Author: bharati

  • भोपाल में SIR प्रक्रिया के तहत 4.43 लाख मतदाताओं के नाम कटेआंकड़ा चौंकाने वाला

    भोपाल में SIR प्रक्रिया के तहत 4.43 लाख मतदाताओं के नाम कटेआंकड़ा चौंकाने वाला


    भोपाल ।भोपाल में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची का पुनरीक्षण चल रहा है। इस प्रक्रिया में अब तक 39 दिनों में 4 लाख 43 हजार 633 मतदाताओं के नाम कटने की संभावना जताई गई है। ये नाम मुख्य रूप से मृतशिफ्टेडअनुपस्थितडबल एंट्री और अन्य कारणों से कटे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित वह मतदाता हैं जिनके नाम ‘नो-मैपिंग’ सूची में थेजिनकी संख्या घटकर 1 लाख 35 हजार 765 रह गई है। इस पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर राजनीति में हलचल तेज हो गई हैऔर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने निर्वाचन आयोग से प्रक्रिया की पारदर्शिता की मांग की है।

    SIR प्रक्रिया और नाम कटने की वजह

    SIR प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को साफ और सही बनाना है ताकि चुनावों में कोई धोखाधड़ी न हो। इस दौरान मृतशिफ्टेड या अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैंऔर जिनका नाम डबल एंट्री के रूप में दर्ज हैउनका नाम भी हटाया जाता है। इन कदमों से सूची में वास्तविक और सक्रिय मतदाताओं की संख्या सुनिश्चित होती है।

    भोपाल में जिन 4.43 लाख मतदाताओं के नाम कटने की संभावना जताई गई हैउनमें से अधिकांश मृत और शिफ्टेड मतदाता हैंजिनकी जानकारी नियमित रूप से अपडेट नहीं की गई थी। इसके अलावाकई मतदाताओं के नाम डबल एंट्री के कारण भी कटने जा रहे हैं। इस प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग ने बूथ लेवल अधिकारी से सभी नामों की वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया है।

    राजनीतिक दलों का रुख और आयोग की प्रतिक्रिया

    चुनाव आयोग के आब्जर्वर ब्रजमोहन मिश्रा ने शुक्रवार को सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने इन नामों को वेरिफाई कराने का सुझाव दिया ताकि कोई भी मतदाता बिना वजह सूची से बाहर न हो जाए। आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि 18 दिसंबर तक गणना पत्रक जमा किए जाएं।

    हालांकिविधानसभा क्षेत्रों में जहां ज्यादा मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा हैआयोग ने कुछ क्षेत्रों में बीएलओ की कामकाजी स्थिति की भी समीक्षा की। नरेलामध्यगोविंदपुरा और हुजूर जैसी विधानसभाओं में बीएलओ के काम को और कड़ी निगरानी में रखने का निर्णय लिया गया थालेकिन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए।

    भविष्य की दिशा और चुनौती

    इस पुनरीक्षण प्रक्रिया से निश्चित रूप से मतदाता सूची में सुधार होगालेकिन इसके परिणामस्वरूप कुछ राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को असंतोष भी हो सकता हैविशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां नाम काटे गए हैं। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष रहेताकि भविष्य में कोई विवाद न उठे।

    इतना ही नहींराजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को भी मतदाता सूची में सुधार की इस प्रक्रिया को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिएक्योंकि यह चुनावी प्रणाली को मजबूत और निष्पक्ष बनाता है। अगर प्रक्रिया ठीक से लागू होती है तो यह चुनावों की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा और लोगों का विश्वास बनाए रखेगा।

  • सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के बीच 4 क्रिकेटर निलंबित… लगे भ्रष्टाचार के आरोप

    सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के बीच 4 क्रिकेटर निलंबित… लगे भ्रष्टाचार के आरोप


    गुवाहाटी।
    असम क्रिकेट संघ (एसीए) (Assam Cricket Association – ACA) ने चार क्रिकेटरों अमित सिन्हा, इशान अहमद, अमन त्रिपाठी और अभिषेक ठाकुरी को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 (Syed Mushtaq Ali Trophy 2025) के दौरान कथित भ्रष्ट आचरण में शामिल होने के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया है। इन खिलाड़ियों ने अलग-अलग चरण पर असम का प्रतिनिधित्व किया है और उनके खिलाफ राज्य पुलिस की अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर असम के कुछ खिलाड़ियों को प्रभावित करने और उकसाने का प्रयास का आरोप लगाया गया है जिन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हिस्सा लिया था।

    एसीए सचिव सनातन दास ने कहा, ‘‘आरोप सामने आने के बाद बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाई (एसीएसयू) ने जांच की। एसीए ने भी आपराधिक कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया इनके गंभीर कदाचार में शामिल होने के संकेत मिलते हैं जो खेल की अखंडता को प्रभावित करता है। ’’

    असम के सैयद मुश्ताक लीग मैच 26 नवंबर से आठ दिसंबर तक लखनऊ में आयोजित हुए थे और वह वर्तमान में जारी सुपर लीग चरण में प्रवेश करने में असफल रहा। दास ने कहा, ‘‘स्थिति के और अधिक बिगड़ने की किसी भी संभावना को रोकने के लिए उन्हें निलंबित किया गया है। निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक जांच का अंतिम परिणाम नहीं आ जाता या संघ द्वारा कोई और निर्णय नहीं लिया जाता। ’’

    निलंबन अवधि के दौरान इन खिलाड़ियों को एसीए, उसकी जिला इकाइयों या संबद्ध क्लबों द्वारा आयोजित किसी भी राज्य-स्तरीय टूर्नामेंट या मैच में भाग लेने से रोक दिया गया है। निलंबन के दौरान मैच रेफरी, कोच, अंपायर आदि के रूप में किसी भी क्रिकेट संबंधित गतिविधि में भाग लेना भी प्रतिबंधित है। दास ने कहा कि सभी जिला संघों को आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्लबों और अकादमियों को एसीए के निर्णय की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।

  • SBI के ग्राहकों के लिए लोन लेना हुआ सस्ता, 15 दिसंबर से लागू होंगी नई दरें

    SBI के ग्राहकों के लिए लोन लेना हुआ सस्ता, 15 दिसंबर से लागू होंगी नई दरें


    नई दिल्ली।
    देश के सबसे बड़े लेंडर स्टेट (India’s largest lender) बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India- SBI) ने अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। एसबीआई ने रिजर्व बैंक की पॉलिसी रेट (Reserve Bank’s policy rate) में कटौती के बाद अपनी लेंडिंग रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कमी की है, जिससे मौजूदा और नए कर्जदारों के लिए लोन सस्ता हो गया है। इस लेटेस्ट कटौती के साथ SBI का एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड रेट (EBLR) 25 बेसिस पॉइंट्स कम होकर 7.90% हो जाएगा। संशोधित दरें 15 दिसंबर, 2025 से लागू होंगी।


    MCLR में भी 5 बेसिस पॉइंट्स की कटौती

    बैंक ने सभी टेन्योर के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में भी 5 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। इस संशोधन के साथ, एक साल की मैच्योरिटी वाला MCLR मौजूदा 8.75% से घटकर 8.70% हो जाएगा। इसी तरह, एक साल की मैच्योरिटी दर क्रमशः 5 प्रतिशत सस्ती होकर 8.75% और 8.80% हो जाएगी। बैंक ने कहा कि उसने बेस रेट/BPLR को मौजूदा 10% से घटाकर 9.90% कर दिया है, जो 15 दिसंबर से प्रभावी होगा। इसके अलावा, बैंक ने 15 दिसंबर से प्रभावी दो साल से कम तीन साल की मैच्योरिटी के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट दर में भी 5 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके 6.40% करने का फैसला किया है। हालांकि, बैंक ने दूसरी मैच्योरिटी बकेट पर ब्याज दरें बरकरार रखी हैं। एसबीआई ने ‘444 दिन’ की खास स्कीम अमृत वृष्टि की ब्याज दर में भी कटौती की है। अब ब्याज दर 15 दिसंबर से 6.60 प्रतिशत से घटाकर 6.45 प्रतिशत कर दी गई है।


    इंडियन ओवरसीज बैंक का भी ऐलान

    एक और सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने भी 15 दिसंबर, 2025 से अपनी लेंडिंग रेट में कमी की घोषणा की है। IOB ने एक बयान में कहा कि बैंक ने अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) – खासकर रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 8.35% से 8.10% कर दिया है, जिससे पॉलिसी रेट में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। इसके अलावा, बैंक की एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी (ALCO) ने तीन महीने से लेकर तीन साल तक की सभी टेन्योर के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 5 बेसिस पॉइंट की कमी को मंजूरी दी है। बैंक ने कहा कि इन बदलावों से मौजूदा और नए दोनों तरह के कर्जदारों की इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (EMI) कम हो जाएगी, जिनके लोन इन बेंचमार्क से जुड़े हुए हैं।

  • IMP ने कसी पाकिस्तान पर नकेल… 7 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम के साथ जोड़ी 11 नई शर्तें

    IMP ने कसी पाकिस्तान पर नकेल… 7 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम के साथ जोड़ी 11 नई शर्तें


    इस्लामाबाद।
    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) ने पाकिस्तान (Pakistan) के लिए अपने 7 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम ($7 Billion Bailout program) के तहत 11 नई शर्तें जोड़ दी हैं। गुरुवार को जारी दूसरी समीक्षा की स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में शामिल इन शर्तों के बाद पिछले 18 महीनों में लगाई गई कुल शर्तों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। नई शर्तें पाकिस्तान के सुशासन ढांचे की पुरानी खामियों, व्यापक भ्रष्टाचार जोखिमों और घाटे वाले क्षेत्रों में सुधार से जुड़ी हैं।


    उच्च अधिकारियों की संपत्ति का सार्वजनिक खुलासा अनिवार्य

    सबसे अहम शर्तों में से एक यह है कि दिसंबर 2026 तक सभी उच्च स्तरीय केंद्रीय सिविल सेवकों (ग्रेड-19 और ऊपर) की संपत्ति घोषणाएं आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएंगी। आईएमएफ का कहना है कि इससे आय और संपत्ति में विसंगतियों का पता लगाना आसान होगा। सरकार ने प्रांतीय स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी यह नियम लागू करने का इरादा जाहिर किया है। बैंकिंग क्षेत्र को इन घोषणाओं की पूरी जानकारी दी जाएगी।


    भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला

    आईएमएफ ने अक्टूबर 2026 तक 10 सबसे अधिक जोखिम वाले विभागों में भ्रष्टाचार के खतरे को कम करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना जारी करने को कहा है। नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) इन योजनाओं का समन्वय करेगा। प्रांतीय एंटी-करप्शन संस्थाओं को वित्तीय खुफिया जानकारी प्राप्त करने और वित्तीय अपराधों की जांच क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। ये कदम आईएमएफ-प्रायोजित गवर्नेंस एंड करप्शन डायग्नोस्टिक असेसमेंट की सिफारिशों पर आधारित हैं, जिसमें पाकिस्तान के कानूनी, प्रशासनिक और निगरानी ढांचे में व्यापक कमियां उजागर हुई थीं।


    सीमा-पार भुगतान और रेमिटेंस लागत की समीक्षा

    आईएमएफ ने पाकिस्तान को मई 2026 तक विदेशी रेमिटेंस भेजने की लागत और बाधाओं की व्यापक समीक्षा पूरी करने को कहा है। अनुमान है कि रेमिटेंस लागत आने वाले वर्षों में 1.5 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है, जबकि यही राशि पाकिस्तान के सीमित आयातों के लिए सबसे बड़ा वित्तीय स्रोत है। सितंबर 2026 तक स्थानीय मुद्रा बॉन्ड मार्केट के विकास में बाधाओं की जांच कर सुधारों की रणनीतिक योजना प्रकाशित करनी होगी।


    चीनी उद्योग में एकाधिकार तोड़ने की कवायद

    जून 2026 तक कंद्र और प्रांतीय सरकारों को मिलकर राष्ट्रीय चीनी बाजार उदारीकरण नीति पर सहमति बनानी होगी। इस नीति में लाइसेंसिंग नियम, मूल्य नियंत्रण, आयात-निर्यात अनुमति, जोनिंग मानदंड और कार्यान्वयन की स्पष्ट समय-सीमा शामिल होगी। नीति को संघीय कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी। इसे लंबे समय से शक्तिशाली माने जाने वाले शुगर उद्योग में प्रभाव के केंद्रीकरण को खत्म करने का प्रयास माना जा रहा है।


    एफबीआर (FBR) की खराब कार्यक्षमता पर सख्ती

    दिसंबर 2025 के अंत तक एफबीआर सुधारों का पूरा रोडमैप तैयार करना होगा जिसमें प्राथमिकता वाले क्षेत्र, स्टाफिंग जरूरतें, समय-सारिणी, माइलस्टोन, अपेक्षित राजस्व परिणाम और KPI शामिल होंगे। इसके बाद कम-से-कम तीन प्राथमिकता वाले सुधारों को पूरी तरह लागू करना होगा। दिसंबर 2026 तक मध्यम अवधि की टैक्स सुधार रणनीति भी प्रकाशित करनी होगी।

    बिजली क्षेत्र में निजीकरण की तैयारी
    अगले केंद्रीय बजट से पहले हैदराबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (HESCO) और सुक्कूर इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (SEPCO) में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए आधार तैयार करने होंगे और सात सबसे बड़ी बिजली वितरण कंपनियों के साथ पब्लिक सर्विस ऑब्लिगेशन समझौते पूरे करने होंगे। कंपनीज एक्ट 2017 में संशोधन संसद में पेश करने होंगे ताकि गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अनुपालन जरूरतें बढ़ाई जा सकें। विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) कानून में प्रस्तावित संशोधनों के लिए कॉन्सेप्ट नोट भी जारी करना होगा।


    राजस्व कम हुआ तो मिनी-बजट लाना होगा

    आईएमएफ रिपोर्ट में दर्ज है कि यदि दिसंबर 2025 के अंत तक राजस्व लक्ष्य से चूक हुई तो सरकार मिनी-बजट लाएगी। इसमें उर्वरक और कीटनाशकों पर फेडरल एक्साइज ड्यूटी 5% बढ़ाना, उच्च चीनी वाले उत्पादों पर नया एक्साइज ड्यूटी लगाना और कई वस्तुओं को स्टैंडर्ड सेल्स टैक्स दर में लाना शामिल होगा। आईएमएफ ने गवर्नेंस और भ्रष्टाचार डायग्नोस्टिक रिपोर्ट में चिह्नित कमियों को दूर करने की कार्ययोजना प्रकाशित करने की समय-सीमा भी बढ़ा दी है। पाकिस्तान पहले ही 7 अरब डॉलर के EFF कार्यक्रम के तहत कड़ी निगरानी में है और इन नई शर्तों से आर्थिक सुधारों की गति और तेज करने का दबाव बढ़ गया है।

  • मध्य यूरोप के इस देश में लड़कियों के हिजाब पहनने पर लगा वैन… संसद में पास हुआ बिल

    मध्य यूरोप के इस देश में लड़कियों के हिजाब पहनने पर लगा वैन… संसद में पास हुआ बिल


    वियना।
    मध्य यूरोप (Central Europe) में स्थित ऑस्ट्रिया ( Austria, located) में हाल ही में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल को मंजूरी मिल गई है। ऑस्ट्रियाई सांसदों ने गुरुवार को 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के स्कूलों में हेडस्कार्फ़ पर बैन लगाने वाले कानून के पक्ष में भारी बहुमत से समर्थन दिया है। इससे पहले ऑस्ट्रिया की सरकार ने इस साल की शुरुआत में इस बैन का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने तर्क दिया है कि इसका मकसद लड़कियों को उत्पीड़न से बचाना है।

    सरकार ने बताया कि नए नियम सितंबर में नए वार्षिक सत्र की शुरुआत के साथ पूरी तरह से लागू हो जाएंगे। इसके बाद कुछ समय तक शिक्षकों, माता-पिता और बच्चों को नए नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस दौरान नियम तोड़ने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। हालांकि बार-बार नियमों का पालन न करने पर, माता-पिता को 150 से 800 यूरो यानी करीब 175-930 डॉलर तक का जुर्माना देना होगा। सरकार ने कहा है कि इस नए कानून से लगभग 12,000 लड़कियां प्रभावित होंगी।

    बता दें कि इससे पहले 2019 में भी देश ने प्राइमरी स्कूलों में हेडस्कार्फ़ पर बैन लगा दिया था। हालांकि संवैधानिक अदालत ने इस फैसले को रद्द कर दिया था। अब एक बार फिर इस तरह के कानून को लागू करने की खबर सामने आने के बाद मानवाधिकार समूहों और विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कानून मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण है और सामाजिक विभाजन को और गहरा कर सकता है।

    वहीं बिल पेश करते समय सरकार ने कहा है कि इस तरह के पर्दे से लड़कियों की आजादी छिनती है। बिल पेश कर रहीं मंत्री ने कहा, “जब किसी लड़की को… यह कहा जाता है कि उसे पुरुषों की नजर से खुद को बचाने के लिए अपने शरीर को छिपाना होगा, तो यह कोई धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि उत्पीड़न है।”

    मंत्री ने कहा कि यह बैन हिजाब और बुर्का सहित इस्लामी पर्दे के सभी रूपों पर लागू होगा। एक अन्य सांसद यानिक शेट्टी ने कहा कि हेडस्कार्फ सिर्फ कपड़ों का एक टुकड़ा नहीं है बल्कि इसके जरिए लड़कियों को सेक्सुअलाइज किया जाता है।

  • इस मुस्लिम देश की सुरक्षा एजेंसी ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को किया गिरफ्तार

    इस मुस्लिम देश की सुरक्षा एजेंसी ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को किया गिरफ्तार


    तेहरान।
    ईरान की सुरक्षा एजेंसियों (Iranian Security Agencies) ने शुक्रवार को 2023 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नर्गेस मोहम्मदी (Peace Prize laureate Narges Mohammadi ) को हिरासत में ले लिया है। यह जानकारी शुक्रवार को मोहम्मदी के फाउंडेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है। जानकारी के मुताबिक मोहम्मदी को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान गिरफ्तार किया गया है। फाउंडेशन ने बताया कि उन्हें आज सुबह सुरक्षा और पुलिस बलों ने जबरन हिरासत में ले लिया। हालांकि ईरान की तरफ से इस बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

    रिपोर्ट्स के मुताबिक नर्गेस मोहम्मदी ईरान के वकील खोसरो अलीकोर्दी की याद में आयोजित समारोह में शामिल हुई थीं, जिनकी इस महीने की शुरुआत में मौत हो गई थी। तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बता दें कि 45 वर्षीय अलीकोर्दी उन वकीलों में से एक थे जो संवेदनशील मामलों को संभालते थे, जिनमें 2022 में हुए देशव्यापी प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार लोगों की पैरवी भी शामिल थी। बीते 5 दिसंबर को उनके दफ्तर से उनका शव बरामद हुआ था। कई मानवाधिकार संगठनों ने उनकी मौत की जांच की मांग की है।

    इससे पहले मोहम्मदी को दिसंबर 2024 में जेल से अस्थायी रिहाई मिली थी। 53 वर्षीय नर्गेस मोहम्मदी को आखिरी बार नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने पिछले एक दशक का अधिकांश समय जेल में बिताया है। 2023 में ओस्लो में आयोजित समारोह में उनके जुड़वां बच्चों ने उनकी ओर से नोबेल पुरस्कार ग्रहण किया था।

  • छग के वरिष्ठ BJP नेता ने ताड़का’ और ‘सुरसा’ से की बंगाल की CM ममता बनर्जी की तुलना

    छग के वरिष्ठ BJP नेता ने ताड़का’ और ‘सुरसा’ से की बंगाल की CM ममता बनर्जी की तुलना


    रायपुर।
    छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party -BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) पर की गई टिप्पणी के लिए आलोचना की। उन्होंने बनर्जी की तुलना रामायण में वर्णित राक्षसी ‘ताड़का’ और ‘सुरसा’ से करते हुए कहा कि उनका राजनीतिक अंत निश्चित है। चंद्राकर ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बनर्जी को भाजपा या उसके नेतृत्व के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

    जब उनसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ओर से शाह पर की गई टिप्पणी के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, ‘वह बंगाल के लिए ताड़का और सुरसा हैं। किसी देश के गृह मंत्री पर टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए। बंगाल को उन्होंने (ममता ने) क्या दिया-यह सोचना चाहिए। माननीय गृह मंत्री ने कहा है कि घुसपैठिये इस देश का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तय नहीं कर सकते। ममता जी धमकी नहीं दे सकतीं। वह जमाना लद गया। वह कांग्रेस को धमकी दे सकती हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व मैं करुंगी। भाजपा या भाजपा नेतृत्व को किसी तरह के अपशब्द कहने का उनको कोई अधिकार नहीं है। वह खुद ‘ताड़का’ और ‘सुरसा’ जैसी हैं, जिसका (राजनीतिक) वध निश्चित है।’

    पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने वाले हैं। गुरुवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया था कि शाह मतदाता सूचियों से ‘डेढ़ करोड़ नाम’ हटाने की कोशिशों को सीधे तौर पर निर्देशित कर रहे हैं। ममता ने चेतावनी दी कि अगर मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया, तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगी।

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘देश का गृहमंत्री खतरनाक है। उनकी आंखों में यह साफ दिखता है। एक आंख में ‘दुर्योधन’ दिखता है, और दूसरी में ‘दु:शासन’।’ बनर्जी ने आरोप लगाया कि 2026 के विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले एसआईआर का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘वे वोटों के लिए इतने भूखे हैं कि उन्होंने अब एसआईआर शुरू कर दिया है। अगर किसी पात्र व्यक्ति का नाम कट गया, तो मैं तब तक धरना दूंगी, जब तक नाम जुड़ नहीं जाता। पश्चिम बंगाल में कोई निरुद्ध केंद्र नहीं बनेगा।’

  • MP: इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में सोनम की दो सहेलियों की हुई पेशी, चेहरा छुपाकर पहुंची कोर्ट

    MP: इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में सोनम की दो सहेलियों की हुई पेशी, चेहरा छुपाकर पहुंची कोर्ट


    इंदौर।
    राजा रघुवंशी (Raja Raghuvanshi) हत्याकांड में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी (Sonam Raghuvanshi) की दो करीबी सहेलियां गुरुवार को शिलॉन्ग कोर्ट (Shillong Court) में पेश हुईं। इंदौर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video conferencing) के जरिए हुई इस सुनवाई में अदालत ने दोनों युवतियों पर सवालों की झड़ी लगा दी। अदालत की सख्त निगरानी में हुए इस बयान दर्जीकरण से केस एक बार फिर उबाल पर आ गया है।

    दीपांशी और प्रियांशी दोनों सोनम के भाई गोविंद की फैक्ट्री में कंप्यूटर का काम करती हैं। ई-सेवा पोर्टल के जरिए सुनवाई में जुड़ीं इन युवतियों को कोर्ट ने सीधे-सीधे सोनम के व्यवहार, स्वभाव और उसके पिछले चाल-चलन पर जवाब देने को कहा। सूत्रों के मुताबिक, अदालत ने पहले सोनम की पहचान कराई, फिर तीखे शब्दों में पूछा—’हत्या से पहले सोनम का रवैया कैसा था? क्या तुम राजा को जानती थीं?’ दीपांशी का बयान कोर्ट ने दर्ज कर लिया, जबकि प्रियांशी से अगली सुनवाई में पूछताछ होगी। दोनों युवतियाँ बिना मीडिया से आंख मिलाए कोर्ट परिसर से निकल गईं।

    सरकारी वकील ने दोनों की पेशी की मांग की थी, जिसके लिए 27 नवंबर को नोटिस जारी हुआ। यह दूसरा नोटिस था, पहले नोटिस पर दोनों कोर्ट पहुंचने तक की हिम्मत नहीं जुटा सकी थीं।


    खाई में मिला था राजा का शव

    11 मई को सोनम से शादी करने वाले इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी 20 मई को हनीमून पर मेघालय रवाना हुए थे। 22 मई को वे सोहरा घूमने निकले और 24 मई से परिवार का संपर्क उनसे टूट गया। 27 मई को सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, बारिश के कारण एक दिन रुका और 2 जून को खाई से राजा का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा हुआ कि राजा की हत्या पेड़ काटने वाले तेज हथियार से की गई थी। इसके बाद पुलिस सोनम की तलाश में पागलों की तरह दौड़ी और 9 जून को वह यूपी के गाजीपुर के एक ढाबे पर मिली। वहीं से केस की परतें खुलती गईं और पुलिस ने कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से तीन जमानत पर बाहर हैं।


    790 पन्नों की चार्जशीट

    6 सितंबर को मेघालय पुलिस की एसआईटी ने शिलॉन्ग कोर्ट में 790 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसमें साफ-साफ लिखा है कि राजा की हत्या में सोनम, उसके बॉयफ्रेंड राज कुशवाह और तीन अन्य सीधे शामिल हैं। पांचों आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं।


    विपिन रघुवंशी का दर्दनाक आरोप

    शिलॉन्ग रवाना होने से पहले राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मैंने ही राजा और सोनम के लापता होने की शिकायत की थी। अभी तक हमें चार्जशीट नहीं मिली, इसलिए हत्या का असली मोटिव छुपा हुआ है। लेकिन जितना समझ पा रहा हूं राज और सोनम ने प्यार नहीं, हवस के लिए मेरे भाई की हत्या की। लोग प्यार में कुर्बानी देते हैं, लेकिन इन दोनों ने अपनी वासना पूरी करने के लिए उसे मार डाला।

    बता दें, राजा की लाश 2 जून को शिलॉन्ग में मिली थी और केस के पाँच आरोपी अभी जेल में बंद हैं। एसआईटी 790 पेज में पूरी साजिश कोर्ट को सौंप चुकी है।

  • Chhattisgarh: 6 महिला समेत 33 लाख के इनामी 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सौंपे हथियार

    Chhattisgarh: 6 महिला समेत 33 लाख के इनामी 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सौंपे हथियार


    सुकमा।
    छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग (Naxal-affected Bastar region) में सुरक्षाबलों को शुक्रवार उस वक्त बेहद अहम कामयाबी मिली जब सुकमा में छह महिलाओं समेत कुल दस माओवादियों ने आत्मसमर्पण (10 Maoists including six women surrendered) करते हुए हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल 33 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इस घटना के बाद बस्तर में शांति और स्थायी विकास स्थापित करने के लिए संचालित ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल को महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है।

    सरेंडर करने वाले कैडरों में से, माओवादियों के कंपनी प्लाटून कमांडर मिदियम भीमा (30) पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसके अलावा गंगा कुंजम (22), लेकम रामा, ताती सोनी (32) और शांति सोढ़ी (21) पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था, जबकि माडवी नवीन (20), माडवी रुकनी (24), ओयम मांगली (22), पोडियम मांगी (20) और माडवी गंगी (19) पर 1-1 लाख रुपए का इनाम था।

    सुकमा पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरेंडर करने के दौरान इन कैडरों ने सुरक्षा बलों के सामने 1 AK-47, 2 SLR राइफलें, 1 पॉइन्ट 303 राइफल, 1 स्टेन गन और 1 BGL लॉन्चर सहित कई हथियार जमा किए। पुनर्वास कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने इसे क्षेत्र में विश्वास निर्माण और शांति स्थापना के लिए महत्वपूर्ण संकेत बताया।

    आत्मसमर्पण करने वालों में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन नंबर 1 के प्लाटून कमांडर, दरभा डिवीजन के दो एरिया कमेटी सदस्य, PLGA की दो मिलिट्री प्लाटूनों के PPMC सदस्य, गोल्लापल्ली LOS के दो सदस्य और तीन पार्टी सदस्य शामिल हैं। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि केवल साल 2025 में ही अब तक जिले में 263 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह बढ़ता आत्मविश्वास बताता है कि क्षेत्र तेजी से शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है।

    बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा कि यह पुनर्वास दर्शाता है कि माओवादी विचारधारा अपना प्रभाव खो रही है और लोग शांति, सम्मान और प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 महीनों में बस्तर रेंज में 1514 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। कार्यक्रम के दौरान वायान वाटिका में आत्मसमर्पित कैडरों द्वारा पौधारोपण भी किया गया, जो उनके नए जीवन और शांतिपूर्ण भविष्य की प्रतीकात्मक शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। स्थानीय समुदाय, प्रशासन और सुरक्षा बलों की उपस्थिति ने पुनर्वास प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया।

  • उत्तर प्रदेश राजनीति में हलचल: नए डिप्टी सीएममंत्री विस्तार और पंकज सिंह सहित चर्चित चेहरों की मंत्री पद की दौड़

    उत्तर प्रदेश राजनीति में हलचल: नए डिप्टी सीएममंत्री विस्तार और पंकज सिंह सहित चर्चित चेहरों की मंत्री पद की दौड़


    नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। बीजेपी में संगठनात्मक फेरबदलनए डिप्टी सीएम की संभावनाएं और योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। ऐसे में यह बदलाव आगामी राजनीतिक समीकरणों को नया आकार दे सकते हैं।

    सूत्रों के मुताबिकबीजेपी की ओर से उत्तर प्रदेश को नया डिप्टी सीएम मिलने की संभावना जताई जा रही हैऔर इस रेस में सबसे मजबूत नाम साध्वी निरंजन ज्योति का है। उनके नाम को जातीय और सामाजिक समीकरणों के मद्देनज़र सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। यदि उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया जाता हैतो यह पार्टी के भीतर नए संतुलन और संगठनात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है।

    योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएँ भी तेज हो गई हैंजिसमें 6 नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश कैबिनेट में अभी 54 मंत्री हैंजबकि अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इन नई नियुक्तियों में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। मंत्रिमंडल में बदलाव केवल नए चेहरों की एंट्री तक सीमित नहीं रहेगा। कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी की भी संभावना जताई जा रही हैताकि बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को मौका मिल सके। पार्टी नेतृत्व प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन के आधार पर संभावित मंत्रियों की सूची तैयार कर रहा है।

    इस बीचकुछ समाजवादी पार्टी के बागी विधायकों को भी मंत्री पद मिल सकता हैजो पार्टी के भीतर राजनीतिक रणनीति के हिस्से के रूप में देखी जा रही है। प्रमुख नामों में पूजा पाल और मनोज पांडेय शामिल हैं। इसके अलावाबीजेपी के वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह का नाम भी चर्चा में है। पंकज सिंहजो नोएडा के विधायक हैंको भी इस बार मंत्री बनाए जाने की संभावना है। उनका संगठनात्मक अनुभवक्षेत्रीय पकड़ और केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी विश्वसनीयता उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है।

    यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के मंत्रिमंडल में शामिल होने की भी पूरी संभावना हैक्योंकि वह पार्टी संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं। उनके मंत्री पद पर शामिल होने से सरकार और संगठन के बीच तालमेल मजबूत हो सकता है। इस मंत्रिमंडल विस्तार के दौरानबीजेपी अपने सहयोगी दलों को भी उचित हिस्सेदारी देने का विचार कर रही है। राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल के नेताओं को भी मंत्री बनाने की चर्चा हैजिससे NDA के भीतर साझेदारी और संतुलन को मजबूत किया जा सके। यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा है कि संगठन एक बड़ी जिम्मेदारी हैऔर संगठनात्मक बदलावों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उनके बयान से यह स्पष्ट है कि जल्द ही अहम फैसले लिए जाएंगे।