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  • टाटा ग्रुप की कंपनियों के लिए अच्छा नहीं रहा साल 2025… Rs 5.5 लाख करोड़ घटा मार्केट कैप

    टाटा ग्रुप की कंपनियों के लिए अच्छा नहीं रहा साल 2025… Rs 5.5 लाख करोड़ घटा मार्केट कैप


    नई दिल्ली।
    2025 का साल टाटा ग्रुप (Tata Group) की कई कंपनियों के लिए अच्छा नहीं रहा है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (Tata Consultancy Services Limited-TCS), ट्रेंट लिमिटेड, दी इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड (IHCL), वोल्टास और तेजस नेटवर्क लिमिटेड के शेयरों में इस साल 60 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। जिसकी वजह से ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों को मार्केट कैप 5.5 लाख करोड़ रुपये घट गया है।


    घटकर कितना हुआ मार्केट कैप

    टाटा ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप अब घटकर 25.57 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 31 दिसंबर 2024 को समूह की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 31.09 लाख करोड़ रुपये रहा था। जोकि 17.76 प्रतिशत की गिरावट को दिखाता है।


    किन कंपनियों को हुआ अधिक नुकसान

    टाटा ग्रुप की धाकड़ कंपनी टीसीएस के शेयरों की कीमतों में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है। ग्रुप के मार्केट कैप की गिरावट में इस अकेली कंपनी 3.10 लाख करोड़ रुपये का योगदान है। बीते एक साल में कंपनी के शेयरों की कीमतों में 27 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। दो साल में टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयरों की कीमतों में 11 प्रतिशत लुढ़क गया है।

    ट्रेंट लिमिटेड के शेयरों की कीमतों में इस साल 41 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस कंपनी का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये घट गया है।

    इन कंपनियों का बुरा हाल
    IHCL के शेयरों की कीमतों में 18 प्रतिशत की गिरावट आई है। तेजस नेटवर्क लिमिटेड के मार्केट वैल्यू में 2025 में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के शेयरों का भाव 25 से 26 प्रतिशत गिरा है। टाटा टेलीसर्विसेज, टाटा पावर कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल होटल्स लिमिटेड, नेल्को लिमिटेड के शेयरों का भाव 38 प्रतिशत तक गिरा है।


    इन कंपनियों के शेयरों में उछाल

    टाइटन कंपनी लिमिटेड, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और टाटा स्टील के शेयरों की कीमतों में 15 से 25 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है। ग्रुप के मार्केट कैप में इन कंपनियों का योगदान 1 लाख करोड़ रुपये का योगदान है।

  • बांग्लादेश के कच्चे कपास बाजार का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना ब्राजीन, भारत को छोड़ा पीछे

    बांग्लादेश के कच्चे कपास बाजार का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना ब्राजीन, भारत को छोड़ा पीछे


    ढाका।
    बांग्लादेश (Bangladesh) के कच्चे कपास बाजार (Raw Cotton Market) में बड़ा उलटफेर हो गया है। दशकों से इस बाजार पर कब्जा जमाए भारत (India) को अब ब्राजील (Brazil) ने पीछे छोड़ दिया है। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 के विपणन वर्ष में ब्राजील ने 25% हिस्सेदारी के साथ बांग्लादेश का सबसे बड़ा कच्चा कपास आपूर्तिकर्ता बन गया है, जबकि भारत महज 15% के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया है।

    हालांकि एक क्षेत्र में भारत अभी भी मजबूती से कायम है, वह है सूती धागा (कॉटन यार्न)। 2024-25 विपणन वर्ष में बांग्लादेश अपने कुल सूती धागा आयात का 82% हिस्सा भारत से ही लिया। जुलाई 2025 में रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रेडीमेड गारमेंट सेक्टर बांग्लादेश के कुल निर्यात का 80% से अधिक और जीडीपी का करीब 10% योगदान देता है। इस सेक्टर में 40 लाख लोग रोजगार पाते हैं।


    2024-25 विपणन वर्ष (अगस्त 2024 – जुलाई 2025) के आंकड़े

    बांग्लादेश ने रिकॉर्ड 82.8 लाख गांठें (1 गांठ = 480 पौंड) कच्चे कपास का आयात किया। इनमें…
    ब्राजील: 19 लाख गांठें (25% हिस्सेदारी)
    भारत: 14 लाख गांठें (15% हिस्सेदारी)

    एक साल पहले (2023-24) भारत ही 17.9 लाख गांठें (23% हिस्सेदारी) के साथ पहले स्थान पर था। इस साल कुल आयात पिछले साल के 78 लाख गांठों से 5.2% अधिक है। इसके अलावा अन्य बड़े आपूर्तिकर्ता हैं- अमेरिका (7%), ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम अफ्रीकी देश, लेकिन कोई भी ब्राज़ील के करीब नहीं पहुंचा। 2025-26 में कच्चे कपास का आयात और 1.4% बढ़कर 84 लाख गांठें होने का अनुमान है।


    राजनीतिक उथल-पुथल का असर

    USDA रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 का बाजार वर्ष ठीक उसी समय शुरू हुआ जब शेख हसीना सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हो रहे थे। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत चली गई थीं और तब से दिल्ली में ही हैं। अगस्त 2024 में नई अंतरिम सरकार बनने के बाद शुरुआती कुछ व्यवधान आए, लेकिन मई 2025 तक कपास आयात पूरी तरह स्थिर रहा। आरएमजी सेक्टर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है।


    सूती धागे में भारत अभी भी नंबर-1

    जुलाई 2025 तक भारत ने बांग्लादेश के कुल कॉटन यार्न आयात का 82% हिस्सा सप्लाई किया। वहीं दूसरे नंबर पर चीन (केवल 7.5%) है। इसका कारण बताया जा रहा है कि भारत की सबसे बड़ी स्पिनिंग क्षमता। इसके अलावा कोलकाता-बेनापोल जैसे तेज डिलीवरी रूट और कम लॉजिस्टिक्स लागत भी है।

  • साउथ अफ्रीका की शर्मनाक हार… T20 क्रिकेट इतिहास में सबसे कम स्कोर पर ऑलआउट

    साउथ अफ्रीका की शर्मनाक हार… T20 क्रिकेट इतिहास में सबसे कम स्कोर पर ऑलआउट


    नई दिल्ली.
    T20 इंटरनेशनल क्रिकेट (T20 International Cricket) के इतिहास का सबसे शर्मनाक दिन साउथ अफ्रीका (South Africa) के लिए मंगलवार 9 दिसंबर का रहा, जहां टीम इंडिया (Team India) के खिलाफ कटक के मैदान पर एडेन मार्करम (Aiden Markram) की कप्तानी वाली टीम अपने इतिहास के सबसे कम स्कोर पर ऑलआउट हो गई। साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार 80 का भी आंकड़ा टी20 इंटरनेशनल मैच में पार नहीं कर पाई। साउथ अफ्रीका को भारत ने 74 रनों पर ढेर कर दिया और 101 रनों से पहला टी20 इंटरनेशनल मैच अपने नाम कर लिया। इतना ही नहीं, भारत ने तीसरी बार एक बड़ा जख्म साउथ अफ्रीका को दिया है।

    दरअसल, साउथ अफ्रीका की टीम तीसरी बार भारत के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 से कम के स्कोर पर ऑलआउट हुई है। दो बार ऑस्ट्रेलिया ने भी साउथ अफ्रीका को 100 रनों के भीतर समेटा है। हालांकि, कटक में 74 रनों का स्कोर टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में साउथ अफ्रीका का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले 2022 में राजकोट में 87 रनों पर साउथ अफ्रीका की टीम ढेर हो गई थी। 2020 में 89 रनों का स्कोर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साउथ अफ्रीका ने बनाया था। वहीं, 95 रन जोहान्सबर्ग में भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका ने बनाए थे। केपटाउन में 2020 में साउथ अफ्रीका की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ढेर हो चुकी है।


    T20I में साउथ अफ्रीका का सबसे कम स्कोर

    74 बनाम इंडिया कटक में, 2025*
    87 बनाम इंडियाराजकोट में, 2022
    89 बनाम ऑस्ट्रेलिया जोहान्सबर्ग में, 2020
    95 बनाम इंडिया जोहान्सबर्ग में, 2023
    96 बनाम ऑस्ट्रेलिया केपटाउन में, 2020

    कटक के बाराबती स्टेडियम में खेले गए मैच की बात करें तो यहां भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 175 रन बनाए थे। हार्दिक पांड्या ने 28 गेंदों में 59 रनों की पारी खेली थी, जबकि 21 गेंदों में 23 रन अक्षर पटेल और 32 गेंदों में 26 रन तिलक वर्मा ने बनाए थे। 9 गेंदों में 11 रन शिवम दुबे और 5 गेंदों में 10 रन जितेश शर्मा ने बनाए थे। 12 गेंदों में 17 रनों की पारी अभिषेक शर्मा ने खेली थी। साउथ अफ्रीका के लिए 3 विकेट लुंगी एनगिडी ने निकाले ते, जबकि 2 विकेट सिंपाला को मिले थे। एक विकेट डोनावैन फेरेरा को मिला था। वहीं, जब साउथ अफ्रीका की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो 12.3 ओवर में 74 रनों पर ऑलआउट हो गई। 14 गेंदों में 22 रन डेवाल्ड ब्रेविस ने बनाए थे, जबकि 14-14 रन एडेन मार्करम और ट्रिस्टन स्टब्स के बल्ले से निकले। 12 रन मार्को यानसेन ने बनाए। इनके अलावा कोई बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सका।

  • जोश- जुनून के बिना नहीं बढ़ पाएंगे आगे… सचिन तेंदुलकर ने युवा खिलाड़ियों को दिया 'गुरु मंत्र'

    जोश- जुनून के बिना नहीं बढ़ पाएंगे आगे… सचिन तेंदुलकर ने युवा खिलाड़ियों को दिया 'गुरु मंत्र'


    मुंबई।
    क्रिकेट के भगवान (God of Cricket) कहे जाने वाले पूर्व महान बल्लेबाज (Former Great batsman) सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने युवा खिलाड़ियों (Young Players) को सफल होने के लिए गुरुमंत्र दिया है। सचिन तेंदुलकर ने मुंबई में मंगलवार को कहा कि युवा खिलाड़ी जुनून और जोश के बिना आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को ‘मुश्किल चुनौतियों का सामना करने’ और दूसरों के लिए मिसाल कायम करने की सलाह दी। तेंदुलकर ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें क्रिकेट से इतना अधिक लगाव था कि वह इस खेल में आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास करने को भी तैयार रहते थे। उन्होंने कहा कि वह गर्मी की छुट्टियों में लगभग दो महीने तक रोजाना 12 घंटे तक अभ्यास करते थे।

    तेंदुलकर ने ‘इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (आईएसपीएल)’ के तीसरे सत्र की नीलामी से पहले कहा, ‘‘मैंने क्रिकेट खेलना इसलिए शुरू किया, क्योंकि मुझमें जुनून था। मुझे इस खेल से बेइंतहा प्यार था और मैं बस भारत के लिए खेलना चाहता था। मैं इसके लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार था।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मेरे जीवन में कई पड़ाव आए। इसमें स्कूल क्रिकेट भी था और मैं कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार था। एक दौर ऐसा भी था जब मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियों में लगातार 55 दिनों तक 12 घंटे अभ्यास किया और आखिरकार मैं बीमार पड़ गया। अगर जुनून और जोश नहीं है, तो आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे।’’

    तेंदुलकर ने कहा कि एक खिलाड़ी के विकास के लिए कई चीजों का एक साथ आना जरूरी है, लेकिन सही समय पर अच्छा प्रदर्शन करना भी जरूरी है। उन्होंने माना, ‘‘आपको आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत, योजना, उसे लागू करने की क्षमता, सही मार्गदर्शन और अनुशासन की जरूरत होती है। कई चीजें एक साथ आती है और फिर जब मौका मिलता है तो आपको मैदान पर उतरकर अच्छा प्रदर्शन करना होता है और इसी तरह आप अगले स्तर पर पहुंचते हैं।’’

    मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि उम्मीदें उन खिलाड़ियों से अधिक होती है, जिन्होंने अतीत में मिसाल कायम की है। हालांकि, इससे किसी को भी परेशान नहीं होना चाहिए। सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड्स इस बात की गवाही देते हैं कि वे करियर के आखिरी पड़ाव तक अपने बेसिक्स पर टिके रहे। चाहे बात प्रैक्टिस की हो या फिर टीम के साथ बने रहने की।

  • रीवा पुलिस की बड़ी कार्रवाई – अंतरराज्यीय विद्युत तार चोरी गिरोह का पर्दाफाश

    रीवा पुलिस की बड़ी कार्रवाई – अंतरराज्यीय विद्युत तार चोरी गिरोह का पर्दाफाश

    भोपाल : मध्यप्रदेश पुलिस ने संगठित आपराधिक नेटवर्क पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए रीवा और ग्वालियर जिलों में दो बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं। रीवा पुलिस ने विगत दो वर्षों से सक्रिय विद्युत तार चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 50 लाख रुपये मूल्य का माल बरामद किया, जबकि ग्वालियर पुलिस ने मैरिज गार्डन में हुई चोरी का त्वरित खुलासा कर 7 लाख 80 हजार रूपए नगद बरामद किए गए। रीवा पुलिस की बड़ी कार्रवाई — अंतरराज्यीय विद्युत तार चोरी गिरोह का पर्दाफाश रीवा पुलिस ने एमपीईबी विभाग के विद्युत तार चोरी एवं सोलर पावर प्लांट से कॉपर केबल चोरी की कुल 62 घटनाओं का खुलासा करते हुए 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पुलिस ने लगभग 50 लाख रुपये मूल्य के एल्यूमिनियम और कॉपर तार, पाँच वाहन तथा चोरी में इस्तेमाल उपकरण (कटर, इलेक्ट्रिक डिटेक्टर, सीढ़ी आदि) बरामद किए हैं।
    पुलिस ने 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के विश्लेषण के साथ उत्तर प्रदेश और अन्य जिलों की पुलिस से समन्वय स्थापित किया। जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य पूर्व में बिजली विभाग के ठेकेदारों से जुड़े थे और चोरी का माल कबाड़ियों को बेचते थे। इस कार्रवाई से जिले में लंबे समय से जारी विद्युत संरचना चोरी की घटनाओं पर निर्णायक अंकुश लगा है।ग्वालियर पुलिस का त्वरित खुलासा — मैरिज गार्डन चोरी में 7 लाख 80 हजार रूपए बरामदग्वालियर के थाना महाराजपुरा क्षेत्र स्थित अभिनंदन वाटिका में एक लगुन कार्यक्रम के दौरान 11 लाख की चोरी हुई थी। क्राइम ब्रांच और थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने तकनीकी विश्लेषण और मुखबिर सूचना के आधार पर आरोपी संतोष सिसोदिया को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 7 लाख 80 हजार रूपए नगद बरामद हुए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि चोरी शिवा सिसोदिया और एक विधिविरुद्ध बालक ने की थी और राशि संतोष को छिपाने हेतु सौंपी थी। रीवा और ग्वालियर की इन प्रभावी कार्यवाहियों ने यह साबित किया है कि मध्यप्रदेश पुलिस संगठित अपराध, सार्वजनिक संपत्ति की चोरी और नेटवर्क आधारित आपराधिक गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलेरेंस की नीति पर कार्य कर रही है।

  • सागर–दमोह मार्ग चार लेन में बदलेगा, मंत्री परिषद ने 2059.85 करोड़ की परियोजना को दी स्वीकृति

    सागर–दमोह मार्ग चार लेन में बदलेगा, मंत्री परिषद ने 2059.85 करोड़ की परियोजना को दी स्वीकृति


    भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद बैठक में सागर
    दमोह मार्ग (76.680 किमी) को 2-लेन से 4-लेन मय पेव्हड शोल्डर में उन्नत करने की 2059.85 करोड़ की परियोजना को हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) के तहत स्वीकृति दी गई। इसमें 40% राशि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा और शेष 60% राशि राज्य बजट से 15 वर्ष तक 6-माही एन्यूटी के रूप में वहन की जाएगी।

    यह महत्वपूर्ण मार्ग सागर और दमोह को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और राष्ट्रीय राजमार्ग-34 से कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। उन्नयन से बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि, खनिज, व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को मजबूत गति मिलेगी।

    परियोजना में 13 अंडरपास, 3 वृहद पुल, 9 मध्यम पुल, 1 आरओबी, 13 बड़े और 42 मध्यम जंक्शन का निर्माण, तथा परसोरिया, गढ़ाकोटा, रोन और बान्सा में 4 बायपास शामिल हैं। सड़क सुरक्षा के लिए 21 स्थानों पर कर्व सुधार तथा 13 बड़े जंक्शनों पर VUP प्रस्तावित हैं।

    उल्लेखनीय है कि 10,300 पीसीयू वर्तमान यातायात दबाव और भविष्य में 17,000 पीसीयू की संभावना को देखते हुए 4-लेन निर्माण आवश्यक है। यह मार्ग विंध्य विकास पथ का हिस्सा है, जिससे कटनी दिशा में भविष्य का 4-लेन कॉरिडोर भी सुदृढ़ होगा। मार्ग के उन्नयन से यात्रा समय में कमी, दुर्घटनाओं में गिरावट, ईंधन की बचत और परिवहन तंत्र में व्यापक सुधार होगा। क्षेत्र की उपजाऊ कृषि भूमि, दमोह के खनिज संसाधनों और कुंडलपुर सहित पर्यटन स्थलों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। यह परियोजना बुंदेलखंड विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • महिला सिपाही के ब्लैकमेल नेटवर्क का खुलासा, कई दारोगा और सिपाही बने शिकार

    महिला सिपाही के ब्लैकमेल नेटवर्क का खुलासा, कई दारोगा और सिपाही बने शिकार



    नई दिल्ली ।
    उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा का ब्लैकमेलिंग नेटवर्क इन दिनों सुर्खियों में है जिसके कारण पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। मीनाक्षी की गतिविधियों का खुलासा कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की गोली लगने से हुई मौत के बाद हुआ जिसके बाद से उसकी काली करतूतों की परत दर परत खुल रही है। जांच में यह सामने आया कि वर्ष 2022 में मीनाक्षी ने पीलीभीत जिले के पूरनपुर थाने में तैनाती के दौरान एक सिपाही को प्रेमजाल में फंसाकर उससे मोटी रकम की मांग की थी। इसके बाद यह सिलसिला बरेली और जालौन जिलों तक फैल गयाजहां उसने कई दारोगा और सिपाहियों को अपने जाल में फंसाया और उनसे पैसे की मांग की।

    प्रेमजाल और पैसों का दबाव

    मीनाक्षी की कार्यशैली बहुत ही चालाकी से भरी हुई थी। वह पहले जान-पहचान बनाने के लिए पुलिसकर्मियों से संपर्क करती फिर धीरे-धीरे निजी बातचीत और करीबी का हवाला देती थी। इसके बाद वह उन पर पैसों का दबाव बनाती थी। यह दबाव इस तरह से बनता था कि वह खुद को पीड़िता के रूप में प्रस्तुत करती थी जिसके बाद पुलिसकर्मी न चाहते हुए भी पैसों का भुगतान करने के लिए मजबूर हो जाते थे।

    चौंकाने वाली बात यह है कि मीनाक्षी ने इस पूरी प्रक्रिया में अपने परिवार के सदस्यों खासकर अपने पिता और भाई को भी शामिल किया था। मीनाक्षी के पिता और भाई उसे इस खेल में सहयोग करते थे और उसे हिम्मत भी देते थे। जेल जाने के दौरान भी मीनाक्षी के पिता ने उसे जल्द से जल्द बाहर निकालने का वादा किया था जिससे यह संकेत मिलता है कि यह पूरे परिवार का संगठित प्रयास था।

    मीनाक्षी का नेटवर्क और अन्य शिकार

    मीनाक्षी शर्मा के इस ब्लैकमेलिंग नेटवर्क का दायरा काफी बड़ा था। जांच में यह सामने आया कि वह अकेली नहीं थी बल्कि उसके परिवार के लोग भी इसमें शामिल थे। उसकी सक्रियता पीलीभीत के पूरनपुर थाने तक सीमित नहीं रही बल्कि बरेली और जालौन जिलों में भी उसने कई पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया। मीनाक्षी का यह नेटवर्क न सिर्फ पुलिस महकमे के लिए शर्मिंदगी का कारण बना बल्कि यह भी बताता है कि कैसे एक सिपाही ने अपनी शक्ति का गलत उपयोग किया। उसके खिलाफ पुलिस ने जांच तेज कर दी है और अब तक कई अन्य पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है जो मीनाक्षी के शिकार बने थे। वहीं अधिकारियों का कहना है कि मीनाक्षी के इस पूरे गिरोह को जल्द ही पकड़ा जाएगा और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

    जांच और गिरफ्तारी

    महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद इस मामले में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। मीनाक्षी के पिता और भाई का भी पुलिस ने पता लगाकर उन्हें हिरासत में लिया है। अब जांच के दौरान यह जानने की कोशिश की जा रही है कि मीनाक्षी ने किन-किन अन्य पुलिसकर्मियों को अपने जाल में फंसाया और वह किस तरह से इन रकमों को इकट्ठा करती थी।इस मामले ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है

    और अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या पुलिस महकमें में अन्य किसी महिला या पुरुष कर्मी की तरफ से भी ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं जिसे उजागर नहीं किया गया हो।उत्तर प्रदेश पुलिस के एक महिला सिपाही द्वारा किए गए इस ब्लैकमेलिंग नेटवर्क ने न केवल पुलिस महकमे को शर्मिंदा किया है बल्कि यह भी दिखाया है कि एक सिपाही अपने कद और शक्ति का गलत उपयोग कैसे कर सकता है। इस मामले की गहन जांच जारी है और पुलिस विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। मीनाक्षी और उसके परिवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न घटित हों।
  • मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर  50 लाख तक का लोन और सब्सिडी

    मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर 50 लाख तक का लोन और सब्सिडी


    भोपाल। 
    मध्यप्रदेश सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें व्यवसायिक रूप से प्रगति करने के लिए कई योजनाओं को लागू कर रही है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को रोजगार की तलाश तक सीमित न रखकर उन्हें उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए सरकार उन्हें लोन ट्रेनिंग सब्सिडी और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रही हैं।

    महिलाओं के लिए उद्यमिता योजनाएं

    मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए कई तरह की उद्यमिता योजनाएं शुरू की हैं जिनके जरिए महिलाएं अपने छोटे-से-व्यवसाय की शुरुआत कर सकती हैं। इन योजनाओं के तहत महिलाओं को न केवल व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन और सब्सिडी मिल रही है बल्कि उन्हें विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग भी दी जा रही है जिससे वे अपनी क्षमताओं को पहचान सकें और व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं से अवगत हो सकें।

    सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन योजनाओं के तहत महिलाओं को एक मजबूत आर्थिक आधार प्रदान किया जाए। इसके लिए राज्य में कई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिसमें महिलाएं अपने कौशल को सुधार सकती हैं और विभिन्न उद्योगों में कदम रख सकती हैं। इसके अलावा सरकार महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए लोन के साथ-साथ मार्जिन मनी और सब्सिडी जैसी सुविधाएं भी प्रदान कर रही है।

    ₹50 लाख तक का लोन और वित्तीय सहायता

    मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं के लिए व्यवसाय स्थापित करने के लिए ₹50 लाख तक का लोन उपलब्ध करवा रही है। यह लोन उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी उपलब्ध कराता है। इसके अलावा महिलाओं को रेडीमेड गारमेंट उद्योग जैसी क्षेत्रों में भी विशेष सहायता दी जा रही है जहां उन्हें प्रति माह ₹5000 की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। यह राशि महिलाओं को उनके व्यवसाय के संचालन में सहायक साबित हो रही है और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है।

    इसके अतिरिक्त अक्टूबर 2025 तक MSME सूक्ष्म लघु और मझोले उद्योग क्षेत्र में 850 से अधिक इकाइयों को कुल ₹275 करोड़ की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है। यह वित्तीय सहायता महिला उद्यमियों के लिए एक मजबूत आधार बनी है जो उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करती है।

    महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के कदम

    मध्यप्रदेश सरकार ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं। उदाहरण के लिए महिलाएं अब विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूह बना सकती हैं और इन्हें सरकार से सहायता मिल सकती है। इसके अलावा महिलाओं को छोटे से लेकर बड़े स्तर तक व्यवसाय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा समर्थन और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है।

    इसके साथ ही महिलाएं अब अधिक से अधिक व्यवसायों के लिए सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं जो न केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति को मजबूत कर रहे हैं बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह पहल महिलाओं को नए अवसरों की ओर मार्गदर्शन करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर रही है।

    मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम है। लोन ट्रेनिंग सब्सिडी और अन्य सुविधाओं के माध्यम से महिलाओं को व्यवसाय स्थापित करने का एक मजबूत मंच मिल रहा है। इससे न केवल महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है बल्कि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। सरकार की इस पहल से महिलाओं को रोजगार की दिशा में एक नई राह मिल रही है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।

  • मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा फैसला मंत्री प्रदर्शन रिपोर्ट भी अहम

    मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा फैसला मंत्री प्रदर्शन रिपोर्ट भी अहम


    भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार के दो वर्ष पूरे होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों के अनुसार यह विस्तार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद ही किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा मंत्रालयों के कार्यों का गहन मूल्यांकन किए जाने के बाद ही इस प्रक्रिया में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

    राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद विस्तार की संभावना

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी 2026 को समाप्त हो रहा है और पार्टी नेताओं का मानना है कि इस तिथि के आसपास भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी के नेताओं के बीच चर्चा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद ही मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार पर निर्णय लिया जाएगा। इसके पीछे यह कारण है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेरबदल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन यह बदलाव भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद ही होगा।

    मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन पर रिपोर्ट कार्ड तैयार

    मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण पहलू है जो सरकार के मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन से जुड़ा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए अलग-अलग एजेंसियों से रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया है। इन रिपोर्ट कार्ड्स में मंत्रियों की कार्यकुशलता जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी और उनके विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई है। माना जा रहा है कि इन रिपोर्ट्स को विस्तार के निर्णय में अहम भूमिका दी जाएगी।

    हालांकि सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश के कुछ मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन से काफी नाराज भी है और इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही अगले कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा मंत्रियों के कामकाज का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभागवार समीक्षा बैठकें भी आयोजित की हैं। इन बैठकों का उद्देश्य मंत्रियों की कार्यशैली का मूल्यांकन करना और यह सुनिश्चित करना था कि हर विभाग अपने लक्ष्यों को पूरा कर रहा है या नहीं।

    छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में भी होगा फेरबदल

    इसी साल छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था और इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश में भी मोहन यादव अपनी टीम में फेरबदल कर सकते हैं। भाजपा नेताओं के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व की निगाहें अब प्रदेश के मंत्रियों पर हैं और उनके प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर ही किसी को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या फिर बाहर किया जाएगा।

    विस्तार के लिए प्रमुख नेता की नियुक्ति

    मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कुछ नई चेहरों को भी मौका दिया जा सकता है खासकर उन नेताओं को जो हाल के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं या फिर जिनकी जनता में बेहतर छवि बन चुकी है। इस विस्तार के बाद यह देखा जाएगा कि सरकार में किसी को नई जिम्मेदारी दी जाती है या कुछ पुराने मंत्रियों को बदलकर नए मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है।

    केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी और मंत्रियों की समीक्षा

    केंद्रीय नेतृत्व का मध्य प्रदेश के मंत्रियों के प्रति असंतोष का मुख्य कारण उनके कार्यों में लापरवाही और प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर उनका कमजोर रवैया बताया जा रहा है। भाजपा की केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि किसी भी तरह की असंतोषपूर्ण कार्यशैली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अपने विभागों में सुधार और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहें।

    मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सभी आँखें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर टिकी हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि जेपी नड्डा के कार्यकाल के अंत और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री मोहन यादव मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। इस निर्णय में प्रमुख भूमिका मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन पर तैयार रिपोर्ट कार्ड की होगी जो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय को प्रभावित करेगा। इसके अलावा जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में बदलाव किए जाएंगे।

  • शाहिद अफरीदी का बड़ा बयान: गौतम गंभीर पर तंज, विराट और रोहित को बताया टीम की असली रीढ़

    शाहिद अफरीदी का बड़ा बयान: गौतम गंभीर पर तंज, विराट और रोहित को बताया टीम की असली रीढ़

    नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट पर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी की प्रतिक्रियाएँ हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। इस बार अफरीदी ने टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर की आलोचना करते हुए भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली और रोहित शर्मा की जमकर तारीफ की। अफरीदी ने कहा कि कोहली और रोहित टीम की सबसे बड़ी ताकत हैं और 2027 तक ओवरऑल टीम के लिए अहम बने रहेंगे।

    कोहली और रोहित की जमकर तारीफ
    अफरीदी ने भारतीय टीम के दो स्टार बल्लेबाजों, विराट कोहली और रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि ये दोनों न केवल भारत के बल्कि दुनिया के सबसे भरोसेमंद ODI बल्लेबाजों में शामिल हैं। उन्होंने विशेष रूप से हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ इन दोनों के शानदार प्रदर्शन की ओर ध्यान दिलाया। अफरीदी ने कहा, “विराट और रोहित भारतीय बैटिंग लाइन-अप की असली ताकत हैं। उनके हालिया फॉर्म को देखकर लगता है कि वे लंबे समय तक टीम के लिए अहम बने रहेंगे।” अफरीदी का मानना है कि बड़े टूर्नामेंट और महत्वपूर्ण सीरीज में टीम को इन दोनों खिलाड़ियों को जरूर उतारना चाहिए।

    अफरीदी ने सुझाव दिया कि जब टीम किसी कमजोर विरोधी के खिलाफ खेले, तो युवा खिलाड़ियों को अवसर देने के लिए कोहली और रोहित को आराम दिया जा सकता है। यह रणनीति टीम को संतुलित रखते हुए नए टैलेंट को मौका देने में मदद करेगी।

    गौतम गंभीर की कोचिंग पर तंज
    शाहिद अफरीदी ने भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की कोचिंग शैली पर सीधे निशाना साधा। अफरीदी ने कहा कि गंभीर ने कोच के रूप में शुरुआत में यह छवि बनाई कि वे हमेशा सही होते हैं, लेकिन समय ने साबित कर दिया कि हर बार सही होना संभव नहीं है। अफरीदी और गंभीर के बीच पहले भी मैदान पर कई बार विवाद हो चुका है। अफरीदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गंभीर ने पहले ही साफ कर दिया था कि 2027 वर्ल्ड कप अभी दूर है और टीम युवा खिलाड़ियों को मौके देकर नई दिशा देना चाहती है।

    रोहित के रिकॉर्ड छक्कों पर अफरीदी की खुशी
    अफरीदी ने रोहित शर्मा के हालिया ODI छक्कों के रिकॉर्ड को तोड़ने पर अपनी खुशी जताई। उन्होंने कहा, “रिकॉर्ड तोड़ने के लिए ही बनाए जाते हैं और मुझे खुशी है कि मेरा रिकॉर्ड किसी क्लासी बल्लेबाज जैसे रोहित ने तोड़ा।” रोहित ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ रायपुर ODI में अपना 355वां छक्का जड़कर अफरीदी (351 छक्के) को पीछे छोड़ दिया। अफरीदी ने इसे खेल की प्रगति और भारतीय क्रिकेट की बढ़ती ताकत का हिस्सा बताया।

    IPL 2008 की यादें और रोहित का मैच विनिंग अंदाज
    अफरीदी ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए IPL 2008 का जिक्र किया, जब वे डेक्कन चार्जर्स के लिए खेल रहे थे। उन्होंने कहा कि उस समय उन्हें पहली बार एहसास हुआ कि रोहित भविष्य में भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारे बनेंगे। अफरीदी ने कहा, “उनकी बल्लेबाजी में वह क्लास थी जो किसी भी दिन मैच का रुख बदल सकती थी। रोहित एक मैच विनर खिलाड़ी हैं और उन्होंने हर अवसर पर अपनी टीम को मजबूत बनाया है।”

    अफरीदी का निष्कर्ष
    शाहिद अफरीदी की राय में, विराट कोहली और रोहित शर्मा के अनुभव और क्लास की वजह से टीम इंडिया के ODI लाइन-अप की रीढ़ मजबूत है। जबकि गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठाए गए हैं, अफरीदी का जोर इस बात पर है कि टीम इंडिया को अपने अनुभवी खिलाड़ियों की काबिलियत का पूरा लाभ उठाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर युवाओं को मौके देकर संतुलन बनाना चाहिए।

    अफरीदी का यह बयान भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक ओर उन्होंने कोहली और रोहित को टीम की रीढ़ बताया, वहीं गंभीर की कोचिंग पर तंज भी कसा। इससे साफ है कि अफरीदी का मानना है कि टीम इंडिया को संतुलित और मजबूत रखने के लिए अनुभवी खिलाड़ियों का उपयोग जरूरी है। 2027 तक विराट और रोहित टीम की अहमियत बनाए रख सकते हैं, जबकि युवा खिलाड़ियों को अवसर देने की रणनीति से टीम की लंबी दूरी की तैयारी भी मजबूत हो सकती है।

    इस तरह, शाहिद अफरीदी ने भारतीय क्रिकेट की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रणनीति पर अपनी राय रखी है, जिससे टीम इंडिया के फैंस और विश्लेषक दोनों ही नए सिरे से विचार कर रहे हैं।