दूसरी घटना रामगढ़ प्रखंड के कुंदरूकलां पंचायत में हुई जहां काजल देवी नाम की महिला ईंट भट्ठे में काम करने आई थी। जब वह रात में शौच के लिए बाहर गई तो हाथियों ने उसे घेर लिया और उसे पटक-पटककर मार डाला। इस दौरान वहां मौजूद आधे दर्जन से अधिक लोग बाल-बाल बच गए। इसके अलावा हाथियों ने पास में मौजूद फसलों को भी नुकसान पहुंचाया। वन विभाग अब इस नुकसान का मूल्यांकन करने में जुटा है।
इन घटनाओं से पहले मंगलवार को भी रामगढ़ जिले के घाटो थाना क्षेत्र के आरा सारूबेड़ा में हाथियों के हमले में चार लोग मारे गए थे जिनमें एक सीसीएल का सुरक्षाकर्मी और तीन अन्य स्थानीय लोग शामिल थे।स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हाथियों के आक्रामक होने का मुख्य कारण उनके पारंपरिक रास्तों में बढ़ती मानवीय गतिविधि और जंगलों का सिमटना है। इसके कारण हाथी भोजन और पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों में घुसने पर मजबूर हो रहे हैं।
वर्तमान में वन विभाग ने क्षेत्र में हाथियों से बचाव के लिए निगरानी बढ़ा दी है और उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी समाधान और मुआवजे के साथ-साथ हाथियों के सुरक्षित मार्ग को बहाल करने की अपील की है। तोपा माइनस कॉलोनी उखरबेड़वा और हरवे क्षेत्र में हाथियों का झुंड खुलेआम विचरण कर रहा है जिससे ग्रामीणों में चिंता का माहौल है।प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को तत्काल 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी है और मुआवजे के रूप में 3 लाख 75 हजार रुपये 10 दिनों के अंदर भुगतान करने का आश्वासन दिया है।
