बालाघाट। मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) को हाल ही में उस वक्त एक बड़ी सफलता मिली, जब उसने बालाघाट (Balaghat) में नक्सलियों (Naxalites) से अबतक की सबसे बड़ी रिकवरी की। इस दौरान पुलिस ने जंगलों में छुपाकर रखी गई माओवादियों की करीब साढ़े ग्यारह लाख रुपए की नगद राशि बरामद (Cash Amount Recovered) की। पुलिस ने इस कार्रवाई को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से मिली गोपनीय जानकारी के आधार पर अंजाम दिया।
इस बारे में एक प्रेस नोट जारी करते हुए बालाघाट पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से उनके सहयोगियों एवं जंगल मे छिपाए गए डंप के संबध मे लगातार पूछताछ की जा रही है। इसी दौरान आत्मसमर्पित नक्सलियों से पूछताछ के आधार पर बालाघाट के विभिन्न जंगलों में डम्प करके छिपाए गए 11 लाख 57 हजार 385 रुपए नगद की रिकवरी की गई, जो बालाघाट में नक्सलियों से की गई अब तक की सबसे बडी कैश रिकवरी है।
पुलिस ने बताया कि इसके अलावा आत्मसमर्पण किए हुए नक्सलियों की निशादेही से बालाघाट के विभिन्न जंगल से भारी मात्रा मे डम्प किए गए रायफल, पिस्टल, एम्युनेशन, ग्रेनेड लॉन्चर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, IED निर्माण सामग्री एवं विस्फोटक सहित अन्य सामग्रियां जब्त की गई हैं।
इन हथियारों व विस्फोटक सामग्री की हुई बरामदगी
4 सेमीऑटोमैटिक राइफल, 1 ग्रेनेड लॉन्चर, 1 बोल्ट एक्शन राइफल, 8 पम्प एक्शन सिंगल शॉट राइफल, 1 हैंड मेड देशी कट्टा, 5 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 1 वोल्ट मीटर, 4 बैटरीसेल, 451 राउंड कारतूस, 26 मैगजीन, 1 क्लेमोर माइन्स पाइप, 500 ग्राम बारूद, 16 किलो विस्फोटक सामग्री, 22 नग मेटल स्पाइक्स, 2 किलो बोल्ट व छर्रे, 4 मोटोरोला मैन पैक सेट, 1 कैमरा व बड़ी संख्या में अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस।
इसके अलावा दैनिक उपयोग कि सामग्री टेंट बनाने का सामान, नक्सल वर्दी, पिड्डु बैग, नक्सल साहित्य, राशन सामग्री, खाना पकाने का सामान, हथियार मेंटेनेंस सामग्री, ड्रिल मशीन, अन्य सामग्री भी बरामद हुई है।
आखिरी दो नक्सलियों ने किया था आत्मसमर्पण
बता दें कि मध्यप्रदेश में नक्सल विरोधी सर्चिग अभियान के दौरान मुठभेड़ में मारे जाने के डर से 11 दिसंबर को मध्यप्रदेश में बचे हुए अंतिम 2 नक्सलियों DVCM दीपक उर्फ सुधाकर एवं ACM रोहित उर्फ मंगलू ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने यह कदम शासन की नीतियों पर विश्वास जताते हुए किया था। पुलिस के अनुसार मध्यप्रदेश में इस साल अब तक सबसे ज्यादा 13 हार्डकोर सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों ने भारत के संविधान पर अपनी निष्ठा जताते हुए हथियार त्याग कर आत्मसमर्पण किया है, जबकि 10 हार्डकोर नक्सलियों को सुरक्षाबलों द्वारा धराशायी कर दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा नक्सलवाद के उन्मूलन हेतु मार्च 2026 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पुलिस द्वारा लगातार चलाए जा रहे सर्चिंग अभियानों के परिणाम स्वरूप मध्य प्रदेश से सक्रिय सशस्त्र नक्सलवाद को समाप्त किया जा चुका है।
