अब नहीं चलेगी थानों की मनमानी: पुलिस सेवाएँ होंगी ऑनलाइन, रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा


नई दिल्ली । बिहार में नई सरकार के गठन के बाद कानून-व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार (6 दिसंबर) को पुलिस मुख्यालय में बहुप्रतीक्षित ‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ का शुभारंभ किया। सरकार का दावा है कि यह पोर्टल पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ आम जनता को थानों की अनावश्यक भागदौड़ से मुक्त करेगा।

नागरिकों को डिजिटल सुविधा, थानों के चक्कर से मुक्ति

लॉन्चिंग के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि हर आवश्यक पुलिस सेवा घर बैठे उपलब्ध हो। कई बार छोटी-छोटी जरूरतों के लिए लोगों को थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जहाँ देरी, मनमर्जी और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नया पोर्टल इस मनमानी पर रोक लगाएगा और हर प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा।

सम्राट चौधरी ने कहा,
“अब नागरिकों को साधारण सत्यापन से लेकर शिकायत दर्ज कराने तक किसी भी काम के लिए थाने पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और जवाबदेही तय रहेगी।”

पोर्टल की मुख्य ऑनलाइन सेवाएँ

सिटीजन सर्विस पोर्टल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आम लोग कुछ ही क्लिक में अपने महत्वपूर्ण कार्य पूरा कर सकें। इसकी प्रमुख सेवाएँ इस प्रकार हैं—

पुलिस सत्यापन (Verification)
नौकरी, किरायेदार, पासपोर्ट या अन्य आवश्यक कार्यों के लिए अब पुलिस वेरिफिकेशन का ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।

ई-शिकायत (Online Complaint)
किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नागरिक घर बैठे शिकायत फॉर्म भरकर सबमिट कर सकते हैं।

खोया-पाया रिपोर्ट
यदि कोई महत्वपूर्ण दस्तावेज या सामान खो जाए, तो उसकी रिपोर्ट वेबसाइट पर सीधे दर्ज की जा सकेगी।

FIR की डिजिटल प्रक्रिया
दर्ज की गई ऑनलाइन शिकायत संबंधित थाना को भेजी जाएगी। प्रारंभिक जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर FIR भी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी, जिससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी।

पोर्टल की सबसे बड़ी विशेषता: रियल-टाइम ट्रैकिंग

पोर्टल का सबसे आकर्षक और उपयोगी फीचर है रियल-टाइम स्टेटस ट्रैकिंग। यानी नागरिक अपना आवेदन, शिकायत या सत्यापन किस चरण में है, यह तुरंत देख सकेंगे।
इससे न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि अफसरों पर भी कार्रवाई की पारदर्शिता बनाए रखने की जिम्मेदारी तय होगी।

समय और पैसे दोनों की बचत

पोर्टल के माध्यम से मिलने वाली डिजिटल सुविधाएँ तीन मुख्य लाभ सुनिश्चित करती हैं—

समय की बचत: कार्यालय या थानों के शारीरिक चक्कर समाप्त।

ऊर्जा की बचत: तनाव और परेशानी कम होगी।

खर्च में कमी: बिना किसी एजेंट या मध्यस्थ के सीधी सेवा मिलेगी।

सरकार का मानना है कि इन सुविधाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही व्यापक रूप से बढ़ेगी।

सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक और मजबूत बनाने की दिशा में कदम

सिटीजन सर्विस पोर्टल के शुभारंभ के मौके पर डीजीपी विनय कुमार, एडीजी कुंदन कृष्णन सहित पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल बिहार में डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगी।

गृह मंत्री सम्राट चौधरी लगातार यह स्पष्ट कर रहे हैं कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत और तकनीक आधारित बनाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस पोर्टल में और भी कई सेवाएँ जोड़ी जाएँगी, जिनमें—

महिला सुरक्षा से जुड़ी सेवाएँ

साइबर अपराध से संबंधित ऑनलाइन सुविधा

ट्रैफिक उल्लंघन और चालान की डिजिटल जानकारी
जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ शामिल हो सकती हैं।

बिहार में नई उम्मीदें

सिटीजन सर्विस पोर्टल का शुभारंभ बिहार की कानून-व्यवस्था प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
जहाँ पहले थानों में मनमाने व्यवहार और देरी की शिकायतें आम थीं, वहीं अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रक्रिया तेज, सरल और पारदर्शी होगी।

सरकार का विश्वास है कि इस पहल से न केवल पुलिस प्रशासन पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि बिहार में आधुनिक और जवाबदेह शासन व्यवस्था की एक नई नींव भी रखी जाएगी।