Author: bharati

  • SA vs Ind: पहला टी-20 आज… हार्दिक पांड्या इतिहास रचने के बेहद… टीम में हुई वापसी

    SA vs Ind: पहला टी-20 आज… हार्दिक पांड्या इतिहास रचने के बेहद… टीम में हुई वापसी


    नई दिल्ली।
    भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर (Indian Team’s Star all-rounder) हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) मंगलवार (9 दिसंबर) को दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेंगे. उनको एशिया कप के सुपर फोर मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ क्वाड्रिसेप्स इंजरी हो गई थी. इसी वजह से वह पाकिस्तान के खिलाफ अहम फाइनल मैच नहीं खेल पाए थे. पांड्या ने फिटनेस हासिल करने के लिए बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में कुछ हफ्ते बिताए।

    हार्दिक पंड्या ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बड़ौदा के लिए दो मैच खेले और अपनी फिटनेस साबित की. अब वह फिर से टीम इंडिया की जर्सी पहनने के लिए तैयार हैं. पांड्या ने नितीश कुमार रेड्डी की जगह ली है. ये खिलाड़ी उनकी गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया गया था. हार्दिक दक्षिण अफ्रीका सीरीज के वनडे के लिए फिट नहीं थे लेकिन टी20 में वापसी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

    हार्दिक पांड्या इतिहास रचने के बेहद करीब हैं. वह टी20 इंटरनेशनल में 2000 रन और 100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय ऑलराउंडर बनने से सिर्फ 140 रन और दो विकेट दूर हैं. उन्होंने 2016 में टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया था. उनके नाम 1860 रन और 98 विकेट हैं. वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में यह उपलब्धि हासिल कर सकते हैं. पांड्या अपने डेब्यू के बाद से टी20 टीम के अहम सदस्य रहे हैं. उन्होंने 2024 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत को जीत दिलाने के लिए आखिरी ओवर में 16 रन सफलतापूर्वक बचाए थे।

    हार्दिक पंड्या ने 2016 टी20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ भी आखिरी ओवर डाला था. भारत ने वह मैच सिर्फ एक रन से जीता था. पांड्या सबसे तेज बल्लेबाजों में से एक हैं और उनका स्ट्राइक रेट 141.01 है. पांड्या वनडे में भी नियमित खिलाड़ी हैं. उन्होंने 94 वनडे में 1904 रन और 91 विकेट लिए हैं. सफेद गेंद क्रिकेट में उनकी सफलता के चलते वह 2017 में टेस्ट टीम में भी शामिल हुए. लेकिन पीठ की समस्या के कारण वह सिर्फ 11 टेस्ट खेल पाए. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 532 रन और 17 विकेट हैं. पांड्या ने 2018 के बाद से कोई रेड-बॉल मैच नहीं खेला है।

  • ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन का नया रिकॉर्ड, ट्रेड सरल्प्स 1 ट्रिलियन डॉलर के पार

    ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन का नया रिकॉर्ड, ट्रेड सरल्प्स 1 ट्रिलियन डॉलर के पार


    हांगकांग।
    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) के टैरिफ को लेकर बनाए गए दबाव और अमेरिका-चीन (America-China) के बीच छिड़े ट्रेड वॉर के बाद भी चीन ने पहली बार 1 हजार अरब डॉलर के सरप्लस के आंकड़े को पार कर लिया है। सोमवार को चीन द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। जानकारी के मुताबिक अक्टूबर माह में आई अप्रत्याशित गिरावट के बाद चीन के निर्यात में नवंबर के दौरान वृद्धि दर्ज की गई जिससे 2025 में उसका व्यापार अधिशेष पहली बार 1,000 अरब डॉलर से अधिक हो गया।

    चीन के सीमा-शुल्क आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में डॉलर के संदर्भ में चीन का कुल निर्यात सालाना आधार पर 5.9 प्रतिशत और आयात करीब दो प्रतिशत बढ़ गया। हालांकि अमेरिका को चीन के निर्यात में एक साल पहले की तुलना में करीब 29 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह लगातार आठवें महीने दहाई अंकों में गिरावट है। वहीं चीन के दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका सहित अन्य गंतव्यों को निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई।

    अमेरिकी बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक निर्यात में चीन की हिस्सेदारी बढ़कर 16.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी जो फिलहाल करीब 15 प्रतिशत है। यह वृद्धि उन्नत विनिर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन, रोबोटिक्स और बैटरी जैसे उच्च-विकासशील क्षेत्रों में निर्यात की बढ़त की वजह से होगी।

    इससे पहले चीन का निर्यात अक्टूबर में 1 प्रतिशत से अधिक गिर गया था। हालांकि नवंबर में इसका प्रदर्शन बेहतर रहा और दुनिया भर में निर्यात 330.3 अरब डॉलर रहा जो अर्थशास्त्रियों के अनुमान से काफी अधिक है। वहीं चीन का आयात नवंबर में कुल 218.6 अरब डॉलर रहा। फैक्टसेट द्वारा जारी आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के मुताबिक 2025 के पहले 11 महीनों के लिए लगभग 1080 अरब डॉलर का ट्रेड सरल्प्स एक रिकॉर्ड उच्च स्तर है जो 2024 की समान अवधि के 992 अरब डॉलर सरप्लस से अधिक है। आईएनजी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री लिन सोंग ने रिपोर्ट में लिखा, ‘‘संभवत: नवंबर के निर्यात में शुल्क कटौती का असर पूरी तरह नहीं दिखा है। इसका असर आने वाले महीनों में दिखाई देगा।’’

    गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर के अंत में दक्षिण कोरिया में हुई बैठक में दोनों देशों के बीच एक साल के लिए व्यापार-युद्ध को रोकने पर सहमति बनी थी। अमेरिका ने चीन पर अपने शुल्क कम कर दिए हैं और चीन ने दुर्लभ खनिजों से संबंधित अपने निर्यात नियंत्रणों को समाप्त करने का वादा किया है। एक आधिकारिक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले महीने चीन की उत्पादन गतिविधि लगातार आठवें महीने घटी थीं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह निर्धारित करना अब भी जल्दबाजी होगी कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बाद बाहरी मांग में वास्तविक उछाल आया है या नहीं।

  • भूकंप के झटकों से हिला जापान…. 7.6 रही तीव्रता, सुनामी का अलर्ट जारी….

    भूकंप के झटकों से हिला जापान…. 7.6 रही तीव्रता, सुनामी का अलर्ट जारी….


    टोक्यो।
    जापान (Japan) में सोमवार रात धरती डोल उठी। यहां तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के मुताबिक, रिक्टर स्केल (Richter scale) पर भूकंप (Earthquake) की तीव्रता 7.6 मापी गई है. इसके तुरंत बाद उत्तर-पूर्वी तट पर 3 मीटर (10 फीट) तक ऊंची सुनामी आने की चेतावनी (Tsunami warning) जारी की गई है. प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को तुरंत ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा है. यह चेतावनी होक्काइडो, आओमोरी और इवाते प्रान्तों के लिए जारी की गई है, जहां खतरा सबसे ज्यादा है. भूकंप का केंद्र तट से दूर बताया जा रहा है, लेकिन इसके झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर निकल आए।

    रात के अंधेरे में 10 फीट ऊंची लहरों का खौफ: भूकंप के झटके रात करीब 11:15 बजे महसूस किए गए. इतनी रात गए आए भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया. जेएमए ने साफ कहा है कि समुद्र में हलचल तेज है और 10 फीट तक ऊंची लहरें तट से टकरा सकती हैं. जापान के उत्तर और पूर्व के एक बड़े हिस्से में झटके महसूस किए गए. एजेंसी ने लोगों से अपील की है कि वे समुद्र तट से दूर रहें और सुरक्षित ठिकानों पर शरण लें।

    होक्काइडो और आओमोरी में रेड अलर्ट: सुनामी की चेतावनी के बाद होक्काइडो, आओमोरी और इवाते प्रान्तों में सायरन बजने लगे हैं. स्थानीय प्रशासन ने इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट मोड पर डाल दिया है. 7.6 की तीव्रता वाला भूकंप बेहद खतरनाक माना जाता है. इससे इमारतों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका है. फिलहाल नुकसान की विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

  • नेचुरल हेयर केयर: इस प्रोटीन मास्क से रूखे बालों में आएगी नई चमक

    नेचुरल हेयर केयर: इस प्रोटीन मास्क से रूखे बालों में आएगी नई चमक


    नई दिल्ली। सर्दियों में बालों का रूखा, बेजान और कमजोर होना आम समस्या बन जाती है। ठंडी हवा, प्रदूषण और पोषण की कमी से बाल अपनी प्राकृतिक चमक खो देते हैं। ऐसे में प्रोटीन से भरपूर घरेलू हेयर मास्क बालों के लिए रामबाण उपाय साबित हो सकता है। सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह मास्क बालों को जड़ों से मजबूत बनाकर उन्हें रेशमी और चमकदार बना देता है।

    क्यों जरूरी है प्रोटीन हेयर मास्क-
    बालों की मजबूती के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी से बाल टूटने लगते हैं और उनकी ग्रोथ भी प्रभावित होती है। अंडा और दही से बना हेयर मास्क बालों को अंदर से पोषण देकर उनकी बनावट सुधारता है और रूखापन दूर करता है।

    हेयर मास्क बनाने की सामग्री-

    1 अंडा
    2 बड़े चम्मच दही

    ऐसे करें मास्क तैयार

    एक बाउल में अंडा और दही डालकर अच्छी तरह फेंट लें, ताकि स्मूद मिश्रण बन जाए। बालों को हल्का गीला करें और इस मिश्रण को जड़ों से लेकर सिरों तक लगाएं। इसके बाद 20–30 मिनट तक बालों में रहने दें।

    धोने का सही तरीका

    बाल हमेशा ठंडे या हल्के गुनगुने पानी से धोएं। गर्म पानी से अंडा बालों में जम सकता है। इसके बाद हल्के शैंपू से बाल साफ करें। हफ्ते में 1–2 बार इसका इस्तेमाल पर्याप्त है।

    इस मास्क से मिलने वाले फायदे

    इस मास्क के नियमित इस्तेमाल से बाल सिल्की, मुलायम और प्राकृतिक रूप से चमकदार बनते हैं। इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होता है, स्कैल्प साफ व स्वस्थ रहती है और बालों की मोटाई व मजबूती में भी बढ़ोतरी होती है। साथ ही यह मास्क रूखापन दूर कर दोमुंहे बालों की समस्या को भी काफी हद तक कम कर देता है।

    जरूरी सावधानियां-

    मास्क लगाने से पहले किसी छोटे हिस्से पर एलर्जी टेस्ट जरूर करें ताकि किसी प्रकार की त्वचा प्रतिक्रिया से बचा जा सके। अगर सिर में कहीं घाव या चोट हो तो इस मास्क का उपयोग न करें। साथ ही हफ्ते में 1–2 बार से ज्यादा इसका इस्तेमाल न करें और बाल धोते समय कभी भी गर्म पानी न लें, क्योंकि इससे अंडा पक सकता है और बालों को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आप सर्दियों में रूखे और बेजान बालों से परेशान हैं, तो अंडा-दही से बना यह प्रोटीन हेयर मास्क आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। नियमित इस्तेमाल से बाल मजबूत, मुलायम और प्राकृतिक रूप से चमकदार बन जाते हैं।

  • सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता: एक करोड़ के इनामी रामधेर समेत 12 माओवादी समर्पित

    सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता: एक करोड़ के इनामी रामधेर समेत 12 माओवादी समर्पित


    राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के एमएमसी जोन में सक्रिय माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। माओवादी संगठन के एक बड़े सदस्य रामधेर ने आखिरकार सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही उनके 11 साथियों ने भी हथियार डाल दिए जिससे एमएमसी जोन में माओवादी गतिविधियों को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। इस आत्मसमर्पण को सुरक्षा एजेंसियां माओवादी मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम मान रही हैं।
    रामधेर जो कि माओवादी संगठन के केंद्रीय समिति सीसी का सदस्य था लंबे समय से सुरक्षाबलों के रडार पर था। वह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव बालाघाट और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में माओवादी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। इस समर्पण के साथ ही इस इलाके में माओवादी विरोधी अभियान को एक बड़ी जीत मिल रही है। रामधेर और उसके साथियों ने खैरागढ़ इलाके के बकरकट्टा थाने में सोमवार तड़के आत्मसमर्पण किया।
    पिछले कुछ दिनों से रामधेर और उसके साथियों के सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क में रहने की खबरें आ रही थीं। इसके बाद रविवार को बालाघाट में भोरमदेव कमेटी के 10 माओवादियों के समर्पण के एक दिन बाद रामधेर ने भी अपनी गिरफ्तारी का ऐलान किया। इस आत्मसमर्पण के साथ ही एमएमसी जोन में माओवादी गतिविधियों की समाप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर राजनांदगांव पहुंचकर इस महत्वपूर्ण घटना को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह राज्य की सुरक्षा और शांति के लिए एक अहम कदम है। मुख्यमंत्री ने समर्पण करने वाले माओवादियों के फैसले को सराहा और यह भी कहा कि यह समर्पण उनके लिए एक नया जीवन शुरू करने का अवसर है।
    सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक रामधेर और उसके साथी लंबे समय से माओवादी संगठन में अहम भूमिका निभा रहे थे और उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप थे। रामधेर पर एक करोड़ रुपये का इनाम भी रखा गया था। वह अपनी मास्टरमाइंड योजनाओं और हमलों के लिए जाना जाता था लेकिन अब उसके आत्मसमर्पण से सुरक्षा बलों को एक बड़ी राहत मिली है।
    राजनांदगांव पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि माओवादी नेता रामधेर के समर्पण के बाद एमएमसी जोन को पूरी तरह से माओवादी मुक्त माना जा सकता है। यह राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इस इलाके में माओवादियों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए कई सालों से लगातार प्रयास किए जा रहे थे।
    इस समर्पण के बाद सुरक्षा बलों के अधिकारियों का मानना है कि अब एमएमसी जोन में माओवादियों की कोई बड़ी उपस्थिति नहीं होगी जिससे क्षेत्र की सुरक्षा और विकास में तेजी आएगी। माओवादियों के खिलाफ जारी अभियान अब न सिर्फ माओवादियों के समर्थन को समाप्त करेगा बल्कि स्थानीय जनता में सुरक्षा का विश्वास भी बढ़ाएगा।
    माओवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षाबलों की लगातार मुहिम और सरकार की पहलें अब धीरे-धीरे रंग लाने लगी हैं। रामधेर जैसे बड़े माओवादी नेताओं का समर्पण यह सिद्ध करता है कि माओवादी आंदोलन का प्रभाव अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। इस समर्पण के बाद सुरक्षा बलों का कहना है कि आगे भी इसी तरह के समर्पण होते रहेंगे जिससे न केवल एमएमसी जोन बल्कि पूरे राज्य में माओवादी गतिविधियों पर काबू पाया जा सकेगा। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय जनता भी इस आत्मसमर्पण को सकारात्मक रूप से देख रही है क्योंकि इससे इलाके में शांति और विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं।

  • IND vs SA: टी20 सीरीज से पहले ICC ने टीम इंडिया को फाइन किया, जानें वजह

    IND vs SA: टी20 सीरीज से पहले ICC ने टीम इंडिया को फाइन किया, जानें वजह


    नई दिल्ली /भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज मंगलवार, 9 दिसंबर से शुरू हो रही है। इस सीरीज से एक दिन पहले ही ICC ने टीम इंडिया पर जुर्माना लगाया।

    ICC ने क्यों लगाई कार्रवाई
    रायपुर में खेले गए दूसरे वनडे में टीम इंडिया ने स्लो ओवर रेट बनाए रखा, जिसके कारण ICC ने मैच फीस का 10% फाइन लगाया। ICC ने बताया कि यह कार्रवाई उनके कोड ऑफ कंडक्ट फॉर प्लेयर्स एंड प्लेयर सपोर्ट पर्सनल के आर्टिकल 2.22 के तहत की गई, जो न्यूनतम ओवर रेट उल्लंघनों से संबंधित है।

    एमिरेट्स ICC एलीट पैनल के मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने यह जुर्माना लगाया क्योंकि KL राहुल की टीम निर्धारित समय में दो ओवर पीछे रह गई थी।

    KL राहुल ने स्वीकार किया गलती
    नियमों के अनुसार, प्रत्येक ओवर के लिए जो समय पर नहीं फेंका जाता, खिलाड़ियों पर उनकी मैच फीस का 5% जुर्माना लगाया जाता है। स्टैंड-इन कप्तान KL राहुल ने गलती स्वीकार कर ली, इसलिए किसी औपचारिक सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी।

    टी20 सीरीज में कप्तानी और उपकप्तानी
    पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया की कप्तानी हार्दिक पांड्या को सौंपी गई है। उपकप्तान की जिम्मेदारी शुभमन गिल को मिली है, जो गर्दन की चोट के कारण वनडे सीरीज से बाहर थे और अब टी20 में वापसी कर रहे हैं।

    सीरीज का शेड्यूल

    1st T20: 9 दिसंबर, बाराबती स्टेडियम, कटक

    2nd T20: लखनऊ

    3rd T20: धर्मशाला

    4th T20: तिरुवनंतपुरम

    5th T20: चेन्नई

    भारत युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण वाली टीम के साथ जीत दर्ज करने के इरादे से मैदान में उतरेगा।

    रायपुर वनडे की झलक
    भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से जीती। हालांकि, जिस मैच में टीम को ICC फाइन लगा, उसमें दक्षिण अफ्रीका ने जीत दर्ज की। विराट कोहली (102) और ऋतुराज गायकवाड़ (105) की शतकीय पारियों की मदद से भारत ने 358 रन बनाए, लेकिन ओस की वजह से लक्ष्य का पीछा आसान हो गया और एडन मार्करम की 110 रनों की पारी के दम पर मेहमान टीम ने जीत दर्ज की।

    टी20 सीरीज की शुरुआत
    टी20 सीरीज का पहला मैच 9 दिसंबर को कटक के बाराबती स्टेडियम में शाम 7 बजे से खेला जाएगा। मैच का लाइव प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर और लाइव स्ट्रीमिंग जियोहॉटस्टार ऐप एवं वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।

  • स्टेज पर परफॉर्म कर रही कनिका कपूर पर फैन ने किया हमला, तुरंत संभाली प्रतिक्रिया

    स्टेज पर परफॉर्म कर रही कनिका कपूर पर फैन ने किया हमला, तुरंत संभाली प्रतिक्रिया


    नई दिल्ली /बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर के साथ मेगोंग फेस्टिवल में लाइव परफॉर्मेंस के दौरान एक अप्रत्याशित घटना हुई। वीडियो में देखा जा सकता है कि मंच पर गा रही कनिका के पास अचानक एक युवक दौड़कर आया और उनके साथ अटपटी हरकत करने की कोशिश की।

    सभी को चौंकाने वाले इस पल में कनिका ने संयम बनाए रखा और गाना जारी रखा। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और युवक को मंच से नीचे उतार दिया। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कलाकारों की सुरक्षा को लेकर गुस्सा और चिंता जताई जा रही है।

    यह घटना ऐसे समय हुई है जब कनिका कपूर ने हाल ही में बॉलीवुड में सिंगर्स की कमाई और रॉयल्टी को लेकर खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि शुरुआती प्रोजेक्ट्स के लिए उन्हें कभी-कभी केवल 101 रुपये तक दिए गए। उनके अनुसार, भारत में सिंगर्स की आय का सबसे बड़ा स्रोत लाइव परफॉर्मेंस होता है, लेकिन सुरक्षा और पेंशन जैसी कोई व्यवस्था नहीं है।

    कनिका कपूर ने अपने करियर में कई सुपरहिट गाने दिए हैं जैसे ‘बेबी डॉल’ और ‘चिट्टियां कलाइयां’, और वे हमेशा कलाकारों के अधिकारों और भुगतान के मुद्दों पर मुखर रही हैं। इस घटना ने स्टेज सुरक्षा और कलाकारों की पेशेवर चुनौतियों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 19 मार्च से मां दुर्गा की पूजा से मिलेगा जीवन में सुख और समृद्धि चैत्रनवरात्रि2026

    चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 19 मार्च से मां दुर्गा की पूजा से मिलेगा जीवन में सुख और समृद्धि चैत्रनवरात्रि2026



    नई दिल्‍ली ।
    हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इसी माह से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जहां नववर्ष 1 जनवरी को आता है वहीं हिंदू नववर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है। यह एक प्रमुख धार्मिक पर्व है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रि का आयोजन विशेष रूप से शांति समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की उपासना के साथ-साथ व्रत भी रखते हैं ताकि उनका जीवन खुशहाल और समृद्ध हो सके।

    चैत्र नवरात्रि 2026: तिथि और अवधि

    चैत्र नवरात्रि 2026 का आरंभ 19 मार्च को होगा जो कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। यह दिन विशेष रूप से कलश स्थापना के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके बाद नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना का सिलसिला चलता है। नवमी तिथि 27 मार्च को आएगी और इसी दिन राम नवमी का पर्व भी मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से राम भक्तों द्वारा श्रीराम के जन्मोत्सव की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि की समाप्ति 27 मार्च को होगी। इस दिन विशेष रूप से दिनभर देवी पूजा की जाती है और उपवासी भक्तों द्वारा व्रत का पारण किया जाता है।

    चैत्र नवरात्रि 2026: कलश स्थापना मुहूर्त

    चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से एक पवित्र मिट्टी के कलश को घर के पूजा स्थान पर स्थापित किया जाता है और फिर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा शुरू होती है।

    19 मार्च 2026 को कलश स्थापना का मुहूर्त इस प्रकार है

    सुबह का मुहूर्त 06:00 AM – 06:45 AM
    दोपहर का मुहूर्त 11:30 AM – 12:15 PM
    सांयकाल का मुहूर्त 06:00 PM – 06:45 PM

    इन मुहूर्तों में से जो भी समय आपके लिए सुविधाजनक हो उस समय कलश स्थापना कीजिए। विशेष रूप से शुद्धि और पवित्रता का ध्यान रखें। पूजा के दौरान श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी दुर्गा की उपासना करें और व्रत का संकल्प लें।

    देवी पूजा और विशेष अनुष्ठान

    चैत्र नवरात्रि के दौरान प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। इस प्रकार के अनुष्ठानों से मनुष्य को न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि उसके जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान भी संभव होता है।

    प्रथम दिन 19 मार्च मां शैलपुत्री की पूजा होती है। दूसरे दिन 20 मार्च मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। तीसरे दिन 21 मार्च मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। चौथे दिन 22 मार्च मां कूष्मांडा की पूजा होती है पांचवे दिन 23 मार्च मां स्कंदमाता की पूजा होती है। छठे दिन 24 मार्च मां कात्यायनी की पूजा होती है। सातवे दिन 25 मार्च मां कालरात्रि की पूजा होती है। आठवे दिन 26 मार्च मां महागौरी की पूजा होती है नौवे दिन 27 मार्च मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है साथ ही साथ राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इन नौ दिनों में व्रति पूजा और उपासना से भक्तों को मानसिक शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

    चैत्र नवरात्रि 2026 का आरंभ 19 मार्च से हो रहा है और इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है। यह समय देवी दुर्गा की उपासना व्रत और पूजा का होता है जिससे भक्त अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। कलश स्थापना के दौरान विशेष मुहूर्त का पालन करें और नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाएं। इस अवसर पर घर में मां दुर्गा का व्रत करना और उनकी पूजा करना निश्चित रूप से जीवन में सुख और शांति लेकर आता है।इस अवसर पर घर में मां दुर्गा का व्रत करना और उनकी पूजा करना निश्चित रूप से जीवन में सुख और शांति लेकर आता है।

  • टीम इंडिया पर ICC का एक्शन: स्लो ओवर रेट के कारण मैच फीस में कटौती

    टीम इंडिया पर ICC का एक्शन: स्लो ओवर रेट के कारण मैच फीस में कटौती

    नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। सीरीज का पहला मैच रांची में 17 रनों से भारत ने जीता, जबकि दूसरा मैच रायपुर में साउथ अफ्रीका ने 4 विकेट से जीत दर्ज की। निर्णायक मुकाबला विशाखापत्तनम में केएल राहुल की कप्तानी में भारत ने 9 विकेट से अपने नाम किया।

    लेकिन इस जीत के बावजूद टीम इंडिया पर ICC ने अक्शन लिया। रायपुर में खेले गए दूसरे वनडे में टीम का स्लो ओवर रेट (निर्धारित समय में ओवर पूरा न करना) मुद्दा बन गया। ICC के नियमों के अनुसार, प्रति ओवर 5% जुर्माना लगता है। भारत ने दो ओवर समय पर नहीं फेंके, इसलिए टीम के मैच फीस का 10% काटा गया।

    आईसीसी के एलीट पैनल ऑफ मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने इस सजा की पुष्टि की। टीम के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल ने गलती स्वीकार कर ली, इसलिए किसी औपचारिक सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी।

    रायपुर वनडे में भारत ने विराट कोहली (102) और ऋतुराज गायकवाड़ (105) की शतकीय पारियों की मदद से 358/5 का स्कोर बनाया था। बावजूद इसके मैच साउथ अफ्रीका ने एडेन मार्करम (110) की शानदार पारी के दम पर 4 विकेट से जीत लिया।

    अब टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ 9 दिसंबर से 5 मैचों की टी20 सीरीज के लिए कटक रवाना होगी।

  • वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ जानें कैसे ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जन्मा राष्ट्रभक्ति का यह प्रतीक

    वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ जानें कैसे ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जन्मा राष्ट्रभक्ति का यह प्रतीक


    नई दिल्‍ली । भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कुछ घटनाएं और तिथियां ऐसी हैंजो आज भी हमारे दिलों में अमिट यादें छोड़ जाती हैं। 7 नवंबर की तारीख भी ऐसी ही एक महत्वपूर्ण तिथि हैजब भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक नया अध्याय जुड़ा। आज से 150 साल पहले भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना हुई थीजिसने देशवासियों में राष्ट्रीय एकता और संघर्ष की भावना को प्रगाढ़ किया। इस गीत ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया और देश की आज़ादी की लड़ाई में एक नया जोश भर दिया।

    वंदे मातरम का जन्म
    वंदे मातरम की रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी। यह गीत उनकी काव्य-रचनाओं के संग्रह आनंदमठ 1882से लिया गया था। आनंदमठ उपन्यास के मध्य भाग मेंजहां बंगाल के संतरी और मठ के साधु अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध करते हैंवहां वंदे मातरम की रचना ने भारतीयों के दिलों में देशभक्ति की एक नयी आग प्रज्वलित की। इस गीत के बोल न केवल देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेबल्कि उन्होंने पूरे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एक संगठित आंदोलन की दिशा दी। वंदे मातरम का शब्दार्थ माँ तुझे सलाम या भारत माता की जय से भी जुड़ा हैजो भारतीयों के लिए राष्ट्रीय गौरव और सम्मान का प्रतीक बन गया। इसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और प्यार से लिखाजिसे आज भी हर भारतीय गाता है।

    स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

    जब यह गीत पहली बार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मैदान में गाया गयातो इसके प्रभाव से एक नया क्रांतिकारी जोश पैदा हुआ। इसे सबसे पहले 7 नवंबर 1905 को बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने कोलकाता में एक सभा में गाया थाजब बंगाल विभाजन का विरोध हो रहा था। यह गीत न केवल भारतीयों को एकजुट करता थाबल्कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उनके दिलों में विद्रोह की भावना भी उत्पन्न करता था।

    इसके बाद1905 से लेकर 1947 तकवंदे मातरम को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रतीक के रूप में गाया गया और इसने भारतीयों को अपनी मातृभूमि के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी। खासकरस्वाधीनता संग्राम में शामिल नेताओं ने इस गीत का उपयोग अपने भाषणों और आंदोलनों में किया। यह गीत महात्मा गांधीसुभाष चंद्र बोस और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे महापुरुषों के आंदोलन का हिस्सा बन गया।

    वंदे मातरम का राष्ट्रीय गीत में रूपांतरण

    सभी भारतीयों के दिलों में गहरी जगह बनाने वाला वंदे मातरम गीत1950 में भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता प्राप्त हुआ। यह गीत एक समय में भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बन चुका थाऔर अब यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का हिस्सा है। 8 दिसंबर 2023 कोवंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर परसंसद में विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगाजिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके अगले दिन9 दिसंबर को राज्यसभा में भी इस पर विमर्श किया जाएगा।

    समाज में गहरी छाप

    वंदे मातरम के गीत का हर शब्द भारतीय समाज में एक अनूठा प्रभाव छोड़ता है। यह गीत आज भी न केवल स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाता हैबल्कि भारत की एकता और अखंडता का भी प्रतीक बन चुका है। आज भी विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमोंस्कूलों और कॉलेजों में इस गीत को सम्मान के साथ गाया जाता हैऔर यह भारतीयों के दिलों में अपने मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और प्रेम को और गहरा करता है।

    वंदे मातरम न केवल एक गीत हैबल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्त्रोत भी बन गया। इसने भारतीयों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी और एक सशक्तएकजुट राष्ट्र के निर्माण की दिशा में योगदान दिया। आजजब हम इस गीत को गाते हैंतो हम न केवल अपनी मातृभूमि के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैंबल्कि उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैंजिन्होंने इस देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।