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  • दिल्ली-NCR के प्रदूषण ने बदली बॉक्सिंग की तारीखें: अब 4 जनवरी से ग्रेटर नोएडा में शुरू होगी नेशनल चैंपियनशिप, पहली बार साथ होंगे पुरुष और महिला वर्ग

    दिल्ली-NCR के प्रदूषण ने बदली बॉक्सिंग की तारीखें: अब 4 जनवरी से ग्रेटर नोएडा में शुरू होगी नेशनल चैंपियनशिप, पहली बार साथ होंगे पुरुष और महिला वर्ग


    नई दिल्ली /दिल्ली-एनसीआर में लगातार खराब होती एयर क्वॉलिटी लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ खेल आयोजनों के शेड्यूल पर भी असर डाल रही है। इसी कारण नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप- जिसे पहले 31 दिसंबर 2025 से 6 जनवरी 2026 के बीच कराया जाना था- अब नई तारीखों के साथ अगले वर्ष 4 से 10 जनवरी 2026 तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जाएगी। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया BFI ने उत्तर भारत में लागू प्रदूषण नियंत्रण नियमों को देखते हुए यह निर्णय लिया है। चैंपियनशिप का आयोजन ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में ही होगा- जहां तैयारी पहले से ही लगभग पूरी की जा चुकी है। बीएफआई अधिकारियों ने जानकारी दी कि सरकार द्वारा 31 दिसंबर 2025 तक अनिवार्य किए गए पॉल्यूशन कंट्रोल उपायों के चलते तारीखें बदलनी पड़ी हैं- लेकिन आयोजन स्थल- मैच शेड्यूल और तकनीकी इंतजामों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। केवल तारीखों में परिवर्तन हुआ है ताकि खिलाड़ी एक बेहतर और सुरक्षित वातावरण में मुकाबलों में हिस्सा ले सकें।

    इस बार की चैंपियनशिप कई मायनों में खास रहने वाली है। पहली बार बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पुरुष और महिला दोनों वर्गों की नेशनल चैंपियनशिप को एक साथ आयोजित कर रहा है। इससे देशभर के टॉप मुक्केबाज एक ही मंच पर नजर आएंगे और बॉक्सिंग प्रेमियों को एक ही स्थान पर दोनों श्रेणियों के रोमांचक मुकाबले देखने का मौका मिलेगा। यह न केवल खेल प्रेमियों के लिए खास अवसर है- बल्कि खिलाड़ियों के लिए भी यह वातावरण प्रेरणादायक अहम होगा- जहां वे देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से मुकाबला कर अपनी क्षमता का मूल्यांकन कर सकेंगे। दोनों वर्गों में 10-10 वेट कैटेगरीज रखी गई हैं और सभी मुकाबले वर्ल्ड बॉक्सिंग के तकनीकी व प्रतियोगिता नियमों के अनुसार खेले जाएंगे। बीएफआई ने स्पष्ट किया है कि पूरे आयोजन में अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्था की जाएगी- ताकि खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय प्रतियोगिता जैसा अनुभव मिल सके।

    इस बार सर्विसेज टीम पुरुष वर्ग में डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतर रही है। उसका जोर लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर अपना दबदबा बरकरार रखने पर रहेगा। वहीं महिला वर्ग में रेलवे की टीम अपने खिताब की रक्षा के उद्देश्य से मैदान में उतरने जा रही है। दोनों टीमों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है और वे अपनी-अपनी श्रेणी में मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। हरियाणा- जो लंबे समय से भारतीय बॉक्सिंग का मजबूत केंद्र रहा है- इस चैंपियनशिप में भी कई प्रतिभाशाली मुक्केबाज उतारने जा रहा है। राज्य के कई खिलाड़ियों ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है- इसलिए इस टूर्नामेंट में उनकी मौजूदगी इसे और प्रतिस्पर्धी बना देगी।

    देशभर की बॉक्सिंग यूनिट्स इस आयोजन में हिस्सा लेंगी- जिसमें अनुभवी खिलाड़ियों के साथ कई उभरते हुए युवा भी अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार हैं। यह चैंपियनशिप आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयारियों और चयन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बॉक्सिंग फेडरेशन आशा कर रहा है कि यह संयुक्त आयोजन भारतीय बॉक्सिंग की मजबूत तस्वीर पेश करेगा और खिलाड़ियों को एक बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। नई तारीखों के साथ अब तैयारियां और भी तेज हो गई हैं। प्रदूषण की वजह से भले ही शेड्यूल आगे बढ़ा हो- लेकिनआयोजकों का कहना है कि इससे खिलाड़ियों को तैयारी के लिए कुछ अतिरिक्त समय मिल जाएगा- जिसक लाभ उन्हें रिंग में प्रदर्शन के दौरान मिलेगा। ग्रेटर नोएडा का आधुनिक ढांचा और विश्वविद्यालय का विशाल परिसर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।कुल मिलाकर- नई तारीखों के साथ यह नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप और भी खास बनकर सामने आ रही है। पुरुष और महिला दोनों वर्गों के मुकाबले एक ही मंच पर देखना दर्शकों और खिलाड़ियों-दोनों के लिए यादगार अनुभव साबित होगा।

  • RBI New Rules: लोन लिमिट पर बैंक अब नहीं कर सकेंगे मनमानी, ग्राहकों की मंजूरी जरूरी

    RBI New Rules: लोन लिमिट पर बैंक अब नहीं कर सकेंगे मनमानी, ग्राहकों की मंजूरी जरूरी


    नई दिल्ली।
    बैंक और लोन ऐप (Banks and Loan apps) अब अपनी मर्जी से लोन की लिमिट को नहीं बढ़ा सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने स्पष्ट किया कि ग्राहक की लिखित मंजूरी के बाद ही लोन सीमा को बढ़ाया जा सकता है। बैंकों की लोन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आरबीआई ने नए दिशा-निर्देश (RBI New Rules) जारी किए हैं। रिजर्व बैंक ने डेटा संरक्षण को लेकर साफ किया है कि बिना ग्राहक की मंजूरी के उसका डाटा थर्ड पार्टी से साझा नहीं किया जा सकता।

    गौरतलब है कि बैंकों द्वारा अपनी मर्जी से लोन सीमा बढ़ाए जाने को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। छोटी धनराशि वाले कर्ज को लेकर शिकायतें सबसे अधिक थीं। उदाहरण के लिए अगर किसी ग्राहक ने 20 हजार का लोन मंजूर कराया और तय किस्तों पर ग्राहक द्वारा लोन चुकाया जा रहा है तो कुछ बैंक और लोन ऐप आखिरी किस्त आने से पहले बिना स्वीकृति ग्राहक के खाते में 10 हजार रुपये का लोन जारी कर देते हैं। बैंक इसके पीछे अच्छी साख का तर्क देते हैं। ग्राहक इसे लौटाना चाहे तो बैंक आनाकानी करते हैं और ग्राहक पर जुर्माना लगाया जाता है।

    कर्ज लेने वाले ग्राहकों की एफडी या बचत ब्लॉक न करें
    आरबीआई के नए नियमों के तहत बैंक कर्ज को किसी सावधि जमा यानी एफडी, बचत खाते या सुरक्षा योजना से लिंक नहीं कर सकते। बैंकों को लेकर शिकायत थी कि छोटे ऋण जारी करते वक्त गारंटी के तौर पर ग्राहक की एफडी, खाते या अन्य सुरक्षा योजना को लिंक किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जब तक ऋण पूरा अदा नहीं होता है या कोई किस्त जमा नहीं जाती है तो बैंक ग्राहक को एफडी तोड़ने की इजाजत नहीं देते।

    आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि घर के खर्च और आय का आकलन बैंकों के लिए करना जरूरी है, लेकिन ऋण के बदले एफडी, खाते या किसी अन्य सुरक्षा को लिंक नहीं किया जा सकता। जरूरत का डेटा ही ले सकेंगे बैंक : कर्ज सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए नए सख्त नियम जारी किए गए हैं। नियमों में डेटा कलेक्शन से लेकर उसकी स्टोरेज, थर्ड-पार्टी शेयरिंग और सभी डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की रिपोर्टिंग तक के प्रावधान शामिल हैं। मोबाइल की फाइल, फोटो, कॉन्टैक्ट्स, कॉल लॉग आदि किसी भी संवेदनशील डेटा तक पहुंच नहीं होगी। कैमरा, माइक्रोफोन, लोकेशन जैसी सुविधाओं का केवल एक बार उपयोग केवाईसी के लिए ही किया जा सकेगा।

    ग्राहकों के हित में अनिवार्य नियम
    – बैंकों को दस्तावेज सत्यापित ई-मेल व एसएमएस पर देने होंगे।
    – धनराशि ऐप या एजेंट नहीं सीधे ग्राहक के खाते में जाएगी।
    – समय से पहले बिना जुर्माने कर्ज चुकाने का अवसर देना होगा।
    – रिकवरी एजेंट की जानकारी ग्राहक को पहले से भेजनी होगी।
    – कोई तीसरी पार्टी पैसे के लेनदेन को नियंत्रित नहीं कर सकती।

  • अरबपतियों की सूची में मस्क की नंबर वन कुर्सी से टला खतरा, लैरी एलिसन ने दूसरा स्थान भी खोया

    अरबपतियों की सूची में मस्क की नंबर वन कुर्सी से टला खतरा, लैरी एलिसन ने दूसरा स्थान भी खोया


    वाशिंगटन।
    टेक शेयरों (Tech stocks) में गिरावट के कारण दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों (World’s Top 10 Billionaires) की लिस्ट में उथल-पुथल देखने को मिल रही है। कभी मस्क की अरबपति नंबर वन की कुर्सी के खतरा बन रहे लैरी एलिसन (Larry Ellison) से अरबपति नंबर 2 की कुर्सी छिन गई है। गुरुवार को एलिसन 24.9 अरब डॉलर गंवाने वाले टॉप लूजर रहे। इनकी कंपनी ओरेकल के शेयर 10 पर्सेंट से अधिक लुढ़क गए। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) में अब दूसरे नंबर पर लैरी पेज आ गए हैं। हालांकि, इन्हें भी 5.73 अरब डॉलर की चोट पहुंची है।

    कुछ दिन पहले दूसरे नंबर पर रहे गूगल अल्फाबेट के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन अब पांचवें नंबर पर हैं। टेस्ला के एलन मस्क पहले नंबर पर काबिज हैं। भारत के मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। अडानी 84.3 अरब डॉलर के साथ अब भी वह 20वें स्थान पर हैं।

    साल 2025 के सबसे बड़े गेनर
    इस साल के सबसे बड़े गेनर्स अब लैरी पेज हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक उनकी दौलत में इस साल अबतक 100 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। वहीं, दूसरे नंबर पर सर्गेई ब्रिन हैं, जिनकी दौलत इस साल 91.3 अरब डॉलर बढ़ी है। लैरी एलिसन की कमाई अब 65.6 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।

    दुनिया टॉप-10 अमीर
    ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक एलन मस्क अभी भी दुनिया के सबसे बड़े रईस हैं। उनकी कुल संपत्ति 462 अरब डॉलर है और इसमें गुरुवार को 3.27अरब डॉलर का नुकसान हुआ। इस साल अबतक इनकी संपत्ति 29.4 अरब डॉलर बढ़ी है। दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति लैरी पेज को गुरुवार को 5.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और इनकी कुल संपत्ति 268 अरब डॉलर हो गई है।

    लैरी एलिसन को गुरुवार को 24.9 अरब डॉलर का बड़ा झटका लगा। अब 258 अरब डॉलर के साथ एलिसन दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। वहीं अमेजन के जेफ बेजोस की संपत्ति 1.17 अरब डॉलर गिरकर 253 अरब डॉलर हो गई। इसके बावजूद उन्हें एक पायदान का फायदा हुआ है। बेजोस अब 5वें से चौथे स्थान पर हैं। इनका नेटवर्थ 253 अरब डॉलर है।

    सर्गेई ब्रिन की दौलत में 5.29 अरब डॉलर की गिरावट हुई और अब उनके पास 250 अरब डॉलर का नेटवर्थ है। ये ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में 5वें स्थान पर आ गए हैं। मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में 934 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ। अब इनका नेटवर्थ 231 अरब डॉलर हो गया है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में जुकरबर्ग छठे स्थान पर हैं। सातवें स्थान पर फ्रांस के बर्नार्ड अर्नाल्ट हैं। इनकी संपत्ति में 2.86 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और उनके पास 202 अरब डॉलर का नेटवर्थ है।

    स्टीव बाल्मर ने 1.84 अरब डॉलर कमाए। इनका नेटवर्थ अब 168 अरब डॉलर हो गया है। ये 8वें पोजीशन पर हैं। एनवीडिया के मालिक जेनसेंग हुआंग को 2.38 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अब इनके पास 157 अरब डॉलर की संपत्ति है और ये दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 9वें पायदान पर आ गए हैं। इस साल इनकी संपत्ति में 43 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। माइकल डेल एक बार फिर टॉप-10 में आ गए हैं। अब उनके पास 157 अरब डॉलर की दौलत है।

  • MP: IAS संतोष वर्मा पर एक्शन…. सीएम के निर्देश पर पदों से हटाया, बर्खास्तगी की तैयारी

    MP: IAS संतोष वर्मा पर एक्शन…. सीएम के निर्देश पर पदों से हटाया, बर्खास्तगी की तैयारी


    भोपाल।
    मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने ‘मर्यादाविहीन’ टिप्पणियों (‘Indecent’ comments.) से चर्चा में आए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी संतोष वर्मा (IAS Santosh Verma) पर ‘डबल ऐक्शन’ लिया है। राज्य सरकार ने एक ओर जहां संतोष वर्मा को कृषि विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी पद से हटा (Removed post Deputy Secretary Agriculture Department) दिया है। वहीं, केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजकर संतोष वर्मा को आईएएस सेवा से बर्खास्त करने की भी सिफारिश की है। उन पर फर्जी तरीके से आईएएस में प्रमोशन पाने का आरोप है।

    एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इसके साथ ही मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग (जीडीए) ने संतोष वर्मा को कृषि विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी पद से हटाकर बिना विभाग और बिना कार्य के जीडीए से ‘अटैच’ कर दिया है।


    क्या है विवाद

    दरअसल, संतोष वर्मा ने 23 नवंबर को भोपाल में एक कार्यक्रम में एक विवादित बयान देते हुए कहा था, ‘‘जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे तब तक आरक्षण मिलना चाहिए।’’ उनके इस बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुआ और फिर ब्राह्मण समाज में आक्रोश फैल गया। वर्मा की इस टिप्पणी के बाद से प्रदेश ही नहीं देशभर में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही थी।

    यही नहीं, संतोष वर्मा की टिप्पणी से आक्रोशित 65 ब्राह्मण संगठन एकजुट हो गए और उन्होंने शुक्रवार को मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करने और 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान कर दिया और साथ ही कहा कि इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश बंद की तैयारी की जाएगी।


    हाईकोर्ट पर भी थी टिप्पणी

    इस बीच, संतोष वर्मा की एक और टिप्पणी ने उस वक्त आग में घी डालने का काम किया जब उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा कि ‘‘एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज कोई और नहीं, बल्कि हाईकोर्ट नहीं बनने दे रहा है… यही हाईकोर्ट है, जिससे हम संविधान के पालन की गारंटी मांगते हैं।’’

    उनकी इस टिप्पणी से जुड़ा वीडियो सामने आते ही विवाद और भड़क गया और सरकार पर दबाव बढ़ा। इसके बाद एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संतोष वर्मा प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जीएडी को सख्त कारवाई के निर्देश दिए। बयान में कहा गया कि संतोष वर्मा ने राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए प्रमोशन फर्जी और जाली आदेश तैयार कर लिया और उनके खिलाफ विभिन्न अदालतों में आपराधिक प्रकरण लंबित है।

    बयान में कहा गया, “फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी के आधार पर ली गई आईएएस की पदोन्नति गलत है। अतः आईएएस से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केन्द्र शासन को प्रेषित किया जा रहा है।” इसके कुछ देर बाद ही सरकार ने गुरुवार को केंद्र को यह प्रस्ताव भेज दिया। सरकार ने कहा कि वर्मा के विरुद्ध जाली और फर्जी दस्तावेज के आधार पर संनिष्ठा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के आरोप के लिए विभागीय जांच अंतिम स्तर पर है और वर्तमान प्रकरण में उनके द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र का प्रस्तुत जबाव संतोषजनक नहीं है।

    सरकार ने कहा कि उनके द्वारा सतत मर्यादा विहीन बयान जारी किए जा रहे हैं, अतः उन्हें ‘चार्जशीट’ जारी करने का निर्णय लिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार आईएएस अधिकारियों को सस्पेंड तो कर सकती हैं, लेकिन उन्हें बर्खास्त नहीं कर सकती क्योंकि यह शक्ति केन्द्र सरकार के पास होती है, जो राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद लागू होती है।

    अधिकारियों का कहना है, “MP सरकार ने MP कैडर के IAS अधिकारी संतोष वर्मा को एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डिप्टी सेक्रेटरी के पद से हटा दिया है, क्योंकि यह पाया गया कि वह धोखाधड़ी से IAS अधिकारी बने थे।” “संतोष वर्मा के खिलाफ जाली और मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर कथित तौर पर इंटीग्रिटी सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए डिपार्टमेंटल जांच अपने आखिरी स्टेज में है।”

    “मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी संतोष वर्मा के ब्राह्मण समुदाय की बेटियों के बारे में दिए गए विवादित बयान पर संज्ञान लिया। उन्होंने GAD को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।”

  • SIR को चुनौती…. SC बोला- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर क्या आंखें मूंद ले चुनाव आयोग?

    SIR को चुनौती…. SC बोला- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर क्या आंखें मूंद ले चुनाव आयोग?


    नई दिल्ली।
    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special in-depth review-SIR) को लेकर जारी अधिसूचना में ‘माइग्रेशन’ शब्द की व्याख्या केवल देश के भीतर के प्रवासन तक सीमित नहीं मानी जा सकती, बल्कि इसमें सीमा पार प्रवासन भी शामिल हो सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की जिनमें बिहार में SIR को चुनौती देते हुए आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग (Election Commission- ECI) नागरिकता पर संदेह के आधार पर लोगों को मतदाता सूची से हटाकर मताधिकार छीन रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIR कोई नियमित प्रक्रिया नहीं है और बिहार में यह 2003 के बाद पहली बार किया जा रहा है। कोर्ट ने पूछा, “क्या चुनाव आयोग मतदाता सूची की शुचिता बनाए रखने के लिए किसी ‘शुद्धिकरण और छंटनी’ की प्रक्रिया नहीं अपना सकता? यदि गड़बड़ियां मिलें तो क्या आयोग को आंख मूंद लेनी चाहिए?”

    मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा, “माइग्रेशन ट्रांस-कंट्री भी हो सकता है। यह केवल देश के भीतर का प्रवासन नहीं है। आजीविका और अन्य कारणों से लोग विदेशी सीमाएं पार करते हैं। ‘ब्रेन ड्रेन’ भी प्रवासन ही है।”

    पीठ की यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन के उस तर्क के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि चुनाव आयोग नागरिकता की जांच करना चाहता था, तो उसे 24 जून के आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए था। आदेश में SIR का आधार केवल “तेजी से शहरीकरण” और “शिक्षा व आजीविका के लिए बार-बार होने वाला जनसंख्या का स्थानांतरण” बताया गया था।


    BLO के संदेह पर नाम हटाना खतरनाक— याचिकाकर्ता

    रामचंद्रन ने दलील दी कि SIR को विदेशी नागरिकों की पहचान से जोड़ना असंवैधानिक है, क्योंकि नागरिकता की जांच के लिए पहले से वैधानिक प्रक्रिया मौजूद है। उन्होंने कहा, “सिर्फ बूथ लेवल ऑफिसर के संदेह पर किसी को मतदाता सूची से हटाना बेहद खतरनाक है।” कोर्ट ने जवाब दिया कि उनकी टिप्पणियां अंतिम निष्कर्ष नहीं हैं बल्कि मुद्दे पर बेहतर तर्कों के लिए एक प्रयास हैं।

    याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया ‘गलत संदेह’ पर आधारित है और बड़े पैमाने पर मतदाताओं को अयोग्य घोषित करने की कोशिश है। रामचंद्रन ने कहा, “ECI का कर्तव्य मतदाता को सक्षम बनाना है, निष्क्रिय करना नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के बाद नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में SIR को लागू करना “कॉपी-पेस्ट” जैसा है, जो चुनाव आयोग की “मस्तिष्क-प्रक्रिया की कमी” दर्शाता है।

    अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर के लिए तय की है, जब चुनाव आयोग अपनी विस्तृत प्रतिक्रिया देगा। अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पुदुचेरी और पश्चिम बंगाल में SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी।

  • MP: सतना में बुजुर्ग की दिलेरी… सीने में गोली लगने बाद भी हमलावर का कृत्रिम पैर और कट्टा छीना

    MP: सतना में बुजुर्ग की दिलेरी… सीने में गोली लगने बाद भी हमलावर का कृत्रिम पैर और कट्टा छीना


    सतना।
    मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले (Satna district) में गुरुवार की रात एक ऐसी सनसनीखेज वारदात हुई, जिसकी कहानी किसी फिल्म की पटकथा (Film script) जैसी लगती है। यहां एक 60 वर्षीय बुजुर्ग ने गोली लगने के बावजूद वो दिलेरी दिखाई, जिसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी (Electricity department employees) को एक दिव्यांग बदमाश ने सीने में गोली मार दी। खून से लथपथ होने के बाद भी बुजुर्ग ने हार नहीं मानी और हमलावर से भिड़ गए। छीना-झपटी में उन्होंने हमलावर का कृत्रिम पैर और कट्टा छीन लिया, जिसके बाद बदमाश लंगड़ाते हुए भाग निकला।


    ड्यूटी से घर लौटते वक्त किया हमला

    बिजली विभाग के घायल कर्मचारी की पहचान रामनरेश बर्मन (60 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से अमदरा थाना क्षेत्र के नौगांव के निवासी हैं और सतना के प्रेम नगर स्थित विद्युत विभाग कार्यालय में चपरासी हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम जब वह ड्यूटी खत्म करके ट्रेन पकड़ने के लिए पैदल स्टेशन की ओर जा रहे थे, और जैसे ही वह पटरी किनारे चलते हुए प्रेम नगर अंडरब्रिज के पास पहुंचे, तभी अंधेरे में छिपे एक दिव्यांग व्यक्ति ने उन्हें रोका और कट्टे से फायर कर दिया। गोली सीधे उनके बाएं सीने में लगी।


    मौत सामने थी, पर नहीं टूटा हौसला

    गोली लगते ही रामनरेश के शरीर से खून बहने लगा, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और गजब की जीवटता दिखाई। वे गिरने के बजाय हमलावर पर टूट पड़े। इसके बाद दोनों के बीच जमकर गुत्थम-गुत्था हुई और इस दौरान दिव्यांग हमलावर जमीन पर गिर गया। रामनरेश ने मौका देखते ही उसका नकली पैर खींच लिया और हाथ से कट्टा भी छीन लिया। अपना पैर और हथियार छिनता देख हमलावर घबरा गया और एक पैर से लंगड़ाते हुए मौके से फरार हो गया।


    झोले में नकली पैर और कट्टा लेकर थाने पहुंचे

    इस खौफनाक घटना और सीने में गोली लगी होने के बावजूद रामनरेश बर्मन झोले में हमलावर का नकली पैर और कट्टा भरकर सीधे सिटी कोतवाली पहुंचे। उनके एक हाथ में हमलावर का कृत्रिम पैर था और दूसरे हाथ में कट्टा था। यह दृश्य देखकर पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए है। पुलिस ने तत्काल उन्हें वाहन से जिला अस्पताल भेज दिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीएसपी देवेंद्र प्रताप सिंह तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे और घायल के बयान लिए।


    आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

    उधर सतना सीएसपी देवेंद्र प्रताप सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रामनरेश बर्मन जो कि विद्युत विभाग में चपरासी के पद पदस्थ हैं। वह रोज की तरह ड्यूटी खत्म करके ट्रेन से घर जाने के लिए निकले थे तभी रास्ते पर अंधेरे में एक अज्ञात व्यक्ति आया और आकर रामनरेश पर कट्टे से फायर कर दिया। पुलिस ने कहा कि फायर करने वाला व्यक्ति विकलांग था उसका नकली पैर भी वहीं छूट गया है। आगे उन्होंने कहा कि हो सकता है अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाश ने लूट के इरादे से गोली मारी होगी। पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला पंजीबद्ध कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

  • महाकाल मंदिर में भक्तों को मिलेगा 24 घंटे लड्डू प्रसाद हरसिद्धि धर्मशाला में नया काउंटर स्थापित

    महाकाल मंदिर में भक्तों को मिलेगा 24 घंटे लड्डू प्रसाद हरसिद्धि धर्मशाला में नया काउंटर स्थापित


    उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में अब भक्तों को भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद 24 घंटे मिल सकेगा। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने इस सुविधा को देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंदिर की समिति ने हरसिद्धि धर्मशाला के बाहर नया प्रसाद विक्रय काउंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है जो अब भक्तों को दिन और रात के किसी भी समय महाकाल के लड्डू प्रसाद की प्राप्ति का अवसर देगा।

    वर्तमान समय में महाकाल मंदिर के अंदर स्थित प्रसाद काउंटर से सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक ही लड्डू प्रसाद मिलता है। इसके बाद इन काउंटरों से प्रसाद विक्रय बंद हो जाता है। इस समय सीमा को ध्यान में रखते हुए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने एक नया काउंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है जिससे भक्तों को दिन-रात किसी भी समय लड्डू प्रसाद मिल सकेगा।

    काउंटर से बिकेंगे रागी और बेसन के लड्डू

    नए काउंटर पर दोनों प्रकार के लड्डू प्रसाद बिकेंगे जिनमें एक है रागी के लड्डू और दूसरा है बेसन के लड्डू। दोनों लड्डू की कीमत 400 रुपये प्रति किलो तय की गई है। रागी और बेसन के लड्डू महाकाल के भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और इनकी विशेष धार्मिक महत्वता भी है। यह प्रसाद भक्तों को न केवल धार्मिक आशीर्वाद प्रदान करता है बल्कि उनका अनुभव भी अद्वितीय बनाता है।

    काउंटर हरसिद्धि धर्मशाला के सामने स्थित होगा जहां भक्त यात्रा के दौरान या दर्शन के बाद इस प्रसाद का सेवन कर सकेंगे। मंदिर समिति के अधिकारियों का कहना है कि इस नए काउंटर से भक्तों की सुविधा में वृद्धि होगी और उन्हें महाकाल का प्रसाद प्राप्त करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।

    24 घंटे प्रसाद विक्रय की व्यवस्था

    महाकाल मंदिर के सभी वर्तमान प्रसाद काउंटर मंदिर के पट खुलने और बंद होने के समय के अनुसार काम करते हैं। अर्थात जब मंदिर का पट बंद होता है तब प्रसाद विक्रय भी बंद हो जाता है। लेकिन अब नया काउंटर इस व्यवस्था से अलग होगा क्योंकि यह 24 घंटे चालू रहेगा और भक्त किसी भी समय यहां से प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे।

    इस पहल के साथ ही मंदिर प्रशासन का उद्देश्य भक्तों को सुविधा प्रदान करना और महाकाल के लड्डू प्रसाद का प्रसार अधिक से अधिक लोगों तक करना है। मंदिर प्रबंध समिति के एक अधिकारी ने बताया कि इस काउंटर का उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा और यह भक्तों के लिए एक और नई सेवा प्रदान करेगा।

    महाकाल महालोक और मंगलनाथ मंदिर में भी काउंटर

    महाकाल मंदिर परिसर के अलावा श्री महाकाल महालोक और मंगलनाथ मंदिर में भी लड्डू प्रसाद काउंटर खोले गए हैं। इन काउंटरों से भी लड्डू प्रसाद का विक्रय किया जाता है लेकिन ये काउंटर मंदिर के पट खुलने और बंद होने के समय के अनुसार काम करते हैं। इसलिए इस नए काउंटर के माध्यम से भक्तों को 24 घंटे प्रसाद मिल सकेगा जो एक स्वागत योग्य पहल है।

    महाकाल मंदिर समिति द्वारा उठाया गया यह कदम महाकाल के भक्तों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा क्योंकि अब वे किसी भी समय लड्डू प्रसाद का स्वाद ले सकेंगे। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा में वृद्धि करेगी बल्कि महाकाल मंदिर के प्रति श्रद्धा और विश्वास को भी मजबूत बनाएगी।

  • MP: पाकिस्तानी पति-पति का पारिवारिक विवाद पहुंचा इंदौर HC, पत्नी ने लगाई पति को वापस भेजने की गुहार

    MP: पाकिस्तानी पति-पति का पारिवारिक विवाद पहुंचा इंदौर HC, पत्नी ने लगाई पति को वापस भेजने की गुहार


    इंदौर।
    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में पारिवारिक विवाद का एक बेहद खास मामला सुनवाई के लिए आया है, जिसमें पति-पत्नी दोनों पाकिस्तान (Husband and Wife Pakistani) के रहने वाले हैं, हालांकि पति बीते कुछ सालों से भारत में रह रहा है। अब इस कपल ने पारिवारिक सुलह के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल इस हिंदू जोड़े की शादी साल 2020 में पाकिस्तान में हुई थी, और शादी के कुछ समय बाद से ही यह दोनों अलग-अलग देशों में रह रहे हैं। इस दौरान सुलह-समझौते की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद दोनों के बीच विवाद का यह मुद्दा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय पहुंच गया है। महिला ने पति पर आरोप लगाया है कि वह दूसरी शादी करने की तैयारी कर रहा है, वहीं पति का कहना है कि उसकी पत्नी उससे धन ऐंठने के लिए यह सब कर रही है।


    पत्नी का आरोप- पति करने जा रहा दूसरी शादी

    प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी महिला निकिता देवी (28) ने उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में रिट याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता निकिता पाकिस्तान के कराची शहर की रहने वाली है। उसने अपने पति विक्रम कुमार नागदेव (35) पर बिना तलाक दिए दूसरी शादी की तैयारी करने का आरोप लगाया है और अदालत से उसे भारत से वापस पाकिस्तान भेजने की गुहार लगाई है।


    लॉन्ग टर्म वीजा पर इंदौर में रह रहा पाकिस्तानी शख्स

    अधिकारियों के मुताबिक पति-पत्नी पाकिस्तान के नागरिक हैं और उनकी शादी 26 जनवरी 2020 को वहां के सिंध प्रांत में हुई थी। फिलहाल महिला का पति लंबी अवधि के वीजा (LTV) के आधार पर इंदौर में रह रहा है। पाकिस्तानी महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि उसके पति ने उसे छोड़ दिया है और वह भारत में रहने वाली एक महिला से मार्च 2026 में गैरकानूनी तौर पर दूसरी शादी की तैयारी कर रहा है।

    याचिकाकर्ता के वकील दिनेश रावत ने गुरुवार को बताया कि पाकिस्तान में अपने मायके में रह रही निकिता ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की है जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों और अन्य कानूनी अधिकारों के मामलों में अलग-अलग रिट (औपचारिक आदेश) जारी करने की शक्ति देता है।


    महिला की गुहार- पति उठा रहा बेजा फायदा

    पाकिस्तानी महिला के वकील ने बताया, ‘मेरी मुवक्किल ने याचिका में उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है कि कानूनी जटिलताओं का बेजा फायदा उठा रहे उनके पति को भारत में दूसरी शादी करने से रोका जाए और वापस पाकिस्तान भेज दिया जाए।’


    पति बोला- वह अपनी मर्जी से पाकिस्तान लौटी थी

    उधर, निकिता के पति ने अपनी पत्नी के आरोपों को खारिज किया है। नागदेव ने कहा, ‘पाकिस्तान में शादी के बाद हम भारत आ गए थे। इसके थोड़े समय बाद मेरी पत्नी अपनी मर्जी से पाकिस्तान लौट गई थी। वह भारत आने या आपसी सहमति से तलाक लेने को राजी नहीं हुई। मैंने अपने समुदाय की पंचायतों के जरिए भी पारिवारिक विवाद सुलझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।’


    शख्स ने कहा- अब पत्नी को तलाक देना चाहता हूं

    शख्स ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी पारिवारिक विवाद के बहाने उससे धन ऐंठने की कोशिश कर रही है। नागदेव का कहना है कि वह एलटीवी के आधार पर इंदौर में रह रहा है और तमाम भारतीय कानूनों का पालन कर रहा है। उसने कहा, ‘अब मैं अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता हूं। उसने मुझे देश-विदेश में बदनाम करके मानसिक रूप से परेशान कर दिया है।’


    सिंधी पारिवारिक परामर्श केंद्र भी पहुंचा था मामला

    पाकिस्तानी दंपति का यह पारिवारिक विवाद उच्च न्यायालय से पहले, इंदौर के ‘सिंधी पंच मध्यस्थता एवं विधिक परामर्श केंद्र’ पहुंचा था, लेकिन वहां कोई समझौता नहीं हो सका। केंद्र के प्रमुख और सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने बताया, ‘मेरी कई कोशिशों के बाद भी दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता नहीं हो सका। इसके बाद मैंने जिला प्रशासन के सामने पेश अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि नागदेव को वापस पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए क्योंकि वह और उसकी पत्नी दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं तथा उनके पारिवारिक विवाद का न्याय क्षेत्र पाकिस्तान है।’

    मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर में लंबी अवधि के वीजा (एलटीवी) या रेजिडेंशियल परमिट के आधार पर सिंधी हिंदू समुदाय के उन शरणार्थियों की बड़ी आबादी रहती है जो कथित प्रताड़ना के चलते पाकिस्तान से पलायन कर भारत आए हैं।

  • US को भारत का ऑफर पसंद है तो उसे तुरंत कर देना चाहिए FTA पर साइन: पीयूष गोयल

    US को भारत का ऑफर पसंद है तो उसे तुरंत कर देना चाहिए FTA पर साइन: पीयूष गोयल


    नई दिल्ली।
    केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री (Minister of Commerce and Industry) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने गुरुवार को कहा कि अगर वॉशिंगटन (Washington) को भारत का ऑफर (India’s offer) पसंद है, तो अमेरिका ((America) को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free trade agreements- FTA) पर तुरंत साइन कर देने चाहिए. पीयूष गोयल ने ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत के प्रस्ताव की सराहना किए जाने का स्वागत किया, लेकिन भारत-अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित इस ट्रेड डील पर साइन होने की कोई समयसीमा बताने से इनकार कर दिया.

    पीयूष गोयल अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जैमिसन ग्रीर की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका को भारत की ओर से ‘अब तक का सबसे अच्छा ऑफर’ मिला है. उन्होंने कहा, ‘अगर वे खुश हैं, तो उन्हें तुरंत साइन कर देना चाहिए.’ उन्होंने भारत के प्रस्ताव के बारे में बताने से मना कर दिया.

    ‘भारत-US में ट्रेड डील जल्द…’, अब ट्रंप के अधिकारी बोले- दोनों हैं अच्छे दोस्त
    मंत्री ने बताया कि ट्रेड डील पर अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और वर्तमान में भारत आए अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर की यात्रा किसी नए दौर की बातचीत के लिए नहीं है, बल्कि एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझने के लिए है.

    ‘डेडलाइन के दबाव में डील नहीं होनी चाहिए’
    पीयूष गोयल हाल के महीनों में चिली, इजरायल और न्यूजीलैंड समेत कई देशों के साथ FTA पर काम कर रहे हैं. इस बीच, जब उनसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की उस टिप्पणी पर सवाल पूछा गया कि यह डील अगले साल मार्च तक साइन हो जाएगी, तो गोयल ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है और वे किसी समयसीमा पर टिप्पणी नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा, ‘डील तभी होती है जब दोनों पक्षों को फायदा हो. डेडलाइन के दबाव में समझौता नहीं होना चाहिए.’

  • कर्नाटक के बाद अब पंजाब कांग्रेस में घमासान…. सक्रिए हुए राहुल गांधी

    कर्नाटक के बाद अब पंजाब कांग्रेस में घमासान…. सक्रिए हुए राहुल गांधी


    चंडीगढ़।
    कांग्रेस (Congress) में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कर्नाटक (Karnataka) के बाद अब पंजाब इकाई (Punjab Congress) में नेताओं के बीच तनातनी जारी है। खबर है कि हालात संभालने के लिए कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो गया है। कहा जा रहा है कि सांसद राहुल गांधी (MP Rahul Gandhi) ने भी इस संबंध में बैठक बुलाई थी। हालांकि, इस संबंध में कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

    कांग्रेस की निलंबित नेता नवजोत कौर सिद्धू के बयान के बाद कांग्रेस की पंजाब इकाई में तनाव बढ़ गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि हालात काबू में करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। सूत्रों ने कहा है कि राहुल गांधी ने पंजाब मामलों के प्रभारी समेत कई बड़े नेताओं के साथ बैठक की है। उन्होंने बताया है कि कांग्रेस नेतृत्व जारी संसद सत्र के दौरान संकट बढ़ने नहीं देना चाहता।

    नवजोत कौर सिद्धू बनाम राजा अमरिंदर सिंह वडिंग
    नवजोत कौर ने बुधवार को कहा कि वह और उनके पति हमेशा पार्टी के साथ रहेंगे। कौर कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी हैं। कौर ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पर भी तीखा हमला करते हुए उन पर पार्टी को ‘बर्बाद’ करने का आरोप लगाया। कौर ने बुधवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हम कांग्रेस के साथ हैं और हमेशा रहेंगे, और हम अपने पंजाब राज्य को जीतेंगे और इसे अपने विनम्र, प्रिय और त्याग के प्रतीक गांधी परिवार को उपहार स्वरूप देंगे।’

    कौर ने वडिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि 70 ‘कुशल, ईमानदार और वफादार’ नेता उनके संपर्क में हैं, ‘जिन्हें आपने (वडिंग) कांग्रेस पार्टी से अलग कर दिया है और जो कांग्रेस टिकट के लिए योग्य विजयी उम्मीदवार हैं।’ उन्होंने अपने पोस्ट में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप पंजाब की 70 प्रतिशत सीटों को बर्बाद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां आपने पहले ही अप्रभावी लोगों को फर्जी टिकट दे दिए हैं, इसके बावजूद कांग्रेस पंजाब में जीत हासिल करेगी।’

    कौर ने वडिंग पर निशाना साधते हुए कहा, ‘टिकट बेचने के आरोप में आपको गुजरात से निकाल दिया गया था और आपने वहां महंगी गाड़ियां, जमीनें और मेट्रो खरीदीं। क्या आप आईटी की व्याख्या सुनने के लिए तैयार हैं? राजा वडिंग, अपने उन कुत्तों का इस्तेमाल मत करो जिन्हें आपकी वजह से टिकट मिले हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आप लगातार कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम क्यों कर रहे हैं और उम्मीदवारों को हराकर उन्हें अन्य पार्टियों में शामिल होने के लिए मजबूर क्यों कर रहे हैं?’

    बड़े समर्थन का दावा
    नवजोत कौर ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें कांग्रेस की पंजाब इकाई के 70 प्रतिशत और AICC के 90 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त है। अपने निलंबन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कौर ने कहा कि नोटिस एक ऐसे व्यक्ति की ओर से आया है, जिनके पास कोई मान्यता नहीं है और ऐसे कई नोटिस जारी किए जाते रहे हैं।

    रंधावा बोले- कोर्ट में बात करेंगे
    500 करोड़ रुपए में सीएम की कुर्सी वाले बयान के बाद भी नवजोत कौर सिद्धू लगातार कांग्रेस नेताओं पर संगीन आरोप लगाती रही। उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर नशा तस्करों से संबंध होने और बेहिसाब प्रोपर्टी बनाने के आरोप लगाए हैं। रंधावा ने कहा कि अब हम कोर्ट में बात करेंगे। अब तो मेरी पगड़ी का सवाल है। राजनीति में ऐसी बातें होती रहती हैं, इसमें नया कुछ नहीं है। लेकिन यह सच है कि मेरे माता-पिता का नवजोत सिद्धू के माता-पिता से दोस्ताना रिश्ता था। इस तरह के आरोप लगाना शर्मनाक है। यह तो सिर्फ सिद्धू ही बता सकते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी से ऐसी बातें कही थीं या उनकी पत्नी खुद ही ऐसा कह रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तो वो कोर्ट में ही सिद्धू को जवाब देंगे।