कैसे पकड़ा गया ठग?
आरोपी दशरथ पाल ने उपमुख्यमंत्री के आवास पर शिष्टाचार भेंट देने का दावा करते हुए पहुंचने की कोशिश की। उपमुख्यमंत्री की टीम को पहले ही सूचना मिल गई थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति उनके आवास तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। जब वह अंदर गया, तो सतर्कता टीम ने उसकी पहचान जांची और पाया कि वह दिल्ली बीजेपी नेतृत्व से कोई संबंध नहीं रखता। इसके बाद उसे तत्काल पुलिस के हवाले कर दिया गया।
ठगी की वारदातें
पूछताछ में सामने आया कि दशरथ पाल नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ और लखनऊ जैसे शहरों में कई लोगों से ठगी कर चुका था। वह खुद को बीजेपी के बड़े नेताओं का प्रतिनिधि बताकर लोगों को काम करने का वादा करता और बदले में पैसों की मांग करता था। अब पुलिस उसकी जांच कर रही है कि उसने कितने लोगों से ठगी की और उसके पीछे कोई गिरोह तो नहीं है।
डिप्टी सीएम का कड़ा संदेश
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस तरह के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन की छवि खराब करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मौर्य ने इस मामले में कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि उसने किस-किस व्यक्ति से ठगी की और उसके पास कितने पैसे हैं। पुलिस आरोपी के नेटवर्क और पुराने मामलों की भी जांच कर रही है, ताकि उसकी अन्य ठगी की वारदातों का भी खुलासा हो सके।
