इन दिशानिर्देशों में मुख्य रूप से सामूहिक आयोजनों से बचने की सलाह दी गई है विशेषकर उन स्थानों पर जहां सुरक्षा व्यवस्था ठीक से लागू नहीं हो पाती। इसके अलावा यहूदी और इजरायली स्थलों के आसपास सतर्कता बढ़ाने का आह्वान किया गया है और यात्रियों को संदिग्ध व्यक्तियों या वस्तुओं की जानकारी तुरंत स्थानीय सुरक्षा बलों को देने की सलाह दी गई है।
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यहूदी-विरोधी भावना को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और इसके परिणामस्वरूप यहूदियों पर हमले हुए। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि तुष्टीकरण की बजाय कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
सिडनी में हुई इस गोलीबारी के बाद ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने बंदूक कानूनों को सख्त करने की योजना बनाई है। राष्ट्रीय बंदूक समझौते पर फिर से चर्चा की जाएगी और नए कानून पारित करने के लिए एनएसडब्ल्यू संसद को जल्द बुलाया जा सकता है। प्रमुख सुधारों में बंदूकों की अधिकतम संख्या को सीमित करना कानूनी बंदूकों के प्रकारों पर प्रतिबंध लगाना और बंदूक लाइसेंस के लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता अनिवार्य करना शामिल है। यह घटनाक्रम न केवल इजरायल और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा संबंधों को प्रभावित कर रहा है बल्कि इसने दुनिया भर में आतंकवादी हमलों और बंदूक नियंत्रण पर नए सिरे से बहस शुरू कर दी है।
