माओवादियों को बड़ा झटका: MMC ज़ोन कमांडर समेत दो ACM का सरेंडर 20 लाख का इनाम था घोषित


नई दिल्ली महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ MMC ज़ोन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। दर्रेकसा एरिया कमेटी के कमांडर रोशन उर्फ मारा इरिया वेदजा और दो ACM एरिया कमेटी मेंबर ने गोंदिया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन तीनों पर कुल ₹20 लाख का इनाम था।  महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ MMC ट्राई-जंक्शन पर सक्रिय माओवादी संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। दर्रेकसा एरिया कमेटी के कमांडर समेत कुल तीन प्रमुख माओवादी कैडरों ने महाराष्ट्र के गोंदिया पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले इन तीनों माओवादियों पर कुल ₹20 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित था जो इनकी संगठनात्मक महत्ता को दर्शाता है। यह आत्मसमर्पण तीनों राज्यों महाराष्ट्र मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता है जो लंबे समय से इन क्षेत्रों में शांति बहाली के लिए प्रयासरत थीं।आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख माओवादी कैडर समर्पण करने वाले माओवादी दर्रेकसा एरिया कमेटी के प्रमुख सदस्य थे। इनमें निम्नलिखित लोग शामिल हैं:

रोशन उर्फ मारा इरिया वेदजा 35:

पद: दर्रेकसा एरिया कमेटी का कमांडर।मूल निवास: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का मेंदरी गांव।इनाम राशि: ₹8 लाख रुपये घोषित। सुभाष उर्फ पोज्जा बंडू राववा 26: पद: एरिया कमेटी मेंबर ACM। मूल निवास: बीजापुर जिले की उसूर तहसील का वेरापल्ली गांव। इनाम राशि: ₹6 लाख रुपये घोषित। रतन उर्फ मनकू ओमा पोय्याम 25: पद: एरिया कमेटी मेंबर ACM। मूल निवास: नारायणपुर जिले का रेखापाल गांव। इनाम राशि: ₹6 लाख रुपये घोषित।तीनों माओवादियों ने गोंदिया में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर विधिवत आत्मसमर्पण किया। अधिकारियों ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि इन कैडरों ने माओवादी संगठन के भीतर बढ़ती असुरक्षा पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार और प्रभावी कार्रवाई तथा मुख्यधारा में लौटने की प्रबल इच्छा के कारण यह निर्णय लिया। सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर अब ये सामान्य जीवन जी सकेंगे।

MMC ज़ोन में समर्पण की लहर
यह आत्मसमर्पण MMC ज़ोन में चल रहे व्यापक आत्मसमर्पण अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हाल के सप्ताहों में माओवादी कैडरों द्वारा मुख्यधारा में लौटने के मामलों में तेजी आई है जो सुरक्षा एजेंसियों के बढ़ते दबाव और सामुदायिक सहयोग का परिणाम है: 28 नवंबर का बड़ा सरेंडर: इससे पहले माओवादियों की एमएमएसी ज़ोन के प्रवक्ता और जेआरबी डिवीजन के इंचार्ज विकास नागपुरे उर्फ रमेश सय्याना भास्कर समेत दस अन्य माओवादियों ने भी गोंदिया पुलिस के सामने समर्पण किया था। 7 दिसंबर की कार्रवाई: 7 दिसंबर को भी 11 माओवादियों ने बालाघाट पुलिस मध्य प्रदेश के सामने हथियार डाले थे।

8 दिसंबर की ऐतिहासिक सफलता: सबसे बड़ी कामयाबी 8 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की सुरक्षा एजेंसियों को मिली जब माओवादियों के शीर्ष लीडर एक करोड़ पांच लाख रुपये के इनामी रामधेर और उनके 11 साथियों ने अविभाजित राजनांदगांव जिले में समर्पण किया। इन लगातार सफलताओं के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि MMC ज़ोन में माओवादी हिंसकों के मुख्यधारा में लौटने का यह आखिरी दौर शुरू हो चुका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब इस पूरे ज़ोन में केवल एक माओवादी रंजीत ही शेष बचा है और सुरक्षा एजेंसियां जल्द ही उसके भी समर्पण किए जाने का दावा कर रही हैं।यह घटना न केवल माओवादी संगठन की कमर तोड़ने का काम करती है बल्कि यह भी स्थापित करती है कि सरकार की पुनर्वास नीतियां माओवादियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं जिससे इन क्षेत्रों में विकास और शांति की उम्मीदें मजबूत हुई हैं।