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  • सोने के दाम में हल्की बढ़ोतरी.चांदी हुई सस्ती.जानें प्रमुख शहरों में कीमतें.

    सोने के दाम में हल्की बढ़ोतरी.चांदी हुई सस्ती.जानें प्रमुख शहरों में कीमतें.


    नई दिल्ली । सोने और चांदी के दाम में आज 12 दिसंबर हल्की-फुल्की उथल-पुथल देखने को मिली है। जहां सोने के दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई.वहीं चांदी के दाम में गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की फरवरी कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,32,599 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार हुआ। वहीं.चांदी की मार्च एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट में 0.50% की गिरावट आई और वह 1,97,951 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी।

    गुरुवार को चांदी का नया रिकॉर्ड

    गुरुवार को चांदी ने इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह पहली बार 1,98,000 रुपये के पार पहुंची और 1,98,814 रुपये प्रति किलो तक चली गई। चांदी ने 5.33% की उछाल के साथ 1,98,799 रुपये पर बंद किया। वहीं.सोने की कीमतों में भी 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 1,32,469 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

    कीमतों में वृद्धि का कारण

    सोने और चांदी की कीमतों में यह वृद्धि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से बेंचमार्क ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद आई। इसके साथ ही.फेड चेयरमैन ने अगले साल एक और कटौती का संकेत दिया.जिससे निवेशकों में उत्साह और अधिक बढ़ गया। इन निर्णयों से बाजार में सकारात्मक माहौल बना.जिसने कीमती धातुओं की कीमतों को ऊंचा किया।

    देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें

    शुक्रवार को देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतों में हल्की उतार-चढ़ाव देखी गई। चेन्नई 24 कैरेट सोना 1,33,640 रुपये प्रति 10 ग्राम.22 कैरेट सोना 1,22,500 रुपये प्रति 10 ग्राम
    मुंबई.कोलकाता.बैंगलोर.हैदराबाद.केरल.पुणे 24 कैरेट सोना 1,32,660 रुपये प्रति 10 ग्राम.22 कैरेट सोना 1,21,600 रुपये प्रति 10 ग्राम
    दिल्ली 24 कैरेट सोना 1,32,810 रुपये प्रति 10 ग्राम.22 कैरेट सोना 1,21,750 रुपये प्रति 10 ग्राम
    वडोदरा.अहमदाबाद 24 कैरेट सोना 1,32,710 रुपये प्रति 10 ग्राम. 22 कैरेट सोना 1,21,650 रुपये प्रति 10 ग्राम

    आज सोने और चांदी की कीमतों में मामूली बदलाव आया है। जहां सोने में हल्की बढ़ोतरी देखी गई.वहीं चांदी में गिरावट आई है। निवेशक और सोने-चांदी के खरीदार इसे ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय ले सकते हैं। यदि आप भी सोने और चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं.तो वर्तमान मूल्य में उतार-चढ़ाव के बावजूद यह एक उपयुक्त समय हो सकता है।

  • असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान पैसा नहीं विचारधारा तय करती है वोट

    असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान पैसा नहीं विचारधारा तय करती है वोट


    नई दिल्ली । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में मतदान के पैटर्न को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि असम में वोट केवल सरकारी योजनाओं या नकद सहायता पर निर्भर नहीं होते.बल्कि यह विचारधारा और पहचान से तय होते हैं। उनका मानना है कि कई समुदाय अपने राजनीतिक निर्णय केवल आर्थिक प्रोत्साहन या सरकारी लाभ से नहीं.बल्कि अपनी विचारधारा और सांस्कृतिक पहचान के आधार पर लेते हैं।

    एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात की। सरमा ने स्पष्ट किया कि असम के मुस्लिम मतदाता.जिनकी संख्या राज्य में महत्वपूर्ण है.अक्सर अपनी वोटिंग पसंद को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हैं। उनका कहना था कि चाहे सरकार 10 हजार रुपये दे या 1 लाख रुपये.कुछ समुदाय.खासकर मुस्लिम मतदाता.उसी सरकार को वोट नहीं देंगे यदि वह सरकार उनकी विचारधारा और पहचान से मेल नहीं खाती।

    नकद सहायता को नकारा

    एक सवाल के जवाब में.जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या असम में महिलाओं को बिहार की तरह नकद सहायता दी जा सकती है.तो उन्होंने इसे साफ तौर पर खारिज कर दिया। उनका कहना था कि चुनाव में वोटिंग का आधार केवल वित्तीय लाभ नहीं है। वह मानते हैं कि हर समुदाय अपने राजनीतिक विकल्पों का चयन विचारधारा और पहचान के आधार पर करते हैं.न कि केवल आर्थिक प्रोत्साहन पर।

    जनसांख्यिकीय बदलाव पर चिंता

    मुख्यमंत्री सरमा ने असम में जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि 2021 में राज्य की मुस्लिम आबादी लगभग 38% थी.और हर दशक में यह 4-5% बढ़ रही है। यदि यह वृद्धि दर जारी रही.तो 2027 तक मुस्लिम आबादी 40% तक पहुंच सकती है। सरमा ने कहा कि यदि मुस्लिम आबादी 50% से अधिक हो गई.तो अन्य समुदायों की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान पर दबाव बढ़ सकता है।

    व्यक्तिगत संबंध वोट में नहीं बदलते

    सीएम हिमंत सरमा ने कहा कि उनका व्यक्तिगत संबंध मिया समुदाय की महिलाओं और कई मुस्लिम परिवारों के साथ अच्छा है.लेकिन चुनाव में यह जुड़ाव वोट में तब्दील नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पक्ष में वोट करें.भाजपा अपनी स्थिति असम में बनाए रख सकती है।

    सरमा ने अंत में कहा..असम में मेरे अपने वे लोग हैं.जो खुद को असमी और भारतीय पहचान से जोड़ते हैं।. उनका यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता राज्य के असमी और भारतीय पहचान के लोगों पर है.और उनकी राजनीतिक नीतियां इसी पर आधारित हैं।

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का यह बयान असम की राजनीति और वोटिंग पैटर्न को लेकर एक महत्वपूर्ण संकेत है। उन्होंने यह साफ किया कि असम में वोटिंग सिर्फ सरकारी योजनाओं या नकद सहायता पर नहीं.बल्कि विचारधारा और सांस्कृतिक पहचान पर आधारित होती है। इसके साथ हीउन्होंने राज्य में बढ़ती मुस्लिम आबादी और उसके प्रभाव पर भी चिंता जताई।

    उनका यह बयान असम की राजनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.क्योंकि यह दर्शाता है कि वह न केवल चुनावी रणनीतियों को बल्कि राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को भी ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां बना रहे हैं।

  • दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, लखनऊ में डिप्टी सीएम के आवास से पकड़ा गया

    दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, लखनऊ में डिप्टी सीएम के आवास से पकड़ा गया


    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़े ठग का पर्दाफाश हुआ है, जो खुद को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का प्रतिनिधि बताकर लोगों से ठगी कर रहा था। आरोपी, नोएडा निवासी दशरथ पाल को शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया। वह कई शहरों में सत्ता और संगठन के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने का काम कर चुका था।

    कैसे पकड़ा गया ठग?
    आरोपी दशरथ पाल ने उपमुख्यमंत्री के आवास पर शिष्टाचार भेंट देने का दावा करते हुए पहुंचने की कोशिश की। उपमुख्यमंत्री की टीम को पहले ही सूचना मिल गई थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति उनके आवास तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। जब वह अंदर गया, तो सतर्कता टीम ने उसकी पहचान जांची और पाया कि वह दिल्ली बीजेपी नेतृत्व से कोई संबंध नहीं रखता। इसके बाद उसे तत्काल पुलिस के हवाले कर दिया गया।

    ठगी की वारदातें
    पूछताछ में सामने आया कि दशरथ पाल नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ और लखनऊ जैसे शहरों में कई लोगों से ठगी कर चुका था। वह खुद को बीजेपी के बड़े नेताओं का प्रतिनिधि बताकर लोगों को काम करने का वादा करता और बदले में पैसों की मांग करता था। अब पुलिस उसकी जांच कर रही है कि उसने कितने लोगों से ठगी की और उसके पीछे कोई गिरोह तो नहीं है।

    डिप्टी सीएम का कड़ा संदेश
    घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस तरह के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन की छवि खराब करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मौर्य ने इस मामले में कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

    पुलिस की जांच जारी
    पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि उसने किस-किस व्यक्ति से ठगी की और उसके पास कितने पैसे हैं। पुलिस आरोपी के नेटवर्क और पुराने मामलों की भी जांच कर रही है, ताकि उसकी अन्य ठगी की वारदातों का भी खुलासा हो सके।

  • कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सियासी हलचल: सिद्धारमैया के बेटे के बयान ने बढ़ाई विवाद की गर्मी, डीके समर्थक भड़के

    कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सियासी हलचल: सिद्धारमैया के बेटे के बयान ने बढ़ाई विवाद की गर्मी, डीके समर्थक भड़के


    कर्नाटक । में सीएम पद को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया के हालिया बयान ने कांग्रेस के भीतर बढ़ते मतभेदों को फिर से उकसाया है। यतींद्र ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद में कोई बदलाव नहीं होगा और जो लोग नेतृत्व परिवर्तन का सपना देख रहे हैं, वे सिर्फ सपना ही देख सकते हैं। उनका यह बयान उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों को खटक गया और इसके बाद एक नई सियासी हलचल शुरू हो गई है।

    डीके शिवकुमार ने यतींद्र के बयान पर संयमित प्रतिक्रिया दी, लेकिन उनके समर्थक भड़क उठे। कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने कहा कि अगर कोई नेतृत्व पर सवाल उठाता है, तो नोटिस जारी किए जाते हैं। उन्होंने इस बयान को अनुशासनहीनता बताया और कहा कि हर किसी को अपनी सीमा समझनी चाहिए। वहीं, सिद्धारमैया के करीबी मंत्री बायरथी सुरेश ने यतींद्र का बचाव करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हाईकमान के निर्देशों के अनुसार ही कार्य करेंगे, और नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

    कर्नाटक की सियासत में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद नया नहीं है। शिवकुमार समर्थक अक्सर यह आरोप लगाते आए हैं कि सरकार गठन के समय 2.5 साल के पावर-शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति बनी थी, जिसके तहत सिद्धारमैया को कार्यकाल के आधे समय बाद पद छोड़ देना था। हालांकि, इस पर कोई खुला बयान नहीं आया है, लेकिन विवाद लगातार बने रहते हैं। अब यतींद्र के बयान ने एक बार फिर इस विवाद को तूल दे दिया है, जिससे हाईकमान को फिर से हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।

  • दक्षिण दिल्ली को मिलेगी नई गोल्डन लाइन मेट्रो निर्माण कार्य की शुरुआत

    दक्षिण दिल्ली को मिलेगी नई गोल्डन लाइन मेट्रो निर्माण कार्य की शुरुआत


    नई दिल्ली । दक्षिण दिल्ली के यात्रियों को अब एक और शानदार मेट्रो कॉरिडोर की सुविधा मिलने जा रही है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने फेज़-IV के तहत एक नई ‘गोल्डन लाइन की शुरुआत की है जो साकेत जी ब्लॉक से लाजपत नगर तक विस्तारित होगी। यह नई एलिवेटेड मेट्रो लाइन दिल्ली के कुछ सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ते हुए यात्रियों को तेज़.सुरक्षित और जाम मुक्त यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।

    इस नई मेट्रो लाइन की शुरुआत साकेत के पास पुष्पा भवन में पहले टेस्ट पाइल और भूमिपूजन से हुई। इस परियोजना के साथ सिविल कार्यों की आधिकारिक शुरुआत भी हो चुकी है। इस लाइन का निर्माण करते हुए DMRC का उद्देश्य है कि वह दक्षिण दिल्ली के प्रमुख इलाकोंकनेक्टिविटी को बेहतर बनाए और यात्रियों को मेट्रो नेटवर्क के जरिए सहज यात्रा सुविधा प्रदान करे।

    गोल्डन लाइन विशेषताएँ

    एलिवेटेड कॉरिडोर

    यह नई मेट्रो लाइन पूरी तरह से एलिवेटेड होगी.जिससे ट्रैफिक जाम से बचने और तेज़ यात्रा की सुविधा मिलेगी। लाइन में कुल 8 स्टेशन होंगे.जो प्रमुख क्षेत्रों को आपस में जोड़ेंगे।

    सहज कनेक्टिविटी

    गोल्डन लाइन का उद्देश्य विभिन्न मेट्रो लाइनों से बेहतर कनेक्टिविटी देना है। इस लाइन के माध्यम से यात्रियों को लाजपत नगर और चिराग दिल्ली के इंटरचेंज हब से वायलेट.पिंक और मैजेंटा लाइनों तक आसानी से पहुंचने का अवसर मिलेगा। इससे दक्षिण दिल्ली के क्षेत्रों जैसे ग्रेटर कैलाश.साकेत.लाजपत नगर और पुष्प विहार में यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

    मुख्य स्टेशनों का नेटवर्क

    गोल्डन लाइन के प्रमुख स्टेशन होंगे साकेत जी ब्लॉक, पुष्पा भवन,साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर, चिराग दिल्ली ,ग्रेटर कैलाश, लाजपत नगर,एंड्रूज़ गंज,पुष्प विहार,जाम से राहत यह मेट्रो लाइन दिल्ली के जाम से राहत प्रदान करेगी.खासकर उन क्षेत्रों में जहां ट्रैफिक का दबाव अधिक रहता है। स्कूलों.कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों के लिए यह यात्रा को और भी सुविधाजनक बना देगा।

    इंटीग्रेशन और इंटरचेंज हब

    इस परियोजना का एक प्रमुख आकर्षण यह है कि यह तीन मेट्रो लाइनों से जुड़ने वाली है.जो यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में सुविधा प्रदान करेंगी।

    फेज़-IV के अन्य प्रोजेक्ट्स

    गोल्डन लाइन के अलावा.दिल्ली मेट्रो के फेज़-IV में दो और महत्वपूर्ण कॉरिडोरों पर भी कार्य चल रहा है। इनमें इंद्रलोक से रिठाला और इंद्रप्रस्थ से नरेला तक के कॉरिडोर शामिल हैं। इन विस्तारों से दिल्ली मेट्रो नेटवर्क और भी मजबूत होगा.जिससे शहरभर में सफर करना और भी सुविधाजनक हो जाएगा।
    नई गोल्डन लाइन मेट्रो कॉरिडोर दक्षिण दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या को हल करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह मेट्रो लाइन न केवल यात्रियों को जाम मुक्त यात्रा का अनुभव देगी बल्कि दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को और भी सशक्त बनाएगी। इसके साथ ही.दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करने वालों को नई सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

  • मुल्लांपुर की शर्मनाक हार पर भड़के सूर्या, गिल को दी जिम्मेदारी, टीम की सबसे बड़ी चूक का किया खुलासा

    मुल्लांपुर की शर्मनाक हार पर भड़के सूर्या, गिल को दी जिम्मेदारी, टीम की सबसे बड़ी चूक का किया खुलासा


    नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मुल्लांपुर में खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में भारत को 51 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने कप्तान सूर्यकुमार यादव को काफी निराश किया, जिन्होंने मैच के बाद अपनी टीम की नाकामी को स्वीकार किया। सूर्यकुमार यादव ने हार की मुख्य वजह टॉप ऑर्डर की नाकामी को बताया, और विशेष रूप से युवा ओपनर शुभमन गिल के जल्दी आउट होने पर गुस्सा जताया।

    कप्तान का गुस्सा: शुभमन गिल को दिया दोष

    कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद कहा कि उन्हें और शुभमन गिल को अच्छी शुरुआत देनी चाहिए थी, जिससे टीम को मजबूती मिलती। गिल का पहली गेंद पर आउट होना कप्तान के लिए बेहद निराशाजनक था। सूर्या ने कहा, “मुझे और शुभमन को बेहतर शुरुआत देनी चाहिए थी। हर बार अभिषेक शर्मा से उम्मीद नहीं की जा सकती है। शुभमन की पहली गेंद पर आउट होना टीम के लिए बड़ा झटका था।” उन्होंने यह भी माना कि उनका और गिल का जल्दी आउट होना हार की प्रमुख वजह बनी।

    टॉस और रणनीति पर पछतावा

    सूर्यकुमार यादव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले को भी गलत ठहराया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है हमें पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। विकेट शुरुआती ओवरों में बल्लेबाजी के लिए अच्छा था, और हम इसका सही उपयोग नहीं कर पाए।” कप्तान ने गेंदबाजों की रणनीति पर भी सवाल उठाया, कहा कि उनकी टीम सही लेंथ पर गेंदबाजी करने में नाकाम रही, और साउथ अफ्रीका ने पावरप्ले में तेजी से रन बटोरने का फायदा उठाया।

    ओस का फायदा उठाने में नाकामी

    मुल्लांपुर में ओस होने के बावजूद भारतीय टीम दूसरी पारी में इसका फायदा नहीं उठा पाई। सूर्या ने कहा, “थोड़ी ओस थी, लेकिन हमारी योजना काम नहीं कर रही थी। हमें अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए था, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए।” यह हार टीम के लिए एक सीख थी, और सूर्या ने आगे सुधार की बात की।

    अक्षर पटेल की तारीफ, लेकिन टॉप ऑर्डर की नाकामी भारी पड़ी

    कप्तान सूर्यकुमार यादव ने निचले क्रम में अक्षर पटेल की तारीफ की, जिन्होंने अकेले संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब टॉप ऑर्डर फेल हो जाए, तो निचला क्रम मैच को पलटने में नाकाम रहता है। सूर्या ने कहा, “अक्षर ने अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन हमें शुरुआत में ही पारी को सेट करना चाहिए था। तभी चेज करना आसान होता।”

    सूर्यकुमार यादव का यह तीखा रिएक्शन साफ तौर पर दिखाता है कि टीम अगले मैच में अपनी रणनीति और प्लेइंग इलेवन में बड़े बदलाव करने की योजना बना सकती है। भारत सीरीज में वापसी करने के लिए हर हाल में जीत दर्ज करना चाहेगा।

  • 2025: 5 बड़ी राजनीतिक घटनाएँ जिन्होंने भारत की सियासत और समाज को बदल दिया

    2025: 5 बड़ी राजनीतिक घटनाएँ जिन्होंने भारत की सियासत और समाज को बदल दिया


    नई दिल्ली। साल 2025 भारतीय राजनीति के लिए कई बदलावों और महत्वपूर्ण घटनाओं का साल रहा। दिल्ली और बिहार के चुनावों से लेकर वक्फ संशोधन विधेयक और उपराष्ट्रपति चुनाव तक, इन घटनाओं ने न सिर्फ देश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित किया, बल्कि विपक्ष और सरकार के बीच खींचतान को भी बढ़ावा दिया। आइए जानते हैं उन पांच अहम घटनाओं के बारे में, जिन्होंने भारतीय राजनीति का रंग और रुख बदल दिया।

    1. दिल्ली विधानसभा चुनाव (फरवरी 2025)

    2025 में दिल्ली की राजनीति में एक बड़े बदलाव ने सबको चौंका दिया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को हराकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। इस जीत ने दिल्ली में 10 साल तक सत्ता में रही केजरीवाल सरकार को सत्ता से बाहर किया और बीजेपी ने नए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चुना। बीजेपी की यह जीत न केवल दिल्ली की सियासत में बदलाव लेकर आई, बल्कि विपक्षी एकता को भी बड़ा झटका दिया।

    2. वक्फ संशोधन विधेयक (अप्रैल 2025)

    अप्रैल में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने के लिए पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इसे मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना था, लेकिन इसे लेकर विवाद बढ़ गया। इस विधेयक को पारित कराकर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया, लेकिन यह मुद्दा आगामी चुनावों में गर्माता रहेगा।

    3. पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर (अप्रैल-मई 2025)

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादियों द्वारा 27 पर्यटकों की हत्या ने देश को झकझोर दिया। भारत ने इस हमले का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसमें भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में भारत ने 10 मई को अचानक इस ऑपरेशन को रोक दिया, जिससे कूटनीतिक संकट पैदा हुआ। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि यह निर्णय अमेरिकी दबाव में लिया गया था।

    4. उपराष्ट्रपति चुनाव (सितंबर 2025)

    14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कार्यकाल के बीच इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीति में हलचल मच गई। सरकार ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया, और उन्होंने 452 वोट प्राप्त कर बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। यह चुनाव न केवल उपराष्ट्रपति पद का अहम फैसला था, बल्कि सरकार की ताकत और विपक्ष की कमजोरी को भी दर्शाता है।

    5. बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर-नवंबर 2025)

    बिहार विधानसभा चुनाव ने भारतीय राजनीति में एक नई दिशा तय की। एनडीए (नीतीश कुमार) और महागठबंधन (तेजस्वी यादव) के बीच यह मुकाबला था। एनडीए ने 202 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की, जिसमें बीजेपी ने 89 सीटें और जेडीयू ने 85 सीटें जीतीं। वहीं, महागठबंधन को केवल 30 सीटें ही मिलीं, जिससे विपक्षी गठबंधन में गहरी दरारें पैदा हुईं। इस परिणाम ने न केवल बिहार में सत्ता को बनाए रखा, बल्कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में फिर से स्थापित किया और 2029 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय कर दी।

    साल 2025 ने भारतीय राजनीति को कई अहम मोड़ों से गुजरते हुए नया आकार दिया। इन घटनाओं ने न केवल सत्तारूढ़ दलों को नई दिशा दी, बल्कि विपक्ष की रणनीति और एकजुटता को भी परख लिया। आगामी चुनावों में इन घटनाओं के प्रभाव को महसूस किया जाएगा, जो भारतीय राजनीति के अगले अध्याय का निर्धारण करेंगे।

  • यूपी में पेंशनरों के लिए बड़ा कदम: पेंशन और एरियर का भुगतान अब अलग-अलग होगा

    यूपी में पेंशनरों के लिए बड़ा कदम: पेंशन और एरियर का भुगतान अब अलग-अलग होगा


    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने चित्रकूट कोषागार घोटाले के बाद पेंशन और पेंशन एरियर के भुगतान में सुधार करने का बड़ा फैसला लिया है। अब पेंशन और एरियर का भुगतान अलग-अलग सॉफ्टवेयर लिंक से जनरेट किया जाएगा, जिससे भुगतान प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके। इस कदम का उद्देश्य भविष्य में किसी भी प्रकार की हेराफेरी और धोखाधड़ी को रोकना है।

    चित्रकूट कोषागार घोटाले का खुलासा और सख्त कदम

    चित्रकूट कोषागार में 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। इस घोटाले में एक वरिष्ठ लिपिक द्वारा सॉफ्टवेयर में हेरफेर करके फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए थे। घोटाले के खुलासे के बाद सरकार ने एनआईसीएस सॉफ्टवेयर को नए ढांचे में विकसित करने का निर्णय लिया है। अब पेंशन और एरियर के बिल अलग-अलग लिंक से जनरेट होंगे और दोनों भुगतान समूहों को अलग पहचान देने के लिए अतिरिक्त जानकारी जोड़ी जाएगी।

    कोषागारों में विशेष जांच और सुरक्षा

    इस नई व्यवस्था से पेंशन और एरियर का भुगतान पारदर्शी होगा और किसी एक खाते में गलत तरीके से रकम ट्रांसफर होने की संभावना भी कम होगी। जिलाधिकारियों और कोषाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा, सरकार ने 93 पेंशनरों की सूची तैयार की है जिनके खाते में गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर किए गए थे। इन खातों की विशेष जांच की जा रही है और 24 जिलों के कोषागारों में ऑडिट भी कराया जाएगा।

    नई व्यवस्था से वित्तीय पारदर्शिता

    सरकार ने इस नई व्यवस्था से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि पेंशन एरियर के भुगतान में हेराफेरी की कोई गुंजाइश न हो। इससे पेंशनरों को मिलने वाली राशि का भुगतान अधिक सुरक्षित और न्यायसंगत तरीके से किया जा सकेगा। यह कदम वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाएगा और पेंशनरों के अधिकारों की रक्षा करेगा।

    चित्रकूट कोषागार घोटाले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन और एरियर भुगतान को अलग-अलग सॉफ्टवेयर लिंक से जनरेट करने का फैसला लिया है। यह कदम पेंशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा, जिससे भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।

  • मोदी सरकार का बड़ा फैसला: 2027 जनगणना के लिए 11,718 करोड़ का बजट मंजूर, किसानों को भी राहत

    मोदी सरकार का बड़ा फैसला: 2027 जनगणना के लिए 11,718 करोड़ का बजट मंजूर, किसानों को भी राहत


    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन अहम फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन फैसलों का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार ने 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इसके साथ ही कोल (कोयला) सेक्टर में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक बड़ा रिफॉर्म किया गया और किसानों से जुड़े एक महत्वपूर्ण फैसले का भी ऐलान किया गया।

    डिजिटल जनगणना का ऐतिहासिक फैसला

    अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2027 की जनगणना पहली बार डिजिटल रूप में आयोजित की जाएगी, जिसमें डेटा सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में 1 अप्रैल से सितंबर 2026 तक हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस होगा, और दूसरे चरण में फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना की जाएगी। इस बार डिजिटल जनगणना में डेटा कलेक्शन के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो हिंदी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। इस कदम से जनगणना प्रक्रिया में तेजी आएगी और डेटा संग्रहण को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जाएगा।

    कोल सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

    मंत्री ने बताया कि कोल सेतु नामक योजना के तहत भारत अब कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। इससे भारत की कोयला आयात पर निर्भरता खत्म हो रही है, जिससे 60 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। 2024-25 में भारत ने 1 बिलियन टन कोल प्रोडक्शन का लक्ष्य हासिल किया है, जो देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।

    किसानों के लिए राहत: एक और बड़ा फैसला

    सरकार ने किसानों से जुड़े एक महत्वपूर्ण फैसले का भी ऐलान किया है, हालांकि इसके विवरण का अभी खुलासा नहीं किया गया है। इससे किसानों को फसल उगाने और उनकी आय को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की बेहतरी के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है।

    प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने 2027 की डिजिटल जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जो जनगणना प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगा। साथ ही कोल सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए कदम से देश की ऊर्जा सुरक्षा को नया आयाम मिलेगा। किसानों से जुड़े फैसले ने भी उनकी स्थिति में सुधार की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया है।

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    CJI चंद्रचूड़: 'सोचना भी नहीं कोई मुझे डरा-धमका सकता है' – पूर्व सांसद की याचिका पर क्यों कहना पड़ा यह


    नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश सीजेआई सुर्यकांत ने कोर्ट में लंबित मामलों के दौरान हो रही टिप्पणियों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान जजों द्वारा किए गए सवालों और टिप्पणियों को अक्सर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है और सोशल मीडिया पर नैरेटिव बनाकर लोगों में भ्रम फैलाया जाता है।यह टिप्पणी उन्होंने पूर्व सांसद प्रज्जवल रेवन्ना की याचिका की सुनवाई के दौरान की। रेवन्ना ने अपने खिलाफ रेप मामलों के ट्रायल्स को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था। उनके वकीलों सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ दवे ने ट्रायल्स के दौरान जजों की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैंजिन्हें रिकॉर्ड से हटाना आवश्यक है। उन्होंने इसे पक्षपात का आधार बताते हुए ट्रायल ट्रांसफर की मांग की।

    सीजेआई सूर्यकांत के साथ सुनवाई में जस्टिस जॉयमाल्या बागची भी मौजूद थे। जस्टिस बागची ने स्पष्ट किया कि जज की टिप्पणियां पक्षपात का आधार नहीं बन सकतीं। बेंच ने कहा कि जज केवल वर्तमान मुकदमे में पेश सबूतों के आधार पर ही निर्णय देंगे और पहले मामले में दोषी पाए जाने का इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट में पूछे गए सवाल केवल दोनों पक्षों की ताकत और दलीलों की जाँच के लिए होते हैं और ये अंतिम निर्णय को नहीं दर्शाते। लेकिन लोग बिना समझे इन सवालों या टिप्पणियों को आधार बनाकर नतीजे पर पहुँच जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहामैं सोशल मीडिया या किसी भी दबाव से प्रभावित नहीं होता। अगर किसी को लगता है कि वे मुझे डराकर प्रभावित कर सकते हैं तो वे गलत हैं। मैं बहुत मजबूत आदमी हूं।

    यह टिप्पणी उस ओपन लेटर पर उनकी प्रतिक्रिया के तौर पर भी देखी जा रही हैजिसमें पूर्व जजोंवकीलों और कार्यकर्ताओं ने उनके रोहिंग्या शरणार्थियों पर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में सीजेआई ने सवाल किया था कि क्या घुसपैठियों का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत करना चाहिए। उन्होंने यह सवाल हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं के लापता होने के मामले पर सुनवाई के दौरान किया था।सीजेआई ने कहा था कि अगर कोई देश में घुसपैठ कर ले और नागरिकों जैसे अधिकार मांगने लगे तो इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायिक सवाल और टिप्पणियां न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं और इन्हें गलत अर्थ न लगाया जाए।मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की यह टिप्पणी दर्शाती है कि न्यायपालिका किसी बाहरी दबाव या सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं होतीऔर जज केवल सबूत और कानून के आधार पर निर्णय लेते हैं।