घटना का विवरण
अतहर हुसैन जब घर लौट रहे थे तब कुछ युवकों ने उन्हें घेर लिया। उन्हें साइकिल से उतारकर हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में घसीटा गया। वहां पर अतहर के साथ बर्बरता की सारी सीमाएं पार की गईं। पैंट खोलकर उनके धर्म की पहचान की गई फिर करंट लगाया गया उंगलियां तोड़ी गईं कान काटे गए और शरीर पर गर्म लोहे की रॉड से चोटें दी गईं। इस पूरी घटना को सहते हुए भी अतहर ने पुलिस को अपनी जान बचाने के लिए मदद मांगी।
इलाज के दौरान अतहर की मौत
अतहर हुसैन को गंभीर अवस्था में नवादा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 7 दिसंबर को उन्होंने कांपती आवाज में इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी सुनाई थी। हालांकि उनके शरीर पर लगी गहरी चोटों ने उनका साथ नहीं दिया और 12 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस दौरान उन्होंने एबीपी संवाददाता को अस्पताल में अपनी आपबीती सुनाई और पूरी घटना के बारे में जानकारी दी।
पोस्टमॉर्टम और पुलिस कार्रवाई
अतहर की मौत के बाद उनका पोस्टमॉर्टम नालंदा सदर अस्पताल में फॉरेंसिक टीम और मजिस्ट्रेट की निगरानी में किया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों—सोनू कुमार रंजन कुमार सचिन कुमार और श्री कुमार को गिरफ्तार किया है। हालांकि अन्य आरोपी अभी फरार हैं।
रोह थाना प्रभारी रंजन कुमार ने इस मामले में गिरफ्तारी की पुष्टि की है लेकिन परिजनों का कहना है कि उन्हें सिर्फ गिरफ्तारी से संतुष्टि नहीं है। वे चाहते हैं कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो और अतहर हुसैन के हत्यारों को सजा मिले। उनके बेटे इस्तेखार हुसैन ने प्रशासन से सिर्फ एक बात कही हमारे पिता के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।”
मॉब लिंचिंग पर बढ़ते सवाल
इस दर्दनाक घटना ने बिहार और खासकर नवादा जिले में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धर्म के नाम पर हिंसा और इस तरह के अपराधों का बढ़ता चलन समाज के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। यह घटना केवल एक हत्या नहीं है बल्कि यह हमारे समाज के उन गंभीर मुद्दों को उजागर करती है जिनमें धार्मिक सहिष्णुता की कमी और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियां दिखाई देती हैं।
अतहर के परिजनों का दर्द इस बात को साफ तौर पर दर्शाता है कि समाज और प्रशासन को सिर्फ अपराधियों को गिरफ्तार करने से अधिक कुछ करना होगा। समाज में धार्मिक सहिष्णुता और समानता की आवश्यकता को बल देने के साथ साथ हमें ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई और अतहर हुसैन जैसे व्यक्ति की हत्या न हो।
मॉब लिंचिंग की घटनाएं एक बहुत बड़ा सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बन चुकी हैं। अतहर हुसैन की दर्दनाक मौत ने यह सवाल खड़ा किया है कि हमें समाज में आपसी सम्मान और धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता को समझना होगा। केवल गिरफ्तारी से इन घटनाओं का समाधान नहीं होगा बल्कि इसके लिए समाज के सभी हिस्सों को एकजुट होकर काम करना होगा।
