जबलपुर चर्च विवाद: ब्लाइंड बच्चों के धर्मांतरण के आरोप पर हंगामा, दो पक्षों में हाथापाई..


जबलपुर/मध्यप्रदेश के जबलपुर में शनिवार को एक चर्च में आयोजित कार्यक्रम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। गोरखपुर थाना क्षेत्र में स्थित चर्च में ब्लाइंड छात्र-छात्राओं के धर्मांतरण की सूचना मिलने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि चर्च में मौजूद लोगों और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस के बाद हाथापाई तक हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही गोरखपुर थाना पुलिस और सीएसपी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की लेकिन काफी देर तक दोनों पक्षों में तनाव बना रहा। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों को अलग किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार गोरखपुर क्षेत्र में जॉनसन स्कूल कैंपस के पीछे स्थित चर्च में क्रिसमस कार्यक्रम के नाम पर शहर के अलग-अलग छात्रावासों से करीब 70 दिव्यांग छात्र-छात्राओं को बुलाया गया था। चर्च के अंदर बच्चों से प्रार्थना कराई जा रही थी। इसी दौरान किसी ने हिंदू संगठनों को सूचना दी कि इन बच्चों को लालच देकर धर्मांतरण के उद्देश्य से लाया गया है।

सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता चर्च पहुंच गए और आरोप लगाने लगे कि दिव्यांग बच्चों को भोजन और अन्य सुविधाओं का लालच देकर उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना था कि बच्चों को जिस छात्रावास से लाया गया वहां से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई।विवाद के दौरान पुलिस की मौजूदगी में ही दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की और मारपीट शुरू हो गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने अतिरिक्त बल बुलाया और स्थिति को संभाला।पुलिस ने मौके से एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में भी लिया है जिसके पास कोई पहचान पत्र नहीं था।

हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बच्चों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें खाने-पीने का लालच देकर चर्च के कार्यक्रम में लाया गया था। संगठन के पदाधिकारी विकास खरे ने कहा कि बच्चों को बताया गया था कि वे सिर्फ क्रिसमस की तैयारी में शामिल होने जा रहे हैं लेकिन चर्च में कथित रूप से धार्मिक बातें कराई जा रही थीं और हनुमान चालीसा को गलत बताया गया। उनका दावा है कि हर साल 25 दिसंबर के आसपास इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।वहीं चर्च की ओर से महिला लीला जोसफ ने सभी आरोपों को खारिज किया है।उन्होंने बताया कि यह एक सामान्य ईशू कार्यक्रम था जिसमें ब्लाइंड बच्चों को अलग-अलग स्कूलों और क्षेत्रों-मेडिकल कॉलेज के पास सिविल लाइन और बायपास इलाके से-आमंत्रित किया गया था। उनका कहना है कि बच्चों को संबंधित संस्थाओं की अनुमति से ही लाया गया था और धर्मांतरण जैसा कोई उद्देश्य नहीं था।

सीएसपी एमडी नगोतिया ने बताया कि फिलहाल सभी बच्चों को सुरक्षित रूप से उनके छात्रावास वापस भेज दिया गया है।पुलिस अब चर्च में कार्यक्रम आयोजित करने वालों और जिन दिव्यांग छात्रावासों से बच्चों को लाया गया था दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच में अनुमति से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि किसी भी पक्ष की ओर से कानून का उल्लंघन पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है लेकिन पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।