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  • MP: सिवनी के सरकारी स्कूल में छात्रों से लगवाए गए 'अल्लाह हू अकबर' के नारे

    MP: सिवनी के सरकारी स्कूल में छात्रों से लगवाए गए 'अल्लाह हू अकबर' के नारे


    सिवनी।
    मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिवनी जिले (Seoni district) के एक सरकारी स्कूल (Government school) में बच्चों से जबरन ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगवाने के बाद बवाल मच गया. मामला अरी थाना क्षेत्र के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल का है। बच्चों ने आरोप लगाया कि 1 दिसंबर को गीता पाठ के बाद उनसे 16 बार ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगवाए गए और स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल प्रतीक्षा मानगढ़े ने सभी बच्चों को नारा लगाने के लिए दबाव डाला।

    घर आकर बच्चों ने ये बात परिजनों को बताई तो बवाल मच गया. 3 दिसंबर को बच्चों और अभिभावकों के साथ हिंदूवादी संगठन के लोग भी स्कूल पहुंचे और प्रिंसिपल का विरोध करते हुए उनको स्कूल से हटाने और सस्पेंड किए जाने की मांग करने लगे।

    हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया. थोड़ी ही देर में जिला शिक्षा अधिकारी एसएस कुमरे भी स्कूल पहुंचे तो लोगों ने उनके ख़िलाफ़ भी नारेबाजी की, इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रभारी प्रिंसिपल प्रतीक्षा मानगढ़े से बात की और उन्हें स्कूल से हटाकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया।

    गांव के लोग इस पर भी नहीं माने और प्रिंसिपल के निलंबन की मांग करने लगे तो जिला शिक्षा अधिकारी ने मौके पर ही एक जांच टीम का गठन कर दिया, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद प्रिंसिपल पर कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर मामला शांत हुआ।

    जिला शिक्षा अधिकारी एसएस कुमरे ने बताया, ”शिकायत के बाद मैं खुद जांच करने स्कूल गया था, जहां प्रिंसिपल ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं, बल्कि सर्वधर्म सद्भाव का था, उन्होंने सबसे माफी भी मांगी. प्रिंसिपल को स्कूल से हटा दिया गया है और पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

  • भारत–रूस रिश्तों पर दुनिया की नज़र: प्रतिबंधों की गर्मी में पुतिन की अहम यात्रा

    भारत–रूस रिश्तों पर दुनिया की नज़र: प्रतिबंधों की गर्मी में पुतिन की अहम यात्रा


    नई दिल्ली /रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को चार साल बाद भारत पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद एयरपोर्ट जाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता गले मिले और एक ही कार में बैठकर PM निवास पहुंचे, जहां पुतिन के सम्मान में प्राइवेट डिनर आयोजित किया गया। यह दृश्य सिर्फ कूटनीति नहीं था बल्कि दुनिया को भारत-रूस की रणनीतिक गहराई का मजबूत संदेश भी था। इस दौरे को अमेरिका, यूरोप, यूक्रेन और ग्लोबल मीडिया ने बेहद करीब से कवर किया क्योंकि यह ऐसे वक्त हो रहा है जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति की धुरी बदल रही है-ट्रम्प के दोबारा सत्ता में आने रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-भारत व्यापार तनाव के बीच।

    ब्रिटेन: रूस अलग-थलग नहीं, भारत उसका अहम साथी
    मिडिया के अनुसार पुतिन की भारत यात्रा इस बात का संकेत है कि रूस वैश्विक मंच पर अकेला नहीं है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, विशाल मार्केट है और रूस के लिए ऊर्जा, रक्षा और कौशल-आधारित कामगारों का प्रमुख स्रोत भी। रूस को उम्मीद है कि भारत सस्ती तेल खरीद और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाएगा।रूस भारत को Su-57 फाइटर जेट और नए एयर डिफेंस सिस्टम की पेशकश कर सकता है।

    कीव इंडिपेंडेंट यूक्रेन: भारत की कूटनीति की कठिन परीक्षा

    यूक्रेनी मीडिया ने इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक परीक्षा बताया। भारत को रूस और यूक्रेन दोनों से रिश्ते संभालने हैं। रूस चाहता है कि भारत उसके साथ खड़ा दिखे, जबकि अमेरिका-यूरोप उम्मीद करते हैं कि मोदी पुतिन पर दबाव डालें ताकि युद्ध कमजोर पड़े।
    यूक्रेन को यह चिंता भी है कि क्या मोदी उस वादे पर टिके रहेंगे जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से युद्ध खत्म कराने में मदद का आश्वासन दिया था। साथ ही, भारत का तटस्थ रुख ध्यान खींचता है-UN में रूस के खिलाफ कई प्रस्तावों पर भारत ने वोटिंग से दूरी बनाई है।

    द डॉन पाकिस्तान: रक्षा से ज्यादा व्यापार पर फोकस
    पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने लिखा कि पुतिन का यह दौरा रक्षा सहयोग और खासकर आर्थिक रिश्तों को मजबूती देने पर केंद्रित है। अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीद कम करने का दबाव बना रहा है, वहीं ट्रम्प प्रशासन ने अगस्त में भारत के कई उत्पादों पर 50% टैरिफ भी लगा दिया था। रूस भारत को अधिक S-400 सिस्टम और Su-57 जेट के संयुक्त उत्पादन का प्रस्ताव दे सकता है।भारत को डर है कि रूस से किसी बड़ी डील का असर अमेरिका के साथ उसके आर्थिक रिश्तों पर पड़ सकता है।

    अल जजीरा कतर: मोदी-पुतिन का व्यक्तिगत रिश्ता जगजाहिर
    अल जजीरा ने जोर दिया कि मोदी द्वारा एयरपोर्ट पर जाकर गले लगाना व्यक्तिगत संबंधों की मजबूती का संकेत है। पुतिन ने भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत को रूसी तेल खरीदने का पूरा हक है और यह साझेदारी यूक्रेन युद्ध से प्रभावित नहीं होगी। भारत के लिए यह ऊर्जा सुरक्षा का सवाल है2022 से पहले रूस से सिर्फ 2.5% तेल आता था, अब यह बढ़कर करीब 36% हो गया है, जिससे भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार बन गया है।

    द गार्डियन (ब्रिटेन): रूस-भारत अमेरिकी दबाव से नहीं डरते

    द गार्डियन के अनुसार पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका-भारत संबंध ट्रम्प की टैरिफ नीति के कारण तनावपूर्ण हैं। इस पृष्ठभूमि में पुतिन का दिल्ली पहुंचना यह संकेत है कि भारत-रूस अपने रणनीतिक हितों को किसी तीसरे देश के दबाव पर आधारित नहीं करते। रूस के लिए यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय अलगाव की धारणा तोड़ने का मंच है जबकि भारत के लिए यह संतुलन साधने का कठिन लेकिन महत्वपूर्ण प्रयास।

    भारत-रूस रिश्तों की नई परिभाषा

    पुतिन की यह यात्रा प्रतीकात्मक भी है और रणनीतिक भी।
    यह दिखाती है कि- भारत रूस को ऊर्जा और रक्षा सुरक्षा का अनिवार्य स्तंभ मानता है
    रूस भारत को एशिया में अपना सबसे विश्वसनीय साझेदार और अमेरिका को यह संदेश है कि भारत स्वतंत्र विदेश नीति अपनाता है। दोनों नेताओं के गले मिलने की तस्वीरें सिर्फ कूटनीतिक औपचारिकता नहीं थीं, बल्कि उस रिश्ते की झलक थीं जो वैश्विक ध्रुवीयता के बदलते दौर में भी मजबूती से खड़ा है
  • दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील के टेप लगाकर आने पर न्यायाधीश नाराज़, अगली सुनवाई जनवरी 2026 तक टली

    दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील के टेप लगाकर आने पर न्यायाधीश नाराज़, अगली सुनवाई जनवरी 2026 तक टली


    दिल्ली। उच्च न्यायालय में एक अनोखी घटना सामने आई, जब एक वरिष्ठ वकील सुनवाई के दौरान अपने मुँह पर लाल रंग की टेप लगाकर अदालत कक्ष में पहुँचे। इस असामान्य घटना को देखकर न्यायाधीशों ने कड़ी नाराज़गी जताई और मामले की अगली सुनवाई को जनवरी 2026 तक के लिए टाल दिया। वकील का कहना था कि वह अपने साथ हुई पिछली सुनवाई की घटना के विरोध में ऐसा कर रहे थे, जहाँ उन्हें बीच में ही बोलने से रोक दिया गया था।

    यह घटना 1 दिसंबर की है। अदालत उस समय अवमानना से जुड़े एक मामले और उससे संबंधित एक याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसे नंद किशोर नामक व्यक्ति ने दायर किया था। लगभग 25 वर्ष से अधिक समय तक कानूनी सेवा में रहे अधिवक्ता आर. के. सैनी टेप लगाकर अदालत में उपस्थित हुए। उन्हें इस रूप में देखकर न्यायाधीशों को पहले तो यह लगा कि शायद उन्हें किसी प्रकार की चोट लगी है, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।

    सुनवाई कर रही पीठ में न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव सांब्रे और न्यायमूर्ति अनीश दयाल शामिल थे। दोनों न्यायाधीशों ने सैनी से टेप लगाने का कारण पूछा। इस पर सैनी ने कहा कि यह उनका प्रतीकात्मक विरोध है। उन्होंने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें अपनी दलीलें पूरी करने का अवसर नहीं दिया गया था और उन्हें बीच में ही रोक दिया गया था। इसी कारण वह अपने विरोध को दर्ज कराने के लिए इस तरह उपस्थित हुए हैं।

    वकील का यह जवाब सुनकर अदालत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि सैनी का यह आचरण अत्यंत अनुचित है और एक अनुभवी वकील से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। अदालत ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई में उन्हें इसलिए रोका गया था क्योंकि उनकी दलीलें बहुत लंबी और दोहराव वाली थीं, और न्यायालय को दूसरे पक्ष की बात भी सुननी थी। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत का उद्देश्य किसी भी पक्ष को चुप कराना नहीं था, बल्कि सुनवाई को संतुलित और न्यायसंगत बनाए रखना था।

    न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि इस तरह का व्यवहार अदालत की गरिमा को ठेस पहुँचाता है। न्यायालय ने टिप्पणी की कि एक वरिष्ठ वकील, जिनके पास 25 वर्ष से अधिक का अनुभव है, उनसे अधिक संयम और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है। न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि वह चाहती तो सैनी के खिलाफ कड़े आदेश जारी कर सकती थी, परंतु उसने ऐसा न करने का निर्णय लिया है। अदालत ने इस घटना को अदालत की कार्यवाही के रिकॉर्ड में दर्ज करने का निर्देश दिया, ताकि भविष्य में इस प्रकार के व्यवहार पर अंकुश लगाया जा सके।

    घटना के बाद अदालत ने मुख्य मामले को आगे बढ़ाने के बजाय अगली सुनवाई की तारीख 21 जनवरी 2026 निर्धारित कर दी। न्यायालय का मानना था कि इस प्रकार के हस्तक्षेप से सुनवाई के वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और मुख्य मुद्दों से ध्यान भटक जाता है।

    इस पूरे प्रकरण ने न्यायालय कक्ष में बैठे अन्य लोगों को भी आश्चर्य में डाल दिया। वकील द्वारा अपनाई गई इस शैली को कुछ लोगों ने अनुचित बताया, जबकि कुछ ने इसे अभिव्यक्ति का तरीका कहा। हालांकि, न्यायालय ने अपने स्पष्ट रुख से यह संदेश दिया कि अदालत अनुशासनहीनता को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगी।

    यह घटना न्यायालय की गरिमा, वकीलों के आचरण और न्यायिक प्रक्रिया में मर्यादा के महत्व को एक बार फिर उजागर करती है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार का असंवेदनशील या अनुचित प्रदर्शन अदालत की पवित्रता को प्रभावित करता है और इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।

  • मप्रः मुख्यमंत्री डॉ. यादव खजुराहो में वैवाहिक कार्यक्रमों में हुए शामिल

    मप्रः मुख्यमंत्री डॉ. यादव खजुराहो में वैवाहिक कार्यक्रमों में हुए शामिल


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को खजुराहो में दो वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर वर एवं वधू को आशीर्वाद देकर सुखमय वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव खजुराहो के एक निजी होटल में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस विवेक कुमार की पुत्री तथा राजनगर में पूर्व विधायक रेखा यादव के पुत्र के शादी समारोह में शामिल हुए। शुभकामना दी।

    इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार सहित सांसद विष्णुदत्त शर्मा, विधायक अरविन्द पटेरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष विद्या अग्निहोत्री भी उपस्थित रहीं।


    मुख्यमंत्री ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री तोमर के भतीजे के वैवाहिक कार्यक्रम में हुए शामिल

    इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पारिवारिक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने ग्वालियर में रेसकोर्स रोड स्थित ऊर्जा मंत्री के निवास पर पहुंचकर उनके भतीजे सूर्य प्रताप सिंह तोमर (हितांशु) को सुखद दाम्पत्य जीवन के लिये आशीर्वाद एवं शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर उन्होंने ऊर्जा मंत्री तोमर की माताश्री सुधा तोमर सहित अन्य परिजन से भी भेंट की। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल एवं लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने भी ऊर्जा मंत्री तोमर के निवास पर पहुँचकर सूर्य प्रताप सिंह तोमर को सुखद दाम्पत्य जीवन के लिये शुभकामनाएँ प्रदान की।


    मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मिले फिल्म निर्देशक गोवारीकर

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से फिल्म निर्माता एवं निर्देशक आशुतोष गोवारीकर ने गुरुवार को ग्वालियर विमानतल पर सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गोवारीकर का आत्मीय स्वागत किया और प्रदेश में फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर उनसे चर्चा की। आशुतोष गोवारीकर ने भी मध्य प्रदेश में मिल रहे सहयोग की सराहना की तथा ग्वालियर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता की प्रशंसा की। मुलाकात के दौरान फिल्म और पर्यटन क्षेत्र में संभावित सहयोग पर बातचीत हुई।

  • मप्र विधानसभाः अनुपूरक बजट पर तीखी बहस, कांग्रेस ने जनविरोधी और भाजपा ने बताया विकासोन्मुखी

    मप्र विधानसभाः अनुपूरक बजट पर तीखी बहस, कांग्रेस ने जनविरोधी और भाजपा ने बताया विकासोन्मुखी


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा प्रस्तुत दूसरे अनुपूरक बजट की मांगें प्रस्तुत किए जाने के बाद सदन में सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा शुरू कराई, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों पक्षों के विधायकों ने अपनी-अपनी बात मजबूती से रखी। कांग्रेस ने जहां अनुपूरक बजट को जनविरोधी करार दिया, तो वहीं भाजपा ने इसे विकासोन्मुखी बताया। शाम साढ़े सात बजे कार्यवाही स्थगित कर इसे शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए टाल दिया गया।

    गुरुवार को सदन में दूसरे अनुपूरक बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि अनुपूरक बजट में पूंजीगत व्यय कम है जिससे रोजगार में कमी आएगी और टैक्स कलेक्शन कम होगा, इससे पता चलता है कि यह प्रदेश के हित में नहीं है। दूसरा अनुपूरक बजट 13155 करोड़ का है। सदन में पिछली बैठक में कहा गया था कि कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में 5 करोड़ रुपए विकास कार्य के लिए दिए जाएंगे लेकिन आज तक नहीं दिया गया। सरकार भेदभाव कर रही है। इसके पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। विधायकों के ई-ऑफिस के लिए 5-5 लाख रुपये देने की बात कही गई थी। कांग्रेस के कई विधायकों को यह सुविधा नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि किसानों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है इसलिए किसान आंदोलन करने को मजबूर हैं। खल घाट में हुए आंदोलन में 700 किसानों पर अज्ञात के नाम पर केस दर्ज कर दिया गया।

    अनुपूरक बजट पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार पहले यह तो बताए कि जब से यह सरकार बनी है, तब से अब तक कितना कर्जा लिया। इसका क्या उपयोग हो रहा है। मध्य प्रदेश पर 4.50 लाख करोड़ से अधिक कर्ज है। हर साल जो कर्ज लिया गया है, उस पर ब्याज कितना दे रहे हैं। यह जनता को बताएं। मतदाता की जेब में पैसे डालो, वोट लेकर 5 साल राज करो… इस फार्मूले पर सरकार काम कर रही है।

    शेखावत ने कहा कि मैं बहनों के पैसे मिलने खिलाफ नहीं हूं। उनके विकास के खिलाफ भी नहीं हूं, लेकिन सबसे अहम सवाल है कि यह जो कर्ज लिया जा रहा है… चुकेगा कैसे? जनता पर जो बोझ बढ़ा रहा, वह कैसे खत्म होगा? इंदौर में 800 करोड़ रुपए बिना किसी काम के निकल गया और दिखावे के तौर पर एक इंजीनियर पर कार्रवाई हो गई। शेखावत ने इंदौर की खान नदी की शुद्धीकरण पर भी सवाल उठाए, जिसमें लगातार पैसा खर्च हो रहा, लेकिन नदी साफ नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि किसान को खाद नहीं मिल रही है। वह लाइन में लग रहा, डंडे खा रहा है।

    कांग्रेस विधायक राजेंद्र कुमार सिंह ने प्रदेश में खाद संकट का मामला उठाते हुए कहा कि किसानों को खाद नहीं मिलता। 24 घंटे लाइन लगने के बाद टोकन मिलता है, उसके बाद फिर खाद मिलने की तारीख दी जाती है। सरकार किसानों को खाद नहीं दे पा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों के नाम पर भेदभाव हो रहा है। बीजेपी के विधायकों से 15 करोड़ रुपये के विकास कार्य के प्रस्ताव लिए जा रहे हैं, जबकि कांग्रेस के विधायकों को अनदेखा किया जा रहा है।

    इस पर विधायक सीता शरण शर्मा ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। प्रस्ताव दिए जाते हैं, उसके परीक्षण होते हैं, उसके आधार पर राशि जारी होती है। इस पर राजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों के साथ भी ऐसा क्यों नहीं होता है कि उनसे भी प्रस्ताव लेकर विकास कार्य करने का मौका दिया जाए। विधायक राजेंद्र कुमार सिंह ने विधायकों के वेतन बढ़ाने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने 1 लाख 60 हजार रुपये वेतन बढ़ाने की तैयारी की थी, लेकिन इससे भी रोक दिया गया है। अभी 1 लाख 10 हजार रुपये मिल रहा है। वेतन नहीं भी बढ़ेगा तो भी कांग्रेस विधायक काम करते रहेंगे।

    राजेंद्र कुमार सिंह ने अमरपाटन की 6 पंचायतों को रीवा जिले में शामिल करने का विरोध किया और कहा कि मैहर में बन रहे कलेक्ट्रेट भवन को मैहर से दूर कटनी रोड पर बनाया जा रहा है, जबकि इसे मैहर और अमरपाटन के बीच बनाया जाना चाहिए। विधायक राजेंद्र कुमार सिंह ने मार्कंडेय घाट पर एक ब्रिज बनाने की मांग की।

    कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने अनुपूरक बजट पर कहा कि वैसे तो अल्पसंख्यकों के लिए अल्पसंख्यक विभाग में बजट का प्रावधान नहीं है, लेकिन अब हमें भी इसकी आदत हो गई है। जो भी व्यवस्था रहेगी, उसके हिसाब से चलते रहेंगे, लेकिन सरकर को इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि विकास कार्य कराए जा सकें। उन्होंने कहा कि भोपाल शहर में विकास के काम में तेजी लाना चाहिए।

    कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को ने छात्रावास में बच्चों को महुआ खिलाए जाने का विरोध करते हुए कहा– यह बच्चे अपने घर पर भी महुआ खा रहे थे और जब यहां छात्रावास में पहुंचे हैं तो वहां भी चने के साथ महुआ खिलाया जा रहा है। धीरे-धीरे महुआ पीने की आदत डाल दी जाएगी। वे सरकार से मांग करते हैं कि बच्चों के मन में यह भावना खत्म करें कि आदिवासी हैं और उन्हें महुआ पीना पड़ेगा, महुआ ही खाना पड़ेगा। उन्होंने संभागों के लिए नियुक्त किए गए अपर मुख्य सचिवों के साथ विधायकों के संवाद पर भी जोर दिया।

    मार्को ने देश भर में 3000 से अधिक रजिस्टर्ड बूचड़खाने बंद करने की मांग करते हुए कहा कि अगर आप इसे बंद नहीं कर सकते हैं तो दिखावा मत कीजिए। मार्को ने कहा कि जहां गोमाता का वध किया जाता है। ऐसे बूचड़खाने को बंद करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजना चाहिए। यह तय है कि इसका सारे देश में विरोध होगा। सरकार अगर गंभीर है तो दिखावा न करें।

    नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बजट में किसानों, युवाओं और एमएसएमई सेक्टर के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं है। धान और मक्का के लिए एसएसपी और समर्थन मूल्य का उल्लेख नहीं होना गंभीर लापरवाही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता की जेब की चोरी कर रही है और किसानों की समस्याओं से मुंह मोड़ रही है।

    अनुपूरक बजट का बचाव करते हुए भाजपा विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि सरकार का फोकस लाड़ली बहना, आवास, किसान, सिंचाई और उद्योगों पर है। उन्होंने बताया कि रोजगार के लिए 2 लाख 27 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है तथा भावांतर के लिए 500 करोड़ रखे गए हैं।

    होशंगाबाद से भाजपा विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने जो वादे किए, वे पूरे किए हैं। कर्जा कोई नया मुद्दा नहीं है, लेकिन हमारी सरकार ने कर्ज लेकर विकास भी किया है। सदन में दोनों पक्षों की तीखी बहस के बीच अनुपूरक बजट पर चर्चा शुक्रवार को भी जारी रहेगी। सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट 13,476 करोड़ रुपये का पेश किया है।

  • मप्र की समृद्ध वन संपदा में चीता मुकुटमणि और कोहिनूर के समान : मोहन यादव

    मप्र की समृद्ध वन संपदा में चीता मुकुटमणि और कोहिनूर के समान : मोहन यादव


    – मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो के जंगल में छोड़े 3 चीते

    भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों के अनुरूप श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्स्थापन को नई दिशा मिली है। आज अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर मादा चीता ‘वीरा’ के साथ उसके दो शावक खुले वन में विचरण के लिए छोड़े गए हैं।

    राज्य में चीतों की संख्या अब 32 हो गई है। इसमें गांधीसागर अभयारण्य के तीन चीते भी शामिल हैं। कूनो नेशनल पार्क चीतों के पुनर्वास से अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का केंद्र बन चुका है। कूनो में हमारी धरती पर ही जन्मे तीसरे पीढ़ी के चीते विचरण कर रहे हैं। कूनो में जन्मी मादा चीता ‘मुखी’ के पांच शावक स्वस्थ हैं, यह सुखद समाचार है। कूनो के चीते अब श्योपुर से मुरैना और राजस्थान की धरती तक दौड़ लगा रहे हैं। राज्य की समृद्ध वन संपदा में चीता मुकुटमणि और कोहिनूर के समान है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर तीन चीतों को स्वछंद विचरण के लिए बाड़े से अभयारण्य (खुले जंगल) में छोड़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की भूमि पर सभी जीव सुरक्षित होंगे, राज्य सरकार इसके लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उन्नत रेडियो ट्रेकिंग प्रणाली और समर्पित टीमों के माध्यम से सतत् निगरानी की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चीता दिवस के अवसर पर कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वर्ष-2026 के कैलेण्डर और ‘फील्ड मैन्युअल फॉर क्लिनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज़ इन कूनो नेशनल पार्क’ बुक का विमोचन किया। साथ ही कूनो राष्ट्रीय उद्यान में ‘नव-निर्मित सोवेनियर शॉप’ का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद में आयोजित कार्यक्रम में चीता दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी। चीता प्रोजेक्ट की सफलता के लिए उन्होंने वन विभाग के अमले को धन्यवाद भी दिया।

    चीतों का तेजी से परिवार बढ़ रहा है

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश टाइगर, लेपर्ड और चीता स्टेट है। हमारे जंगल बहुत से वन्यजीवों के आश्रय स्थल हैं। ऐसे में विश्व में पहली बार चीतों का पुनर्स्थापन मध्य प्रदेश में हुआ, इसके लिए वन विभाग के मंत्री और अधिकारी बधाई के पात्र हैं। श्योपुर, कूनो में चीतों के पुनर्स्थापन से पर्यटन में पांच गुना वृद्धि हो चुकी है। चीतों का परिवार जिस तेज गति से बढ़ रहा है, उसी हिसाब से भविष्य में कूनो नेशनल पार्क से विस्थापित लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।

    मनुष्य और चीते का संबंध वसुधैब कुटुम्बकम का सबसे सुंदर उदाहरण

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि चंबल अंचल के स्वच्छ वातावरण में हमारे नागरिक भी चीतों के साथ जीना सीख गए हैं और चीतों से प्रेम भी कर रहे हैं। प्रदेशवासियों में वन्यजीवों एवं प्रकृति के साथ भाईचारे से जुड़ने का स्वभाव है। यह वसुधैब कुटुम्बकम का सबसे सुंदर उदाहरण है। उन्होंने मध्य प्रदेश की धरती पर चीता परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चीता पर्यटन से कूनो राष्ट्रीय उद्यान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्राम अहेरा में ग्रामीण महिलायों से संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि हम अपनी बहनों का पूरा ध्यान रखेंगे। मुख्यमंत्री का स्नेह पाकर बहनों ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

    अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में श्योपुर जिले प्रभारी और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, वन राज्यमंत्री दिलीप सिंह अहिरवार, पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत, सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तुरसनपाल बरिया, उपाध्यक्ष सीताराम आदिवासी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, चंबल कमिश्नर सुरेश कुमार, श्योपुर कलेक्टर अर्पित वर्मा, शिवपुरी कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी, जनप्रतिनिधि सहित वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

  • मप्रः अब भोपाल में पर्यटकों को मिलेगा कश्मीर की डल झील जैसा अनुभव

    मप्रः अब भोपाल में पर्यटकों को मिलेगा कश्मीर की डल झील जैसा अनुभव


    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया 20 नवीन शिकारा नाव सेवा का शुभारंभ

    भोपाल। मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राजा भोज की नगरी भोपाल में लगभग एक हजार साल पहले बने बड़े तालाब में ‘शिकारा नाव’ सेवा का शुभारंभ ऐतिहासिक अवसर है। इन नवीन 20 शिकारों के माध्यम से पर्यटकों को कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील का आनंद, झीलों की नगरी भोपाल में ही मिल जाएगा।

    यह बात मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को भोपाल के बोट क्लब पर ‘शिकारा नाव’ सेवा को झंडी दिखाने के बाद कही। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक एवं अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।

    मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिकारों में पर्यटकों के लिए खान-पान एवं आरामदायक बैठक व्यवस्था की गई है। ये शिकारे प्रदेश के जल-पर्यटन (वॉटर टूरिज्म) को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलवाएंगे। प्रदेशवासी पर्यटन सेवा का लाभ उठाने के लिए आगे आएं। एम.पी. टूरिज्म, वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को भी आगे बढ़ा रहा है। शिकारा सेवा का आनंद उठाते हुए पर्यटक स्वदेशी उत्पादों की खरीद भी कर पाएंगे। उन्हाेंने कहा कि मध्यप्रदेश ने वन्य जीवों के पुनर्वास में भी इतिहास रचा है। आज अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वन्य जीव पर्यटन को लेकर आपार संभावनाएं विद्यमान हैं। नर्मदा वैली सहित प्रदेश की बड़ी-बड़ी जल परियानाओं के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने वाली गतिविधियां को बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। पिछले एक साल में उज्जैन आने वाले पर्यटकों की संख्या 7 करोड़ के पार पहुंच गई।

    शिकारे की सैर का लिया आनंद

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिकारों को झंडा दिखाने के बाद बड़े तालाब में शिकारे की सैर का आनंद लिया और उपलब्ध सुविधाओं की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और गणमान्य नागरिकों ने शिकारा बोट रेस्टोरेंट से चाय, पोहा, समोसे एवं फलों का जायका लिया। साथ ही फ्लोटिंग बोट मार्केट से मुख्यमंत्री ने प्रदेश की पारम्परिक कला बाघ और बटिक वस्त्रों, जैविक उत्पादों आदि की खरीदारी भी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बोट क्लब पर मौजूद छात्र-छात्राओं के साथ सेल्फी ली और अथितियों के साथ टेलीस्कोप से सूर्य के दर्शन किए। टेलीस्कोप की बोट क्लब पर व्यवस्था वैज्ञानिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आंचलिक विज्ञान केंद्र भोपाल द्वारा की गई थी।

    विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राजधानी की इतनी बड़ी झील में शिकारा सेवा की शुरुआत बहुत आकर्षक है। इससे प्रदेश में पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे, पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी तो स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

    देश के दिल भोपाल का विशेष दर्जा है : हरियाणा वि.स. अध्यक्ष हरविंदर

    शिकारा सेवा के शुभारंभ कार्यक्रम में हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भोपाल सभी भारतवासियों के दिल के करीब है, यह शहर देशभर में अलग दर्जा हासिल किए हुए है। बड़े तालाब में शिकारे चलते देखने का दृश्य अविस्मरणीय है। वरिष्ठ विधायक हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेशवासियों को कश्मीर की डल झील जैसा अनुभव भोपाल में होगा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव, डल झील के शिकारों के माध्यम से कश्मीर को मध्यप्रदेश ले आएं हैं। मध्यप्रदेश टूरिज्म की यह पहल सराहनीय है।

    उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर शिकारों का संचालन किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सभी 20 शिकारों का निर्माण प्रदूषण रहित आधुनिक तकनीक से किया गया है। इनका निर्माण ‘फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीयूरिथेन’ और उच्च गुणवत्ता वाली नॉन-रिएक्टिव सामग्री से हुआ है, जो जल के साथ किसी भी प्रकार की रासायनिक क्रिया नहीं करती। इससे बड़े तालाब की पारिस्थितिकी और जल की शुद्धता पूर्णतः सुरक्षित रहेगी। ये शिकारे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था द्वारा निर्मित किए गए हैं, जिनके द्वारा निर्मित शिकारे केरल, बंगाल और असम में भी पर्यटकों द्वारा अत्यंत पसंद किए जा रहे हैं। भोपाल का बोट क्लब इन आकर्षक शिकारों के साथ पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। शिकारों पर नौकायन का आनंद लेने के साथ पर्यटक बर्ड वाचिंग, हैंडीक्रॉफ्ट प्रोडक्ट, स्थानीय व्यंजन, आर्गेनिक वेजिटेबल्स और फ्रूट्स आदि भी खरीद सकेंगे।

    इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, महापौर भोपाल श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, जिलाध्यक्ष रवींद्र यति सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में पर्यटन प्रेमी उपस्थित थे।

  • मप्रः नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत तीन नेताओं को मानहानी मामले में कोर्ट का नोटिस

    मप्रः नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत तीन नेताओं को मानहानी मामले में कोर्ट का नोटिस


    जबलपुर।
    विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मध्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, कांग्रेस विधायक अजय सिंह राहुल और लखन घनघोरिया को नोटिस जारी किए हैं। यह कार्रवाई नेशनल हेल्थ मिशन के जिला प्रोग्राम (डीपीएम) विजय पांडे द्वारा दायर मानहानि केस के बाद हुई है। कोर्ट ने तीनों नेताओं को 16 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं।

    दरअसल, कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेल्थ मिशन के जिला प्रोग्राम मैनेजर विजय पांडे पर फर्जी अंकसूची के सहारे नौकरी पाने का आरोप लगाया था। अगस्त 2025 में इस मुद्दे पर न केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, बल्कि विधानसभा में भी हंगामा कर कांग्रेस विधायकों ने वॉक आउट किया था। विधानसभा में हंगामे के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक सलोनी सिडाना ने उन्हें पद से हटा दिया था।

    हालांकि. विभागीय जांच में पांडे पर लगाए गए आरोप झूठे पाए गए। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी अंकसूची को सही बताया और किसी तरह की गड़बड़ी न मिलने की पुष्टि की। इसके बाद पांडे ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद विभागीय जांच और एमपी शिक्षा बोर्ड की जांच रिपोर्ट में उनकी अंकसूची सही पाई गई। रिपोर्ट के अनुसार विपक्ष के आरोप तथ्यहीन थे और गलत जानकारी के आधार पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई थी। कोर्ट के नोटिस के बाद अब सभी तीन नेताओं को 16 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा।

    इस मामले में कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना हमारा काम है। किसी विभाग में अगर अराजकता की स्थिति बन रही है तो उसे उठाना हमारा काम है, जनता से हमें शिकायत मिली तो हमने उसका विरोध किया अब कोई अगर मानहानि करता है तो कोर्ट के समक्ष जाकर देखेंगे।

  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में होगा राष्ट्रीय बालरंग समारोह का समापन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में होगा राष्ट्रीय बालरंग समारोह का समापन

    भोपाल ! मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में भोपाल के इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर, श्यामला हिल्स में शुक्रवार 5 दिसम्बर को शाम 4 बजे राष्ट्रीय बालरंग समारोह का समापन होगा। समापन समारोह में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह भी मौजूद रहेंगे।

    राष्ट्रीय बालरंग समारोह का शुभारंभ शुक्रवार 5 दिसम्बर को मानव संग्रहालय में प्रात: 10:30 बजे होगा। आयोजन में 14 राज्य आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश एवं 5 केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, चण्डीगढ़ एवं लक्षदीप के शालेय विद्यार्थियों के लोक नृत्य दल अपने राज्यों की प्रस्तुति देंगे।

    राष्ट्रीय एकता पर केन्द्रित है बालरंग

    भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में विभिन्न प्रांतों के छात्र-छात्राएँ शामिल होकर अपने कला-कौशल के उत्कृष्ट प्रदर्शन से अपने प्रदेश की वैभवशाली लोक संस्कृति को प्रस्तुत करते हैं। विभिन्न प्रांतों के बच्चों के बीच संस्कृति का आदान-प्रदान होने से राष्ट्रीय एकता और सद्भाव की भावना मजबूत होती है। राष्ट्रीय बालरंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त दल को पुरस्कार स्वरूप एक लाख 11 हजार रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त दल को 75 हजार एवं तृतीय स्थान प्राप्त दल को 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की जायेगी। इसके अलावा चयनित 2 दलों को 21-21 हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कार भी दिये जायेंगे।

  • श्योपुर: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खुले जंगल में छोड़े तीन चीते

    श्योपुर: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खुले जंगल में छोड़े तीन चीते

    श्योपुर। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस 4 दिसंबर के उपलक्ष्य में कूनो नेशनल पार्क पहुंचकर तीनों चीतों को खुले जंगल ने रिलीज किया। उन्होंने मादा चीता वीरा सहित उनके 9 माह के दो शावकों को जंगल में विचरण हेतु छोड़ा। श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में आयोजित चीता रिलीज कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव अनुराग जैन, श्योपुर जिले के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला, वन विभाग के राज्य मंत्री नागर सिंह चौहान, पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत, सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं केबिनेट मंत्री दर्जा तुरसनपाल बरिया, उपाध्याय राज्य मंत्री दर्जा सीताराम आदिवासी, अपर मुख्य सचिव वन विभाग अशोक वर्णवाल, कमिश्नर सुरेश कुमार, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा, पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल, शिवपुरी कलेक्टर रविन्द्र चौधरी, पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़, भाजपा जिला अध्यक्ष शशांक भूषण, पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय,बृजराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य महावीर सिंह सिसौदिया, कैलाश नारायण गुप्ता, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र जाट, सुजीत गर्ग, सीसीएफ उत्तम कुमार, डीएफओ कूनो आर थिरुकुराल, सामान्य केएस रंधा आदि अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क के पारोंद क्षेत्र में बनाए गए चीता रिलीज प्वाइंट से तीन चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया, इसके साथ ही अब खुले जंगल में चीतों की संख्या 19 हो गई है।
    उल्लेखनीय हैं कि मध्यप्रदेश में 32 चीते है, मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या 29 है, इसमें दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 8 चीतों सहित भारतीय भूमि कूनो नेशनल पार्क में जन्मे 21 शावक चीते शालिम हैं।
    पर्यटन के क्षेत्र में इंटरनेशनल स्तर पर पहचान बना रहा कूनो: सीएम
    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने चीता रिलीज कार्यक्रम के उपरांत कहा कि श्योपुर जिले का कूनो नेशनल पार्क पर्यटन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पहचाना बना रहा है, आज का दिन एतिहासिक दिन है, चीता दिवस पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से भारत में चीतों की पुनर्जीवन की परियोजना सफल रही है, चीता प्रोजेक्ट के लिए हम उनके आभारी है, जो इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए मध्यप्रदेश की धरती को चूना, आज कूनो में 29 और गांधी सागर में 03 चीते है।
    कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट के चलते रोजगार की नई संभावनाए उत्पन हुई है, चीता प्रोजेक्ट की सफलता के लिए उन्होंने वन विभाग के अमले को धन्यवाद भी दिया।
    चीता कैलेंडर का विमोचन
    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर कूनो नेशनल पार्क के चीता कैलेंडर का विमोचन किया, इसके साथ ही शोविनियर शॉप का लोकार्पण भी किया गया। इसके अलावा क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री राइजिंग चीता इन कूनो नेशनल पार्क किताब का विमोचन भी किया गया। कूनो नेशनल पार्क के कैलेंडर के सभी पृष्ठों पर विभिन्न चीतों की तस्वीरों का प्रकाशन किया गया है।