Author: bharati

  • मप्रः इंदौर में दो साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले को 4 धाराओं में उम्रकैद

    मप्रः इंदौर में दो साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले को 4 धाराओं में उम्रकैद


    – देश में पहली बार दुष्कर्मी को चार बार उम्रकैद, कोर्ट ने कहा- महिलाएं बाहर ही नहीं, घर में भी असुरक्षित

    इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में दो साल की बच्ची को घर से उठाकर दुष्कर्म और उसकी हत्या की कोशिश करने वाले आरोपित को न्यायालय ने चार अलग-अलग धाराओं में चार बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पाक्सो) शिप्रा पटेल की कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। आरोपित दिनेश डाबर (38 वर्ष), निवासी धार को पाक्सो एक्ट की तीन धाराओं के साथ ही हत्या के प्रयास की धारा में अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही जबरदस्ती संबंध बनाने की धारा में भी पांच साल की सजा सुनाई गई। दोषी पर कोर्ट ने 42,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

    फैसले में कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि दोषी ने बालिका को घर से ले जाकर उसके साथ बलात्कार की घटना कारित की। उसे गंभीर चोंटे पहुंचाई। यह उसकी आपराधिक कुंठित मानसिकता को दर्शाता है। वर्तमान परिवेश में महिलाएं न केवल घर के बाहर बल्कि घर के अंदर भी असुरक्षित हैं। ऐसी स्थिति में अभियुक्त को न्यूनतम दंडादेश दिया जाना न्यायोचित और विधिपूर्ण नहीं है ।

    विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर एवं प्रीति अग्रवाल ने बताया कि घटना 13 अक्टूबर 2022 की है। बालिका के पिता ने थाना चंदननगर में सूचना दी कि वह एक निर्माणाधीन भवन में परिवार सहित रहता है वहां चौकीदारी करते हैं। रात में लगभग 2 बजे से उनकी दो साल की वर्षीय जो अपनी मां के पास सो रही थी, वह गायब हो गई है। उसने और उसकी पत्नी ने पुत्री की आसपास तलाश किया लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। मामले में पुलिस ने पिता की रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर तलाश शुरू की। 13 अक्टूबर को सुबह रेती मंडी रोड स्थित खम्बाती कंपाउंड के सामने डायल-100 के सिपाही अभिनव सेन को झाड़ियों के पास घायल अवस्था में वह बच्ची मिली। जिसकी पहचान उसके माता-पिता ने की। विवेचना में घटनास्थल के आसपास स्थित सीसीटीवी फुटेज की रिकार्डिंग जब्त की। सीसीटीवी फुटेज में घटना में प्रयुक्त ट्रक ड्राइवर बच्ची के घर जाते हुए और वापस आते हुए दिखाई दिया।

    इन फुटेज की पहचान बच्ची के पिता से कराई तो उन्होंने बताया कि यह इस ट्रक का ड्राइवर दिनेश डाबर है। पुलिस ने इसे हिरासत में लेकर उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। इसके साथ ही डीएनए जांच करवाई गई तो उसके द्वारा यह अपराध किया जाना साबित हुआ और उसने स्वीकार भी किया। इस पर पुलिस ने उसके खिलाफ अपहरण, पाक्सो, जान से मारने का प्रयास सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। बाद में पुलिस ने बालिका के शरीर में मिले डीएनए की जांच की तो आरोपित से डीएनए मैच हुआ। पुलिस ने मेडिकल व वैज्ञानिक साक्ष्यों, विशेषकर डीएनए रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी।

    शुक्रवार को अपर सत्र न्या्याधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम) क्षिप्रा पटेल ने आरोपी को विभिन्न चार धाराओं में आजीवन कारावास से दंडित किया। जिन धाराओं में उसे चार बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई है वे धारा 5एम/6 पॉक्सो एक्ट, 5-J (iii) /6 पॉक्सो एक्ट, 5(ईR/ 6 पॉक्सो एक्टा और धारा 307 है। इसके साथ ही भादंवि की धारा 366 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 42 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर और प्रीति अग्रवाल ने की।

    खास बात यह कि इस केस को कोर्ट ने गंभीर एवं सनसनीखेज प्रकरणों की श्रेणी में लिया। इसमें अभियोजन की ओर से कुल 31 गवाह करवाए गए। इसके अलावा परिस्थितजंय साक्ष्य भी काफी मजबूत रहे जिससे आरोपी को चौहरा आजीवन कारावास हुआ। कोर्ट ने बालिका को हुई मानसिक और शारीरिक क्षति की पूर्ति के लिए उसे 3 लाख रुपये पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत देने की अनुशंसा भी की है। कोर्ट ने इस मामले में दोषी को कम सजा देने को सही नहीं माना। कोर्ट ने आदेश में टिप्पणी की है कि उसने 2 वर्षीय मासूम को घर से उठाकर उसके साथ जघन्य कृत्य किया तथा उसे गंभीर चोटें पहुंचाईं, जो उसकी कुंठित आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है। वर्तमान परिस्थिति में महिलाएं घर से बाहर ही नहीं, बल्कि घर के अंदर भी असुरक्षित हैं। ऐसी स्थिति में न्यूनतम दंड देना न्यायोचित नहीं है।

  • एक भारत-श्रेष्ठ भारत का प्रतिबिंब है राष्ट्रीय बालरंग : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    एक भारत-श्रेष्ठ भारत का प्रतिबिंब है राष्ट्रीय बालरंग : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भोपाल में प्रतिवर्ष होने वाला राष्ट्रीय बालरंग प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के उद्देश्य को बेहतर तरीके से पूरा कर रहा है। भोपाल का एकता का प्रतिबिंब बन गया है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों में एक-दूसरे के राज्य की संस्कृति को समझने की जिज्ञासा पैदा करते हैं और बच्चों में देश की संस्कृति के प्रति लगाव बढ़ता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार की शाम भोपाल के राष्ट्रीय इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में राष्ट्रीय बालरंग समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोक नृत्य पर केन्द्रित प्रतियोगिता के विजेता राज्यों के बच्चों को ट्राफी भेंट की।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर लगभग 5 हजार वर्ष पहले भगवान
     आए। उनकी चौसठ कलाओं के ज्ञान से बच्चों को भारतीय प्राचीन कला को जानने का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम उज्जैन में है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय बालरंग से यह परिसर मिनी भारत का रूप बन जाता है। यह आयोजन हमें अपने देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का मौका देता है। प्रत्येक राज्य की अपनी नृत्य शैली है, जो बालरंग के मंच पर सामने आयी है। लोक नृत्य आंचलिक संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हैं। विभिन्न राज्यों के बच्चे जब एक स्थल पर एकत्र होते हैं तो वे एक-दूसरे के राज्य के बारे में जानने का प्रयास करते हैं। इस तरह के भाव बच्चों में जिज्ञासा को बढ़ाने का काम करते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को भारत की विविधता के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रेष्ठ आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई दी।

    स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने देश के विभिन्न राज्यों से आए बच्चों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शायद ही दुनिया में भारत जैसा देश हो, जिसमें इतने प्रकार की संस्कृतियां आपसी मेल के साथ देखने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर 50 से 75 किलोमीटर में संस्कृति का बदलाव देखने को मिलता है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर देश के मुकुट के समान है। उन्होंने मध्यप्रदेश की मालवा, बुंदेलखंड, बघेली संस्कृति का भी उल्लेख किया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बच्चों के प्रति विशेष लगाव देखने को मिलता है। मुख्यमंत्री अपनी व्यस्तता के बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों में निरंतर शामिल होते हैं।

    राष्ट्रीय बालरंग के विजेता

    भोपाल में हुए राष्ट्रीय बालरंग में प्रथम पुरस्कार झारखंड के छऊ लोकनृत्य को मिला। यह नृत्य झारखंड का राजकीय नृत्य है, जिसमें विशिष्ट मुखोटों का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। द्वितीय पुरस्कार हरियाणा के घूमर लोकनृत्य को मिला। इस नृत्य में सामाजिक जीवन, प्रेम, तीज-त्यौहार और लोक कथाओं की झलक देखने को मिलती है। तृतीय पुरस्कार असम के बिहू लोकनृत्य को मिला। यह नृत्य असम की जीवंत आत्मा है और वहां पर यह नृत्य बसंत ऋतु के आगमन पर प्रमुखता के साथ किया जाता है। सांत्वना पुरस्कार मध्यप्रदेश के अहीर नृत्य, हिमाचल प्रदेश के नाटी लोकनृत्य और तीसरा सांत्वना पुरस्कार चंडीगढ़ के भांगड़ा, लुड्डी और झूमर नृत्य को मिला।

    राष्ट्रीय बालरंग समारोह में अनेक लोक नृत्यों और गीतों के माध्यम से भारत की संस्कृति के अनेक रंग, मंच पर दिखे और शानदार कला की अभिव्यक्त हुई। कुल 14 राज्य आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश एवं 5 केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, चण्डीगढ़ एवं लक्षदीप के 400 से अधिक शालेय विद्यार्थियों ने अपने राज्यों के नृत्य की प्रस्तुति दी।

    कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक श्री अमिताभ पांडे, अध्यक्ष नगर निगम भोपाल श्री किशन सूर्यवंशी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता और बड़ी संख्या में कलाप्रेमी एवं स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

  • न्यायपालिका को बदनाम करने की हिम्मत कैसे हुई? रिजिजू ने DMK सांसद को लताड़ा

    न्यायपालिका को बदनाम करने की हिम्मत कैसे हुई? रिजिजू ने DMK सांसद को लताड़ा

     
    नई दिल्ली ।लोकसभा में शुक्रवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब तमिलनाडु से DMK सांसद टी.आर. बालू ने एक मुद्दे पर बोलते हुए एक हाईकोर्ट जज को RSS जज कह दिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तत्काल आपत्ति जताते हुए कहा कि यह संसद की गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने बालू से बिना शर्त माफी की मांग की और कहा- आप न्यायपालिका पर दाग कैसे लगा सकते हैं? किसी जज के लिए असंसदीय भाषा का उपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    इंडिगो फाल्ट के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा
    राज्यसभा में विपक्ष ने इंडिगो एयरलाइन के स्टाफ संकट से देशभर की उड़ानें प्रभावित होने पर सरकार से जवाब मांगा। रिजिजू ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू हालात की समीक्षा कर रहे हैं और यह देखा जा रहा है कि केंद्र किस तरह एयरलाइन की मदद कर सकता है। सदन के बाहर प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि यह स्थिति सरकार के मोनोपोली मॉडल की देन है। राहुल गांधी ने भी X पर इसे सरकार की नीतियों का नतीजा बताया। वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन पर सरकार का साफ रुख
    अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने UMEED पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया।

    उन्होंने बताया-
    1.51 लाख वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने भी समय बढ़ाने से मना किया है। तीन महीने तक देरी करने वालों पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। कर्नाटक सबसे आगे रहा, जहां लगभग 50,000 संपत्तियां दर्ज हुईं। सत्र में पेश होने वाले अहम बिल संसद के शीतकालीन सत्र में 10 बड़े बिल पेश होने जा रहे हैं। इनमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं-

    1. एटॉमिक एनर्जी बिल
    न्यूक्लियर सेक्टर में पहली बार निजी कंपनियों को एंट्री का रास्ता खुलेगा। परमाणु ऊर्जा से जुड़े नियमों के लिए नया ढांचा बनेगा।

    2. हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल
    UGC, AICTE, NCTE को हटाकर एक ही आयोग बनाने का प्रस्ताव।
    उद्देश्य- विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को अधिक स्वतंत्रता व बेहतर पारदर्शिता।

    3. नेशनल हाईवे संशोधन बिल
    भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज व पारदर्शी बनाकर हाईवे परियोजनाओं की देरी कम करना।

    4. कॉर्पोरेट लॉ अमेंडमेंट बिल, 2025
    कंपनी अधिनियम 2013 और LLP अधिनियम 2008 में सुधार करके ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाना।

    5. सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल
    SEBI एक्ट, डिपॉजिटरीज एक्ट और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट को मिलाकर एक ही कानून बनाना।

    6. संविधान 131वां संशोधन बिल
    चंडीगढ़ UT को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाना, जिससे केंद्र विशेष रेगुलेशन बना सके।

    7. आर्बिट्रेशन एंड कंसिलीएशन अमेंडमेंट बिल
    मध्यस्थता मामलों के समाधान को तेज करना और फैसलों को चुनौती देने की प्रक्रिया सरल बनाना।

    पहले चार दिनों की बड़ी घटनाएँ

    1 दिसंबर: वित्त मंत्री ने 3 बिल पेश किए, मणिपुर GST संशोधन बिल पास।

    2 दिसंबर: विपक्ष SIR पर चर्चा के लिए तैयार हुआ; 9 दिसंबर को 10 घंटे की बहस।

    3 दिसंबर: PM मोदी ने बंगाल BJP सांसदों से राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।

    4 दिसंबर: राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार विदेशी मेहमानों से विपक्ष को मिलने नहीं देती।

    जस्टिस वर्मा पर कार्रवाई की संभावना
    स्पीकर द्वारा गठित तीन-सदस्यीय कमेटी अपनी रिपोर्ट इस सत्र में पेश करेगी। यदि आरोप साबित होते हैं तो संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रस्ताव को पास होने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी और फिर यह राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि आरोप सही पाए जाने की स्थिति में जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा दे सकते हैं।
     

  • पुतिन की भारत यात्रा: राष्ट्रपति भवन पहुंचे पीएम मोदी, पुतिन का होगा औपचारिक स्वागत

    पुतिन की भारत यात्रा: राष्ट्रपति भवन पहुंचे पीएम मोदी, पुतिन का होगा औपचारिक स्वागत



    नई दिल्ली ।
    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 4 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय भारत यात्रा शुरू की। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है और चार साल बाद उनकी भारत यात्रा है। इस दौरान भारत और रूस के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग को बढ़ाने व्यापारिक रिश्तों को प्रगाढ़ करने और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

    भारत-रूस साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ

    पुतिन की यात्रा भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रही है। यह साझेदारी अक्टूबर 2000 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2010 में इसे स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया। इस दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा लगातार बढ़ा है  खासकर रक्षा ऊर्जा और व्यापारिक संबंधों में।

    यात्रा का मुख्य उद्देश्य

    पुतिन की इस यात्रा में प्रमुख रूप से रक्षा सहयोग, व्यापारिक रिश्तों और बाहरी दबावों से दोनों देशों को बचाने पर ध्यान दिया जाएगा। भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में पुराने संबंध रहे हैं, और दोनों देशों के बीच यह सहयोग और मजबूत हो सकता है। साथ ही  भारत में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच साझेदारी पर विचार हो सकता है।

    शिखर सम्मेलन और RT इंडिया चैनल का शुभारंभ

    5 दिसंबर को पुतिन का औपचारिक स्वागत होगा जिसके बाद 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे जिनमें रक्षा ऊर्जा व्यापार और सामरिक साझेदारी से संबंधित मुद्दे शामिल होंगे।

    सम्मेलन के बाद पुतिन रूस के प्रसारक रूसी टेलीविजन के नए भारतीय चैनल का शुभारंभ करेंगे। यह चैनल भारत में रूसी मीडिया की पहुंच को बढ़ाने में मदद करेगा और भारत-रूस के संबंधों को और मजबूत बनाएगा।

    राजकीय भोज और भविष्य की दिशा

    यात्रा के अंतिम दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पुतिन के सम्मान में एक राजकीय भोज आयोजित करेंगी। यह भोज भारत-रूस संबंधों की गहरी साझेदारी और मित्रता का प्रतीक होगा।

    इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा। भारत और रूस के रिश्ते खासकर रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहे हैं और यह यात्रा इन रिश्तों को एक नए दौर में प्रवेश दिला सकती है।

    भारत-रूस का सामरिक महत्व

    भारत और रूस के बीच सामरिक रिश्ते बहुत मजबूत रहे हैं विशेषकर रक्षा क्षेत्र में। रूस ने हमेशा भारत को उन्नत रक्षा प्रणाली प्रदान की है जिसमें विमान मिसाइलें और अन्य तकनीकी सहयोग शामिल है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा विज्ञान तकनीकी और शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा है।

    यह यात्रा भारत और रूस के रिश्तों में एक नई दिशा का संकेत देती है, जिसमें दोनों देशों के साझा हितों के साथ-साथ वैश्विक राजनीति में सामरिक समन्वय भी बढ़ेगा। पुतिन की यात्रा विशेष रूप से रक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में भारत-रूस साझेदारी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

  • सिमोन टाटा का निधन: टाटा परिवार की सौतेली मां और लेक्मे की शख्सियत रही प्रेरणा का स्रोत

    सिमोन टाटा का निधन: टाटा परिवार की सौतेली मां और लेक्मे की शख्सियत रही प्रेरणा का स्रोत


    नई दिल्ली । भारतीय उद्योग जगत और टाटा परिवार के लिए एक दुःखद खबर है। रतन टाटा की सौतेली मां और नोएल टाटा की मां, सिमोन दुनोयर टाटा का 95 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में निधन हो गया। स्विट्जरलैंड में जन्मीं सिमोन ने न केवल टाटा परिवार में अपनी जगह बनाई, बल्कि भारतीय कॉस्मेटिक्स उद्योग में भी एक नई पहचान स्थापित की।

    सिमोन दुनोयर टाटा का जन्म स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुआ था। उनका पूरा नाम सिमोन नेवल दुनोयर था। 1953 में भारत यात्रा पर आईं सिमोन ने टाटा परिवार से जुड़ाव बनाया और 1955 में जेआरडी टाटा के सौतेले भाई, नवल एच. टाटा से विवाह किया। नवल टाटा की पहली पत्नी सूनी कॉमिस्सैरिएट से दो बेटे थे, रतन और जीमी टाटा। सिमोन ने परिवार में संतुलन बनाए रखा और नवजात टाटा परिवार को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके और नवल टाटा के बेटे नोएल टाटा आज टाटा ट्रस्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी संस्थाओं में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

    सिमोन टाटा ने 1960 के दशक में टाटा ग्रुप के व्यवसाय में सक्रिय योगदान देना शुरू किया। उन्होंने टाटा ऑयल मिल्स की सब्सिडियरी कंपनी लेक्मे के बोर्ड में शामिल होकर इसकी रणनीति और विकास में अहम भूमिका निभाई। उस समय लेक्मे एक छोटी कंपनी थी, जो हमाम, ओके और मोदी सोप्स जैसे उत्पाद बनाती थी। लेकिन सिमोन ने इसे भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रमुख और भरोसेमंद कॉस्मेटिक ब्रांड बनाने का विजन दिया।

    1982 में सिमोन टाटा लेक्मे की चेयरपर्सन बनीं। उन्होंने भारतीय बाजार में महिलाओं की त्वचा और बालों की देखभाल के लिए विशेष उत्पाद विकसित कर ब्रांड को मजबूत किया। 1996 में भारत में आर्थिक उदारीकरण के बाद, लेक्मे ने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के साथ 50:50 साझेदारी की और लेक्मे यूनिलीवर लिमिटेड की स्थापना हुई। 1998 में सिमोन ने HUL को अपने 50 प्रतिशत शेयर 200 करोड़ रुपए में बेच दिए। इसके बाद लेक्मे ने कॉस्मेटिक्स से रिटेलिंग की दिशा में कदम बढ़ाया।

    सिमोन टाटा को भारतीय कॉस्मेटिक्स उद्योग की ‘जैज़ीनेरा’ कहा जाता है। उन्होंने लेक्मे को केवल घरेलू उत्पादों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि भारतीय महिलाओं की जरूरतों और समस्याओं को समझते हुए इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में लेक्मे ने मार्केट में नई रणनीतियों और साझेदारियों के माध्यम से तेजी से विकास किया।

    1998 में, सिमोन टाटा ने UK की लिटिलवुड्स इंटरनेशनल (इंडिया) कंपनी को खरीदा, जो रेडी-टू-वियर गारमेंट्स बेचती थी। इसी कदम के साथ उन्होंने ट्रेंट लिमिटेड की नींव रखी। लेक्मे लिमिटेड का नाम बदलकर ट्रेंट कर दिया गया और यह टाटा ग्रुप का प्रमुख रिटेल आर्म बन गया। आज ट्रेंट वेस्टसाइड, जुडियो और अन्य रिटेल फॉर्मेट्स चला रहा है। नोएल टाटा वर्तमान में ट्रेंट के चेयरमैन हैं और सिमोन टाटा की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

    सिमोन टाटा न केवल एक व्यवसायिक दृष्टिकोण रखने वाली महिला थीं, बल्कि उन्होंने टाटा परिवार में पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों को भी मजबूती से संभाला। उनका जीवन भारतीय उद्योग जगत और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। उनके योगदान ने न केवल महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उद्योग में बदलाव लाया, बल्कि रिटेलिंग और ब्रांड निर्माण के क्षेत्र में भी नए मानक स्थापित किए।

    उनकी यह विरासत आज भी टाटा समूह के कार्यों और समाज में उनके प्रभाव में देखी जा सकती है। सिमोन टाटा के निधन से टाटा परिवार और भारतीय उद्योग जगत को एक अनमोल व्यक्तित्व खोना पड़ा है।

  • भोपाल में राष्ट्रीय बालरंग में विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों की हुई प्रस्तुति

    भोपाल में राष्ट्रीय बालरंग में विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों की हुई प्रस्तुति


    भोपाल । भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर श्यामला हिल्स में शुक्रवार को राष्ट्रीय बालरंग की रंगारंग शुरूआत हुई। इसमें 19 राज्यों के बच्चों ने सहभागिता की।

    राष्ट्रीय बालरंग की शुरूआत में केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के बच्चों ने विकसित भारत 2047 की थीम पर लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। नृत्य में आंतकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय एकता को दर्शाया गया। नृत्य में बच्चों ने कृषि, विज्ञान, उद्योग के साथ अन्य क्षेत्रों में हो रही प्रगति को आकर्षक ढ़ंग से प्रस्तुत किया। सामूहिक लोक नृत्य प्रस्तुति में लोक धुनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया गया था। बालरंग में दूसरी प्रस्तुति आंध्रप्रदेश के स्कूली बच्चों ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में फसल कटाई के समय किसानों में उल्लास के क्षणों को संगीतमय प्रस्तुति के साथ प्रस्तुत किया गया।

    राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है बालरंग
    इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक अमिताभ पाण्डेय ने बालरंग का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालरंग समारोह के आयोजन में देशभर के बच्चों ने भोपाल की सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में विशिष्ट पहचान बनाई है। यह कार्यक्रम बच्चों में विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति को समझने का मौका देता है और इससे बच्चों में राष्ट्रीय एकता की भावना मजबूत होती है। बालरंग में 19 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के करीब 375 बच्चे अपने राज्य के लोकरंगों की प्रस्तुतियाँ दे रहे है। इस समारोह में राजधानी भोपाल के करीब 2 हजार बच्चों ने विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को देखा। समारोह में स्कूल शिक्षा विभाग और मानव संग्रहालय के विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

    राष्ट्रीय एकता पर केन्द्रित है बालरंग
    भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में विभिन्न प्रांतों के स्कूल के छात्र-छात्राएँ शामिल होकर अपने कला-कौशल के उत्कृष्ट प्रदर्शन से अपने प्रदेश की वैभवशाली लोक संस्कृति को प्रस्तुत करते हैं। विभिन्न प्रांतों के बच्चों के बीच संस्कृति का आदान-प्रदान होने से राष्ट्रीय एकता और सद्भाव की भावना मजबूत होती है।

  • अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर लाचुंगपा भारत-चीन सीमा सिक्किम से गिरफ्तार

    अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर लाचुंगपा भारत-चीन सीमा सिक्किम से गिरफ्तार


    भोपाल ।
    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में प्रदेश में वन एवं वन्यजीव के संरक्षण के लिये लगातार समग्र प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में कार्यवाही करते हुए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश एवं वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो नई दिल्ली ने 10 साल से वांछित, अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा को2 दिसम्बर 2025 को भारत-चीन की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास लाचंग, मंगन, जिला उत्तर सिक्किम (सिक्किम) में कई महीनों की कड़ी मेहनत के उपरांत सफलतापूर्वक कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया है।

    सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम में बाघ एवं पेंगोलिन के अवैध शिकार और बाघ की हड्डियों व पेंगोलिन के स्केल की नेपाल के रास्ते चीन में अवैध तस्करी करने वाले गिरोह के विरुद्ध जुलाई 2015 में प्रकरण दर्ज किया गया था, जिसमें यांगचेन लाचुंगपा वांछित थी। प्रकरण की गंभीरता देखते हुए वन मुख्यालय ने इसे मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स को विवेचना के लिये सौंपा गया था। एसटीएसएफ ने एक संगठित एवं अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यांगचेन लाचुंगपा अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्करी गिरोह की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जिसका नेटवर्क भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला हुआ है। यांगचेन लाचुंगपा के गिरोह के कई देशों में फैले नेटवर्क को देखते हुए भारत सरकार के अनुरोध पर इंटरपोल के द्वारा यांगचेन लाचुंगपा विरुद्ध रेड नोटिस भी जारी किया गया है, जिससे उसे किसी भी देश में सबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया जा सके। यांगचेन लाचुंगपा मूल रूप से चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत की निवासी है एवं भारत में मुख्यतः दिल्ली एवं सिक्किम में रहती थी। यांगचेन को पहली बार सितम्बर 2017 में भी हिरासत में लेकर ट्रांजिट रिमांड के लिये पेश किया गया था, लेकिन न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद फरार हो गई थी।उसकी अग्रिम जमानत को मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय जबलपुर ने भी वर्ष 2019 में खारिज कर दिया था।

    अपराधी यांगचेन लाचुंगपा गिरफ्तारी से बचने लगातार एजेंसियों को चकमा दे रही थी, अंत में 2 दिसम्बर 2025 को उसे मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स एवं केंद्र सरकार की वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो नई दिल्ली की संयुक्त टीम ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कम तापमान के क्षेत्र में जाकर योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर लाचुंग, मंगन (सिक्किम) से गिरफ्तार कर न्यायलय गंगटोक के समक्ष पेश कर मध्यप्रदेश शासन का ठोस पक्ष रखने के बाद ट्रांजिट वारंट 3 दिसम्बर 2025 को रात्रि में प्राप्त कर उसे मध्यप्रदेश लाया जा रहा है। इस कार्यवाही में सिक्किम पुलिस का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

    यह देश का पहला मामला है जिसमें शिकारियों, कूरियर बिचौलिये और तस्करों सहित 31 व्यक्तियों के पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया गया है।पूर्व में गिरफ्तार सभी आरोपियों को सजा भी मिल चुकी है। आरोपी यांगचेन को न्यायालय नर्मदापुरम में पेश कर रिमांड मांगा जायेगा, जिससे इस गंभीर प्रकरण में अग्रिम विवेचना की जा सके। इस सफलतापूर्वक कार्यवाही में शामिल एसटीएसएफ के दल को उत्कृष्ट कार्य के लिये पुरूस्कृत किया जायेगा।

  • भगोड़े विजय माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका, कहा- पहले भारत आकर कोर्ट में हाजिर हो

    भगोड़े विजय माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका, कहा- पहले भारत आकर कोर्ट में हाजिर हो


    नई दिल्‍ली ।
    भारत से करोड़ों रुपए का गबन करके भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या को बॉम्बे हाई कोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने माल्या की तरफ से फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट को दी गई चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस पर तभी कार्यवाही होगी, जब माल्या खुद भारत आकर कोर्ट में पेश होगा।

    मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंकढ़ की खंडपीठ ने मामले को आगे बढ़ाते हुए 23 दिसंबर को फिर से सुनवाई की बात कही। पीठ ने माल्या के वकील से कहा,”पहले अपने मुवक्किल को कोर्ट में पेश कराइए, फिर इस मामले पर सुनवाई की जाएगी। यह बताइए की वह कब तक भारत आएगा।”

    गौरतलब है कि नामी शराब कारोबारी और भारत के अरबपतियों में से एक विजय माल्या साल 2016 में देश छोड़कर भाग गया था। 2015 में ही सीबीआई ने माल्या के खिलाफ सिक्योरिटीज एवं फ्राड सेल के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसमें माल्या के ऊपर आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और दुराचार का आरोप लगाया गया था। यह पूरा मामला 900 करोड़ रुपए के कर्ज से जुड़ा हुआ था, जिसे आईडीबीआई बैंक ने विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिया था। बाद में, एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने माल्या के खिलाफ एक और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई।

    इसके बाद शुरू हुई जांच में सामने आया कि माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस का चेयरमैन रहते हुए, लोन लेने के लिए कई फ्रॉड किए हैं। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप भी शामिल हैं।

    2018 में एफईओ एक्ट के लागू होने के बाद माल्या के खिलाफ इसी कानून के तहत कार्यवाही होनी शुरू हो गई। इसके विरोध में माल्या ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसकी सुनवाई जारी है। ईडी ने माल्या की इस याचिका के खिलाफ जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि माल्या के भारत लौटे बिना उसे किसी भी तरह की सुरक्षा देना सही नहीं है। ईडी ने कहा कि विजय माल्या 2016 में जांच से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया, और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ। नवंबर 2016 में उन्हें “घोषित अपराधी” घोषित किया गया। 2017 और 2018 में विशेष अदालत ने उनके खिलाफ नए वारंट जारी किए, और उन्हें अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया, लेकिन माल्या भारत नहीं लौटे।

    2016 में इन केसों से बचने के लिए ब्रिटेन गए माल्या तब से वहीं भगोड़े के रूप में रह रहे हैं। हालांकि, जब भी उन्हें भारत वापस आने के लिए कहा गया, तब सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उन्होंने इससे इनकार कर दिया। एक बार उन्होंने भारत आने की इच्छा भी जताई थी, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी से सुरक्षा देने की मांग रखी थी, जिसे ईडी ने खारिज कर दिया था।

  • MP में ठंड ने पकड़ा जोर, पचमढ़ी सबसे सर्द, 9 शहरों का तापमान 10 डिग्री से नीचे

    MP में ठंड ने पकड़ा जोर, पचमढ़ी सबसे सर्द, 9 शहरों का तापमान 10 डिग्री से नीचे


    भोपाल ।
    मध्य प्रदेश में सर्दी ने अब जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है। बीती रात 9 शहरों का पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया, जबकि पचमढ़ी सबसे ठंडा स्थान दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में उत्तरी बर्फीली हवाओं के चलते ठंड और तेज होगी।

    मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी है, जिसके पीछे एक और विक्षोभ तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में 5 और 7 दिसंबर को बर्फबारी और बारिश की संभावना है। इसके बाद उत्तरी हवाएं मैदानी इलाकों में दाखिल होंगी, जिससे 7-8 दिसंबर को उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में कड़ाके की सर्दी बढ़ने की पूरी आशंका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम में भी शीतलहर का असर तेज रहने की संभावना जताई गई है।

    इस सीजन में सर्दी का प्रभाव औसत से अधिक दिख रहा है। भोपाल में नवंबर में 84 साल का ठंड का रिकॉर्ड टूटा है, जबकि इंदौर ने 25 साल की सबसे तीखी सर्दी दर्ज की है। विभाग के अनुसार, ऐसी ही कड़ाके की ठंड दिसंबर में भी बनी रहेगी।

    नर्मदापुरम जिले का पचमढ़ी, जो प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है, इस समय सबसे ज्यादा ठंड का सामना कर रहा है। घने जंगलों से घिरा होने के कारण यहां दिन और रात, दोनों समय तापमान न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है। बुधवार-गुरुवार की रात यहां तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा शहडोल के कल्याणपुर में 7.4 डिग्री, शाजापुर में 7.9 डिग्री, मुरैना में 8.5 डिग्री, उमरिया में 9.1 डिग्री, दतिया में 9.3 डिग्री, राजगढ़ में 9.4 डिग्री और रीवा में 9.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।

    बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे ठंडा रहा, जहां पारा 8.6 डिग्री तक गिरा। इंदौर में तापमान 10.2 डिग्री, जबलपुर में 11.4 डिग्री, भोपाल में 11.6 डिग्री और उज्जैन में 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

  • BJP सांसद अरुण गोविल का बयान: मस्जिदों और मदरसों में CCTV लगाने की मांग

    BJP सांसद अरुण गोविल का बयान: मस्जिदों और मदरसों में CCTV लगाने की मांग


    नई दिल्ली। भाजपा सांसद अरुण गोविल ने लोकसभा के शून्यकाल में मस्जिदों और मदरसों में CCTV कैमरे लगाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि ये बड़े सार्वजनिक और सामुदायिक स्थल हैं, जहां सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। सांसद ने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए है।

    देशभर में सुरक्षा व्यवस्था:
    गोविल ने बताया कि आज देशभर के मंदिर, चर्च, गुरुद्वारे, कॉलेज, अस्पताल, बाजार और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर CCTV कैमरे लगाए जा चुके हैं। ये कैमरे पारदर्शिता, सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में प्रभावी साबित हुए हैं। लेकिन मस्जिदों और मदरसों में अब तक यह व्यवस्था लागू नहीं है, जबकि ये भी बड़े सार्वजनिक स्थल हैं।

    मक्का का उदाहरण:
    सांसद ने सऊदी अरब के मक्का और वहां के मदरसों का उदाहरण देते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से वहां CCTV कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, “अगर वहां सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सकती है, तो भारत में समान सुरक्षा मानकों को लागू करने में क्यों हिचक होना चाहिए?”

    समान राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की अपील:
    अरुण गोविल ने केंद्र सरकार से अपील की कि देशभर में समान राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाई जाए, जिसके तहत मस्जिदों और मदरसों में भी कैमरे अनिवार्य हों, जैसे मंदिरों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए हैं। उनका मानना है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र और मजबूत होगा।

    सुरक्षा पर चर्चा और प्रतिक्रिया:
    गोविल के इस बयान के बाद सुरक्षा मानकों पर चर्चा तेज हो गई है। कई लोग इसे समान सुरक्षा नीति की दिशा में जरूरी कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे विवादित भी बता रहे हैं। सांसद का कहना है कि सुरक्षा सबके लिए है और इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह कदम स्पष्ट करता है कि संसद में सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर बहस हो रही है। सांसद यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी सार्वजनिक और सामुदायिक स्थल, चाहे किसी भी धर्म से संबंधित हों, सुरक्षा की दृष्टि से समान रूप से मजबूत और सुरक्षित हों।