इस वजह से सरकारी अस्पतालों में मरीज दवा लेने और इलाज कराने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं और कई जगहों पर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉक्टरों की मुख्य मांगें
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि सरकार ने पिछले साल लिखित रूप में कहा था कि सरकारी डॉक्टरों की पदोन्नति के लिए Assured Career Progression (ACP) लागू किया जाएगा, लेकिन अब तक यह लागू नहीं हुआ है।
डॉ. ख्यालिया ने कहा कि सरकार ने हाल ही में 200 SMO (Senior Medical Officer) भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें 160 पद सीधे भरे जाएंगे। उनका कहना है कि यह मौजूदा सरकारी डॉक्टरों के साथ अन्याय है, क्योंकि इन पदों पर उनकी पदोन्नति होनी चाहिए थी।
खाली पदों की समस्या
राज्य में लगभग 600 मेडिकल ऑफिसर्स के पद खाली हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पहले इन पदों को भरा जाना चाहिए, न कि हड़ताल करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
भूख हड़ताल का ऐलान
डॉ. ख्यालिया ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशालय पंचकूला में तीन डॉक्टरों ने हड़ताल के समर्थन में भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
सरकार की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों की कुछ मांगें मान ली हैं और शेष पर बातचीत जारी है। इसके बावजूद डॉक्टर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।
इस हड़ताल के चलते हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी असर पड़ रहा है और मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
