
लंबे समय तक कंप्यूटर या स्मार्टफोन का उपयोग माइग्रेन का कारण बन सकता है। इसलिए यदि आप लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करते हैं तो आंखों को आराम देने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लें। माइग्रेन एक गंभीर समस्या हो सकती है लेकिन अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ छोटे बदलाव करते हैं तो आप बिना दवा के भी इससे राहत पा सकते हैं। सही खानपान पर्याप्त नींद नियमित व्यायाम और तनावमुक्त जीवन के साथ माइग्रेन के दर्द को कम किया जा सकता है। इन सरल उपायों को अपनाकर आप बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं और माइग्रेन को नियंत्रित कर सकते हैं।
