बिहार की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक आस्था महिला सम्मान और सुरक्षा का मुद्दा केंद्र में आ गया है। आयुष चिकित्सकों के नियुक्तिपत्र वितरण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला चिकित्सक से हिजाब हटाने को कहे जाने की घटना अब राज्य से बाहर तक चर्चा का विषय बन गई है। इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को धमकी देने का वीडियो सामने आया है जिसकी जांच बिहार पुलिस ने शुरू कर दी हैबताया जा रहा है कि पाकिस्तान के कुख्यात डॉन शहजाद भट्टी की ओर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुलेआम धमकी दी गई है। वीडियो में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से माफी मांगें अन्यथा भविष्य में होने वाली घटनाओं की शिकायत न करें। इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए बिहार पुलिस के साइबर थाना को जांच सौंपी गई है।
डीजीपी विनय कुमार ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि वीडियो की सत्यता और उसके स्रोत की जांच की जा रही है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं आर्थिक अपराध इकाईईओयू के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने कहा कि ईओयू का साइबर प्रभाग पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस पूरे घटनाक्रम के बीच सोशल मीडिया पर एक और दावा तेजी से वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि जिस महिला आयुष चिकित्सक को नियुक्तिपत्र देने के दौरान मुख्यमंत्री ने हिजाब हटाने को कहा था उसने नौकरी ज्वॉइन न करने का फैसला किया है। हालांकि इस दावे की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है। न तो संबंधित महिला चिकित्सक की ओर से कोई सार्वजनिक बयान आया है और न ही विभाग की तरफ से इस पर कोई स्पष्ट जानकारी दी गई है।
विभागीय अधिकारी इस मुद्दे पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि नियुक्तिपत्र मिलने के बाद ज्वॉइनिंग के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है और अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। गौरतलब है कि 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन में आयुष चिकित्सकों का नियुक्तिपत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में कुल 1283 नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्तिपत्र सौंपे गए थे जिनमें से 10 चिकित्सकों को प्रतीकात्मक रूप से मुख्यमंत्री ने स्वयं नियुक्तिपत्र दिया था।हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दलराजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने इस घटना को धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बताया है। उन्होंने कहा कि नियुक्तिपत्र वितरण जैसे गरिमामय कार्यक्रम में एक मुस्लिम महिला से हिजाब हटाने को कहना न केवल महिला सम्मान के खिलाफ है बल्कि यह अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति सरकार की सोच को भी दर्शाता है। एजाज अहमद ने मुख्यमंत्री और सरकार से इस घटना के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।
वहीं सत्तारूढ़ जनता दलयूनाइटेड ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेटियों के सशक्तीकरण के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने हर धर्म जाति और वर्ग की महिलाओं की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक उन्नति के लिए लगातार काम किया है। नीरज कुमार ने राजद पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को पहले अपने अतीत पर नजर डालनी चाहिए। फिलहाल हिजाब विवाद महिला चिकित्सक के नौकरी छोड़ने की चर्चा और पाकिस्तान से आई धमकी-इन तीनों मुद्दों ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया है। आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट और संबंधित पक्षों की प्रतिक्रियाएं इस पूरे मामले की दिशा तय करेंगी।
