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  • दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगेगी लगाम सरकार ने लागू किया नया कानून

    दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगेगी लगाम सरकार ने लागू किया नया कानून


    नई दिल्ली ।दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अब दिल्ली सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता अधिनियम-2025 और उससे जुड़े नियमों को पूरी तरह से लागू कर दिया है। इस नए कानून के तहत अब कोई भी निजी स्कूल अपनी फीस बढ़ाने से पहले सरकारी मंजूरी और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

    शिक्षा मंत्री का बयान

    दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस निर्णय की जानकारी दी और इसे 27 साल बाद आया एक ऐतिहासिक सुधार बताया। उन्होंने कहा कि कई दशकों से निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी अभिभावकों के लिए सबसे बड़ी समस्या रही थी। हालांकि पहले की सरकारें इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठा सकीं लेकिन वर्तमान सरकार ने यह कानून जल्दी लागू कर यह साबित कर दिया है कि वह अभिभावकों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।

    शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा शिक्षा कोई कारोबार नहीं बल्कि बच्चों का अधिकार है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी निजी स्कूल बिना ठोस कारण के और बिना मंजूरी के फीस न बढ़ा सके। अब शिक्षा विभाग स्कूलों द्वारा प्रस्तावित फीस वृद्धि की जांच करेगा उनकी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करेगा और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। अगर कोई स्कूल बिना मंजूरी के फीस बढ़ाता है तो उस पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    अभिभावकों की भागीदारी अनिवार्य

    इस नए कानून के तहत अभिभावकों की भागीदारी भी अनिवार्य कर दी गई है। अब फीस बढ़ाने की प्रक्रिया में अभिभावकों को शामिल किया जाएगा। हर निजी स्कूल को अपनी फीस संरचना आय-व्यय का विवरण और वित्तीय जरूरतें सार्वजनिक रूप से घोषित करनी होंगी। इसके अलावा एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली भी बनाई जाएगी जिससे अभिभावक सीधे अपनी शिकायतें और सुझाव दे सकेंगे।

    निजी स्कूलों की निगरानी

    पिछले कई सालों से दिल्ली में निजी स्कूल हर साल ट्यूशन फीस एडमिशन फीस और अन्य शुल्कों में भारी बढ़ोतरी कर रहे थे। इस पर 2007 और 2012 में कुछ प्रयास जरूर किए गए थे लेकिन कानूनी खामियों के कारण वे ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाए। अब 2025 का यह नया कानून उन सभी खामियों को दूर करने का दावा करता है।

    सरकार ने कहा है कि आने वाले महीनों में सभी निजी स्कूलों की विशेष निगरानी की जाएगी। जो स्कूल नियमों का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी में पारदर्शिता बनी रहे और अभिभावकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

    दिल्ली सरकार के इस नए कानून से लाखों अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है। अब निजी स्कूल अपनी फीस बढ़ाने से पहले पूरी पारदर्शिता और सरकारी मंजूरी हासिल करेंगे। इस कदम से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था और भी जवाबदेह ईमानदार और पारदर्शी बनेगी। यह कानून न केवल अभिभावकों के लिए राहत का कारण बनेगा बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

  • नवादा में मॉब लिंचिंग की दर्दनाक घटना: अतहर हुसैन की पत्नी ने सुनाई दिल दहला देने वाली कहानी

    नवादा में मॉब लिंचिंग की दर्दनाक घटना: अतहर हुसैन की पत्नी ने सुनाई दिल दहला देने वाली कहानी

    नवादा । बिहार के नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र में 5 दिसंबर की रात को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी जब 35 वर्षीय मोहम्मद अतहर हुसैन को धर्म के नाम पर बेरहमी से मार डाला गया। यह घटना उस वक्त हुई जब अतहर डुमरी गांव से लौट रहे थे और भट्टा गांव के पास छह-सात नशे में धुत युवकों ने उन्हें रोक लिया। बाद में नाम और धर्म का पता चलने के बाद अतहर पर हमला किया गया। उनकी हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए इसे सिर्फ एक हत्या नहीं बल्कि एक सांप्रदायिक हत्या करार दिया है।

    घटना का विवरण

    अतहर हुसैन जब घर लौट रहे थे तब कुछ युवकों ने उन्हें घेर लिया। उन्हें साइकिल से उतारकर हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में घसीटा गया। वहां पर अतहर के साथ बर्बरता की सारी सीमाएं पार की गईं। पैंट खोलकर उनके धर्म की पहचान की गई फिर करंट लगाया गया उंगलियां तोड़ी गईं कान काटे गए और शरीर पर गर्म लोहे की रॉड से चोटें दी गईं। इस पूरी घटना को सहते हुए भी अतहर ने पुलिस को अपनी जान बचाने के लिए मदद मांगी।

    इलाज के दौरान अतहर की मौत

    अतहर हुसैन को गंभीर अवस्था में नवादा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 7 दिसंबर को उन्होंने कांपती आवाज में इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी सुनाई थी। हालांकि उनके शरीर पर लगी गहरी चोटों ने उनका साथ नहीं दिया और 12 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस दौरान उन्होंने एबीपी संवाददाता को अस्पताल में अपनी आपबीती सुनाई और पूरी घटना के बारे में जानकारी दी।

    पोस्टमॉर्टम और पुलिस कार्रवाई

    अतहर की मौत के बाद उनका पोस्टमॉर्टम नालंदा सदर अस्पताल में फॉरेंसिक टीम और मजिस्ट्रेट की निगरानी में किया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों—सोनू कुमार रंजन कुमार सचिन कुमार और श्री कुमार को गिरफ्तार किया है। हालांकि अन्य आरोपी अभी फरार हैं।

    रोह थाना प्रभारी रंजन कुमार ने इस मामले में गिरफ्तारी की पुष्टि की है लेकिन परिजनों का कहना है कि उन्हें सिर्फ गिरफ्तारी से संतुष्टि नहीं है। वे चाहते हैं कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो और अतहर हुसैन के हत्यारों को सजा मिले। उनके बेटे इस्तेखार हुसैन ने प्रशासन से सिर्फ एक बात कही हमारे पिता के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।”

    मॉब लिंचिंग पर बढ़ते सवाल

    इस दर्दनाक घटना ने बिहार और खासकर नवादा जिले में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धर्म के नाम पर हिंसा और इस तरह के अपराधों का बढ़ता चलन समाज के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। यह घटना केवल एक हत्या नहीं है बल्कि यह हमारे समाज के उन गंभीर मुद्दों को उजागर करती है जिनमें धार्मिक सहिष्णुता की कमी और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियां दिखाई देती हैं।

    अतहर के परिजनों का दर्द इस बात को साफ तौर पर दर्शाता है कि समाज और प्रशासन को सिर्फ अपराधियों को गिरफ्तार करने से अधिक कुछ करना होगा। समाज में धार्मिक सहिष्णुता और समानता की आवश्यकता को बल देने के साथ साथ हमें ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई और अतहर हुसैन जैसे व्यक्ति की हत्या न हो।

    मॉब लिंचिंग की घटनाएं एक बहुत बड़ा सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बन चुकी हैं। अतहर हुसैन की दर्दनाक मौत ने यह सवाल खड़ा किया है कि हमें समाज में आपसी सम्मान और धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता को समझना होगा। केवल गिरफ्तारी से इन घटनाओं का समाधान नहीं होगा बल्कि इसके लिए समाज के सभी हिस्सों को एकजुट होकर काम करना होगा।

  • कराधान पर कार्यशाला में सहकारी बैंकों की भूमिका पर चर्चा, किसानों की सेवा को मिला सम्मान

    कराधान पर कार्यशाला में सहकारी बैंकों की भूमिका पर चर्चा, किसानों की सेवा को मिला सम्मान


    नई दिल्ली कार्यक्रम में नाबार्ड के महाप्रबंधक श्री सुरेश कुमार साहू, उप महाप्रबंधक श्री नन्दू नायक, अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य श्री पी.एस. तिवारी, वि.क.अ. श्री अरुण मिश्र, उप महाप्रबंधक श्री के.टी. सज्जन, सहायक महाप्रबंधक श्री अरविंद बौद्ध, विषय विशेषज्ञ एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री अमूल राहंणेकर सहित अन्य अधिकारी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।

    प्रशिक्षण संस्थान को सर्वश्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य

    श्री गुप्ता ने कहा कि अपेक्स बैंक का प्रयास है कि यह प्रशिक्षण संस्थान देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शामिल हो। उन्होंने बताया कि आधुनिक सुविधाओं और बेहतर शैक्षणिक माहौल के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में आज प्रशिक्षण कॉलेज के नवीन कॉन्फ्रेंस हॉल का उद्घाटन भी किया गया।

    सहकारी संरचना को मजबूत करने पर जोर

    नाबार्ड के महाप्रबंधक श्री सुरेश कुमार साहू ने प्रदेश की अल्पकालीन सहकारी ऋण संरचना को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं की मजबूती से किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलता है।

    प्रशिक्षण गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार

    कार्यक्रम की शुरुआत में अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य श्री पी.एस. तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया और आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक के दूरदर्शी और सकारात्मक नेतृत्व तथा नाबार्ड के सहयोग से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और प्रशिक्षार्थियों की संख्या भी दोगुनी हुई है।उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नाबार्ड के लखनऊ स्थित संस्थान ‘बर्ड’ द्वारा प्रशिक्षण कॉलेज को ‘ए’ श्रेणी की मान्यता एक्रिडेशन प्रदान की गई है।आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के अंत में संकाय सदस्य श्री आर.के. दुबे द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।

  • पोस्‍ट ऑफिस आरडी स्‍कीम से कमाई करें 2.54 लाख रुपये जानें पूरी कैलकुलेशन

    पोस्‍ट ऑफिस आरडी स्‍कीम से कमाई करें 2.54 लाख रुपये जानें पूरी कैलकुलेशन

    नई दिल्ली । हर कोई निवेश करके अच्छा पैसा बनाना चाहता है लेकिन सही विकल्प का चयन न करने पर कभी-कभी नुकसान भी हो सकता है। यदि आप सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। इन योजनाओं में से एक है रेकरिंग डिपॉजिट जो आपको बिना किसी जोखिम के अच्छा मुनाफा दे सकती है। आइए जानें कैसे इस स्कीम के जरिए आप ब्‍याज से ही लाखों रुपये कमा सकते हैं।

    पोस्ट ऑफिस आरडी स्कीम का आकर्षक ऑफर

    पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम में निवेशक को 6.7% वार्षिक ब्याज मिलता है जो तिमाही आधार पर जमा होता है। इस स्कीम की खास बात ये है कि यह पूरी तरह से रिस्क-फ्री है क्योंकि यह सरकार द्वारा संचालित योजना है। इसमें निवेश करने पर आपको अच्छा रिटर्न मिलता है जो आपको बैंक एफडी से भी ज्यादा ब्याज प्रदान करता है।

    कैसे होगी 2.54 लाख की कमाई: कैलकुलेशन

    पोस्ट ऑफिस आरडी स्कीम में आप हर महीने ₹5000 का निवेश करके बड़ी रकम जमा कर सकते हैं। अब जानें कैसे इस स्कीम में निवेश से आप ब्‍याज से 2.54 लाख रुपये कमा सकते हैं:

    5 साल का निवेश:

    हर महीने ₹5000 निवेश करने पर 5 साल में आपका कुल निवेश होगा ₹300000। इस निवेश पर 6.7% वार्षिक ब्याज मिलेगा जो तिमाही आधार पर जमा होता है। इस पर मिलने वाला ब्याज ₹56830 होगा।
    कुल मिलाकर 5 साल में आपका फंड बढ़कर ₹356830 हो जाएगा।

    10 साल का निवेश
    अब आप अपनी आरडी स्कीम को 5 और साल के लिए बढ़ा सकते हैं। इस तरह 10 साल में आपका कुल निवेश ₹600000 हो जाएगा।10 साल के बाद मिलने वाला ब्‍याज ₹254272 होगा।इस हिसाब से आपके पास 10 साल के अंत में कुल फंड ₹854272 होगा।

    पोस्ट ऑफिस आरडी स्कीम के फायदे

    रिस्क-फ्री निवेश: पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि यह सरकार द्वारा संचालित है। इसमें कोई भी जोखिम नहीं होता है। बेहद आकर्षक ब्याज दर: इस स्कीम में आपको 6.7% का ब्याज मिलता है जो बहुत से बैंकों की एफडी से ज्यादा है। लचीलापन आप इस योजना को अपनी सुविधानुसार 5 या 10 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।

    सुविधाजनक निवेश: हर महीने ₹5000 का निवेश करके आप इस स्कीम में भाग ले सकते हैं जिससे आपके पास एक बड़ा कोष बन सकता है।

    पोस्ट ऑफिस आरडी स्कीम एक बेहतरीन और सुरक्षित निवेश विकल्प है जिसमें आप नियमित रूप से छोटी राशि का निवेश करके बड़ी रकम जमा कर सकते हैं। 10 साल के निवेश से ब्‍याज से ₹2.54 लाख की कमाई की जा सकती है और इस दौरान आपका कुल फंड ₹8.54 लाख तक पहुंच सकता है। यदि आप एक सुरक्षित और जोखिम-मुक्त निवेश की तलाश में हैं तो यह स्कीम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।

  • मंदसौर जिले ने दो वर्षों में रचे विकास के नए आयाम: प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया

    मंदसौर जिले ने दो वर्षों में रचे विकास के नए आयाम: प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया


    मध्य प्रदेश/ महिला एवं बाल विकास विभाग तथा मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा है कि मंदसौर जिले ने बीते दो वर्षों में विकास के प्रत्येक क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उन्होंने जिले में किए गए विकास कार्यों, योजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी।प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित सुशासन भवन सभागार में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक एवं प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दो वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

    बैठक में रहे उपस्थित

    कार्यक्रम में सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर, कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग, सुवासरा विधायक श्री हरदीप सिंह डंग, जिला योजना समिति सदस्य श्री राजेश दीक्षित, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री बसंत शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार मीना, अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, समस्त जिला अधिकारी एवं बड़ी संख्या में पत्रकारगण उपस्थित रहे।

    धार्मिक और पर्यटन विकास

    प्रभारी मंत्री ने बताया कि भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत से पशुपतिनाथ लोक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वहीं सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के अंतर्गत जिले में 61.62 करोड़ रुपए की लागत से 5 महत्वपूर्ण निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं।

    जल, ऊर्जा और आधारभूत संरचना
    जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के सभी 922 ग्रामों में 2.40 लाख से अधिक नल जल कनेक्शन दिए जा रहे हैं। लगभग 1332 करोड़ रुपए की लागत से नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं।
    इसके साथ ही गांधीसागर जल विद्युत गृह की 115 मेगावाट क्षमता की इकाइयों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण हेतु 418.91 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।

    स्वास्थ्य और शिक्षा में ऐतिहासिक प्रगति
    मंदसौर जिला मुख्यालय पर श्री सुंदरलाल पटवा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अक्टूबर 2024 से 100 सीटों के साथ प्रारंभ किया गया है, जहां वर्तमान में प्रथम व द्वितीय वर्ष के कुल 200 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
    इसके अतिरिक्त जिले में 13 सांदीपनि विद्यालयों को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें से अधिकांश भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

    कृषि और किसान कल्याण
    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत जिले के 2.19 लाख से अधिककिसानों को 43.96 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।सोयाबीन भावांतर भुगतान योजना में 8,803 किसानों को 10.20करोड़ रुपए की राशि सीधे खातों में दी गई। अतिवृष्टि एवं फसल क्षति के लिए जिले को 267.29 करोड़ रुपए की राहत राशि प्राप्त हुई।

    औद्योगिक विकास और रोजगार
    जिले में 331.47 हेक्टेयर भूमि पर नए औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार किया गया है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में आयोजित कृषि उद्योग समागम 2025 में 3,600 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जिससे लगभग 12,500 रोजगार सृजित होंगे।मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 487 हितग्राहियों को 35.39 करोड़ रुपए का ऋण देकर स्वरोजगार से जोड़ा गया।

    नगरीय और ग्रामीण विकास
    अमृत 2.0 योजना में 194.82 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत 10,166 आवास पूर्ण हो चुके हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, ग्राम सड़क एवं आवास सहित 50,512 विकास कार्यों के लिए 810.01 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।

    भविष्य की दिशा
    प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि मंदसौर जिला निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है और आने वाले समय में इसे विकास के नए शिखर पर पहुंचाया जाएगा।

  • सफला एकादशी 2025 के दिन करें ये खास उपाय, सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए

    सफला एकादशी 2025 के दिन करें ये खास उपाय, सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए


    नई दिल्ली । सफला एकादशी का व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 15 दिसंबर 2025 को पड़ रहा है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ कुछ खास ज्योतिषीय उपायों का पालन करना भी लाभकारी माना जाता है। इन उपायों से ना केवल जीवन में सुख-समृद्धि आती है बल्कि स्वास्थ्य धन और वैवाहिक जीवन में भी सुधार होता है। आइए जानते हैं सफला एकादशी पर किए जाने वाले प्रभावी उपायों के बारे में।

    स्वास्थ्य में सुधार के लिए

    सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित करें और साथ ही 108 बार “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। यह उपाय शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

    व्यापार में सफलता के लिए

    यदि आप अपने व्यापार में सफलता की कामना रखते हैं तो सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें। विष्णु जी को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और मां लक्ष्मी को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। ऐसा करने से व्यापार में चौगुनी वृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

    घर में सुख-शांति और संपन्नता के लिए

    सफला एकादशी पर घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए 9 मुखी दीपक जलाएं और विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही सहस्त्रनाम का पाठ करें। यह उपाय घर में नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और घर में शांति सुख और समृद्धि बनी रहती है।

    विवाह में रुकावटें दूर करने के लिए

    अगर आपके विवाह में कोई बाधाएं आ रही हैं तो सफला एकादशी के दिन एक लोटे में हल्दी मिला जल लेकर उसे केले के पौधे की जड़ में अर्पित करें। इससे विवाह संबंधी परेशानियों का समाधान होता है और साथ ही आपकी कुंडली में गुरु बृहस्पति की स्थिति भी मजबूत होती है।

     धन प्राप्ति के लिए

    मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु का अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जल से अभिषेक करते समय दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग करें जो धन की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इसके अतिरिक्त शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। यह उपाय घर में समृद्धि और धन के आगमन का कारण बनता है।

    सफला एकादशी पर किए गए इन ज्योतिषीय उपायों से जीवन में न केवल धन और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है बल्कि मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। इस दिन विष्णु जी और लक्ष्मी जी की पूजा से आपके जीवन में हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि की आशीर्वाद प्राप्त होती है।

  • कोलकाता में मेसी के दौरे का शर्मनाक अंत: सुरक्षा चूक के कारण 10 मिनट में मैदान छोड़ा, ममता ने मांगी माफी

    कोलकाता में मेसी के दौरे का शर्मनाक अंत: सुरक्षा चूक के कारण 10 मिनट में मैदान छोड़ा, ममता ने मांगी माफी


    कोलकाता । के साल्ट लेक स्टेडियम में शनिवार को फुटबॉल की एक ऐतिहासिक घटना की बजाय एक शर्मनाक कुप्रबंधन का दृश्य सामने आया। वैश्विक फुटबॉल सुपरस्टार लियोनेल मेसी को देखने के लिए आए हजारों दर्शकों को गहरा झटका तब लगा जब सुरक्षा कारणों से उन्हें महज 10 मिनट में मैदान छोड़ना पड़ा। इस अप्रत्याशित घटना के कारण फुटबॉल प्रेमियों में गुस्से की लहर दौड़ गई, और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

    दर्शकों का गुस्सा और विरोध प्रदर्शन
    साल्ट लेक स्टेडियम, जिसे ‘भारतीय फुटबॉल का मक्का’ माना जाता है, पर यह घटना कोलकाता के फुटबॉल प्रेमियों के लिए सबसे बड़े झटके के रूप में आई। प्रीमियम टिकटों पर मोटी रकम खर्च कर स्टेडियम पहुंचे दर्शकों को जब मेसी का कार्यक्रम समय से पहले समाप्त होता दिखाई दिया, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए दर्शकों ने विरोध प्रदर्शन किया, बोतलें फेंकीं और आयोजकों के खिलाफ नारेबाजी की। कई होर्डिंग्स और कुर्सियों को नुकसान भी पहुँचाया गया।

    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “आज साल्ट लेक स्टेडियम में जो कुप्रबंधन देखने को मिला, उससे मैं अत्यधिक व्यथित हूं। मैं लियोनेल मेसी, सभी खेल प्रेमियों और उनके प्रशंसकों से दिल से माफी मांगती हूं।”

    जांच कमेटी का गठन
    इस शर्मनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तत्काल एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी की अध्यक्षता कलकत्ता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस आशिम कुमार रे करेंगे। जांच का उद्देश्य घटना की पूरी जाँच करना, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना है।

    राजनीतिक हलचल और भाजपा का हमला
    यह घटना न केवल खेल जगत बल्कि राज्य की राजनीति में भी भूचाल ला गई है। भाजपा ने इस मामले को ममता सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम बताया और राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास से इस्तीफे की मांग की। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटना को “बड़ा अपमान” और “मेजर स्कैम” करार दिया। उनका आरोप था कि 70 फुट की प्रतिमा का अनावरण राजनीतिक उद्देश्य से किया गया और दर्शकों को गुमराह किया गया।

    मेसी का दौरा अधूरा
    यह घटना लियोनेल मेसी के ‘गोट इंडिया टूर 2025’ का पहला पड़ाव था, जो अब अधूरा रह गया है। सुरक्षा चिंताओं के कारण मेसी ने अपना दौरा समय से पहले ही समाप्त कर दिया। कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम, जैसे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली से मुलाकात, अब अधूरे रह गए हैं। मेसी अब अपने अगले कार्यक्रम के लिए हैदराबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

    साल्ट लेक स्टेडियम में हुआ कुप्रबंधन फुटबॉल के प्रति कोलकाता की दीवानगी और उसके ऐतिहासिक महत्त्व के लिए एक काला धब्बा बनकर उभरा है। यह घटना न केवल फुटबॉल प्रशंसकों के लिए निराशाजनक थी, बल्कि राज्य सरकार और आयोजकों के लिए भी एक बड़ा कड़ा सबक साबित हुई है।

  • मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दो साल: अतीत, वर्तमान और भविष्य-तीनों में संतुलित विकास

    मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दो साल: अतीत, वर्तमान और भविष्य-तीनों में संतुलित विकास


    मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में अतीत, वर्तमान और भविष्य-तीनों क्षेत्रों में संतुलित विकास की दिशा में कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यकाल के शुरुआती दौर से ही प्रदेश की पहचान को सांस्कृतिक प्रशासनिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से मजबूत करने की रणनीति अपनाई।

    अतीत: सांस्कृतिक धरोहर का पुनर्निर्माण
    सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया है। उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का विस्तार कार्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहर की पहचान भी मजबूत कर रहा है। प्राचीन धरोहर स्थलों पर संरक्षण गतिविधियाँ तेज की गई हैं। ओंकारेश्वर क्षेत्र में अद्वैत दर्शन से जुड़े प्रकल्पों को गति दी जा रही है। इसके अलावा, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थल श्रीकृष्ण पाथेय के तहत तीर्थस्थल के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। इन पहलों का उद्देश्य सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।

    वर्तमान: प्रशासनिक सुधार और बुनियादी ढांचा

    दो वर्षों में सरकार ने सड़क नेटवर्क, औद्योगिक कॉरिडोर और शहरी सुविधाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी है। ग्रामीण सड़कें भी सुधार के अभियान में हैं। शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल सुविधाओं और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम पर काम हुआ है। कृषि क्षेत्र में उपार्जन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, सिंचाई क्षमता बढ़ाने और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएँ जैसे लाड़ली बहना और स्टार्टअप प्रोत्साहन कार्यक्रम भी प्रभावी रूप से लागू किए गए हैं।

    भविष्य: निवेश, ऊर्जा और स्वास्थ्य

    आगामी दशक को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नई औद्योगिक नीति और औद्योगिक क्लस्टरों के विकास की योजना बनाई है। पीथमपुर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन और जबलपुर में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।सौर ऊर्जा उत्पादन, जल संरक्षण और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ढांचे को बढ़ावा देकर हरित ऊर्जा क्षेत्र में भी कदम बढ़ाए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए जिला एवं ग्रामीण स्तर पर अस्पताल उन्नयन और टेली-मेडिसिन सेवाओं का विस्तार प्रस्तावित है।

    संतुलित नेतृत्व का संकेत

    डॉ. मोहन यादव के दो वर्षों का कार्यकाल यह दर्शाता है कि सरकार सांस्कृतिक गौरव, वर्तमान प्रशासनिक प्राथमिकताओं और भविष्य की विकास योजनाओं-तीनों को एक साथ आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। आने वाले समय में इन पहलों का वास्तविक असर प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों में देखने को मिलेगा।मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दो साल में अतीत की सांस्कृतिक धरोहर, वर्तमान प्रशासनिक सुधार और भविष्य की विकास योजनाओं को संतुलित रूप से आगे बढ़ाया है। यह संतुलित दृष्टिकोण राज्य के दीर्घकालिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत देता है।
  • तुर्की में बढ़ते सिंकहोल: गेहूं की ज्यादा उपज और घटते भूजल ने खोखली की जमीन

    तुर्की में बढ़ते सिंकहोल: गेहूं की ज्यादा उपज और घटते भूजल ने खोखली की जमीन


    नई दिल्ली / तुर्की का कोन्या मैदान जिसे देश का ‘अन्न भंडार’ कहा जाता है इन दिनों एक गंभीर संकट से जूझ रहा है। यह इलाका गेहूं और अन्य अनाज के उत्पादन में तुर्की का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है लेकिन अत्यधिक फसल उत्पादन और भूजल का अत्यधिक उपयोग जमीन के लिए खतरा बन गया है। तुर्की आपदा प्रबंधन एजेंसी AFAD की नई रिपोर्ट के अनुसार अब तक 684 सिंकहोल की पहचान हुई है। कोन्या तकनीकी विश्वविद्यालय के अनुसार 2017 में यहां केवल 299 सिंकहोल थे जो 2021 तक बढ़कर 2550 हो गए। साल 2025 में करीब 20 नए बड़े गड्ढे बन चुके हैं जिनकी गहराई 30 मीटर और चौड़ाई 100 फीट तक है।

    संकट के मुख्य कारण

    विशेषज्ञों के अनुसार सिंकहोल की समस्या मानवजनित गतिविधियों और प्राकृतिक कारणों का मिश्रण है।भूवैज्ञानिक संरचना: कोन्या मैदान ‘कार्स्ट’ संरचना वाला इलाका है। यह घुलनशील चट्टानों जैसे कार्बोनेट और जिप्सम से बना है। पानी के प्रभाव से ये चट्टानें धीरे-धीरे घुलती हैं और सिंकहोल बनाती हैं। बारिश में कमी: पिछले 15 सालों में क्षेत्र में वर्षा की मात्रा काफी घट गई है। जलवायु परिवर्तन के चलते भूजल पुनर्भरण धीमा हो गया है जिससे जमीन कमजोर हो रही है। ग्राउंड वाटर का अत्यधिक दोहन: चुकंदर मक्का और अन्य पानी-गहन फसलों की सिंचाई के लिए हजारों वैध और अवैध कुएं उपयोग में हैं। कुछ इलाकों में ग्राउंड वाटर स्तर 60 मीटर तक गिर चुका है। इससे जमीन का सहारा कम होता है और अचानक धसाव आता है।

    प्रशासन और बचाव प्रयास

    AFAD ने 1850 क्षेत्रों में संभावित धसाव के संकेत पाए हैं। सरकार अवैध कुओं पर रोक लगा रही है और बेहतर जल प्रबंधन की दिशा में कदम उठा रही है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर ग्राउंड वाटर दोहन और अधिक हुआ तो सिंकहोल की संख्या तेजी से बढ़ सकती है और पड़ोसी क्षेत्र भी प्रभावित हो सकते हैं।

    कृषि और आर्थिक प्रभाव
    कोन्या मैदान तुर्की का प्रमुख अनाज उत्पादन केंद्र है। सिंकहोल के कारण किसानों के हजारों हेक्टेयर खेत बर्बाद हो रहे हैं जिससे अनाज उत्पादन घट सकता है। यह कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।

    सामाजिक और पर्यावरणीय असर

    सिंकहोल न केवल खेती प्रभावित कर रहे हैं बल्कि ग्रामीण आबादी के पलायन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। भूजल की कमी जैव विविधता पर भी असर डाल रही है। इससे शहरीकरण और सामाजिक असंतुलन की समस्याएं बढ़ सकती हैं।विशेषज्ञों का निष्कर्ष: यदि वर्तमान स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो तुर्की में सिंकहोल की समस्या और गंभीर होगी। सतत जल प्रबंधन और निगरानी ही इस संकट से बचाव का रास्ता है।

  • केरल निकाय चुनाव: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, LDF का चार दशकों पुराना किला ढहा

    केरल निकाय चुनाव: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, LDF का चार दशकों पुराना किला ढहा


    नई दिल्ली। तिरुवनंतपुरम, जो न केवल केरल की प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक राजधानी भी मानी जाती है, ने राज्य की राजनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव देखा है। बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनावों में तिरुवनंतपुरम नगर निगम में जबरदस्त जीत दर्ज की, और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) से सत्ता छीन ली। यह वही नगर निगम है जिस पर LDF ने पिछले चार दशकों से भी अधिक समय तक अपनी पकड़ बनाए रखी थी। इस सत्ता परिवर्तन को वाम मोर्चे के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।

    तिरुवनंतपुरम की राजनीतिक अहमियत
    तिरुवनंतपुरम न सिर्फ केरल की प्रशासनिक राजधानी है, बल्कि यहां का राजनीतिक माहौल भी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने गए हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से कांग्रेस और वाम मोर्चे के प्रभाव वाला रहा है। ऐसे में नगर निगम में बीजेपी की जीत ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दिया है।

    BJP की जीत: बदलाव के संकेत
    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत विधानसभा चुनावों में 2-3 सीटें जीतने से कहीं ज्यादा प्रभावशाली है। नगर निगम जैसे बड़े शहरी निकाय में बीजेपी की जीत यह संकेत देती है कि शहरी मतदाता पारंपरिक राजनीतिक ध्रुवीकरण से बाहर निकल कर नए विकल्प की तलाश में हैं। खासतौर पर, यह बदलाव उस राज्य में महत्वपूर्ण है, जहां चुनावी मुकाबला अब तक मुख्य रूप से LDF और UDF के बीच ही सीमित रहा है।

    स्थानीय चुनावी रुझान यह दर्शाते हैं कि शहरी इलाकों में LDF के खिलाफ नाराजगी और असंतोष बढ़ा है। प्रशासन, शहरी बुनियादी ढांचे, पारदर्शिता और स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं का असंतोष इस चुनाव में खुलकर सामने आया। तिरुवनंतपुरम जैसे LDF के मजबूत गढ़ में हार ने वाम मोर्चे की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    BJP का उत्साह और भविष्य की उम्मीदें
    बीजेपी ने अपनी जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह परिणाम केरल में बीजेपी के बढ़ते संगठनात्मक आधार और जनता के बदलते रुख का प्रमाण है। पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है, और इसे केरल में बीजेपी के लिए भविष्य की राजनीति का मजबूत आधार माना जा रहा है।

    वहीं, LDF ने नतीजों को गंभीरता से लिया है और आत्ममंथन की बात कही है। वाम नेताओं का कहना है कि चुनाव परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

    प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
    तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर उन्होंने लिखा, “Thank you Thiruvananthapuram!” पीएम मोदी ने इसे केरल की राजनीति में एक ‘वॉटरशेड मोमेंट’ करार देते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी-एनडीए को मिले समर्थन से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य के लोग मानते हैं कि केवल बीजेपी ही केरल की विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी तिरुवनंतपुरम जैसे जीवंत शहर के विकास के लिए काम करेगी और आम लोगों के लिए ‘Ease of Living’ को और बेहतर बनाएगी।

    तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की जीत ने न केवल राज्य की राजनीतिक स्थिति को हिलाया है, बल्कि एक नए राजनीतिक समीकरण की शुरुआत भी की है। इस ऐतिहासिक जीत ने केरल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया है, और भविष्य में राज्य की राजनीति में इसका असर देखने को मिल सकता है।