Author: bharati

  • मध्य प्रदेश में खाद संकटकिसानों का प्रदर्शन तेज़यूरिया की कमी बनी बड़ी चुनौती

    मध्य प्रदेश में खाद संकटकिसानों का प्रदर्शन तेज़यूरिया की कमी बनी बड़ी चुनौती


    भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर खाद संकट ने गंभीर रूप ले लिया हैजिससे राज्य के किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रबी सीजन में यूरिया की बढ़ती मांग और आपूर्ति में कमी ने किसानों को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है। हाल ही में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में खाद की किल्लत को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शनशुरू कर दिया। प्रमुख जिलों जैसे छतरपुरटीकमगढ़अशो नगरशिवपुरीरतलामऔर अन्य क्षेत्रों में खाद की भारी कमी महसूस की जा रही हैऔर इस स्थिति को लेकर किसान रातभर लंबी कतारों में खड़े होकर यूरिया पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

    मध्य प्रदेश में कुल 145 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुआई की जा चुकी है। गेहूं और चना जैसी फसलों में सिंचाई का काम चल रहा हैजिसके कारण यूरिया की मांग अत्यधिक बढ़ गई है। राज्य में कुल 23 लाख टन यूरिया की आवश्यकता हैलेकिन अब तक केवल 16 लाख टन यूरिया ही उपलब्ध कराया जा सका है। यह कमी अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैक्योंकि यूरिया की किल्लत से उनकी फसल की वृद्धि और उपज पर गंभीर असर पड़ सकता है।

    टीकमगढ़ जिले में खाद की कमी के खिलाफ किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। खरगापुर में किसानों ने सड़क पर लेटकर चक्काजाम कियाजिससे खरगापुर-पलेरा मार्ग पर यातायात बाधित हो गया। किसानों का आरोप है कि खाद के लिए सरकार के दावों और जमीनी हकीकत में भारी अंतर है। सरकार यह दावा कर रही है कि खाद की कमी नहीं है और आवश्यकतानुसार आपूर्ति की जा रही हैलेकिन किसानों की परेशानियों को देखकर यह दावा गलत साबित हो रहा है।

    रतलाम जिले में स्थिति और भी गंभीर हैजहां किसानों ने नकद वितरण केंद्र के बाहर रात नौ बजे से डेरा जमा लिया। यूरिया के लिए इन किसानों का संघर्ष सिर्फ खाद तक ही सीमित नहीं हैबल्कि यह उनके जीवन-यापन और फसलों की भविष्यवाणी से भी जुड़ा हुआ है। शादी-ब्याह के मौसम में जब पूरे परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान खाद के लिए लाइनों में खड़े हैंतो यह स्थिति कितनी गंभीर हो सकती हैइसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

    खाद संकट से जूझ रहे किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद नहीं मिलातो रबी फसलों की उपज पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। यूरिया की कमी के कारण किसान अपनी फसलों को सही तरीके से उर्वरित नहीं कर पा रहे हैंजिससे उनकी फसलें कमजोर हो सकती हैं। इससे उनकी आय पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगाजो पहले से ही मुश्किलों में घिरे हुए हैं।

    सरकार के अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि खाद की आपूर्ति की कोई कमी नहीं है और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगालेकिन वास्तविकता यह है कि खाद की आपूर्ति और मांग के बीच अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या सरकार जल्द इस संकट को हल कर पाएगीया फिर किसानों को और अधिक संघर्ष करना पड़ेगा?

    कुल मिलाकरमध्य प्रदेश के किसानों का खाद के लिए संघर्ष इस बात का प्रतीक है कि कृषि क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और आपूर्ति व्यवस्था में सुधार की सख्त आवश्यकता है। राज्य सरकार को खाद संकट को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगेताकि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके और वे अपनी फसलों को सुरक्षित तरीके से उगा सकें। यदि इस संकट का समाधान नहीं किया गयातो यह न केवल किसानों के लिएबल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट भू-माफिया के बढ़ते प्रभाव और जमीन सुरक्षा पर अहम टिप्पणी

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट भू-माफिया के बढ़ते प्रभाव और जमीन सुरक्षा पर अहम टिप्पणी

    जबलपुर । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में भू-माफिया और जमीन की सुरक्षा के मामले में अहम टिप्पणी की हैजिससे यह स्पष्ट होता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में भू-माफिया का प्रभाव बढ़ रहा है और अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखना अब एक गंभीर चुनौती बन गया है। जबलपुर में न्यायमूर्ति हिमांशु जोशी की एकलपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखना बहुत कठिन हो गया है।

    आजकल देश के विभिन्न हिस्सों में भू-माफिया सक्रिय हैंजो अवैध तरीके से जमीनों पर कब्ज़ा करनेबिक्री करने या फिर उन पर धोखाधड़ी करने का काम करते हैं। यह स्थिति उन लोगों के लिए और भी जटिल हो जाती है जो अपनी संपत्ति से दूर रहते हैंया जिनके पास नियमित रूप से अपनी जमीन की देखरेख करने का समय या साधन नहीं होता। यह मुद्दा केवल व्यक्तिगत अधिकारों से जुड़ा नहीं हैबल्कि देश की भूमि व्यवस्था और कानूनी सुरक्षा के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक विशेष मामले में यह कहा कि अपीलकर्ता एक मां जो अपनी नाबालिग बेटी के नाम पर जमीन बेचना चाहती थीवह अपनी संपत्ति से दूर रहने के कारण उस जमीन की देखभाल नहीं कर सकती थी। कोर्ट ने अपीलकर्ता को जमीन बेचने की अनुमति देते हुए यह शर्त रखी कि बिक्री से प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत नाबालिग बेटी के नाम एक राष्ट्रीयकृत बैंक में एफडी फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा किया जाएगा। यह राशि तब तक नहीं निकाली जा सकेगी जब तक नाबालिग का वयस्क होने की उम्र नहीं हो जाती। कोर्ट ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि नाबालिग की संपत्ति सुरक्षित रहे और उसका भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

    इस फैसले से एक महत्वपूर्ण संदेश मिलता है कि कोर्ट सिर्फ कानूनी अधिकारों की रक्षा नहीं करताबल्कि बच्चों और नाबालिगों की संपत्ति के प्रति भी संवेदनशील है। यह फैसला इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हैजो यह सुनिश्चित करता है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा की जाएसाथ ही उनके भविष्य की वित्तीय सुरक्षा भी बनी रहे।

    इसके अलावाकोर्ट ने यह भी माना कि अपीलकर्ता अपनी जमीन से सैकड़ों मील दूर रहती है और उसके लिए जमीन की देखभाल करना नियमित रूप से संभव नहीं है। यह स्थिति उन लोगों के लिए सामान्य है जो रोजगार या अन्य कारणों से अपने मूल स्थान से दूर रहते हैंलेकिन ऐसे मामलों में उनके लिए अपनी संपत्ति की सुरक्षा और देखरेख करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसे में कोर्ट ने जमीन बेचने की अनुमति दीलेकिन साथ ही नाबालिग की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त कदम उठाए।

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का यह निर्णय भू-माफिया की बढ़ती सक्रियता और जमीनों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि कैसे कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा की जा सकती हैबल्कि बच्चों और नाबालिगों की संपत्ति की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।

    अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे फैसले पूरे देश में भू-माफिया के खिलाफ एक प्रभावी कदम साबित हो सकते हैं? क्या इस तरह के फैसलों से भू-माफिया की गतिविधियों पर रोक लगाना संभव होगाया फिर इसे और जटिल बनाने के बजाय इसे और अधिक बढ़ावा मिलेगा? फिलहालकोर्ट के फैसले से यह साफ है कि भू-माफिया के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई और जागरूकता आवश्यक है ताकि नागरिकों की संपत्ति को सुरक्षित रखा जा सके।

    इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जमीनों की बढ़ती कीमतें और अवैध कब्ज़े की बढ़ती घटनाओं के कारण आम आदमी के लिए अपनी संपत्ति की रक्षा करना और भी मुश्किल हो गया है। सरकार और न्यायपालिका को इस दिशा में और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों को उनके अधिकारों की रक्षा मिल सके और भू-माफिया पर नियंत्रण पाया जा सके।

  • इंदौर से धार तक नई ब्राडगेज रेल सेवामार्च 2026 तक शुरू होने की उम्मीद

    इंदौर से धार तक नई ब्राडगेज रेल सेवामार्च 2026 तक शुरू होने की उम्मीद


    इंदौर।
    इंदौर और धार के बीच नई ब्राडगेज रेल लाइन परियोजना के तहत 17 साल के लंबे इंतजार के बाद 2026 में पहली बार ट्रेन चलने की संभावना जताई जा रही है। इस परियोजना का भूमिपूजन वर्ष 2008 में किया गया था और इसके बाद से ही इस पर काम जारी था। अब रेलवे विभाग का दावा है कि मार्च 2026 तक इंदौर से धार के बीच ट्रेन सेवा शुरू हो सकती है। हालांकिनिर्माण कार्य की गति और जमीनी हकीकत को देखते हुए इसे लेकर कुछ संशय भी बना हुआ हैऔर हो सकता है कि इस योजना में छह महीने की और देरी हो।
    इस परियोजना के तहत कुल 204.76 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाई जा रही हैजो इंदौर से दाहोद तक फैली हुई है। इस परियोजना के हिस्से के तौर पर इंदौर से टीही 21 किमी और दाहोद से कटवारा 11.30 किमी खंड का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है। इस रूट पर ट्रेन सेवा की शुरुआत से न केवल इंदौर और धार के बीच यात्रा का समय घटेगाबल्कि आदिवासी बहुल क्षेत्र धार में पहली बार रेलवे सेवा का लाभ भी मिलेगा।

    रेलवे अधिकारियों का कहना है कि फरवरी 2026 तक इस परियोजना के तहत टनल का काम पूरा कर लिया जाएगा। टनल का निर्माण इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हिस्सा हैजिसके कारण पहले ही निर्माण कार्य में देरी हुई है। रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के अधिकारियों ने इस काम को प्राथमिकता दी है और इसके लिए एक टाइमलाइन तय कर काम किया जा रहा हैजिसमें हर दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है। इसके बावजूदपरियोजना की गति को देखकर ऐसा लगता है कि ट्रेन सेवा में और कुछ समय की देरी हो सकती है।

    इस रेलवे परियोजना का महत्व सिर्फ इस क्षेत्र के लिए नहींबल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए बहुत बड़ा है। इंदौर और धार के बीच यात्रा के समय में बड़ी कमी आएगीजिससे व्यापारपरिवहन और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ हीआदिवासी क्षेत्रों में रेलवे सेवा का विस्तार स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार और विकास के नए अवसरों की संभावनाएं खोलेगा। इस रेलवे परियोजना से इंदौर के साथ ही धारझाबुआऔर आसपास के क्षेत्रों में भी विकास की गति तेज हो सकती है।

    हालांकिपरियोजना की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि रेलवे निर्माण कार्य समय पर पूरा हो और किसी भी प्रकार की और देरी न हो। टनल निर्माण के अलावाट्रैकस्टेशन और अन्य आवश्यक सुविधाओं की भी समय पर व्यवस्था की जानी जरूरी हैताकि ट्रेन सेवा बिना किसी परेशानी के शुरू हो सके। इस परियोजना में देरी के कारण पहले ही लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा हैलेकिन अगर यह समय पर पूरी होती है तो यह क्षेत्र के विकास और यात्रियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

    कुल मिलाकरइंदौर से धार के बीच ट्रेन सेवा का आरंभ इस क्षेत्र की यात्रा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। 17 वर्षों के लंबे इंतजार के बादअगर यह परियोजना समय पर पूरी होती हैतो यह न केवल मध्य प्रदेश के लिएबल्कि देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक मॉडल बन सकती हैजहां लंबी देरी के बावजूद इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता है।

  • जज साहब के घर से 2 सेब चोरी, पड़ोसी मुल्क में अजब-गजब मामला; पुलिस महकमा जांच में जुटा

    जज साहब के घर से 2 सेब चोरी, पड़ोसी मुल्क में अजब-गजब मामला; पुलिस महकमा जांच में जुटा


    नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुन कर आप भी अपना सिर पकड़ लेंगे। हाल ही में यहां की पुलिस ने 2 सेब चोरी होने पर FIR दर्ज कर लिया और पूरा महकमा इस मामले की जांच में भी जुट गया है। मामला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है। पाक के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने मामले पर तंज कसते हुए इसे पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा चोरी का मामला कहा है।
    जानकारी के मुताबिक लाहौर में एक सेशंस जज के चेंबर से 2 सेब और एक हैंडवाश की बोतल की चोरी हो गई। इसके बाद पंजाब प्रांत की पुलिस एक्शन में आ गई। पुलिस ने मंगलवार को बताया है कि FIR लाहौर के इस्लामपुरा पुलिस स्टेशन में जज के रीडर की शिकायत पर दर्ज की गई है। वहीं रीडर ने कहा है कि जज ने खुद उसे शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया था।
    FIR के मुताबिक 5 दिसंबर को एडिशनल सेशंस जज नूर मुहम्मद बसमल के चैंबर से दो सेब और एक हैंडवॉश की बोतल चोरी हो गई थी। इसमें कहा गया है कि चोरी हुए सामान की कुल कीमत 1,000 पाकिस्तानी रुपए हैं। लाहौर पुलिस ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 380 के तहत मामला दर्ज किया है। इस धारा के तहत, दोषी को सात साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

  • कर्नाटक में टीपू जयंती को लेकर फिर सियासी विवाद, कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में मनाने की मांग रखी

    कर्नाटक में टीपू जयंती को लेकर फिर सियासी विवाद, कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में मनाने की मांग रखी


    नई दिल्‍ली । कर्नाटक में टीपू की जयंती को लेकर विवाद फिर भड़क गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक शिवानंद कशप्पनवार ने 18वीं सदी के मैसुरू शासक की जयंती के आयोजन को लेकर कर्नाटक विधानसभा में ध्यानार्षण प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सिद्धरमैया ने इस परंपरा की शुरुआत की थी। हालांकि, इस मुद्दे पर कोडागु समेत विभिन्न स्थानों पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस परंपरा पर विराम लगा दिया गया था। कोडागु में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। प्रदर्शनों के बाद टीपू की जयंती बेहद सादगी से मनाई गई और बाद में धीरे-धीरे इसे स्थगित कर दिया गया।

    अब हुंगुंड विधायक ने एक बार फिर इसे तूल दिया है। कशप्पनवर चाहते हैं कि सरकार टीपू की जयंती को प्रायोजित करे, जिस पर विपक्षी भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने कहा है कि वह इसका कड़ा विरोध करेगी। कशप्पनवर ने कहा कि उन्होंने टीपू की जयंती के आयोजन को लेकर प्रस्ताव दिया है। हमें राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा ने खुद टीपू की तरह पोशाक धारण की और जयंती समारोह में शामिल हुए।

    कांग्रेस विधायक का क्या है तर्क
    कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘जब उन्हें जरूरत थी तब उन्होंने इसे मनाया, लेकिन अब वे नहीं चाहते कि टीपू जयंती को मनाया जाए, लेकिन हम चाहते हैं कि इसका आयोजन हो।’ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने पत्रकारों से कहा, ‘वे चाहे टीपू जयंती मनाए, ओसामा बिन लादेन का जन्मदिन और पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस मनाए। यह उनकी सरकार है। जनता को पता चल जाएगा कि उनका झुकाव किसकी तरफ है।’

    किस तरह की आई प्रतिक्रिया
    कर्नाटक के वक्फ और आवास मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने कहा कि वह टीपू जयंती का आयोजन करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘देश भर में टीपू अनुयायी टीपू जयंती का आयोजन करते आ रहे हैं। हमने भी पिछले महीने इसका आयोजन किया था। सिद्धारमैया इसे विधान सौध के बैंक्वेट हॉल में आयोजित किया करते थे, जिसे अब रोक दिया गया है। जब वहां इसका आयोजन बंद कर दिया गया है, क्या हमें इसे कहीं और आयोजित नहीं करना चाहिए।’

  • एडिलेड ओवल: तीसरे टेस्ट से पहले पैट कमिंस होंगे ऑस्ट्रेलिया के कप्तान, मैच 17 दिसंबर से

    एडिलेड ओवल: तीसरे टेस्ट से पहले पैट कमिंस होंगे ऑस्ट्रेलिया के कप्तान, मैच 17 दिसंबर से


    नई दिल्‍ली । एशेज सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच एडिलेड ओवल में 17 दिसंबर से खेला जाना है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। टीम के कप्तान की वापसी टीम में हो गई है। पैट कमिंस अब तीसरे मैच के लिए टीम में शामिल कर लिए गए हैं। ऐसे में स्टीव स्मिथ की जगह अब रेगुलर कैप्टन पैट कमिंस एशेज सीरीज के बाकी बचे मैचों में कप्तानी करते नजर आएंगे। पैट कमिंस के रूप में एकमात्र बदलाव ऑस्ट्रेलिया की टीम में हुआ है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 15 सदस्यीय टीम की घोषणा इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले तीसरे मुकाबले के लिए कर दी है।

    पैट कमिंस पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस इंजरी की वजह से एशेज के पहले दो टेस्ट नहीं खेल पाए थे। हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा नहीं खली, क्योंकि इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया ने दोनों टेस्ट मैचों में हराया। पैट कमिंस ने इस साल जुलाई में सबीना पार्क में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद से कोई कॉम्पिटिटिव क्रिकेट नहीं खेला है। करीब 5 महीने के बाद वे प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलते हुए नजर आएंगे। ऑस्ट्रेलिया अभी एशेज में 2-0 से आगे है, तीन टेस्ट खेले जाने बाकी हैं और वे अगले हफ्ते एडिलेड ओवल में एशेज ट्रॉफी को अपने पास रखने की कोशिश करेंगे।

    तीसरे टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया टीम
    पैट कमिंस (कप्तान), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, ब्रेंडन डॉगेट, कैमरन ग्रीन, ट्रैविस हेड, जोश इंग्लिस, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, माइकल नेसर, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, जेक वेदरल्ड और ब्यू वेबस्टर

    ऑस्ट्रेलिया ने बाकी बचे तीन मैचों में से एक भी मुकाबला जीत लिया तो फिर एशेज ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया की हो जाएगी, जबकि इंग्लैंड को सीरीज जीतने के लिए बाकी बचे तीनों मैचों में जीत दर्ज करनी होगी। अगर एक भी मैच ड्रॉ रहता है तो फिर कम से कम इंग्लैंड की टीम ये ट्रॉफी नहीं जीत पाएगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम ट्रॉफी हारेगी नहीं। ऐसे में यहां से इस सीरीज का हर एक मैच दिलचस्प होगा। इंग्लैंड की निगाहें सबसे पहले तो सीरीज में जीवित रहने की होंगी। अगर वे एडिलेड में हार गए तो फिर उनके लिए ये सीरीज समाप्त हो जाएगी।

  • धुरंधर के बाद इन 6 फिल्मों से धमाका करने वाले हैं अक्षय खन्ना

    धुरंधर के बाद इन 6 फिल्मों से धमाका करने वाले हैं अक्षय खन्ना

    मुंबई। साल 2025 अक्षय खन्ना के नाम रहा। उन्होंने छावा और धुरंधर दोनों ही फिल्मों में अपनी एक्टिंग की ऐसी छाप छोड़ी कि लीड एक्टर फीके पड़ गए। अक्षय नए साल में भी अपनी फिल्मों से धमाका करने वाले हैं। आने वाले दिनों में अक्षय और भी शानदार किरदार अपनी ऑडियंस के सामने लाने वाले हैं।
    ये हैं अक्षय खन्ना की आने वाली फिल्में
    साल 2025 का ये आखिरी महीना है। इस साल कई हिंदी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाका किया। लेकिन जिन फिल्मों की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो साल की शुरुआत में आई छावा और साल के अंत में आई धुरंधर है। खास बात ये है कि दोनों की फिल्मों के विलेन अक्षय खन्ना थे। अब आने वाली इन फिल्मों से धमाका करने वाले हैं।
    अक्षय खन्ना

    अक्षय खन्ना ने धुरंधर में रहमान डकैत का किरदार निभाकर कमाल कर दिया है। हाल में चर्चा में चल रही इस फिल्म में उनके किरदार को पसंद किया जा रहा है। हालांकि, इसी पार्ट में उनकी मौत भी हो जाती है। लेकिन एक्टर के विकिपीडिया के हिसाब से अक्षय, धुरंधर 2 में भी नजर आएंगे। उनके किरदार की कुछ झलक होगी या पूरा किरदार ये देखने में मजा आने वाला है।
    दृश्यम 3

    अगले साल 2 अक्टूबर को अजय देवगन की फिल्म दृश्यम 3 में भी अक्षय खन्ना का किरदार दमदार नजर आने वाला है। दृश्यम 2 में भी उनका किरदार पसंद किया गया था। लेकिन अगली फिल्म सस्पेंस से पर्दा हटाने वाली होगी।
    इक्का

    आने वाले दिनों में अक्षय खन्ना एक फिल्म में नजर आएंगे जिसका नाम इक्का बताया गया है। ये फिल्म थिएटर पर नहीं बल्कि सीधे नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। खास बात ये है कि इस फिल्म में एक्टर सनी देओल के साथ नजर आएंगे। सनी देओल के साथ उन्होंने फिल्म बॉर्डर में काम किया था। ये दोनों की दूसरी फिल्म होगी।
    महाकाली

    अक्षय खन्ना आने वाले दिनों में अपना तेलुगू फिल्मों में भी डेब्यू करने वाले हैं। एक्टर को फिल्म महाकाली में शुक्राचार्य के किरदार में देखा जाएगा। उनके किरदार की झलक भी सामने आई थी। फिलहाल फिल्म की शूटिंग चल रही है।
    सेक्शन 84

    सेक्शन 84 नाम की फिल्म बन रही है। बताया जा रहा है इस फिल्म में अहम किरदार निभाने के लिए अक्षय खन्ना से बातचीत की जा ऋ है। ये एक इंटेंस रोल बताया जा रहा है। अगर कास्टिंग को लेकर बातचीत बन गई तो अक्षय खन्ना की फिल्मोग्राफी में ये फिल्म भी जुड़ने वाली है।
    बेनाम फिल्म

    अक्षय खन्ना की फिल्मोग्राफी में एक ऐसी फिल्म भी शामिल है जिसका नाम सामने नहीं आया है। ये एक स्पाई थ्रिलर होगी जिसमें अक्षय विलेन के किरदार में नजर आएंगे। ये उनका सबसे शानदार किरदार बताया जा रहा है।

  • खतरों के खिलाड़ी 15 में दिखेंगे अभिषेक, दिग्विजय और बसीर सहित फरहाना

    खतरों के खिलाड़ी 15 में दिखेंगे अभिषेक, दिग्विजय और बसीर सहित फरहाना


    मुंबई। बिग बॉस के बाद अब टीवी ऑडियंस के लिए रोहित शेट्टी अपना शो खतरों के खिलाड़ी 15 लेकर आ रहे हैं। टीवी का सबसे पॉपुलर स्टंट बेस्ड एडवेंचर शो अब नए कंटेस्टेंट के साथ धमाका करने के लिए तैयार है। ये शो एक साल के गैप के बाद टीवी पर आने वाला है ऐसे में ऑडियंस ज्यादा एक्साइटेड है। अब शो में नजर आने वाले कंटेस्टेंट से जुड़ी खबर सामने आ रही है। इस बार खतरों के खिलाड़ी का ये सीजन एंटरटेनमेंट दुनिया के सबसे मशहूर सेलेब्रिटीज के साथ होगा।
    खतरों के लिए कंटेस्टेंट के नाम

    रिपोर्ट की मानें तो इस बार खतरों के खिलाड़ी में बिग बॉस 18 के अविनाश मिश्रा, चुम दरांग, दिग्विजय राठी, श्रुतिका अर्जुन और इस बिग बॉस 19 से अभिषेक बजाज, बसीर अली, नेहल चुडासमा, फरहाना भट्ट और प्रणित मोरे जैसे सेलेब्स नजर आ सकते हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी नाम की पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन इन सभी सेलेब्स को एक शो में देखना मजेदार होने वाला है।
    जनवरी में हो रहा है शुरू

    एक साल के गैप के बाद खतरों के खिलाड़ी की वापसी, दमदार सेलेब्रिटी लाइनअप और रोहित शेट्टी की होस्टिंग, इन सबके चलते शो को अब तक का सबसे बड़ा और चर्चित सीजन माना जा रहा है।

    बताया जा रहा है कि नए सीजन की शुरुआत जनवरी 2026 में हो सकती है। कुछ नए नाम भी इस शो से जुड़ सकते हैं। बिग बॉस में झगड़ते नजर आए इन कंटेस्टेंट को खतरों के शो में देखना मजेदार होने वाला है।
    खतरों के खिलाड़ी 14 हुआ था हिट

    बता दें, रोहित शेट्टी के इस शो का पिछला सीजन साल 2023 में आया था। खतरों के खिलाड़ी 14 में टाइगर श्रॉफ की बहन कृष्णा श्रॉफ, शालीन भनोट, अभिषेक कुमार, गश्मीर महाजनी, शिल्पा शिंदे और आसिम रियाज जैसे सेलेब्स नजर आए थे। वहीं करणवीर मेहरा इस सीजन के विनर बने थे। बाद में उन्होंने बिग बॉस 18 का खिताब भी जीता था। अब नए सीजन का इंतजार हो रहा है।

  • हुमायूं कबीर का दावा: 2026 में बनूंगा किंगमेकर, मेरी पार्टी के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी

    हुमायूं कबीर का दावा: 2026 में बनूंगा किंगमेकर, मेरी पार्टी के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी


    कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद वह ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि उनके प्रस्तावित नए राजनीतिक दल के समर्थन के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती। कबीर ने दावा किया कि 2026 में न तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और न ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा छू पाएगी। कबीर ने कहा कि उनका अनुमान है कि 294 सदस्यीय विधानसभा में कोई भी पार्टी 148 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।

    उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘चुनाव के बाद मैं किंगमेकर बनूंगा। मेरे समर्थन के बिना कोई भी सरकार नहीं बना सकता।’ उन्होंने संकेत दिया कि उनकी नई पार्टी की औपचारिक घोषणा 22 दिसंबर को की जाएगी। कबीर ने कहा, ‘मैंने कहा है कि मैं 135 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा। आप देखेंगे कि मैं जो पार्टी बनाऊंगा, वह इतनी सीटें जीतेगी कि जो भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा, उसे मेरी पार्टी के विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी।’

    यह पूछे जाने पर कि क्या उनके संगठन का नाम ‘नेशनल कंजर्वेटिव पार्टी’ होगा, कबीर ने कहा, ‘मैं बाद में सब कुछ बताऊंगा। आपको 22 दिसंबर के बाद पता चल जाएगा।’ तृणमूल कांग्रेस ने पिछले सप्ताह हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया था।

    हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने उनके दावे का मजाक उड़ाया और कहा कि वह ‘दिवास्वप्न देख रहे हैं।’ तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अरूप चक्रवर्ती ने कहा, ‘हुमायूं कबीर दिवास्वप्न देख रहे हैं। सरकार बनाने की बात करने से पहले उन्हें अपनी जमानत बचाने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे निराधार दावे उनकी राजनीतिक हताशा को ही उजागर करते हैं।’

    करीब तीन करोड़ रुपये का चंदा मिला
    मुर्शिदाबाद में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद-शैली की मस्जिद के लिए मिले चंदे की राशि लगभग तीन करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। विधायक के सहयोगियों ने मंगलवार को यह दावा किया। कबीर के अनुसार, स्थल पर 12 दान पेटियां रखी गई थीं। अब तक इन पेटियों से 57 लाख रुपये की गिनती हुई है, जबकि क्यूआर कोड भुगतान के माध्यम से 2.47 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

  • ओडिशा: मलकानगिरी में महिला की सिर कटी लाश से भड़की हिंसा, दो समुदायों में झड़प, सोशल मीडिया बैन

    ओडिशा: मलकानगिरी में महिला की सिर कटी लाश से भड़की हिंसा, दो समुदायों में झड़प, सोशल मीडिया बैन


    नई दिल्‍ली । ओडिशा सरकार ने मलकानगिरी जिले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक एक बार फिर 18 घंटे के लिए बढ़ा दी है। अब यह प्रतिबंध 10 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक लागू रहेगा। जिले में एक महिला की सिर कटी लाश मिलने के बाद दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद यह कदम उठाया गया है। हिंसा में 163 मकान क्षतिग्रस्त हो गए तथा बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ।

    अफवाहें और भड़काऊ मैसेज रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहले 8 दिसंबर शाम 6 बजे से 9 दिसंबर शाम 6 बजे तक 24 घंटे का पूर्ण इंटरनेट शटडाउन लागू किया था। अब इसे आगे बढ़ाया गया है। गृह विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व व्हाट्सएप, फेसबुक और X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर झूठे, भड़काऊ और उत्तेजक मैसेज प्रसारित कर रहे थे, जिससे सार्वजनिक शांति और कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो गया था।

    मलकांगिरी कलेक्टर ने सोमवार शाम संवाददाताओं को बताया- दोनों समुदायों के बीच बातचीत के बाद स्थिति अब शांतिपूर्ण है। दोनों पक्षों ने अपने-अपने प्रतिनिधि नामित कर दिए हैं। शांति समिति की बैठक होगी। हमें उम्मीद है कि जल्द ही पूर्ण सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। प्रारंभिक आकलन के अनुसार हिंसा में 163 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने मृतका के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की है। मृतका के बेटे को तत्काल राहत के रूप में पहले ही 30 हजार रुपये दे दिए गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद सोमवार को ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

    अभी तक नहीं मिला कटा सिर
    महिला का कटा सिर अभी तक नहीं मिला है। वैज्ञानिक टीम, स्निफर डॉग दस्ता और ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और सिर की तलाश एवं सबूत जुटाने का काम जारी है। हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और शांति समिति की बैठक के बाद सामान्य जनजीवन जल्द बहाल करने की कोशिश की जाएगी।

    किसकी है लाश और कैसे शुरू हुआ बवाल?
    चार दिसंबर को राखेलगुडा गांव के पास नदी के किनारे से 51 वर्षीय विधवा लेक पदियामी का धड़ बरामद होने के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया था। यह झड़प रविवार दोपहर को हुई जब राखेलगुडा गांव के आदिवासियों ने कोरकुंडा सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बंगाली आबादी के इलाके एमवी-26 गांव पर कथित तौर पर हमला किया।

    पुलिस ने बताया कि भीड़ ने कम से कम एक दर्जन घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुछ वाहनों को नष्ट कर दिया तथा कम से कम चार घरों को आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि दो गांवों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जबकि समूचे मलकानगिरी में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

    मलकानगिरी बंगाली समाज के अध्यक्ष गौरांग कर्मकार के नेतृत्व में हजारों लोगों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और एमवी-26 गांव पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। संगठन ने प्रशासन को दी गई याचिका में कहा कि हमले के दौरान एमवी-26 गांव के अधिकांश निवासी भाग गए हैं।

    बड़ी संख्या में घुसपैठिये जिले में घुस आए
    एक अलग याचिका में जिला आदिवासी समाज महासंघ ने आरोप लगाया कि 1978 से 1980 के बीच बड़ी संख्या में घुसपैठिये जिले में घुस आए थे। उन्होंने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया और स्थानीय आदिवासियों का शोषण किया। इसमें मांग की गई कि पुलिस हत्या के आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करे और महिला का गायब सिर बरामद करे।

    जिला आदिवासी समाज महासंघ, मलकानगिरी के बैनर तले आदिवासियों ने एक याचिका में अवैध घुसपैठियों और महिला की हत्या करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत सरकार ने 1964 में मलकानगिरी जिले के 215 गांवों और नवरंगपुर जिले के उमरकोट और रायगढ़ के 65 गांवों में प्रवासी बंगाली परिवारों को बसाया था। ये बंगाली पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए थे।