अमित मालवीय के खिलाफ FIR को लेकर सियासी घमासान TMC नेता की शिकायत पर जांच शुरू


नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के आईटी सेल के राष्ट्रीय प्रभारी अमित मालवीय एक बार फिर अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विवादों में आ गए हैं। पश्चिम बंगाल के नरेंद्रपुर थाने में उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोप लगाया गया है कि उनके पोस्ट से राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है और इससे देश की एकता और संप्रभुता को खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह शिकायत अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस टीएमसी के राज्य महासचिव और प्रवक्ता तन्मय घोष की ओर से की गई है।

टीएमसी नेता ने क्यों दर्ज कराई शिकायत

तन्मय घोष ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि अमित मालवीय ने 19 दिसंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जो पोस्ट साझा किया उसकी भाषा और संदर्भ बेहद आपत्तिजनक है। शिकायत के अनुसार यह पोस्ट लोगों को उकसाने वाला है और राज्य की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। टीएमसी नेता का आरोप है कि पोस्ट के जरिए सीधे तौर पर पश्चिम बंगाल सरकार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाया गया है जिससे समाज में भय और अविश्वास का माहौल बन सकता है।

कानूनी कार्रवाई की मांग

शिकायत पत्र में तन्मय घोष ने पुलिस से मांग की है कि अमित मालवीय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता समेत अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि इस तरह के बयान और सोशल मीडिया पोस्ट समाज को बांटने का काम करते हैं और इन्हें नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकता है। टीएमसी का आरोप है कि भाजपा नेता जानबूझकर संवेदनशील मुद्दों को उठाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस ने क्या कहा जांच जारी
नरेंद्रपुर थाना पुलिस के अनुसार उन्हें शिकायत प्राप्त हो चुकी है और उसकी पुष्टि भी कर ली गई है। फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट की सामग्री की गहन जांच की जा रही है और तथ्यों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। प्रारंभिक जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मामला एफआईआर दर्ज करने योग्य है या नहीं।

किस पोस्ट पर मचा विवाद

विवादित पोस्ट में अमित मालवीय ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई एक तोड़फोड़ की घटना का जिक्र किया था। उन्होंने दावा किया था कि इस्लामी भीड़ ने बंगाली कला और संस्कृति के ऐतिहासिक केंद्र छायानाट भवन को नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही उन्होंने चरमपंथ पर चिंता जताते हुए पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति को गंभीर बताया और ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। इसी बयान को लेकर अब बंगाल की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।