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  • घर पर बनाएं गाजर-चुकंदर-आंवला जूस: जानें ABC Juice की रेसिपी और इसके अद्भुत फायदे

    घर पर बनाएं गाजर-चुकंदर-आंवला जूस: जानें ABC Juice की रेसिपी और इसके अद्भुत फायदे



    नई दिल्ली ।
    सर्दियों में ताजगी और सेहत के लिए गाजर चुकंदर और आंवला का जूस एक बेहतरीन विकल्प है। इस जूस का नाम है ABC जूस, जिसमें A का मतलब है आंवला B का मतलब है चुकंदर और C का मतलब है गाजर यह जूस सिर्फ स्वाद में नहीं, बल्कि सेहत के लिहाज से भी अत्यधिक फायदेमंद है। इस जूस को नियमित रूप से पीने से शरीर को चमत्कारी लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कैसे घर पर इसे तैयार किया जा सकता है और इसके क्या फायदे हैं।

    ABC जूस क्या है

    ABC जूस जैसे कि इसके नाम से पता चलता है तीन प्रमुख तत्वों से बनता है आंवला विटामिन C का बेहतरीन स्रोत है और यह इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। चुकंदर रक्त संचार को सुधारता है और शरीर में खून की कमी एनीमिया को दूर करने में मदद करता है। गाजर में बीटा कैरोटीन और विटामिन A भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आंखों की सेहत और त्वचा के लिए लाभकारी होते हैं। यह जूस विटामिन, मिनरल्स आयरन, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को भीतर से स्वस्थ रखते हैं। अब जानते हैं इस जूस को घर पर कैसे तैयार किया जा सकता है।

    घर पर ABC जूस बनाने की सामग्री

    गाजर2 मध्यम आकार, चुकंदर1 छोटा आंवला 2-3 बीज निकाल कर, अदरक आधा इंच ऐच्छिकशहद 1 चम्मच ऐच्छिक पानी आधा कप ABC जूस बनाने का तरीका ।सब्जियों को धोएं और काटें सबसे पहले, गाजर और चुकंदर को अच्छी तरह से धोकर छील लें। फिर उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। आंवला को धोकर उसका बीज निकाल लें। मिक्सी जार में डालें अब गाजर, चुकंदर, आंवला और अदरक को मिक्सी जार में डालें।

    आप अदरक का इस्तेमाल स्वाद और पाचन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं हालांकि यह ऐच्छिक है। थोड़ा पानी डालें मिक्सी में डालने से पहले आधा कप पानी डालें ताकि मिश्रण आसानी से पिस सके। ब्लेंड करें अब सभी सामग्री को अच्छे से मिक्सी में ब्लेंड कर लें। आपको एक स्मूद जूस मिलेगा, जो पोषक तत्वों से भरपूर होगा।

    जूस को छाने यदि आप जूस का हल्का फाइबर चाहते हैं तो इसे जाली वाली छलनी या मलमल के कपड़े से छान सकते हैं। अगर आप फाइबर लेना पसंद करते हैं तो बिना छाने भी जूस पी सकते हैं। स्वाद बढ़ाने के लिए शहद डालें यदि आपको जूस का स्वाद थोड़ा मीठा चाहिए, तो आप इसमें एक चम्मच शहद डाल सकते हैं। शहद न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं।

    जूस बनाते ही पीना सबसे फायदेमंद होता है क्योंकि इससे विटामिन और पोषक तत्व पूरी तरह से शरीर में अवशोषित होते हैं। ABC जूस पीने के फायदे खून की कमी एनीमिया दूर करता है चुकंदर और आंवला खून बढ़ाने में मदद करते हैं। यह शरीर में आयरन का स्तर बढ़ाता है, जिससे एनीमिया जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

    इम्यूनिटी मजबूत करता है आंवला में विटामिन C की अधिक मात्रा होती है जो शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता इम्यूनिटी को मजबूत करता है और सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से बचाव करता है। त्वचा को ग्लो देता है और डिटॉक्स करता है गाजर और चुकंदर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की सेहत के लिए अच्छे होते हैं। यह डिटॉक्स करने में मदद करता है और त्वचा को ग्लो देता है।

    आंखों की रोशनी बढ़ाता है गाजर में विटामिन A होता है, जो आंखों के लिए फायदेमंद है और दृष्टि संबंधी समस्याओं से बचाता है पाचन शक्ति में सुधार अदरक जो इस जूस में ऐच्छिक रूप से डाला जाता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं को कम करता है। बालों की गुणवत्ता बेहतर करता है यह जूस बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

    कब और कितना पिएं

    सबसे अच्छा समय है सुबह खाली पेट एक गिलास ABC जूस पीना। इससे शरीर को सबसे अधिक लाभ मिलता है। इसके अलावा इसे हफ्ते में 4-5 दिन पीने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। अगर आपको जूस का स्वाद अच्छा लगता है तो आप इसे और दिनों में भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।ABC जूस एक बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ देने वाला ड्रिंक है जिसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। यह न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है बल्कि आपको सर्दियों में ताजगी और सेहतमंद रखने में भी मदद करता है।

  • 44 अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री को लिखी चिट्ठी, पाकिस्तान में लोकतंत्र पर चिंता जताई

    44 अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री को लिखी चिट्ठी, पाकिस्तान में लोकतंत्र पर चिंता जताई

    नई दिल्ली। अमेरिकी संसद के 44 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र लिखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान में सेना सरकार चला रही है और आम नागरिकों के अधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हो रहा है। विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिकों को भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर धमकियां मिल रही हैं। पत्र का नेतृत्व डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल और ग्रेग कासर ने किया। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान में तानाशाही बढ़ रही है। पत्रकारों को धमकाया जा रहा है, अगवा किया जा रहा है या देश छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है।

    प्रमुख घटनाएँ

    वर्जीनिया के जर्नलिस्ट अहमद नूरानी के दोनों भाइयों को पाकिस्तान में एक महीने से अधिक समय तक अगवा रखा गया। मशहूर संगीतकार सलमान अहमद के जीजा का अपहरण हुआ, जिन्हें अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद छोड़ा गया। विपक्षी नेताओं को बिना आरोप जेल में डाला जा रहा है। आम नागरिकों को सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट पर गिरफ्तार किया जा रहा है। महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और बलूचिस्तान के लोगों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं।

    2024 के चुनाव और धांधली

    सांसदों ने 2024 के आम चुनावों में भारी धांधली का जिक्र किया। स्वतंत्र संस्था की ‘पट्टन रिपोर्ट’ और अमेरिकी विदेश विभाग ने गड़बड़ी की पुष्टि की थी। पत्र में कहा गया कि चुनावों के जरिए सिर्फ एक कठपुतली सरकार बनाई गई है, जिसे वास्तव में सेना चलाती है। सेना के दबाव में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि आम नागरिकों के केस भी सैन्य अदालतों में चल सकते हैं।

    संभावित अमेरिकी प्रतिबंध

    वीजा बैन: अमेरिका में यात्रा पर पूर्ण रोक। संपत्ति जब्ती: अमेरिका या अमेरिकी प्रभाव वाले देशों में बैंक खाते और लेन-देन रोक ग्लोबल मैग्निट्सकी एक्ट के तहत। अमेरिकी–पाकिस्तानी उच्चस्तरीय बैठकें  आसिम मुनीर 2025 में दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले। सितंबर में शहबाज और मुनीर ने ट्रम्प से लगभग 1 घंटा 20 मिनट की बैठक की।

    इमरान खान और राजनीतिक कैदी

    अमेरिकी सांसदों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की। इमरान के परिवार को 27 दिन तक उनसे मिलने की अनुमति नहीं मिली; 2 दिसंबर को मिलने की इजाजत मिली। 27वां संवैधानिक संशोधन और सेना का प्रभाव 12 नवंबर को पास हुए 27वें संशोधन से सेना की ताकत बढ़ी और कोर्ट के अधिकार कम हुए।  फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को CDF बनाए जाने की योजना थी लेकिन अभी तक पद खाली है।पीएम शहबाज शरीफ ने नोटिफिकेशन पर साइन नहीं किया; इस बीच वे बहरीन और लंदन यात्रा पर गए।

  • पुतिन भारत दौरे पर रवाना: शाम को PM मोदी देंगे प्राइवेट डिनर; S-400 खरीद पर हो सकता है बड़ा समझौता, पाकिस्तानी जेट गिराने में है सक्षम

    पुतिन भारत दौरे पर रवाना: शाम को PM मोदी देंगे प्राइवेट डिनर; S-400 खरीद पर हो सकता है बड़ा समझौता, पाकिस्तानी जेट गिराने में है सक्षम


    नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच कल शुक्रवार को 9 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं जिसमें रक्षा सौदे प्रमुख होंगेभारत रूस से और ज्यादा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर डील कर सकता है।’ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान S-400 ने कई पाकिस्तानी जेट्स मार गिराए थे, जिसने भारत के लिए गेमचेंजर का काम किया।इसके अपडेटेड वर्जन S-500 को खरीदने को लेकर भी बातचीत हो सकती है।पुतिन के दौरे से ठीक पहले, भारत ने रूस से करीब 2 अरब डॉलर में परमाणु-संचालित अटैक सबमरीन पनडुब्बी 10 साल की लीज पर लेने की डील लगभग फाइनल कर ली है। यह सबमरीन भारतीय नौसैनिकों को ट्रेनिंग देने में मदद करेगी।
    रणनीतिक स्वायत्तता की असली परीक्षा
    पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पीएम मोदी अपनी वैश्विक भूमिका को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन भारत-अमेरिका संबंध ट्रम्प प्रशासन के लौटने के बाद सबसे खराब दौर में चले गए हैं।भारत की रणनीति रही है कि वह रूस को छोड़े नहीं और पश्चिमी देशों को भी नाराज न करे। मोदी के लिए यह संतुलन साधना अहम हैट्रम्प के लौटने के बाद भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ का मामला अभी भी अटका हुआ है, ऐसे में पुतिन का दौरा मोदी की रणनीतिक स्वतंत्रता की असली परीक्षा है। भारत को यह दिखाना होगा कि वह पुतिन का भरोसेमंद साझेदार है, लेकिन अमेरिका और यूरोप को भी पूरी तरह नाराज नहीं कर रहा है।

    रूस का दबदबा घटा, पर अभी भी सबसे बड़ा सप्लायर

    पिछले दस साल में भारत ने अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है, जिससे हथियारों की सप्लाई में रूस की हिस्सेदारी घटकर लगभग 36% रह गई है SIPRI रिपोर्ट। हालांकि, रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बना हुआ है, खासकर न्यूक्लियर सबमरीन, मिसाइल डिफेंस और विशेष तकनीक जैसे बड़े डिफेंस सिस्टम के लिए।

    2030 तक $100 अरब ट्रेड का लक्ष्य

    पुतिन दो दिवसीय दौरे पर 23वीं भारत-रूस समिट में भाग लेंगे, जिसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाना है।एनर्जी, इन्वेस्टमेंट, तकनीक और इंडस्ट्री।भारत रूस की मदद से कुडनकुलम  तमिलनाडु में न्यूक्लियर पावर प्लांट चला रहा है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने पर भी बात होगी।

    इंडियन वर्कर्स के लिए रूस में नौकरी और पेमेंट सिस्टम पर बात

    पुतिन के साथ 7 मंत्री और रूसी सेंट्रल बैंक के गवर्नर भी आ रहे हैं। इस दौरान दो बड़े मुद्दों पर बात हो सकती हैरूस में वर्कर्स की कमी के कारण, रूस चाहता है कि भारत से तकनीकी विशेषज्ञ, मेडिकल स्टाफ, इंजीनियर आदि आएं। भारत से 10 लाख स्किल्ड वर्कर्स को रूस में रोजगार देने के लिए मोबिलिटी पैक्ट हो सकता है।
    अमेरिका और यूरोपीय दबाव के कारण रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदने के पेमेंट में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए, रुपया-रूबल ट्रेड, डिजिटल भुगतान या किसी तीसरे देश के बैंक का इस्तेमाल जैसे नए पेमेंट सिस्टम बनाने पर सहमति बन सकती हैरूस, भारत को आर्कटिक रीजन की एनर्जी परियोजनाओं में निवेश का मौका भी दे सकता है।

    पुतिन करेंगे ज़्यादा तेल खरीद की डिमांड

    यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की रूस से तेल खरीद 2.5% से बढ़कर 35% हो गई थी, लेकिन अमेरिका के टैरिफ लगाने के बाद भारत ने यह खरीद कम कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन चाहते हैं कि भारत दोबारा बढ़-चढ़कर रूसी तेल खरीदे, जो दोनों देशों के व्यापार संतुलन के लिए अहम है।पुतिन दिल्ली के ITC मौर्य होटल में रुकेंगे, और दोनों नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत होगी।
  • पौष मास 2025: भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का महत्व

    पौष मास 2025: भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का महत्व



    नई दिल्ली ।
    हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना पौष मास धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु और सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। पौष मास में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं, जो भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए माने जाते हैं। इस महीने में खरमास की शुरुआत होती है और इसके साथ ही भक्त गुरु गोविंद सिंह जयंती, पुत्रदा एकादशी, कालाष्टमी, मासिक शिवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाते हैं। पौष मास को आम बोलचाल में पूष का महीना भी कहा जाता है।

    पौष मास 2025 की शुरुआत और प्रमुख व्रत

    पौष मास 2025 की शुरुआत 5 दिसंबर, शुक्रवार से हो रही है। इस दिन पौष कृष्ण प्रतिपदा तिथि है और साथ ही रोहिणी व्रत रखा जाएगा। रोहिणी व्रत उस समय मनाया जाता है जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है। यह व्रत जैन धर्म और हिंदू धर्म में समान रूप से महत्व रखता है। इसके बाद 7 दिसंबर, रविवार को पौष कृष्ण चतुर्थी के दिन अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत मनाया जाएगा। इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

    मध्य पौष मास: मासिक व्रत और त्यौहार

    11 दिसंबर, गुरुवार को कालाष्टमी व्रत और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वहीं 15 दिसंबर, सोमवार को पौष कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी होगी। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन में सफलता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। 16 दिसंबर, मंगलवार को धनु संक्रांति होगी, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे और खरमास की शुरुआत होगी। इसके अगले दिन 17 दिसंबर, बुधवार को बुध प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इसी तरह, 18 दिसंबर, गुरुवार को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी, जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है।

    पौष अमावस्या और अन्य महत्वपूर्ण तिथियां

    19 दिसंबर, शुक्रवार को पौष अमावस्या है, जो व्रत और दान के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इसके अलावा, 24 दिसंबर, बुधवार को विघ्नेश्वर चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। पौष शुक्ल चतुर्थी के दिन विघ्नेश्वर चतुर्थी का आयोजन होता है। 27 दिसंबर, शनिवार को गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह के जन्मोत्सव के रूप में पूरे श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इसके बाद 30 दिसंबर, मंगलवार को पौष शुक्ल एकादशी के रूप में पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को संतान सुख और परिवार की खुशहाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

    पौष पूर्णिमा और माघ मास की शुरुआत

    पौष मास का समापन 3 जनवरी 2026, शनिवार को पौष पूर्णिमा के साथ होगा। इस दिन से माघ स्नान की परंपरा प्रारंभ होती है। माघ मास में संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है। प्रयागराज सहित अन्य पवित्र स्थलों पर माघ मेले का आयोजन होता है, जहां हजारों श्रद्धालु कल्पवास और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

    पौष मास का धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश

    पौष मास में किए जाने वाले व्रत और त्यौहार जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आध्यात्मिक शांति और सामाजिक कल्याण लाने का माध्यम हैं। भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा  अन्न और धन का दान, पवित्र नदियों में स्नान करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि मन और आत्मा की शुद्धि भी होती है। पौष मास में श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए कर्म सौभाग्य और समृद्धि के लिए लाभकारी माने जाते हैं।

  • एशेज 2वें टेस्ट: रूट ने लगाई करियर की 59वीं सेंचुरी, स्टार्क को 6 विकेट मिले

    एशेज 2वें टेस्ट: रूट ने लगाई करियर की 59वीं सेंचुरी, स्टार्क को 6 विकेट मिले



    नई दिल्ली
    । इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में अपना लंबा इंतजार खत्म कर दिया और ब्रिस्बेन के द गाबा स्टेडियम में अपनी पहली ऑस्ट्रेलिया में सेंचुरी जमाई। रूट ने 181 गेंदों का सामना करते हुए यह शतक पूरा किया, जो उनके टेस्ट करियर का 40वां शतक भी साबित हुआ। हालांकि उनके लिए ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने की राह आसान नहीं रही और इसके लिए उन्हें 30 पारियों का लंबा इंतजार करना पड़ा। रूट के इस शतक ने इंग्लैंड को एशेज के दूसरे टेस्ट के पहले दिन मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लिश टीम ने 9 विकेट गंवाकर 325 रन बना लिए। रूट इस दौरान 135 रन पर नॉटआउट थे। उनके साथ जोफ्रा आर्चर ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और 32 रन नॉटआउट बनाकर टीम के स्कोर को संभाला।

    इंग्लैंड की शुरुआत में झटका

    इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन शुरुआती ओवरों में ही टीम को झटका लगा। केवल 5 रन पर दो विकेट गिर गए। बेन डकेट और ओली पोप दोनों बिना खाता खोले आउट हो गए, और उन्हें ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने पवेलियन भेजा। इसके बाद ओपनर जैक क्रॉली ने रूट के साथ शानदार साझेदारी निभाई। दोनों ने मिलकर 117 रन की पार्टनरशिप बनाई, जिसमें क्रॉली ने 76 रन बनाए। क्रॉली के आउट होने के बाद रूट ने बल्लेबाजी की कमान अपने हाथ में ली। उनके सामने हैरी ब्रूक 31, कप्तान बेन स्टोक्स 19 और जैमी स्मिथ बिना खाता खोले आउट हो गए।

    रूट का ऐतिहासिक शतक

    रूट ने अपने शतक के दौरान कई अहम पारियां खेलीं और स्कॉट बोलैंड की गेंद पर फाइन लेग की ओर चौका लगाकर 40वीं टेस्ट सेंचुरी पूरी की। उनके इस शतक ने इंग्लैंड को मुश्किल समय में संभाला और टीम के स्कोर को स्थिर किया। रूट की यह ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सेंचुरी इसलिए भी खास रही क्योंकि उन्होंने लंबे समय से इस उपमहाद्वीप में शतक बनाने का इंतजार कर रहे थे। इस शतक के साथ ही रूट का अंतरराष्ट्रीय करियर भी शानदार ढंग से आगे बढ़ा, जहां अब उनके नाम 59 अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज हो चुके हैं।

    मिचेल स्टार्क का कमाल

    ऑस्ट्रेलिया की तरफ से तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को घबराए रखा। स्टार्क ने पारी में 6 विकेट लिए और अपनी टीम को पहली पारी में बड़ा दबाव बनाने का मौका दिया। इसके अलावा, माइकल नेसर और स्कॉट बोलैंड ने 1-1 विकेट लिया, जबकि ब्रेंडन डॉगेट और कैमरन ग्रीन बिना सफलता के रहे। स्टार्क का यह प्रदर्शन पिंक-बॉल टेस्ट में लगातार छठी बार 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने अब 15 मैचों की 28 पारियों में कुल 87 विकेट ले लिए हैं और पिंक-बॉल टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं।

    दिन का सारांश और अगले कदम

    दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड ने 9 विकेट के नुकसान पर 325 रन बना लिए। रूट और आर्चर की नॉटआउट पारियों ने इंग्लैंड को पारी में मजबूती दी। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए स्टार्क का प्रदर्शन राहत की खबर था लेकिन इंग्लैंड ने रूट की शतकीय पारी की बदौलत खुद को मजबूत स्थिति में रखा।

    इंग्लैंड की प्लेइंग-11: जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स कप्तान, जैमी स्मिथ विकेटकीपर, विल जैक्स, गस एटकिंसन, ब्रायडन कार्स और जोफ्रा आर्चर।

    ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग-11: जैक वेदराल्ड, ट्रैविस हेड, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ कप्तान, कैमरन ग्रीन, जोश इंग्लिस, एलेक्स कैरी विकेटकीपर, माइकल नेसर, मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड और ब्रेंडन डॉगेट। इस पारी में जो रूट ने अपनी अनुभव और धैर्य का लोहा मनवाय जबकि मिचेल स्टार्क ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से हमला बरकरार रखा। अब यह देखना होगा कि दूसरे दिन खेल में कौन किस पर हावी होता है और मैच किस दिशा में मुड़ता है।

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: सत्यनारायण पूजा से लेकर स्नान-दान तक, जानें आज का पूरा महत्व और शुभ मुहूर्त

    मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: सत्यनारायण पूजा से लेकर स्नान-दान तक, जानें आज का पूरा महत्व और शुभ मुहूर्त


    नई दिल्ली । मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 आज श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। इस दिन सत्यनारायण पूजा स्नान-दान और व्रत से सौ गुना पुण्य तथा लक्ष्मी-नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 हिंदू धर्म के सबसे पावन पर्वों में से एक मानी जाती है, जिसे आज पूरे देश में श्रद्धा, भक्ति और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। यह तिथि भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान दान, मंत्र-जप और सत्यनारायण पूजन से साधारण दिनों की तुलना में कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।

    सत्यनारायण पूजा का शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषीय गणना के मुताबिक आज भगवान सत्यनारायण की विशेष पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक है। इसके अतिरिक्त शाम को 5 बजकर 21 मिनट से 5 बजकर 49 मिनट तक का समय भी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

    स्नान-दान का शुभ समय

    पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य के लिए सुबह 6 बजकर 54 मिनट से 9 बजकर 51 मिनट तक का समय सबसे उत्तम बताया गया है। इस दौरान श्रद्धालु गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान कर दान करते हैं और पुण्य फल की कामना करते हैं।

    क्यों खास है मार्गशीर्ष मास

    मार्गशीर्ष मास का हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व है। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं जिससे इस महीने की पवित्रता और भी बढ़ जाती है। माना जाता है कि इस महीने में की गई साधना जप तप और दान का प्रभाव शीघ्र फल देता है।

    सत्यनारायण पूजा और व्रत की विधि

    मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भक्त प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं, व्रत का संकल्प लेते हैं और भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की विधि-विधान से पूजा करते हैं। कई श्रद्धालु पूरे दिन निर्जल व्रत रखते हैं जबकि कुछ फलाहार व्रत करते हैं। संध्या समय सत्यनारायण व्रत कथा का श्रवण करना अनिवार्य माना गया है।

    दान-पुण्य का विशेष महत्व
    मार्गशीर्ष पूर्णिमा को दान-पुण्य के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन अन्न, वस्त्र तिल घी सोना और धन का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कई जगहों पर गौ-दान की परंपरा भी निभाई जाती है, जिसे अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है।

    पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान

    इस तिथि पर पितरों के लिए तर्पण और पिंड-दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं, जिससे वंश में सुख-शांति और उन्नति बनी रहती है।

    पुराणों में वर्णित महत्व

    नारद पुराण और स्कंद पुराण में मार्गशीर्ष पूर्णिमा के महत्व का विशेष उल्लेख मिलता है। इन ग्रंथों के अनुसार इस दिन किया गया प्रत्येक पुण्य कर्म सौ गुना फल देता है। यही कारण है कि यह तिथि साधकों और भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का श्रेष्ठ अवसर मानी जाती है।

    चंद्र दर्शन का धार्मिक महत्व

    पूर्णिमा की रात चंद्र दर्शन कर भगवान को अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना गया है। चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक ग्रह है, इसलिए उसका पूजन करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

    मार्गशीर्ष पूर्णिमा का आध्यात्मिक संदेश

    कुल मिलाकर मार्गशीर्ष पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि ईश्वर से जुड़ाव और परोपकार का भी दिन है। इस दिन सत्यनारायण पूजन दान-पुण्य और पितृ तर्पण के माध्यम से भक्त अपने जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक बदलाव की कामना करते हैं।

  • कंगना रनौत, महुआ मोइत्रा और सुप्रिया सुले का डांस रिहर्सल, नवीन जिंदल की बेटी की शादी में राजनीति और बॉलीवुड का अद्भुत मिलाजुला तड़का

    कंगना रनौत, महुआ मोइत्रा और सुप्रिया सुले का डांस रिहर्सल, नवीन जिंदल की बेटी की शादी में राजनीति और बॉलीवुड का अद्भुत मिलाजुला तड़का


    नई दिल्ली । राजनीति और बॉलीवुड के बीच के रिश्ते कभी-कभी रोचक और अनूठे होते हैं और जब दोनों का संगम किसी खास अवसर पर होता है तो वह चर्चा का विषय बन जाता है। ऐसा ही कुछ हाल ही में हुआ, जब अभिनेता से सांसद बनी कंगना रनौत टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने नवीन जिंदल की बेटी की शादी के संगीत समारोह के लिए डांस रिहर्सल की। इस रिहर्सल का एक झलक कंगना ने सोशल मीडिया पर साझा की जिसमें राजनीति और बॉलीवुड का यह अनोखा संगम दिखाई दिया।

    कंगना रनौत जो हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद हैं, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं और अपनी लाइफ के अपडेट्स साझा करती रहती हैं। बुधवार को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें वह और उनकी साथी सांसद महुआ मोइत्रा और सुप्रिया सुले साथ में डांस रिहर्सल करते हुए दिखाई दे रही थीं। यह तस्वीर देखकर फैंस ने राजनीति और बॉलीवुड का यह संगम देखकर बहुत हैरानी जताई। इसके साथ ही कंगना ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा साथी सांसदों के साथ कुछ फिल्मी पल नवीन जिंदल जी की बेटी की शादी के संगीत समारोह की रिहर्सल कर रही हूं।

    राजनीति और बॉलीवुड का यह संगम

    कंगना रनौत का फिल्मी करियर शानदार रहा है और वह अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए भी जानी जाती हैं। इसके अलावा राजनीति में भी कंगना ने अपनी पैठ बनाई है जब से उन्होंने 2021 में हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश की और जीत हासिल की। वह बीजेपी की समर्थक रही हैं और इस पार्टी के साथ मिलकर कार्य करती हैं।

    महुआ मोइत्रा और सुप्रिया सुले दोनों ही अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, जो अपने तीखे बयानों और मुखर व्यक्तित्व के लिए प्रसिद्ध हैं। महुआ मोइत्रा टीएमसी पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं जबकि सुप्रिया सुले एनसीपी से जुड़ी हैं। इन दोनों नेताओं के साथ कंगना का डांस रिहर्सल करना एक अजीब लेकिन दिलचस्प मोड़ है। यह तस्वीर राजनीतिक दलों से अलग-थलग कार्यरत इन नेताओं का एक सकारात्मक और गैर-राजनीतिक रूप प्रस्तुत करती है।

    नवीन जिंदल जो कि जिंदल स्टील एंड पावर के अध्यक्ष हैं, इस विवाह समारोह के आयोजनकर्ता हैं। वह एक ऐसे व्यवसायी हैं जो राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने 2004 में कांग्रेस से सांसद के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। लेकिन 2024 में कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था।

    फिल्मी और राजनीतिक तालमेल

    कंगना रनौत के बारे में बात करें तो, वह फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी खासा सक्रिय हो चुकी हैं। हाल ही में वह “इमरजेंसी” फिल्म में दिखाई दी थीं, जिसमें उन्होंने भारतीय राजनीति के इतिहास के एक महत्वपूर्ण समय को पर्दे पर उतारा था। फिल्मी करियर में रानी तानाजी मणिकर्णिका जैसी हिट फिल्मों का हिस्सा रही कंगना अब राजनीति में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं।

    कंगना ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान यह भी कहा था कि वह राजनीति में जनता की सेवा करना चाहती हैं। वह कम फिल्मों में काम कर रही हैं लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता उन्हें अक्सर खबरों में बनाए रखती है। कंगना की यह भूमिका एक नई दिशा को संकेत देती है जिसमें वह न सिर्फ फिल्मों की दुनिया बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी जगह बना रही हैं।

    शादी का आयोजन और उम्मीदें

    नवीन जिंदल की बेटी की शादी को लेकर चर्चा हो रही है कि यह एक भव्य आयोजन हो सकता है जिसमें राजनीति और बॉलीवुड के कई दिग्गज शामिल हो सकते हैं। इस शादी के संगीत समारोह में कंगना रनौत महुआ मोइत्रा और सुप्रिया सुले के अलावा कई अन्य प्रमुख नेता भी हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा बॉलीवुड के कुछ प्रमुख सितारे भी इस आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं जो इसे और भी खास बना देगा।

    इस तरह के आयोजनों में राजनीति और बॉलीवुड के बीच की दीवारें धुंधली हो जाती हैं, और यह साबित होता है कि दोनों ही दुनिया में एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना है। कंगना रनौत और अन्य नेताओं का साथ में डांस करना यह दिखाता है कि लोग अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के बावजूद कुछ अच्छे और सकारात्मक वक्त बिता सकते हैं।

    कुल मिलाकर यह शादी न केवल राजनीतिक और बॉलीवुड के महत्वपूर्ण चेहरों का मिलन होगी बल्कि यह एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपने व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जिंदगी में संतुलन बनाए रख सकते हैं।

  • रोहित-कोहली के भविष्य पर हरभजन का खुला बयान, सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय

    रोहित-कोहली के भविष्य पर हरभजन का खुला बयान, सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय

    नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में रोहित शर्मा और विराट कोहली के भविष्य को लेकर चिंता जताई है। हरभजन का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में निर्णय ले रहे हैं जिन्होंने अपने करियर में कुछ खास हासिल नहीं किया।

    हालांकि हरभजन ने उम्मीद जताई कि रोहित और कोहली 2027 में होने वाले वनडे विश्व कप तक खेलते रहेंगे। वर्तमान में रोहित 38 वर्ष के और विराट कोहली 37 वर्ष के हैं, और ये दोनों केवल वनडे प्रारूप में सक्रिय हैं। उनके वनडे विश्व कप तक खेलते रहने को लेकर अभी टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है।

    हरभजन ने जताई अपनी चिंता

    हरभजन ने कहा  ये मेरी समझ से परे है। मैं इसका जवाब नहीं दे पाऊंगा। मैं खुद खिलाड़ी रहा हूं और जो मैं देख रहा हूं, वह मेरे साथ भी हुआ है। कई साथियों के साथ ऐसा हुआ, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में 417 विकेट लेने वाले इस स्पिनर ने कोहली और रोहित के साथ किए जा रहे व्यवहार पर कहा, जब मैं विराट कोहली जैसे खिलाड़ी को देखता हूं, जो अभी भी शानदार प्रदर्शन कर रहा है, तो मुझे बहुत खुशी होती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके भविष्य के बारे में फैसला ऐसे लोग कर रहे हैं जिन्होंने अपने करियर में कुछ खास हासिल नहीं किया।

    रोहित-कोहली युवा पीढ़ी के लिए मिसाल हैं

    हरभजन ने उम्मीद जताई कि वनडे विश्व कप तक रोहित और कोहली शानदार फॉर्म में रहेंगे और युवा खिलाड़ियों के लिए मानक स्थापित करेंगे। उन्होंने दोनों खिलाड़ियों के हालिया प्रदर्शन की भी तारीफ की।  विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू मैदान पर लगातार दो शतक लगाए हैं जबकि रोहित शर्मा ने पिछली चार पारियों में दो अर्धशतक और एक शतक बनाया। हरभजन ने कहा, उन्होंने हमेशा रन बनाए हैं और भारत के लिए लगातार अच्छा योगदान दिया है। उन्होंने बल्लेबाज के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है और टीम के कप्तान भी रहे हैं।

    हरभजन ने जोड़ते हुए कहा

    वे युवा पीढ़ी के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं और दिखा रहे हैं कि चैंपियन बनने के लिए क्या करना पड़ता है। इसलिए विराट कोहली और रोहित शर्मा को सही उदाहरण पेश करने के लिए बधाई।
  • पूनम के भीतर किसी और की आवाज आत्मा आने’ और अजीब हरकतों पर परिवार ने बताए डरावने किस्से

    पूनम के भीतर किसी और की आवाज आत्मा आने’ और अजीब हरकतों पर परिवार ने बताए डरावने किस्से


    हरियाणा । हरियाणा के पानीपत जिले के भावड़ गांव में एक खौ़फनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां एक साधारण और शांत बहू पूनम ने चार मासूमों की हत्या की। इस दिल दहला देने वाले मामले ने न केवल उसकी परिवारिक छवि को ध्वस्त किया बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या वह मानसिक रूप से अस्वस्थ थी या फिर उसकी यह हिंसक प्रवृत्ति कुछ और ही थी।

    पूनम जो 2023 से पहले तक एक सामान्य महिला मानी जाती थी, के व्यवहार में अचानक बदलाव आया था। उसके परिवार के सदस्य बताते हैं कि कभी-कभी पूनम का चेहरा और आचरण बिल्कुल बदल जाता था, और वह गुस्से में कहती सबका नाश कर दूंगी जैसे उसके अंदर कोई और बोल रहा हो। उसकी इस अजीब हरकत को देखकर परिवार को लगता था कि शायद वह मानसिक असंतुलन का शिकार हो रही है। हालांकि उस समय किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

    पूनम की मानसिक स्थिति के बारे में उसके परिवार के लोग अब खुलकर बयान दे रहे हैं। पूनम ने अपनी जेठानी की छह साल की बेटी विधि को जानबूझकर गर्म चाय गिराकर घायल कर दिया था और जब इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने कहा ये बड़ी होकर बहुत खूबसूरत हो जाती इसलिए इसका चेहरा जला दिया। इसके बाद वह अपनी हरकतों को छिपाने की बजाय एक सामान्य व्यक्तित्व दिखाती थी जिससे परिवार और आसपास के लोग उसे कभी भी शक की निगाह से नहीं देख पाए।

    पूनम की पढ़ाई भी काफी अच्छी थी, उसने एमए पॉलिटिकल साइंस और B.Ed किया था। लेकिन उसकी बाहरी छवि के विपरीत वह अंदर से हिंसक और अस्वस्थ मानसिकता की हो गई थी। 2023 में उसने अपनी ननद की 11 साल की बेटी इशिका को पानी में डुबोकर मार डाला, और उसके बाद अपने बेटे शुभम को भी उसी तरह डुबोकर हत्या कर दी। पूनम ने इसे हादसा बताकर सबको गुमराह किया लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि एक मां अपने ही बच्चे की जान ले सकती है।

    इसके बाद 2025 में पूनम ने अपनी मायके गई भतीजी जिया और फिर जेठानी की बेटी विधि की हत्या की। जिया को पूनम ने पानी से भरे टब में दबाकर मार डाला और विधि की हत्या भी उसी तरीके से की। पुलिस ने जब घटना की जांच शुरू की, तो कई चीजें संदिग्ध लगीं। विशेष रूप से, यह तथ्य कि हर बार हत्या के समय पूनम ही आसपास थी और उसकी हरकतें बहुत अजीब थीं।

    पुलिस की पूछताछ में पूनम ने कबूल किया कि उसे सुंदर बच्चों से जलन होती थी, और वह उन्हें मारकर शांति महसूस करती थी। उसने यह भी कहा कि किसी और की आत्मा उसके शरीर में सवार हो जाती थी, जिससे वह यह घिनौनी हत्या करने पर मजबूर हो जाती थी। पूनम ने पुलिस को बताया कि उसने चार हत्याएं कीं इशिका ननद की बेटी शुभम अपना बेटा जिया मायके की भतीजी और विधि जेठानी की बेटी।

    पूनम के परिवार में लोग अब भी यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनके बीच की शांत और समझदार बहू इतनी निर्दयी हो सकती थी। उसकी सास का कहना है कि उन्होंने हमेशा उसे बेटी की तरह प्यार किया था और अब वह खुद को दोषी महसूस कर रही हैं कि उन्होंने उसके मानसिक असंतुलन को समय रहते नहीं पहचाना। गांव के लोग भी बताते हैं कि पूनम के चेहरे पर अक्सर एक अजीब सा बदलाव आ जाता था जैसे किसी और की आत्मा उस पर सवार हो जाती थी।

    पुलिस ने पूनम की मानसिक स्थिति का मेडिकल परीक्षण कराने की योजना बनाई है लेकिन उसकी बाद हत्या के बाद का शांत और सामान्य व्यवहार एक खतरनाक मानसिक बीमारी या सायकोसिस जैसी स्थिति का संकेत देता है। इस मामले में अभी भी कई सवाल उठते हैं और जांच जारी है ताकि यह पता चल सके कि पूनम के अपराध के पीछे का असली कारण क्या था।

  • सरकार 8वें वेतन आयोग पर लेकर आ सकती है बड़ा फैसला, 2026-27 से लागू होने की चर्चा तेज

    सरकार 8वें वेतन आयोग पर लेकर आ सकती है बड़ा फैसला, 2026-27 से लागू होने की चर्चा तेज


    नई दिल्ली
    । केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी से भरी बड़ी अपडेट सामने आई है। लंबे इंतज़ार के बाद 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। नवंबर 2025 में आयोग का गठन औपचारिक रूप से पूरा हो चुका है और इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस को केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है। इसी के साथ कर्मचारी वर्ग के बीच यह उम्मीद और भी मजबूत हो गई है कि उनकी सैलरी और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी अब ज्यादा दूर नहीं।

    सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बार आयोग की सिफारिशें 2026 के अंत से 2027 की शुरुआत के बीच लागू की जा सकती हैं। ऐसे समय में जब महंगाई लगातार लोगों की जेब पर भार डाल रही है, यह वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत की बड़ी सौगात साबित हो सकती है।

    आयोग को रिपोर्ट तैयार करने में 18–24 महीने लगने का अनुमान

    8वें वेतन आयोग को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए शुरुआत में 18 महीने दिए गए हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि काम की व्यापकता और विभिन्न मंत्रालयों से डेटा इकट्ठा करने में आयोग को 18 से बढ़कर 24 महीने तक भी लग सकते हैं   फिलहाल, वेतन ढांचे, भत्तों और पेंशन से जुड़े अधिकतर आंकड़े इकट्ठा किए जा चुके हैं। आयोग विभिन्न कर्मचारी संगठनों, केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों से फीडबैक भी ले रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि रिपोर्ट का निर्माण तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

    कब बढ़ेगी सैलरी और पेंशन?

    वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ स्वप्निल अग्रवाल के मुताबिक, किसी भी वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में सरकार को रिपोर्ट मिलने के बाद 12 से 24 महीने लग जाते हैं। 7वें वेतन आयोग को लागू होने में लगभग 29 महीने लगे थे। इसी पैटर्न के आधार पर माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 के अंत या 2027 की पहली तिमाही में लागू हो सकती हैं। इसके लागू होने पर: बेसिक पे, महंगाई भत्ता DA, मकान किराया भत्ता HRA ट्रांसपोर्ट एवं अन्य भत्ते पेंशन  इन सभी में एक साथ बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

    UP चुनाव से पहले बड़ा ऐलान संभव?

    राजनीतिक हलकों में भी वेतन आयोग की चर्चा तेज़ है। 2027 के फरवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं। विश्लेषकों का कहना है कि बड़ा कर्मचारी वर्ग होने के कारण UP में वेतन आयोग का प्रभाव काफी अहम होगा।इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सरकार चुनाव से पहले वेतन आयोग लागू कर कर्मचारी समुदाय को बड़ी राहत दे सकती है। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि अगर पूरी रिपोर्ट लागू करना संभव नहीं हुआ, तो सरकार अंतरिम राहत के तौर पर बेसिक पे में आंशिक बढ़ोतरी भी कर सकती है।

    क्या आयोग को स्थगित करने की संभावना है?

    विशेषज्ञों का मानना है कि अब 8वें वेतन आयोग को टालना लगभग असंभव है। आयोग का गठन हो चुका है। ToR मंजूर हो चुके हैं । सरकार पहले ही 1 जनवरी 2026 से इसे लागू करने का लक्ष्य तय कर चुकी है। साथ ही दिसंबर 2027 में राजस्थान चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव भी सरकार के कैलेंडर को प्रभावित करते हैं। ऐसे में आयोग को समय से लागू करना ही सरकार के लिए अधिक व्यावहारिक माना जा रहा है।

    लागू होने पर किन चीजों में होगा बदलाव?

    8वें वेतन आयोग के लागू होते ही सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की आय में कई बड़े परिवर्तन होने वाले हैं: बेसिक सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि, DA की नई दरें HRA का पुनर्गठन ट्रांसपोर्ट व अन्य अलाउंस सुधार  पेंशन में बड़ा उछाल  कुछ पुराने भत्ते हटाने और नए जोड़ने की संभावना

    इससे कुल मासिक आय में अच्छा खासा सुधार आएगा।

    कुल मिलाकर, 8वें वेतन आयोग का काम अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार आगे बढ़ा, तो 2026–27 तक करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स की आय में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इससे न केवल उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि घरेलू उपभोग बढ़ने से अर्थव्यवस्था में भी नई गति आने की उम्मीद है।