ठंड की वजह क्या है
मौसम विभाग का कहना है कि जेट स्ट्रीम का प्रभाव इस ठंड का मुख्य कारण है। यह तेज हवा 12 किमी की ऊंचाई पर 222 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में यह हवा ठंड को और बढ़ा रही है। इसके अलावा बर्फीली हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ का असर भी मध्यप्रदेश में ठंड की स्थिति को और तीव्र कर रहा है। बुधवार को भोपाल इंदौर राजगढ़ शाजापुर सीहोर और रायसेन में शीतलहर का असर देखा गया।
पिछले कुछ वर्षों में सर्दी का रिकॉर्ड
इस साल नवंबर में भी सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ा। भोपाल में नवंबर की शीतलहर ने 84 साल का रिकॉर्ड तोड़ा जबकि इंदौर में 25 सालों में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी। दिसंबर में भी यह सर्दी रिकॉर्ड तोड़ रही है। इंदौर में दिसंबर की सर्दी का पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है। इस साल के सर्दी के मौसम में सबसे कम तापमान 5.2°C दर्ज किया गया।
दिसंबर में सर्दी का ट्रेंड
मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड सबसे ज्यादा होती है। इन महीनों में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं जिससे तापमान में गिरावट आती है। इस बार ला नीना का प्रभाव भी सर्दी को बढ़ा रहा है। यह स्थिति ऐसे मौसम सिस्टम्स के कारण है जो पश्चिमी विक्षोभ के रूप में सक्रिय रहते हैं। इन सिस्टम्स के कारण मावठा यानी हल्की सर्दी की बारिश भी होती है जिससे ठंड और तेज हो जाती है।
किस क्षेत्र में ज्यादा सर्दी रहेगी
इस बार सर्दी का असर ग्वालियर चंबल और उज्जैन संभाग में अधिक रहेगा जहां बर्फीली हवाएं सीधे आ रही हैं। भोपाल सीहोर और विदिशा में भी ठंड का असर ज्यादा रहेगा। सागर संभाग निवाड़ी छतरपुर टीकमगढ़ पन्ना और रीवा में तेज ठंड रहेगी। जबलपुर और इंदौर के इलाके भी शीतलहर के असर में रहेंगे।
ठंड का असर कब तक रहेगा
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिसंबर के अंत तक सर्दी का असर बना रहेगा। 20-22 दिन तक कोल्ड वेव चलने की संभावना है और जनवरी में यह ठंड और ज्यादा बढ़ सकती है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय रहने से सर्दी में और भी वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही बर्फीली हवाएं और ला नीना का असर इस ठंड को लंबा खींच सकता है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में सर्दी
भोपाल में अब तक 3.1°C तापमान का रिकॉर्ड सबसे कम रहा है। 1966 में यह तापमान दर्ज किया गया था। पिछले कुछ वर्षों में भी दिसंबर में सर्दी ने अपने रिकॉर्ड तोड़े हैं। इंदौर में भी 25 सालों बाद इतनी कड़ी ठंड पड़ी है। मध्यप्रदेश में इस साल की ठंड ने आमजन को प्रभावित किया है और तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। जेट स्ट्रीम बर्फीली हवाएं और ला नीना जैसे मौसम प्रभाव ठंड को और तीव्र बना रहे हैं। इस ठंड का असर दिसंबर के अंत तक और बढ़ने की संभावना है जिससे ग्वालियर भोपाल उज्जैन सागर इंदौर जैसे इलाकों में ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है।









