Author: bharati

  • फ़िल्म '120 बहादुर'- दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म '120 बहादुर' को रिलीज़ की मंजूरी दी

    फ़िल्म '120 बहादुर'- दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म '120 बहादुर' को रिलीज़ की मंजूरी दी

    नई दिल्ली। 1962 के रेज़ांग ला युद्ध की शौर्यगाथा पर आधारित फ़िल्म 120 बहादुर को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है। बुधवार को अदालत ने फरहान अख्तर अभिनीत इस फ़िल्म की रिलीज़ को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि फ़िल्म अब तय समय 21 नवंबर को ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। इससे निर्माताओं और दर्शकों दोनों के लिए राहत की खबर आई है।

    दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ जिसमें न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति शैल जैन शामिल थे, ने याचिका का निपटारा करते हुए फ़िल्म की रिलीज़ का रास्ता साफ कर दिया। अदालत ने कहा कि अब फ़िल्म का नाम या रिलीज़ की तारीख बदलना संभव नहीं है क्योंकि अंतिम समय में बदलाव करना बहुत देर हो चुकी है। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि निर्माताओं ने फ़िल्म के अंत में विशेष श्रद्धांजलि के रूप में 120 सैनिकों के नाम का उल्लेख किया है जो उनकी वीरता और बलिदान को सम्मानित करता है।

    याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में कहा कि यदि फ़िल्म का नाम नहीं बदला जाता और अंत में सभी 120 सैनिकों के नाम सही ढंग से जोड़ दिए जाते हैं, तो उन्हें यह स्वीकार्य है। अदालत ने निर्देश दिया कि OTT रिलीज़ के समय केवल सैनिकों के नाम उनके उचित रेजिमेंट के साथ ही उल्लिखित किए जाएं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वास्तविक सैनिकों का योगदान और गौरव उचित रूप से सम्मानित हो।

    याचिका में आरोप था कि फ़िल्म ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत कर रही है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि फ़िल्म मेजर शैतान सिंह भाटी को ‘भाटी’ नामक काल्पनिक नाम के तहत अकेले नायक के रूप में प्रस्तुत करती है, जिससे रेज़ांग ला में लड़ने वाले अहीर सैनिकों की सामूहिक पहचान और रेजिमेंटल गौरव मिट जाता है। यह याचिका संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा नामक धर्मार्थ ट्रस्ट और रेज़ांग ला की लड़ाई में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर की गई थी।

    फ़िल्म 1962 के भारत-चीन युद्ध में हुई रेज़ांग ला की लड़ाई पर आधारित है। इसमें मेजर शैतान सिंह भाटी की अदम्य बहादुरी को दिखाया गया है, जिन्हें इस लड़ाई के लिए परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वास्तविक युद्ध में इस रेज़िमेंट में मुख्य रूप से 113 अहीर (यादव) सैनिक शामिल थे, जिन्होंने रेज़ांग ला दर्रे की रक्षा करते हुए असाधारण साहस दिखाया। फ़िल्म में मेजर शैतान सिंह की भूमिका फरहान अख्तर ने निभाई है और इसका निर्देशन रजनीश ‘रेज़ी’ घई ने किया है।

    निर्माताओं ने फ़िल्म में इतिहास और वीरता का सम्मान करते हुए वास्तविक सैनिकों के योगदान को शामिल करने की कोशिश की है। कोर्ट के फैसले के बाद फ़िल्म अब सिनेमाघरों में निर्धारित समय पर रिलीज़ होगी। इस फैसले ने न केवल निर्माताओं को राहत दी है बल्कि दर्शकों और इतिहास प्रेमियों के लिए भी खुशी की खबर है।

    विशेष रूप से यह फ़िल्म भारत के वीर सैनिकों की शौर्यगाथा को पर्दे पर जीवंत करती है और उनके बलिदान को यादगार बनाती है। कोर्ट के फैसले ने यह सुनिश्चित किया कि फ़िल्म का संदेश बिना किसी अड़चन के जनता तक पहुंचे। OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ के दौरान सैनिकों के नाम सही रेजिमेंट के साथ दर्शाने का निर्देश यथार्थ और सम्मान को बनाए रखने का संकेत है।

    सिनेमाघरों में फ़िल्म की रिलीज़ से पहले उठे विवाद और याचिका खारिज होने के बाद निर्माताओं और दर्शकों दोनों के लिए उत्साह और खुशी का माहौल बन गया है। यह फ़िल्म न केवल इतिहास के महत्वपूर्ण क्षण को जीवंत करती है बल्कि भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान को भी सम्मानित करती है। 21 नवंबर को फ़िल्म का सिनेमाघरों में रिलीज़ होना निश्चित हो गया है, जिससे दर्शक रेज़ांग ला युद्ध की शौर्यगाथा को बड़े पर्दे पर देखने का इंतजार कर रहे हैं।

  • दक्षिण अफ्रीका A ने भारत A को 73 रन से दी मात प्रिटोरियस ने खेली धमाकेदार 123 रन की पारी

    दक्षिण अफ्रीका A ने भारत A को 73 रन से दी मात प्रिटोरियस ने खेली धमाकेदार 123 रन की पारी

    नई दिल्‍ली । युवा बल्लेबाज हुआन ड्रे प्रिटोरियस की तूफानी शतकीय पारी ने दक्षिण अफ्रीका A को तीसरे अनधिकृत वनडे में भारत A पर 73 रन की दमदार जीत दिलाई जिससे टीम ने श्रृंखला में क्लीन स्वीप से खुद को बचा लिया। भारत A शुरुआती दो मैच जीतकर पहले ही बढ़त बना चुका था। प्रिटोरियस ने 98 गेंदों में 123 रनों की धुआंधार पारी खेली, जबकि ओपनर रिवाल्डो मूनसामी ने 130 गेंदों पर 107 रन ठोके। दोनों बल्लेबाज़ों ने मिलकर 241 रनों की विशाल साझेदारी की और टीम को 50 ओवर में 6 विकेट पर 325 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।

    भारत A की ओर से गेंदबाजी में हर्षित राणा, प्रसिद्ध कृष्णा और खलील अहमद ने दो दो विकेट चटकाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए।

    भारत A की टीम 49.1 ओवर में 252 रन पर सिमट गई। टीम की ओर से केवल आयुष बडोनी ने टिककर बल्लेबाज़ी की और 66 गेंदों में 66 रन बनाए। ईशान किशन ने भी 67 गेंदों पर 53 रन जोड़कर सहयोग दिया, लेकिन बाकी बल्लेबाज पूरी तरह विफल रहे।

    एक समय भारत A के चार विकेट मात्र 82 रन पर गिर गए थे। इसके बाद ईशान और बडोनी ने मिलकर 88 रनों की साझेदारी कर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन ईशान को एन पीटर ने आउट कर दिया।पीटर ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 48 रन देकर चार विकेट झटके। शुरुआती झटकों से उबरने में नाकाम रही भारत मैच में वापसी नहीं कर सकी।


    इस दिन होगा टीम इंडिया का दूसरा मुकाबला
    भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जारी टेस्ट सीरीज अब रोमांचक स्थिति में पहुंच गई है। कोलकाता टेस्ट में 30 रनों से मिली हार के बाद टीम इंडिया किसी भी तरह वापसी करने की कोशिश में है। सीरीज का दूसरा टेस्ट 22 नवंबर से गुवाहाटी में खेला जाएगा।
  • गावस्कर का करुण-सरफराज को लेकर गंभीर-अगरकर को सख्त संदेश

    गावस्कर का करुण-सरफराज को लेकर गंभीर-अगरकर को सख्त संदेश





    नई दिल्‍ली
    । भारतीय टीम ने अपनी साख के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्‍ट में लचर प्रदर्शन किया और करारी शिकस्‍त झेली। ईडन गार्डन्‍स पर दोनों पारियों में भारतीय बल्‍लेबाजों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और एक भी बल्‍लेबाज अर्धशतक नहीं जमा सका।
    भारत के पूर्व कप्‍तान सुनील गावस्‍कर का मानना है कि घरेलू क्रिकेट में अनुभव के अभाव के कारण यह नतीजा देखने को मिला। स्‍पोर्ट्स्‍टार के लिए अपने कॉलम में गावस्‍कर ने ध्‍यान दिलाया कि अजीत अगरकर की अध्‍यक्षता वाली चयन समिति को उन खिलाड़‍ियों को प्राथमिकता देनी चाहिए जिन्‍हें ईडन गार्डन्‍स की स्पिनर्स के लिए मददगार पिच पर प्रदर्शन करना आता हो। गावस्‍कर ने लिखा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार से उम्‍मीद है कि उन लोगों की आंखें खुलेंगी जो घरेलू क्रिकेट में ज्‍यादा रन बनाने वालों पर ध्‍यान दें। घरेलू क्रिकेट में रन बनाने वाले जानते हैं कि पिच पर कहां स्पिन होगी और कब गेंद नीची रहेगी। अंतरराष्‍ट्रीय खिलाड़ी विदेश में खेलने में इतना व्‍यस्‍त हैं कि उन्‍हें घरेलू पिच पर खेलने का अभ्‍यास नहीं और इसलिए संघर्ष करते हैं।

    गावस्‍कर की अहम सलाह
    गावस्‍कर की यह बात तब सामने आई जब घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाले सरफराज खान और करुण नायर बल्‍लेबाजों की अनदेखी की गई। दोनों बल्‍लेबाजों को पहले वेस्‍टइंडीज और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए नहीं चुना गया। गावस्‍कर का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए चुने गए खिलाड़‍ियों के पास घरेलू जमीन की चुनौतीपूर्ण पिच पर प्रदर्शन करने के लिए अनुभव और धैर्य की कमी है। उन्‍होंने बीसीसीआई चयन समिति से दूसरी सोच को अपनाने की गुजारिश की।

    गावस्‍कर ने समझाया

    लिटिल मास्‍टर ने प्रारूप की मांग के बारे में कहा, ‘टेस्‍ट बल्‍लेबाजी में धैर्य की मांग होती है। ज्‍यादा जरूरी बात है कि ड्रेसिंग रूम में अपना ईगो रखकर आएं। यह मायने नहीं रखता कि आप बीट हो गए या आपके पैड पर गेंद लगी। आप मैदान के बाहर गेंद को पहुंचाने का प्रयास सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते कि दिखा सके कि कौन बॉस है। यहां वो ही बॉस है, जो शांत रहे और स्‍वीकार करे कि इस स्‍तर पर गेंदबाज आपको बीट करेगा। तो इंतजार कीजिए कि शॉट जमाने वाली गेंद आए।
    गंभीर को कड़ा संदेश
    इसके साथ ही सुनील गावस्‍कर ने भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर को कड़ा संदेश दिया कि पार्ट टाइम ऑलराउंडर्स से मूव ऑन करना चाहिए। पूर्व कप्‍तान ने लिखा भारत को टेस्‍ट और सीमित ओवर ऑलराउंडर्स के बीच फर्क समझने की जरुरत है। एक टेस्‍ट ऑलराउंडर वो होता है तो बल्‍लेबाज या गेंदबाज बनकर प्‍लेइंग 11 में जगह बनाता है। गावस्‍कर ने आगे कहा एक खिलाड़ी जो कुछ ओवर और कुछ रन का योगदान दे सके उसकी टेस्‍ट क्रिकेट को जरुरत नहीं। एक विशेषज्ञ बल्‍लेबाज जो रन बनाए और गेंदबाज जो विकेट निकाले टेस्‍ट में इनकी जरुरत है। कुछ ओवर गेंदबाजी और छोटी पारियां कुछ समय का हल हो सकती हैं लेकिन इससे कोई फायदा नहीं मिलना है।

    गावस्‍कर ने दी चेतावनी

    सुनील गावस्‍कर ने एक चेतावनी के साथ अपनी बात को खत्‍म किया जिसमें उन्‍होंने विभिन्‍न प्रारूपों की जरुरतों को समझने की बात कही। गावस्‍कर ने लिखा, इस दक्षिण अफ्रीका सीरीज के बाद भारत को घर में एक साल से ज्‍यादा समय टेस्‍ट नहीं खेलना है। उन्‍होंने आगे लिखा, टेस्‍ट और सीमित ओवर क्रिकेट में फर्क समझना जरूरी है। विभिन्‍न प्रारूपों की जरुरतों को समझना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता तो भारत विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह नहीं बना सकेगा।
  • गुरुवार व्रत पूजा विधि: भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को खुश करने के आसान उपाय

    गुरुवार व्रत पूजा विधि: भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को खुश करने के आसान उपाय

    नई दिल्ली। गुरुवार का व्रत करने से न केवल कुंडली में गुरु दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और घर में धन-समृद्धि की वृद्धि होती है। हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि श्रद्धा और भक्ति से किया गया यह व्रत सभी प्रकार के दोषों को शांत करता है और जीवन में सुख-शांति लाता है। पहली बार गुरुवार व्रत करने वाले भक्तों के लिए कुछ विशेष नियम और पूजा विधि बताई गई है, जिन्हें अपनाने से व्रत का फल अधिक मिलता है।

    व्रत शुरू करने का सही समय और संख्या
    यदि आप पहली बार गुरुवार व्रत कर रहे हैं, तो इसे किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। खासकर पुष्य नक्षत्र में आने वाले गुरुवार को व्रत आरंभ करना अधिक फलदायी होता है। हालांकि पौष माह में गुरुवार का व्रत नहीं रखना चाहिए। व्रत की अवधि भक्त की आस्था पर निर्भर करती है। इसे 16 गुरुवार तक रखा जा सकता है, इसके अलावा 5, 11, 21, 51 या 101 दिनों तक भी उपवास किया जा सकता है। कुछ भक्त इसे लगातार तीन साल तक भी निभाते हैं।

    पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
    गुरुवार व्रत की पूजा के लिए भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति, पीले रंग के वस्त्र, हल्दी, गुड़, भीगी हुई चने की दाल, केला, पीले चावल और घी का दीपक आवश्यक हैं। पीले रंग का कपड़ा पूजा चौकी पर बिछाने के साथ स्वयं पहनने के लिए भी शुभ माना जाता है।

    गुरुवार व्रत की विधि
    सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान पर चौकी पर पीले कपड़े को बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति पर जल और हल्दी से शुद्धिकरण करें और पीले चावल अर्पित करें। घी का दीपक जलाएँ और भगवान विष्णु के मंत्रों और श्लोकों का जाप करें। इस दिन गुरुवार व्रत कथा का पाठ करना या सुनना शुभ माना जाता है।

    इसके अतिरिक्त, यदि घर के पास केला का पेड़ है तो उसकी भी पूजा करें। पेड़ के सामने घी का दीपक जलाएँ और केले के पेड़ पर हल्दी, चावल और चने की दाल अर्पित करें। भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। व्रत का समापन कथा पढ़ने या सुनने के बाद करें। इस दिन केवल एक बार भोजन करें और वह भी बिना नमक वाला होना चाहिए।

    विशेष नियम और वर्जित चीजें
    पहली बार व्रत करने वाले इस दिन बालों में शैम्पू न करें। नमक वाला भोजन और उड़द की दाल तथा चावल का सेवन वर्जित है। पूजा के बाद गुड़, पीला कपड़ा, चने की दाल और केला गरीबों को दान करें। धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन गाय को रोटी और गुड़ खिलाने से सभी कष्ट दूर होते हैं। व्रत के दौरान मन को शांत रखें, क्रोध न करें और पूरी भक्ति के साथ भगवान विष्णु को समर्पित रहें।

    इस प्रकार श्रद्धा और नियम के साथ किया गया गुरुवार व्रत जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है। यह व्रत न केवल व्यक्तिगत दोषों को कम करता है बल्कि परिवार और सामाजिक जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

    यदि आप पहली बार गुरुवार व्रत कर रहे हैं तो इस विधि को अपनाकर भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में मंगलकारी बदलाव ला सकते हैं।

  • Box Office Update: जानें De De Pyaar De 2 की अब तक की कुल कमाई

    Box Office Update: जानें De De Pyaar De 2 की अब तक की कुल कमाई

    नई दिल्ली बॉलीवुड फिल्म दे दे प्यार 2 जिसमें अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह मुख्य भूमिका में हैं को दर्शकों ने रिलीज के शुरुआती दिनों में काफी पसंद किया था फिल्म ने वीकेंड पर शानदार कमाई की और बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बनाई लेकिन वीकडेज में इसकी कमाई में गिरावट देखने को मिली और रफ्तार धीमी पड़ गई

    फिल्म दे दे प्यार 2 ने पहले वीकेंड में शानदार प्रदर्शन किया जहां शुक्रवार को ओपनिंग डे पर फिल्म ने 8.75 करोड़ की कमाई की थी दर्शकों की उत्सुकता और फिल्म के आकर्षक स्टारकास्ट ने इस शुरुआत को विशेष बना दिया शनिवार को फिल्म ने 12.25 करोड़ का कलेक्शन किया जबकि रविवार को 13.75 करोड़ की कमाई दर्ज की गई इस तरह वीकेंड के दौरान फिल्म ने कुल मिलाकर लगभग 34.75 करोड़ की कमाई की और बॉक्स ऑफिस पर अपनी मजबूत उपस्थिति दिखाई

    हालांकि सोमवार को फिल्म की कमाई में गिरावट देखी गई और यह 4.25 करोड़ तक सिमट गई यह वीकेंड की तुलना में काफी कम थी लेकिन मंगलवार को फिल्म ने 5 करोड़ का कलेक्शन कर थोड़ा सुधार दिखाया पांच दिनों में फिल्म ने कुल 44 करोड़ की कमाई कर ली है इस हफ्ते के अंत तक फिल्म के कलेक्शन का आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर सकता है यदि वीकेंड पर दर्शकों की रुचि और बढ़ती है

    दे दे प्यार 2 2019 की हिट फिल्म दे दे प्यार दे का सीक्वल है इस फिल्म का निर्देशन अंशुल शर्मा ने किया है जबकि कहानी लव रंजन और तरुण जैन ने लिखी है फिल्म में अजय देवगन आशीष के किरदार में नजर आ रहे हैं और रकुल प्रीत सिंह आयशा के किरदार में दिखाई दे रही हैं दोनों की जोड़ी उम्र में अंतर होने के बावजूद एक सफल और मजेदार रिश्ते को पर्दे पर जीवंत करती है पहले पार्ट में अजय देवगन के परिवार की कहानी थी जबकि इस पार्ट में रकुल प्रीत सिंह और उनके परिवार को केंद्र में रखा गया है

    फिल्म में आर माधवन रकुल के पिता के किरदार में अहम भूमिका निभा रहे हैं और उनकी मौजूदगी फिल्म की कहानी को मजबूती देती है इसके अलावा गौतमी कपूर रकुल की मां के किरदार में नजर आ रही हैं जावेद जाफरी और मीजान जाफरी की जोड़ी भी दर्शकों के बीच मनोरंजन का बड़ा हिस्सा बनकर उभरी है इस जोड़ी की कॉमिक टाइमिंग और भावनात्मक दृश्यों ने फिल्म को और रोचक बना दिया है

    फिल्म दे दे प्यार 2 दर्शकों को प्यार परिवार और रिश्तों की जटिलताओं के बीच रोमांच और मनोरंजन का मिश्रण पेश करती है फिल्म में स्टारकास्ट का प्रदर्शन और कहानी की भावनात्मक गहराई इसे एक अलग अनुभव बनाती है अजय और रकुल की केमिस्ट्री दर्शकों के बीच आकर्षण का मुख्य कारण रही है वहीं आर माधवन और गौतमी कपूर का किरदार कहानी को मजबूती और दिलचस्प मोड़ देता है

    फिल्म की कमाई में वीकेंड के दौरान उछाल देखने को मिला लेकिन वीकडेज में थोड़ी गिरावट हुई है इस दौरान फिल्म की समीक्षा और दर्शकों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं लेकिन कुल मिलाकर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बनाई है पांच दिनों में 44 करोड़ की कमाई ने इसे मिड-बजट रोमांटिक कॉमेडी के रूप में सफल साबित किया है यदि सप्ताह के अंत तक दर्शकों की रुचि बनी रहती है तो फिल्म 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है

    दे दे प्यार 2 एक ऐसा सीक्वल है जो दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ रिश्तों की जटिलताओं और प्यार के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराता है फिल्म में स्टारकास्ट की एक्टिंग कहानी की भावनात्मक गहराई और मनोरंजक दृश्यों का संतुलन इसे रोचक और देखने लायक बनाता है फिल्म का प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों की पसंद और टक्कर को भी दर्शाता है और यह निश्चित रूप से बॉलीवुड के रोमांटिक कॉमेडी जॉनर में यादगार अनुभव साबित हो रही है

  • भारत ए और साउथ अफ्रीका ए के बीच तीसरा अनऑफिशियल ODI आज खेला जाएगा

    भारत ए और साउथ अफ्रीका ए के बीच तीसरा अनऑफिशियल ODI आज खेला जाएगा

    नई दिल्ली भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैचों की अनऑफिशियल ODI सीरीज रोमांचक मोड़ पर पहुँच चुकी है इंडिया-ए ने तिलक वर्मा की कप्तानी में पहले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की और सीरीज में अजेय बढ़त बना ली है अंतिम मैच से पहले टीम का आत्मविश्वास चरम पर है और फैंस जीत की उम्मीदों से उत्साहित हैं

    तीसरा और अंतिम ODI मुकाबला आज राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में खेला जाएगा भारतीय समयानुसार टॉस दोपहर १ बजे होगा जबकि मैच शुरू होगा दोपहर १:३० बजे इंडिया-ए इस मैच को जीतकर साउथ अफ्रीका-ए के खिलाफ क्लीन स्वीप करना चाहेगी और फैंस की निगाहें रुतुराज गायकवाड़ ईशान किशन अभिषेक शर्मा और अर्शदीप सिंह की प्रदर्शन पर टिकी रहेंगी

    दूसरी ओर साउथ अफ्रीकी टीम इस मैच में सम्मान बचाने उतरेगी सीरीज में अभी तक अफ्रीकी खिलाड़ियों ने अपनी पूरी ताकत नहीं दिखाई है और तीसरे मैच में वे अपनी लय हासिल कर टीम को मजबूती देने का प्रयास करेंगे हालांकि दोनों टीमों ने अभी तक सीरीज के लिए अंतिम स्क्वाड की घोषणा नहीं की है इस मैच से खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं पर प्रभाव डालने का मौका भी पाएंगे

    भारत ए टीम में ऋतुराज गायकवाड़ अभिषेक शर्मा तिलक वर्मा कप्तान आयुष बदोनी ईशान किशन विकेटकीपर निशांत सिंधु हर्षित राणा विप्रज निगम अर्शदीप सिंह प्रसिद्ध कृष्णा खलील अहमद रियान पराग प्रभसिमरन सिंह और मानव सुथार शामिल हैं यह युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण है जो टीम को मजबूती प्रदान करता है

    साउथ अफ्रीका ए टीम में लुआन-ड्रे प्रिटोरियस रिवाल्डो मूनसामी विकेटकीपर जॉर्डन हरमन मार्केस एकरमैन कप्तान सिनेथेम्बा केशिले डियान फॉरेस्टर डेलानो पोटगिएटर प्रेनेलन सुब्रायेन नकाबायोमजी पीटर लुथो सिपाम्ला ओटनील बार्टमैन जेसन स्मिथ ब्योर्न फोर्टुइन त्शेपो मोरेकी रुबिन हरमन तियान वान वुरेन मिहलाली मपोंगवाना क्वेना मफाका और कोडी यूसुफ शामिल हैं यह टीम अनुभव और नई प्रतिभा का बेहतरीन मिश्रण है

    क्रिकेट फैंस के लिए जानकारी यह है कि तीसरा ODI मैच टीवी पर नहीं दिखाया जाएगा और न ही इसका लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध होगा हालांकि इंडिया टीवी की वेबसाइट पर फैंस लाइव स्कोरकार्ड के माध्यम से मैच की हर अपडेट फॉलो कर सकते हैं इस प्रकार दर्शक ऑनलाइन माध्यम से भी मुकाबले का रोमांच महसूस कर पाएंगे

    इस मुकाबले में युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह मौका बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका प्रदर्शन ना केवल सीरीज की दिशा तय करेगा बल्कि आगामी अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए चयन में भी भूमिका निभा सकता है वहीं साउथ अफ्रीका की टीम अंतिम मैच में जीत दर्ज कर सीरीज में सम्मान बचाने और खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने की कोशिश करेगी

    तीसरे ODI में रोमांच की संभावना अधिक है क्योंकि इंडिया-ए क्लीन स्वीप करने के इरादे से उतरेगी और साउथ अफ्रीका-ए अपनी कमजोरी सुधारकर चुनौती पेश करने का प्रयास करेगी मैदान पर दोनों टीमों की रणनीति और खिलाड़ियों की स्थिति निर्णायक साबित हो सकती है युवा खिलाड़ियों की पारी और गेंदबाजों की कार्यगुजारियाँ फैंस के लिए मुख्य आकर्षण होंगी इस मैच के परिणाम से सीरीज का समापन तय होगा और क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा

    राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में आज का मुकाबला दोनों टीमों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है भारत ए की टीम जीत के साथ सीरीज में दबदबा बनाए रखना चाहेगी जबकि साउथ अफ्रीका-ए टीम सम्मान की जीत दर्ज करने की उम्मीद लगाएगी यह मुकाबला दर्शकों के लिए रोमांचक क्षण और युवा प्रतिभाओं के प्रदर्शन का उत्सव साबित होगा

  • पाकिस्तान में सेना प्रमुख की बढ़ी ताकत, सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा ?

    पाकिस्तान में सेना प्रमुख की बढ़ी ताकत, सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा ?

    – मृत्युंजय दीक्षित

    दरकता पाकिस्तान कई नागरिक समस्याओं जैसे महंगाई, बेरोजगारी, दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुओं को जुटाने की जद्दोजहद से जूझ रहा है। बलोचिस्तान, खैबर पख्तूनवा जैसे प्रान्त सुलग रहे हैं। हुक्मरान इनको दबाने के लिए सीमाओं पर आग लगा रहे हैं। इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का झुकाव भी पाकिस्तान की ओर लग रहा है। इन सबके बीच जिस तरह पाकिस्तान की सेना प्रमुख की शक्तियों को संविधान संशोधन के माध्यम से बढ़ाया गया है वह भविष्य के लिए खतरनाक संकेत दे रहा, क्योंकि सेना प्रमुख मुनीर लगातार आतंकवाद को संरक्षण व पूरा सहयोग कर रहा है।

    पाकिस्तान में सेना प्रमुख को मिली शक्तियों के अनुसार अब जब कभी पाकिस्तान का भारत या अफगानिस्तान के साथ युद्ध होगा तब सेना प्रमुख मुनीर ही परमाणु हमला करने का फैसला करेगा। मुनीर को परमाणु हमला करने की यह शक्ति उस समय मिली है जब कुछ दिनो पूर्व ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान दिया है कि पाकिस्तान चोरी छिपे तथा रूस, चीन और कोरिया लगातार परमाणु परीक्षण कर कर रहे हैं इसलिए हम भी करेंगे।

    पाकिस्तान की संसद ने सेना प्रमुख आसिफ मुनीर की शक्तियों को बढ़ाने और सुप्रीम कोर्ट की ताकत को कम करने वाले 27वें संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। नए कानून के अनुसार मुनीर को चीफ आफ डिफेंस फोर्सज बनाया जा रहा है। यह 27 नवंबर 2025 से लागू हो जाएगा। पद मिलते ही उन्हें परमाणु हथियारों की कमांड मिल जाएगी। अपना कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी वह अपने पद पर बने रहेंगे और उन्हें आजीवन कानूनी छूट मिलती रहेगी अर्थात नए कानून के अनुसार अब आसिफ मुनीर को आजीवन कोई नहीं हटा सकेगा ।

    अब पाकिस्तान की संसद ने अदालतों पर भी अपना नियंत्रण कर लिया है जिसके अंतर्गत अब सरकार तय करेगी कि कौन से जज कौन सा केस सुनेंगे। अब जजों का ट्रांसफर राष्ट्रपति करेंगे । पहले यह अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास था । अब अगर वहां की अदालत में कोई केस एक साल तक नहीं चला तो वह केस बंद कर दिया जाएगा। नए संविधान संशोधन के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की ताकत घट जाएगी और राष्ट्रपति नाम मात्र का सुप्रीम कमांडर रह जाएगा।

    पाकिस्तान के संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि अब देश की सेना और ताकतवर हो जाएगी। पाकिस्तान में अब तानाशाही का एक नया दौर देखने को मिल सकता है जो दक्षिण एशिया की शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। पाकिस्तान के विरोधी दल जहां इसे लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बता रहे हैं । वहीं प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इसे राष्ट्रीय एकता के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं। पाकिस्तान में आलोचकों का कहना है कि यह बदलाव देश को सैन्य शासन की ओर ले जा रहा है।

    पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि वहां के आर्मी चीफ रिटायर हो जाने के बाद विदेश चले जाते थे लेकिन अब मुनीर न तो रिटायर होंगे और न ही विदेश जाएंगे। लेकिन क्या वहां के अन्य आर्मी कमांडरो को यह बात मंजूर होगी? पाकिस्तान के इतिहास में यह परंपरा रही है कमांडर रिटायरमेंट के बाद यूरोप, सऊदी अरब या अमीरात में आराम का जीवन व्यतीत करने के लिए चले जाते हैं । जनरल अशफाक परवेज कियानी से लेकर जावेद बाजवा तक ने अपने ठिकाने विदेश में बनाए और पूर्वसेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का हाल तो पता ही है क्या हुआ। किन्तु अब आसिफ मुनीर संविधान संशोधन की आड़ लेकर अपने पद पर अजर अमर हो रहे हैं।

    भारत भी आपरेशन सिंदूर के समय तय कर चुका है कि अब अगर भारत पर आतंकवादी हमला हुआ तो वह एक्ट आफ वॉर ही माना जाएगा। 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास बम धमाका हो चुका है जिसकी गहन जांच चल रही है और धमाके के लिंक जैश- ए -मोहम्मद से ही जुड़ते नजर आ रहे हैं। मुनीर भारत से पंगा लेने के लिए बेचैन लग रहा है। पाकिस्तान को लगातार भय सता रहा है कि अबकी बार भारत पाकिस्तान को छोड़ेगा नहीं। यदि युद्ध हुआ तो पाकिस्तान को भी कम से कम चार फ्रंट पर युद्ध करना ही पड़ेगा और तब पाकिस्तान अपना अस्तित्व बचाने के लिए भारत पर परमाणु हमला करने की हिमाकत कर सकता है। मुनीर नागरिक समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए कई पैंतरे अपना रहा है और भारत में आतंकी हमले कराना उसी का हिस्सा है। किन्तु मुनीर को ध्यान रखना चाहिए कि अब समय बदल चुका है और अबकी बार ऐसी हिम्मत से पाकिस्तान का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

    (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

  • सलमान खान संग पूरे खानदान ने दी वर्षगांठ की खास मुबारकबाद

    सलमान खान संग पूरे खानदान ने दी वर्षगांठ की खास मुबारकबाद

    नई दिल्ली। बॉलीवुड के दिग्गज पटकथा लेखक सलीम खान और उनकी पत्नी सलमा खान ने सोमवार रात अपनी शादी की 61वीं सालगिरह बड़े धूमधाम से मनाई। यह जश्न सिर्फ उनका नहीं बल्कि पूरे खान परिवार और करीबी दोस्तों का भी था, जो इस खास मौके पर एकत्र हुए। सोशल मीडिया पर पार्टी की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें खान परिवार की अटूट बॉन्डिंग और खुशियों का जश्न साफ देखा जा सकता है।

    पार्टी में शामिल हुए सभी करीबी
    इस सालगिरह के जश्न में परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। सुपरस्टार सलमान खान ने पार्टी स्थल पर पहुंचकर पैपराजी के लिए हाथ हिलाया और मुस्कुराते हुए अभिवादन किया। सलीम खान की दूसरी पत्नी और बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हेलेन भी इस अवसर पर आईं और उन्होंने कैमरे के सामने अपनी मुस्कान बिखेरी। सलीम खान की बेटी अलवीरा अपने पति अतुल अग्निहोत्री और बेटी अलीजेह के साथ समारोह में शामिल हुईं। सलमान खान के करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य जैसे बॉडीगार्ड शेरा और अर्पिता खान के पति आयुष शर्मा भी इस खुशी में शामिल हुए। इसके अलावा, बॉलीवुड की अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और ज़हीर इकबाल ने भी इस जश्न का हिस्सा बनकर माहौल को और खास बना दिया।

    दो पत्नियों के बीच अटूट रिश्ते की कहानी
    सलीम खान की निजी जिंदगी हमेशा चर्चा का विषय रही है। उन्होंने 1964 में सलमा खान से शादी की, जिनसे उनके चार बच्चे हैं – सलमान, अरबाज, सोहेल और अलवीरा – और एक गोद ली हुई बेटी अर्पिता खान। वर्षों बाद 1981 में उन्होंने मशहूर डांसर-एक्ट्रेस हेलेन से शादी की। सलीम खान ने खुद स्वीकार किया है कि हेलेन के साथ उनका रिश्ता एक भावनात्मक दुर्घटना था, लेकिन उन्होंने अपने परिवार के साथ ईमानदारी से संवाद करके इस रिश्ते को स्वीकार कराया। यह कदम बच्चों और परिवार के प्रति उनके सम्मान और जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है।

    बच्चों के साथ ईमानदार संवाद
    सलीम खान ने अपनी शादी के फैसले को बच्चों से साझा करने के तरीके के बारे में कहा कि उन्होंने सभी बच्चों को बिठाकर विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने बच्चों से कहा, “आप अभी इसे नहीं समझेंगे, लेकिन बड़े होकर समझेंगे। मुझे हेलेन आंटी से प्यार हो गया है और मैं चाहता हूं कि आप उन्हें वही सम्मान दें जो आप अपनी मां को देते हैं।” इस तरह उन्होंने परिवार में पारदर्शिता और प्रेम को बनाए रखा।

    खास समारोह और खुशियों का माहौल
    आज सलीम खान, सलमा खान और हेलेन खान अक्सर परिवार के विशेष समारोहों और त्योहारों को एक साथ मनाते हैं। यह न केवल बॉलीवुड में एक अनूठा उदाहरण है, बल्कि एक मजबूत और अटूट पारिवारिक बंधन का भी परिचायक है। सलमान, अरबाज, सोहेल, अलवीरा और अर्पिता सहित पूरा खान परिवार हमेशा मिलजुल कर खुशियों के पल साझा करता आया है।

    61 साल की शादी का जश्न
    61 वर्षों का साथ किसी भी परिवार के लिए खास होता है और सलीम-सलमा खान ने इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ बड़े ही खास अंदाज में मनाया। पार्टी में हर कोई खुश और उत्साहित नजर आया। खान परिवार की यह तस्वीरें और वीडियो यह साबित करती हैं कि बॉलीवुड में भी परिवारिक मूल्यों और प्यार की मिसाल दी जा सकती है।

    सलमा और सलीम की जोड़ी ने समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए अपने रिश्ते की मजबूती दिखाई है। इस जश्न ने यह भी दिखाया कि परिवार में ईमानदारी, प्रेम और आपसी सम्मान ही खुशियों की असली कुंजी है। खान परिवार का यह मिलन और इस जश्न की तस्वीरें दर्शकों और फैंस के लिए भी प्रेरणादायक हैं।

    61 साल के इस बेमिसाल सफर में सलीम और सलमा खान ने अपने प्यार, समझ और परिवार के प्रति जिम्मेदारी का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो बॉलीवुड और आम जीवन में दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। यह सालगिरह सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि परिवार और रिश्तों की शक्ति का जश्न है।

  • विवाह पंचमी 2025: इस दिन शादी न करने का धार्मिक कारण

    विवाह पंचमी 2025: इस दिन शादी न करने का धार्मिक कारण

    नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन इसलिए खास है क्योंकि इसी तिथि को भगवान राम और माता सीता का दिव्य विवाह हुआ था। वर्ष 2025 में यह पर्व 24 नवंबर की रात 09:22 बजे से 25 नवंबर की रात 10:56 बजे तक रहेगा, इसलिए इस वर्ष विवाह पंचमी का मुख्य उत्सव 25 नवंबर को मनाया जाएगा। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मानव विवाह करना शुभ नहीं माना जाता। इसका प्रमुख कारण राम-सीता के जीवन से जुड़ी पौराणिक घटनाएँ हैं।

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, राम-सीता का विवाह होने के तुरंत बाद भगवान राम को 14 वर्षों का वनवास सहना पड़ा। माता सीता को इसी दौरान रावण द्वारा अपहरण, वनवास और अग्निपरीक्षा जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस आधार पर यह मान्यता बनी कि इस दिन मानव विवाह करने से नवविवाहित जोड़े के जीवन में बाधाएं और कष्ट आ सकते हैं। इस दिन विवाह करने से शुभ और सुखमय दांपत्य जीवन की संभावना कम मानी जाती है, इसलिए पारंपरिक रूप से विवाह पंचमी को नए विवाह के लिए अनुकूल नहीं माना जाता।

    रामायण में वर्णित है कि विवाह के बाद राम को राजसिंहासन छोड़ वनवास जाना पड़ा, जबकि सीता माता को अलगाव, अपहरण और सार्वजनिक अपमान सहना पड़ा। यही कारण है कि कई पीढ़ियों से इस दिन को शोक स्मरण और पूजा-अर्चना का दिन माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में भी पंचमी तिथि को भगवान राम से जोड़ा गया है। पंचांग विशेषज्ञों के अनुसार इस दिन के ग्रह-योग विवाह के लिए अनुकूल नहीं होते। विवाह मुहूर्त के लिए गौरी-मंगल जैसे विशेष योगों की आवश्यकता होती है, जो इस दिन उपलब्ध नहीं होते।

    विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या और नेपाल के जनकपुर में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ आयोजन किए जाते हैं। इन स्थानों पर राम-सीता के विवाह की झांकियां सजाई जाती हैं, भजन-कीर्तन होते हैं और हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना में भाग लेते हैं। अविवाहित कन्याएं माता सीता की पूजा कर मनचाहा वर पाने की कामना करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं विशेष पूजा कर अपने दांपत्य जीवन में प्रेम, सौभाग्य और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं।

    श्री राम जन्मभूमि मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित विजय शर्मा का कहना है कि विवाह पंचमी दिव्य विवाह का स्मरण है। इसे नई मानव शादी के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और पूजा-अर्चना के लिए उपयोग करना चाहिए। इस दिन के ग्रह-योग मानव विवाह के लिए अनुकूल नहीं हैं, इसलिए पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार इसे नए विवाह का दिन नहीं माना जाता। जोड़े जो विवाह की योजना बना रहे हैं, उन्हें शुभ मुहूर्त का चयन कर इस दिन पूजा-अर्चना में समय व्यतीत करना चाहिए।

    इस प्रकार, विवाह पंचमी 2025 धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन हमें राम-सीता के दिव्य विवाह की याद दिलाता है और आध्यात्मिक मूल्य और भक्ति भाव को प्रकट करता है। विवाह पंचमी पर होने वाली पूजा-अर्चना नवविवाहितों के लिए मार्गदर्शक नहीं है, बल्कि यह दिन श्रद्धालुओं को जीवन में आस्था, भक्ति और धार्मिक परंपराओं के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन मनाए जाने वाले उत्सवों और पूजा-अर्चना के कार्यक्रम समाज में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को भी मजबूत बनाते हैं।

  • WPL Auction 2026 मेगा ऑक्शन की डेट तय, जानें पूरी डिटेल और लाइव कहां देखें

    WPL Auction 2026 मेगा ऑक्शन की डेट तय, जानें पूरी डिटेल और लाइव कहां देखें

    नई दिल्ली। महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2026 का मेगा ऑक्शन इस बार पहले से भी ज्यादा रोमांच और सरप्राइज लेकर आने वाला है। जैसे ही आयोजकों ने इसकी आधिकारिक तारीख का ऐलान किया, फैंस के बीच उत्साह चरम पर पहुंच गया। चौथे सीजन से पहले होने वाला यह मेगा ऑक्शन टीमों की रणनीति, खिलाड़ियों की कीमत और पूरे टूर्नामेंट का माहौल बदल सकता है।

    27 नवंबर—जिस दिन बदलेगी WPL की तस्वीर
    WPL 2026 का मेगा ऑक्शन 27 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित होगा। यह एक दिन का हाई-वोल्टेज इवेंट है, जहां सभी पांच फ्रेंचाइजी अपनी स्क्वॉड को फिर से तैयार करने में जुटेंगी। सोशल मीडिया पर WPL ने “10 Days to Go” का काउंटडाउन शुरू कर फैंस का उत्साह और भी बढ़ा दिया है। जैसा कि पोस्ट में कहा गया—The countdown to #TATAWPL Mega Auction has begun—इससे साफ है कि इस बार बोली युद्ध बेहद दिलचस्प होने वाला है।

    बोली में कौन-कौन होगा शामिल?
    WPL नियमों के मुताबिक, हर टीम अधिकतम 18 खिलाड़ियों की स्क्वॉड बना सकती है। पांच फ्रेंचाइजी के पास कुल 73 स्लॉट खाली हैं, जिनमें से 23 विदेशी खिलाड़ियों के लिए आरक्षित हैं। इसका मतलब है कि इस बार कई अंतरराष्ट्रीय स्टार खिलाड़ियों पर जमकर बोली लग सकती है, वहीं घरेलू क्रिकेट के उभरते चेहरे भी चमकने का बड़ा मौका पाएंगे।

    कौन-सी टीम कितनी पर्स लेकर उतरेगी?
    मेगा ऑक्शन से पहले प्रत्येक टीम की बची हुई पर्स राशि सामने आ चुकी है। इस मामले में UP Warriorz सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरी है—

    UP Warriorz – 14.5 करोड़ रुपये

    Gujarat Giants – 9 करोड़ रुपये

    Royal Challengers Bengaluru – 6.15 करोड़ रुपये

    Mumbai Indians – 5.75 करोड़ रुपये

    Delhi Capitals – 5.7 करोड़ रुपये

    सबसे भारी पर्स UP Warriorz के पास होने के कारण यह तय है कि टीम इस बार कई बड़े खिलाड़ियों की रेस में आगे रहने की कोशिश करेगी। वहीं बाकी टीमें अपनी स्मार्ट रणनीति के साथ सीमित बजट में अधिकतम फायदा उठाने की तैयारी में हैं।

    इस बार ऑक्शन में क्यों होगी धूम?
    WPL का यह मेगा ऑक्शन सिर्फ खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त नहीं, बल्कि पूरे सीजन की दिशा तय करने वाला बड़ा मंच है। कुछ टीमें अपने पुराने खिलाड़ियों को बनाए रखने की रणनीति अपनाएंगी, तो कुछ अपने स्क्वॉड को नए सिरे से तैयार करके टूर्नामेंट में तगड़ा प्रदर्शन करना चाहेंगी। नए चेहरों के साथ अनुभवी खिलाड़ियों की बोली फैंस के लिए रोमांचक क्षण लेकर आएगी।

    फैंस कहां देख पाएंगे पूरा ऑक्शन?
    WPL 2026 का मेगा ऑक्शन फैंस कई माध्यमों से लाइव देख सकेंगे—

    लाइव स्ट्रीमिंग – JioHotstar

    टीवी प्रसारण – Star Sports नेटवर्क

    ऑनलाइन अपडेट – आधिकारिक वेबसाइट WPLT20.com

    27 नवंबर को होने वाला यह मेगा ऑक्शन न सिर्फ खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी के लिए बल्कि क्रिकेट फैंस के लिए भी एक बड़े त्योहार से कम नहीं होगा। हर बोली, हर रिटेंशन और हर सरप्राइज WPL 2026 के रोमांच को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।