कपिल देव ने गौतम गंभीर को लेकर दी बड़ी प्रतिक्रिया क्या वह टीम के कोच बन सकते हैं


नई दिल्ली । भारत के क्रिकेट जगत में हाल ही में एक बयान ने सबको चौंका दिया है और वह था कपिल देव का गौतम गंभीर को लेकर दिया गया बयान। कपिल देव ने गुरुवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स शताब्दी सत्र में यह टिप्पणी की कि गौतम गंभीर को टीम का मुख्य कोच नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि वर्तमान समय में ‘कोच’ शब्द को गलत समझा जाता है और इस भूमिका को केवल खिलाड़ी प्रबंधन तक सीमित कर दिया गया है। कपिल देव ने स्पष्ट रूप से कहा गौतम गंभीर कोच नहीं हो सकते वह टीम के मैनेजर हो सकते हैं।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब साउथ अफ्रीका से भारत की टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार के बाद गौतम गंभीर की कोचिंग रणनीतियों पर सवाल उठ रहे हैं। खासतौर पर उनकी रणनीति जिसमें उन्होंने लगातार खिलाड़ियों को रोटेट किया और कामचलाऊ खिलाड़ियों पर निर्भर रहने की कोशिश की को लेकर आलोचनाएं हो रही हैं। कपिल देव ने इस मुद्दे पर और भी खुलकर बात करते हुए कहा आज के दौर में कोच वह नहीं होता जिसे आप स्कूल और कॉलेज में सीखते थे बल्कि यह एक प्रकार का प्रबंधन कार्य है। आपको खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उनके मनोबल को बढ़ाने की भूमिका निभानी होती है।

कपिल ने यह भी कहा कि यदि सुनील गावस्कर आज के दौर में खेल रहे होते तो वह टी20 क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होते। उनका मानना था कि जिन खिलाड़ियों का डिफेंस मजबूत होता है वे आसानी से आक्रामक खेल सकते हैं क्योंकि उनके पास अधिक समय होता है। इस टिप्पणी में कपिल ने क्रिकेट के आधुनिक रूपों जैसे टी20 और टी10 के बारे में भी अपनी राय दी और यह बताया कि वे इन सभी प्रारूपों में रुचि रखते हैं।

कपिल देव की यह टिप्पणी भारतीय क्रिकेट में नई बहस का कारण बन सकती है क्योंकि गंभीर की कोचिंग शैली और उनके द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने विरोध जताया है। वहीं मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान ने भी क्रिकेट के इस नए युग को लेकर अपनी राय साझा की। उन्होंने हाल ही में भारत के स्वदेश में हुए महिला विश्व कप जीतने के बारे में याद किया और बताया कि कैसे इंडिया नाम के साथ ट्रॉफी हासिल करना उनके लिए एक खास अनुभव था।

गौतम गंभीर की कोचिंग को लेकर चल रही बहस को लेकर कपिल देव के बयान ने अब इसे और भी गंभीर बना दिया है। कई क्रिकेट विशेषज्ञ अब इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं कि क्या गंभीर को आगे चलकर टीम का मुख्य कोच बनने की भूमिका निभानी चाहिए या फिर उनके लिए यह और भी बेहतर होगा कि वे किसी अन्य भूमिका में खेल जगत की सेवा करें।