Author: bharati

  • मप्र के दमोह में अरंडी के बीज खाने से 30 बच्चे बीमार, जिला अस्पताल में भर्ती

    मप्र के दमोह में अरंडी के बीज खाने से 30 बच्चे बीमार, जिला अस्पताल में भर्ती


    दमोह।
    मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक के किशनगंज गांव में मंगलवार शाम स्कूल में खेलते समय कुछ बच्चों ने अरंडी के बीज खा लिए। इसके बाद घर लौटते ही बच्चों को उल्टियां शुरू हो गईं। एक के बाद एक 30 बच्चे बीमार हो गए, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। परिजनों ने तुरंत सभी बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

    एक बच्चे की मां जानकी पटेल ने बताया कि बच्चे मूंगफली जैसी दिखने वाली बीज खाने के बाद बीमार हुए। सभी बच्चों को ऑटो और एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों की देखरेख में उनका उपचार जारी है। अस्पताल के चिकित्सक डॉ सुनील जैन ने बताया कि फिलहाल बच्चों की हालत स्थिर है।

    कलेक्टर के निर्देश पर छह से अधिक डॉक्टरों की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू किया। जिला अस्पताल में डॉक्टर विक्रांत चौहान, डॉक्टर सोनू शर्मा और सिविल सर्जन डॉक्टर प्रहलाद पटेल की मौजूदगी में सभी बच्चों का उपचार किया गया। इलाज के बाद बच्चों की स्थिति में सुधार बताया जा रहा है।

    घटना की जानकारी लगते ही एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी और पथरिया एसडीएम निखत चौरसिया जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्चों और उनके परिजनों से स्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम को किशनगंज गांव भेजकर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए गए। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने निर्देश पर पुलिस गांव में मुनादी कर बीमार बच्चों को अस्पताल भेजने की अपील कर रही है।

    एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि चंपत पिपरिया गांव में अरंडी के बीज खाने से 30 से अधिक बच्चे बीमार हुए हैं। जिनको जिला अस्पताल लाया गया है। वह अस्पताल पहुंचे हैं और परिजनों से जानकारी ली है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की एक टीम भी गांव भेजी गई है। वहीं, एसडीएम निखत चौरसिया ने बताया कि बच्चों की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। कल स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूल और उसके आसपास का निरीक्षण करेगी। यदि स्कूल परिसर में अरंडी के पौधे पाए गए, तो उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। साथ ही परिजनों को विषैले पौधों और उनके फलों के खतरों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

  • मप्र विधानसभाः हंगामेदार रहा शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन, वीआईटी हिंसा पर विपक्ष का हंगामा

    मप्र विधानसभाः हंगामेदार रहा शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन, वीआईटी हिंसा पर विपक्ष का हंगामा


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा। सत्र के दौरान अतिवृष्टि और वीआईटी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा अनियमितताओं को लेकर की गई तोड़-फोड़ के मामले में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इससे पहले कांग्रेस विधायक खेतों में फसलों की स्थिति को दर्शाती तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे। शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी गई।

    दरअसल, लंच के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सीहोर जिले के वीआईटी विश्वविद्यालय में हुई मारपीट और आगजनी की घटना को लेकर विधायक दिनेश जैन ‘बोस’ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा गया है, इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। विधायक जैन ने मजिस्ट्रेट जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की, साथ ही छात्रों पर दर्ज प्रकरण वापस लेने की भी बात कही। मंत्री परमार ने कहा कि 4 हजार छात्रों का सड़क पर आना गंभीर मामला है, सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और आगे सख्त कदम उठाए जाएंगे।

    कांग्रेस विधायक महेश परमार ने हनुमान चालीसा का पाठ करने पर सजा देने के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त कर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों की एक कमेटी गठित करने का भी आग्रह किया। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय को जो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उसका उद्देश्य ही यह है कि सरकार आवश्यक होने पर विश्वविद्यालय को अपने नियंत्रण में लेकर कठोर कार्रवाई करे। मंत्री परमार ने स्पष्ट किया कि अब तक किसी विश्वविद्यालय के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई नहीं हुई होगी, जैसी इस मामले में की जाएगी।

    उप नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि वीआईटी विश्वविद्यालय में हनुमान जी का नाम लेने पर छात्रों से 5 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। कटारे ने सवाल उठाया कि जब सीएमएचओ को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया, तो शासकीय कार्य में बाधा का मामला अब तक दर्ज क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर और सीएमएचओ चाहें तो धार्मिक भावनाएं भड़काने और शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में विश्वविद्यालय प्रबंधन पर केस दर्ज कराया जा सकता है। उन्होंने वीआईटी कॉलेज में हिंसा को छोटा जेन-जेड आंदोलन बताया।

    इससे पहले मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश- 2025 सर्वसम्मति से पारित हो गया। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह संशोधन राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि पहले राइट टू रिकॉल ढाई साल में लागू होता था, जिसे अब 3 साल कर दिया गया है ताकि लोकतंत्र और मजबूत हो। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इस बिल से जनता को कोई सीधा फायदा नहीं होगा। यह केवल टिकट बेचने का माध्यम बनेगा और 3 साल बाद फिर खुलेआम हॉर्स ट्रेडिंग होगी।

    मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक 2025 पारित

    इसके साथ ही विधानसभा में मंगलवार को मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक 2025 भी पारित हो गया। श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि 20 से कम दुकानों या स्थानों में लेबर इंस्पेक्टर केवल कमिश्नर की अनुमति से ही जाएगा। महिलाओं को समान वेतन और 24 घंटे खुली दुकानों में सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि दुकान रजिस्ट्रेशन शुल्क 250 रुपये से अधिकतम 2500 रुपये तय किया गया है, जिसका अर्थ यह नहीं कि सभी दुकानों पर 2500 रुपये लगेगा। यह राशि भविष्य में संभावित बढ़ोतरी के लिए निर्धारित की गई है।

    दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश

    वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। इस पर 4 दिसंबर को 3:30 घंटे चर्चा होगी। दूसरा अनुपूरक बजट 13476 करोड़ 94 लाख रुपये का है।

  • मप्र कैबिनेट का फैसलाः नगरीय विकास योजनाओं के लिए 500 करोड़ का अतिरिक्त बजट मंजूर

    मप्र कैबिनेट का फैसलाः नगरीय विकास योजनाओं के लिए 500 करोड़ का अतिरिक्त बजट मंजूर


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को विधानसभा के समिति कक्ष में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। बैठक में नगरीय क्षेत्र के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं पर निर्णय लिए गए। सरकार ने मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना को वर्ष 2026-27 तक जारी रखने का फैसला किया है। इसके लिए अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस बैठक में युवाओं से जुड़े मुद्दों पर भी अहम फैसले लिए गए, जिससे सरकार के विकास एजेंडे का स्पष्ट संकेत मिलता है।

    बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना के अंतर्गत अब तक 1,070 करोड़ रुपये की 1,062 परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। इनमें 325 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 407 कार्य प्रगतिरत हैं और 330 परियोजनाएं डीपीआर स्वीकृति या निविदा प्रक्रिया में हैं। इस योजना के तहत पेयजल, सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, सड़क और नाली निर्माण, श्मशान घाट, सामुदायिक भवन, रैन बसेरा और खेल मैदान जैसे विकास कार्य किए जाते हैं।

    बैठक में मध्य प्रदेश ग्रामीण संपर्कता बाह्य वित पोषित योजना के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए भी मंजूरी दी गई। पहले से स्वीकृत 12 करोड़ 32 लाख रुपये के अलावा अब 9 करोड़ 45 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य सेवा परीक्षा 2022 में परिवहन उप निरीक्षक पद के लिए चयनित 29 में से 25 उम्मीदवारों को नई शर्तों के साथ नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है। इन उम्मीदवारों को दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि में एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा और ड्राइविंग लाइसेंस के दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। यदि कोई उम्मीदवार परिवीक्षा अवधि में यह दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहता है, तो उसकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएंगी।

  • इंदौरः मुख्यमंत्री ने किया आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण, वितरित किए कंबल

    इंदौरः मुख्यमंत्री ने किया आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण, वितरित किए कंबल


    इंदौर।
    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर प्रवास के दौरान सोमवार देर रात 10:30 बजे दयालबाग स्थित आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने वहां अस्थायी रूप रह रहे लोगों से बातचीत की और आश्रय स्थल पर उपलब्ध सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी आश्रयग्राहियों को कंबल वितरित किए, जिससे ठंड के मौसम में उन्हें राहत मिल सके।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने झाबुआ व दाहोद से परीक्षा देने आए विद्यार्थी कमल, दाहोद के संकेत एवं संजय तथा इंदौर में पानी टंकी की चौकीदारी कर रहे चुन्नी लाल सहित अन्य श्रमिकों से उनके यहां आने के कारण, कार्य-स्थिति और आश्रय स्थल पर मिल रही सुविधाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने आश्रय स्थल में ठहरे लोगों की दिनचर्या, समस्याओं और उनकी जरूरतों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। इस दौरान परिक्रमावासी अनिल से भी मुख्यमंत्री ने संवाद किया, जिन्होंने बताया कि वे धार्मिक परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उनसे चर्चा करते हुए कहा कि आपकी सेवा व दर्शन कर हम भी धन्य हो गए है। इस दौरान विधायक गोलू शुक्ला, सुमित मिश्रा, गौरव रणदीवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं इंदौर सम्भागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, कलेक्टर शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।


    मुख्यमंत्री ने काल भैरव धाम में किए दर्शन

    आश्रय स्थल निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव पास ही स्थित श्री काल भैरव धाम पहुंचे, जहाँ उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और जनकल्याण की कामना की।

  • इंदौर को मिली बड़ी सौगात, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मप्र के पहले गीता भवन हुआ लोकार्पण

    इंदौर को मिली बड़ी सौगात, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मप्र के पहले गीता भवन हुआ लोकार्पण


    इंदौर।
    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव और गीता जयंती के पावन अवसर पर सोमवार शाम को इंदौर को एक बड़ी सौगात देते हुए प्रदेश में शासकीय क्षेत्र के पहले अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नये गीता भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि इस तरह के गीता भवन प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायत स्तर पर भी बनाये जाएंगे।

    उन्होंने कहा कि इंदौर का लोकार्पित यह नया गीता भवन परंपरा एवं आधुनिकता का अनूठा संगम है। राज्य शासन द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन एवं इससे जुड़े विभिन्न आयामों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गीता भवन परियोजना के अंतर्गत ऐतिहासिक गोपाल मंदिर परिसर को आधुनिक गीता भवन के रूप में विकसित कर प्रदेश को समर्पित किया गया है। इस योजना के तहत स्मार्ट सिटी द्वारा इस नये गीता भवन में विकसित विविध आधुनिक सुविधाएँ नागरिकों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।

    कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलु शुक्ला, सुमित मिश्रा, श्रवण सिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, गौरव रणदिवे, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव, भारत न्यास के सचिव श्रीराम तिवारी, स्मार्ट सिटी के सीईओ अर्थ जैन विशेष रूप से मौजूद थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मालवा की गौरवशाली विरासत, कृष्ण भक्ति और गीता का संदेश मध्य प्रदेश की दिशा तय करते हैं। मालवा क्षेत्र कृष्ण लीलाओं से अछूता नहीं है। कृष्ण भगवान ने मालवा के उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की। मालवा की अहिल्या बाई होलकर ने देश में अनेक धर्म स्थलों का जीर्णोद्धार कराया और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा की।

    गीता का प्रत्येक अध्याय ज्ञान, विज्ञान, दर्शन, योग और कर्तव्य की भावना से परिपूर्ण
    उन्होंने कहा कि गीता संघर्ष में आत्मबल और जीवन में मार्गदर्शन देती है। गीता का प्रत्येक अध्याय ज्ञान, विज्ञान, दर्शन, योग और कर्तव्य की भावना से परिपूर्ण है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने विराट स्वरूप के माध्यम से मानव को भय से मुक्त कर कर्तव्य के प्रति जागरूक किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गीता जयंती के अवसर पर अनेक रिकार्ड कायम किये गये।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गीता जयंती के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि विजेताओं का नगद के साथ ही ई-रिक्शा, ई-बाईक, लैपटॉप आदि प्रदान किये जा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से संघठन, साहस, धर्म की रक्षा और अन्याय के प्रतिकार का संदेश मिलता है। गीता जीवन के हर चरण में मार्गदर्शक है। गीता से भक्ति मार्ग, ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग से मोक्ष प्राप्ति का रास्ता भी दिखायी देता है। गीता संकट में बल देती है, संघर्ष में आत्मबल, उलझन में सारथी और अंधकार में अटल साथी बनती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा ‍कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट सिटी परियोजना प्रारंभ की है। इस परियोजना से विरासत का संरक्षण करते हुए हम विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत वीर भारत न्यास द्वारा प्रकाशित तथा रामेश्‍वर लखनलाल पाटीदार द्वारा ‍लिखित श्रीकृष्ण चरित मानस और राघवदास पंडितदास द्वारा लिखित अमृतस्य अवंतिका का विमोचन भी किया। उन्होंने श्रीकृष्ण चरित मानस के लेखक रामेश्वर लखनलाल पाटीदार को पाँच लाख रुपये ‍दिये जाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद श्री संजीव मालवीय द्वारा निर्देशित कृष्ण लीलाओं पर आधारित नृत्य नाटिका को भी देखा।

    महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर के लिये आज गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि गीता ने ‍सिखाया है कि अगर हम सभी अपने-अपने धर्म एवं कर्तव्यों का पालन करेंगे तो अधिकारों का संरक्षण स्वत: होगा। पिछले दो वर्षों में मध्य प्रदेश में नया सांस्कृतिक प्रवाह देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नेतृत्व में विरासत से ‍विकास की ओर तेजी से बढ़ रही है।

    मुख्यमंत्री ने गोपाल मंदिर में किया पूजन-अर्चन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के पूर्व ऐतिहासिक गोपाल मंदिर में पूजन-अर्चन किया। उन्होंने प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि के लिए कामना की। उन्होंने गोपाल मंदिर में हुए विकास कार्यों विशेषकर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त लाइब्रेरी और प्रदर्शनी विथिका का अवलोकन भी किया।

    अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त गीता भवन
    इंदौर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजवाड़ा स्थित गोपाल मंदिर में नया गीता भवन बनाया गया है। इस गीता भवन की विशेषता यह है कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रवचनों और शैक्षणिक आयोजनों हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 550 सीट का एक खूबसूरत सभागृह भी बनाया गया है।

    सकारात्मक एवं आध्यात्मिक वातावरण से युक्त 50-सीटर रीडिंग हॉल तथा आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। लाइब्रेरी में अध्यात्म, दर्शन, योग, ध्यान, भारतीय संस्कृति, माइंडफुलनेस तथा जीवन-प्रबंधन से संबंधित लगभग 1200 पुस्तकों का समृद्ध संग्रह उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल आर्काइव के माध्यम से अनेक ई-बुक्स, ऑडियो-वीडियो व्याख्यान, ऑनलाइन कोर्स तथा अन्य डिजिटल संसाधनों तक सरलतापूर्वक पहुँच सुनिश्चित की गई है। लाइब्रेरी की आंतरिक सज्जा को प्राकृतिक रंगों, आध्यात्मिक कलाकृतियों, इनडोर पौधों तथा सौम्य प्रकाश व्यवस्था के माध्यम से इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि उपयोगकर्ताओं को शांत, प्रेरणादायी तथा एकाग्रता-उन्मुख वातावरण प्राप्त हो सके।

    मंदिर परिसर के पुनर्विकसित भागों में प्रदर्शनी कक्ष विकसित किए गए हैं, जिससे यह स्थल धार्मिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ कला एवं संस्कृति को एक साथ बढ़ावा देते हुए जनता के लिए एक समावेशी सांस्कृतिक अवसंरचना भी प्रदान करेगा।

  • सहकारिता विभाग मध्य प्रदेश मिशन कर्मयोगी में निभा रहा देश में अग्रणी भूमिका

    सहकारिता विभाग मध्य प्रदेश मिशन कर्मयोगी में निभा रहा देश में अग्रणी भूमिका


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को मंत्रालय में मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के एचआर विशेषज्ञ डॉ. आर. बाला सुब्रमण्यम (बालू) तथा सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में विभाग में मिशन कर्मयोगी के प्रभावी क्रियान्वयन और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री सारंग ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल मिशन कर्मयोगी के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में मध्य प्रदेश का सहकारिता विभाग अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मिशन कर्मयोगी से विभागीय कार्यप्रणाली में दक्षता, पारदर्शिता और नागरिक-केंद्रित प्रशासन को नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने में भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी पहल मील का पत्थर साबित होगी।

    विभाग को प्रभावी क्रियान्वयन पर मिली सराहना

    मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के एचआर विशेषज्ञ डॉ. आर. बाला सुब्रमण्यम (बालू) ने मध्य प्रदेश सहकारिता विभाग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत सबसे अधिक और प्रभावी कार्य मध्य प्रदेश द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सफल मॉड्यूल को अन्य राज्यों में भी लागू करेंगे।

    मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम में विभागीय उपलब्धियाँ

    सहकारिता विभाग ने अपने सभी 1122 अधिकारियों और कर्मचारियों को iGOT कर्मयोगी पोर्टल पर सफलतापूर्वक ऑनबोर्ड कर लिया है। विभागीय कर्मचारियों ने 11337 से अधिक ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण किए हैं, जो सीखने की संस्कृति और सतत कौशल विकास के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता दर्शाता है। इन प्रशिक्षणों से विभागीय कार्यक्षमता, सेवा वितरण और प्रशासनिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

    भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल मिशन कर्मयोगी
    मिशन कर्मयोगी राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को आधुनिक, तकनीक-सक्षम और भविष्य उन्मुख प्रशासनिक क्षमताओं से लैस करना, शासन प्रणाली को कुशल, पारदर्शी और जन-केन्द्रित बनाना, प्रशिक्षण के माध्यम से निरंतर सीखने की संस्कृति विकसित करना है। कर्मयोगी पोर्टल इसी उद्देश्य की पूर्ति का प्रमुख माध्यम है, जिसके द्वारा कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित आवश्यक कौशल और ज्ञान को निरंतर अपडेट कर सकते हैं।

  • इंदौरः एमवाय अस्पताल की बड़ी सफलता, महिला के पेट से निकालीं 15 किलो की दो गठानें

    इंदौरः एमवाय अस्पताल की बड़ी सफलता, महिला के पेट से निकालीं 15 किलो की दो गठानें


    इंदौर।
    मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल में एक ऐसी चिकित्सकीय सफलता दर्ज हुई, जिसने न केवल चिकित्सा जगत को प्रेरित किया, बल्कि मानवीय जज़्बे और डॉक्टरों की समर्पित टीमवर्क की मिसाल भी पेश की। टीम को 50 वर्षीय महिला के पेट से 15 किलो की दो गठानें निकालने में सफलता प्राप्त हुई है।

    इस संबंध में प्राप्‍त जानकारी के अनुसार खरगोन जिले के ग्राम दबिया की 50 वर्षीय मसाली बाई पिछले कई महीनों से पेट दर्द और असहजता से जूझ रही थीं। एमवाय अस्पताल के सर्जरी विभाग में जाँच करने पर पता चला कि उनके पेट में दो बड़ी गठानें हैं। यह स्थिति न केवल असामान्य थी बल्कि जीवन के लिए खतरा थी। मामला चुनौतीपूर्ण था, लेकिन विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द शुक्ला और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमेन भट्टाचार्जी और उनकी टीम डॉ. अविनाश गौतम, डॉ. उपेन्द्र पाण्डेय, डॉ. रामेंद्र गुर्जर और अन्य जूनियर चिकित्सकों ने अत्यंत सावधानी, कौशल और सटीक योजना के साथ सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया और लगभग 15 किलो की दो गठानें निकाली गईं।

    मसाली बाई के पेट से दोनों बड़ी गांठों को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया और उनकी जान बच गई। सफल ऑपरेशन के बाद सोमवार को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यह सफलता एमवाय हॉस्पिटल की टीम की प्रतिबद्धता, विशेषज्ञता और मानवीय सेवा का एक प्रेरक उदाहरण बनकर सामने आई है।

  • MP: 10 जिलों में एसआईआर का काम पूर्ण, 35 जिलों ने पार किया 96% से अधिक का लक्ष्य

    MP: 10 जिलों में एसआईआर का काम पूर्ण, 35 जिलों ने पार किया 96% से अधिक का लक्ष्य


    भोपाल।
    भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के अंतर्गत गणना पत्रकों के डिजिटलाइजेशन का कार्य तेज गति से जारी है। अभी तक मध्य प्रदेश में लगभग 5 करोड़ 42 लाख गणना पत्रकों का डिजीटाइजेशन पूरा हो चुका है। जो कुल कार्य का 94.5 फीसदी है। राज्य के 10 जिलों अशोक नगर,नीमच, बैतूल , गुना, मंडला , डिंडोरी , शाजापुर, सीहोर, सीधी और उमरिया में शत् प्रतिशत डिजीटाइजेशन का काम हो चुका है।

    यह जानकारी सोमवार देर शाम मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) संजीव कुमार झा ने दी। सीईओ झा ने सभी शासकीय सेवकों और नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समयावधि से पूर्व यह उपलब्धि सभी के प्रयास और कर्तव्य निष्ठा से ही संभव हुई है।

    झा ने बताया कि प्रदेश के 35अन्य जिलों ने 96 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसके अलावा प्रदेश के 5जिलों में 93% से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झा ने डिजिटाइजेशन में लगे सभी शासकीय सेवकों, बीएलओ तथा सहयोगी नागरिकों के समन्वित प्रयास की सराहना की जिसके चलते निर्धारित समय से पहले ही कार्य पूर्णता की ओर है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में शत-प्रतिशत कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।

  • SIR: गणना पत्रकों का शत प्रतिशत डिजिटलाइजेशन करने वाला मप्र का चौथा जिला बना मंडला

    SIR: गणना पत्रकों का शत प्रतिशत डिजिटलाइजेशन करने वाला मप्र का चौथा जिला बना मंडला

    भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक संचालित मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत मंडला जिले ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के मामले में प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सोमेश मिश्रा के मार्गदर्शन में जिले में चल रहे पुनरीक्षण कार्य को विशेष प्राथमिकता दी गई। यह उपलब्धि उनके निर्देशन में टीम की तकनीकी दक्षता, बेहतर समन्वय, समयबद्ध कार्यप्रणाली और निरंतर प्रगति समीक्षा का प्रत्यक्ष परिणाम है।

    मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में मंडला जिले ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली का परिचय देते हुए प्रदेश का पहला आदिवासी जिला बनने का गौरव प्राप्त किया है, जिसने इस कार्य में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। शनिवार की शाम 6 बजे तक जारी रिपोर्ट के अनुसार, जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों—105 बिछिया, 106 निवास और 107 मंडला ने गणना पत्रकों के डिजिटलाइजेशन कार्य में 100 फीसदी लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।

    कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि घने वन क्षेत्रों, दुर्गम भौगोलिक स्थिति और सीमित नेटवर्क सुविधाओं वाला जिला है, वहाँ यह सफलता कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। नेटवर्क समस्या, कठिन भू-भाग, दूरदराज़ के गांव और लगातार फील्ड में कार्यरत टीमों के सामने अनेक बाधाएँ थीं, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन की टीम ने दिन-रात मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया।टीम ने अदम्य जज़्बे के साथ क्षेत्रीय कठिनाइयों को पीछे छोड़ते हुए काम किया।यहाँ तक की रात के समय में भी ऑनलाइन डेटा फीडिंग और दस्तावेज़ अपलोड का कार्य जारी रहा, जिससे जिले ने डिजिटाइजेशन कर शत प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की।

    एसआईआर कार्य में मिली इस शानदार सफलता पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सोमेश मिश्रा ने सभी ईआरओ, एईआरओ, बीएलओ, सुपरवाइजर सहित इस कार्य में जुटे सभी कर्मचारियों और टीमों को बधाई और शुभकामनाएँ दीं।जिले के इस सामूहिक प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया है कि बेहतर नेतृत्व, समर्पित टीम और समयबद्ध कार्ययोजना से किसी भी लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया जा सकता है।

  • मप्रः उज्जैन में एक दिसंबर को शुरू होगा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव

    मप्रः उज्जैन में एक दिसंबर को शुरू होगा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश में संस्कृति, जनसम्पर्क, उच्च शिक्षा, जेल, कृष्ण पाथेय न्यास और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में उज्जैन दशहरा मैदान पर एक से तीन दिसम्बर तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गीता जयंती एक दिसंबरको इस महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के 313 विकासखंड, 55 जिला मुख्यालय तथा 10 संभागों में श्रीकृष्ण परंपरा के आचार्यों की सन्निधि में तीन लाख से अधिक गीताभक्तों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा प्रदत्त श्रीमद्भगवद्‌गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक सस्वर पाठ किया जायेगा।

    इस मौके पर विशेष आयोजन उज्जैन, भोपाल एवं इंदौर में आयोजित किये जाएंगे, जिसमें इंदौर के राजवाड़ा स्थित गोपाल मंदिर में मध्य प्रदेश के पहले गीता भवन का लोकार्पण हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थित में होगा। इस अवसर पर मध्य प्रदेश में 16 से 28 नवंबर 2025 तक आयोजित हुई श्रीमद्भगवद्‌गीता ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की घोषणा भी की जायेगी।

    मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार एवं वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव श्रीराम तिवारी ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव न केवल आध्यात्मिक उत्कर्ष के प्रतीक हैं, बल्कि सांस्कृतिक जागरण का भी व्यापक साधन होगा। उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाती है। मुख्यमंत्री के आह्वान पर गीता का संदेश प्रदेश के हर नागरिक तक पहुँचे ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। यह महोत्सव समाज में ज्ञान, कर्तव्य, अनुशासन और सकारात्मकता का वातावरण बनाने का माध्यम बनेगा।


    उज्जैन में तीन दिवसीय भव्य आयोजन, पहले दिन अभिनेता पुनीत इस्सर की प्रस्तुति

    तिवारी ने बताया कि उज्जैन के दशहरा मैदान पर 1 से 3 दिसंबर सांस्कृतिक आयोजन किए जा रहे है। जिसमें पहले दिन अभिनेता पुनीत इस्सर द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका जय श्रीकृष्णा का मंचन होगा। दूसरे दिन नई दिल्ली की वैष्णवी शर्मा का काव्यपाठ विराटजयी तथा मुंबई के मोहित शेवानी एवं दल द्वारा कृष्णायन की सांगीतिक प्रस्तुति होगी। अंतिम दिन उमेश तरकसवार द्वारा निर्देशित विश्ववंदनीय एवं बैंगलोर के डॉ. सलाउद्दीन पाशा द्वारा निर्देशित गीता ऑन व्हील्स की प्रस्तुति होगी। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर लघु चित्र शैली में माधव दर्शनम् प्रदर्शनी को प्रदर्शित किया जा रहा है।


    भोपाल के रवीन्द्र भवन में दिव्यांग कलाकारों द्वारा गीता ऑन व्हील्स का मंचन

    उन्होंने बताया कि भोपाल के रवीन्द्र भवन के हंसध्वनि सभागार मोहित शेवानी के निर्देशन में कृष्णायन की प्रस्तुति होगी। यह प्रस्तुति भगवान श्रीकृष्ण और मध्य प्रदेश की कहानी पर केंद्रित है। आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए इस प्रस्तुति को आकर्षक एवं रोचक बनाने का प्रयास किया गया है। इसके पूर्व बैंगलोर के डॉ. सलाउद्दीन पाशा के निर्देशन में गीता ऑन व्हील्स जिसमें दिव्यांग कलाकार गीता के प्रसंगों को मंचित करेंगे तथा विश्व गीता प्रतिष्ठानम् की ओर से श्रीमद्भगवद्‌गीता नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में दोपहर एक बजे श्रीमद्भगवद्‌गीता के 15वें अध्याय का सस्वर पाठ एवं प्रदर्शनी का लोकार्पण होगा। प्रस्तुतियाँ शाम 6 बजे शुरू होंगी। महोत्‍सव में माधव दर्शनम-लघु चित्र शैलियों में चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। महोत्‍सव में प्रवेश पूर्णत: नि:शुल्‍क है।