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  • SIR पर बवाल: बंगाल में BLOs का चुनाव आयोग के सामने प्रदर्शन, ममता बनर्जी ने किया समर्थन

    SIR पर बवाल: बंगाल में BLOs का चुनाव आयोग के सामने प्रदर्शन, ममता बनर्जी ने किया समर्थन


    नई दिल्ली/कोलकाता।पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR-Special Intensive Revision) को लेकर राजनीतिक घमासान और तनाव चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को बूथ स्तरीय अधिकारियों BLO ने कोलकाता के मुख्य निर्वाचन अधिकारी CEO कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जो देर रात तक जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने और दफ्तर में घुसने की कोशिश की, जिसके दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई भी हुई।

    पुलिस से झड़प और दफ्तर में घुसने की कोशिश

    बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के सदस्य उत्तरी कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से जुलूस निकालते हुए CEO कार्यालय पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय के मुख्य द्वार को घेर लिया और प्रतीकात्मक रूप से ताले व बेड़ियां लगाईं। पुलिस ने बैरिकेड लगाकर दफ्तर की सुरक्षा की, लेकिन प्रदर्शनकारी BLO ने अवरोधक तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान तीखी झड़प हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण बन गया।

    प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि निर्वाचन आयोग BLO पर अत्यधिक और अमानवीय कार्य दबाव डाल रहा है। समिति ने बताया कि तनाव के कारण कई BLO बीमार पड़ रहे हैं और दो ने तो आत्महत्या तक की। मुर्शिदाबाद से आए एक प्रदर्शनकारी ने कहा, पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया, जो आमतौर पर दो साल में पूरी होती है, अब केवल दो महीनों में पूरी कराई जा रही है। अगर सीओ ने हमारी बात नहीं सुनी, तो हम पूरी रात विरोध करेंगे और कल फिर आएंगे।

    ममता बनर्जी ने दिया BLO का समर्थन

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संवेदनशील मामले पर सीधे हस्तक्षेप किया है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर SIR प्रक्रिया पर गंभीर चिंता व्यक्त की। ममता ने इसे अनियोजित, अव्यवस्थित और खतरनाक बताते हुए कहा कि प्रशिक्षण की कमियों, दस्तावेजीकरण की अस्पष्टता और मतदाताओं तक पहुंचने में कठिनाई ने BLO पर दबाव बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने चेताया कि यदि BLO को उचित समय और संसाधन नहीं मिले तो मतदाता सूची का पुनरीक्षण विवाद और तनाव का कारण बन सकता है।

    BJP ने लगाया TMC के गुंडों का आरोप
    वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उत्तर कोलकाता ज़िला अध्यक्ष तमोघना घोष ने कहा कि जो लोग सीईओ कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे थे, वे वास्तविक BLO नहीं थे बल्कि टीएमसी के गुंडे थे। उनका दावा है कि ये लोग आधी रात को कार्यालय में छेड़छाड़ और भय फैलाने आए थे।

    SIR प्रक्रिया देशभर में जारी

    सचेत रहना यह आवश्यक है कि यह SIR कवायद केवल पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है। देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच और अद्यतन का काम 4 नवंबर से शुरू हुआ है और 4 दिसंबर तक चलेगा। अंतिम सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।BLO अधिकार समिति ने चेताया है कि यदि कार्य की समय-सीमा नहीं बढ़ाई गई या सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वे निरंतर विरोध और प्रदर्शन कार्यक्रम शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।
    इस प्रदर्शन ने SIR प्रक्रिया की संवेदनशीलता को उजागर किया है और दिखा दिया कि BLO की मुश्किलें केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि जीवन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। अब सबकी निगाहें निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वे इस विवाद को किस तरह सुलझाते हैं।

  • आज सोने के दामों में जबरदस्त तेजी! MCX पर ₹1,200 की उछाल, दिल्ली‑लखनऊ में कीमतें हुई बढ़त पर

    आज सोने के दामों में जबरदस्त तेजी! MCX पर ₹1,200 की उछाल, दिल्ली‑लखनऊ में कीमतें हुई बढ़त पर

    नई दिल्ली। घरेलू फ्यूचर मार्केट में आज, 25 नवंबर 2025, सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर शुरुआती कारोबार में सोना ₹1,200 से अधिक महंगा हो गया, जिससे शादियों के सीजन में खरीदारी करने वालों के लिए यह दिन खासा खर्चीला साबित हो सकता है।
    MCX पर 5 दिसंबर एक्सपायरी वाला गोल्ड फ्यूचर वायदा आज ₹1,25,124 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले बंद भाव ₹1,23,854 की तुलना में लगभग ₹1,270 का उछाल दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में मजबूत मांग और घरेलू बाजार में बढ़ती खरीदारी की वजह से सोने में यह तेजी आई है।

    फ्यूचर मार्केट में सोना-चांदी की चाल:
    आज सुबह 10:40 बजे तक सोने और चांदी की कीमतें इस प्रकार थीं। कमोडिटी शुरुआती कीमत MCX मौजूदा कीमत पिछली बंद कीमत से उछाल। सोना 5 दिसंबर ₹1,24,789/10 ग्राम ₹1,25,124/10 ग्राम लगभग ₹1,270 हाई ₹1,25,291 चांदी ₹1,57,162/किलोग्राम ₹1,56,950/किलोग्राम लगभग ₹2,400

    विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी दोनों में यह तेजी वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की मजबूत मांग को दर्शाती है। खासकर शादियों और त्योहारी सीजन के दौरान निवेश और गहनों की मांग बढ़ने से कीमतों में यह उछाल आया है।

    आपके शहर में आज का सोने-चांदी का रेट

    गुड रिटर्न के अनुसार, देश के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने के आज के खुदरा दाम प्रति 10 ग्राम इस प्रकार हैं:
    शहर 24 कैरेट सोना 22 कैरेट सोना
    दिल्ली / लखनऊ ₹1,27,190 ₹1,16,600
    मुंबई / कोलकाता ₹1,27,040 ₹1,16,450
    चेन्नई ₹1,27,860 ₹1,17,200
    अहमदाबाद / पटना ₹1,27,090 ₹1,16,500
    हैदराबाद ₹1,27,040 ₹1,16,450
    यह बढ़ोतरी दिखाती है कि सोना और चांदी अभी भी निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बने हुए हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में निवेश सुरक्षित और दीर्घकालीन लाभ देने वाला माना जाता है।

    विशेषज्ञों की राय और निवेश सुझाव

    विशेषज्ञों के अनुसार, सोने में निवेश अभी भी सुरक्षित है क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच भी बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है। वहीं, चांदी में भी लगातार मजबूत मांग के संकेत मिल रहे हैं  जिससे यह  अल्टरनेटिव  निवेश  के रूप में उभर रही है। शादी और त्यौहार के  सीजन में उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि सोने की खरीदारी समय पर और सही भाव में करें क्योंकि कीमतों में रोजाना बदलाव देखने को मिल सकता है।
    आज की तेजी के साथ ही यह साफ हो गया है कि सोना और चांदी का बाजार अभी मजबूत स्थिति में है और निवेशकों तथा खरीदारों के लिए यह समय सोच-समझकर कदम उठाने का है।

  • मोक्षदा एकादशी 2025: व्रत की सही तिथि और मोक्षदायक मंत्र की जानकारी

    मोक्षदा एकादशी 2025: व्रत की सही तिथि और मोक्षदायक मंत्र की जानकारी



    नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना का विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन किया गया व्रत न केवल सुख-समृद्धि प्रदान करता है, बल्कि मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस वर्ष, मोक्षदा एकादशी 2025 को लेकर भक्तों में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, व्रत का सही समय उदय तिथि सूर्य के अनुसार को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है।

    मोक्षदा एकादशी 2025: तिथि और पारण

    आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार इस वर्ष मोक्षदा एकादशी की तिथि इस प्रकार है:

    एकादशी तिथि आरंभ: 30 नवंबर 2025, रात 9 बजकर 29 मिनट

    एकादशी तिथि समाप्त: 1 दिसंबर 2025, शाम 7 बजकर 01 मिनट

    व्रत का दिन: 1 दिसंबर 2025 सोमवार उदय तिथि को ध्यान में रखते हुए व्रत 1 दिसंबर को रखा जाएगा। पारण का समय अगले दिन सुबह शुभ मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है। पारण से पहले किसी ब्राह्मण को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

    मोक्षदा एकादशी व्रत में ये काम न करें

    मोक्षदा एकादशी का व्रत पूर्ण फल देने के लिए नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। कुछ प्रमुख नियम इस प्रकार हैं: एकादशी से पूर्व की रात 30 नवंबर की शाम में सूर्यास्त के बाद भोजन न करें।व्रत के दौरान मन को शांत रखें और किसी के प्रति क्रोध, द्वेष या नकारात्मक भावना न रखें। इस दिन किसी की निंदा करना वर्जित है। मोक्षदा एकादशी के दिन अनाज का सेवन पूर्णतया वर्जित है विशेष रूप से चावल का सेवन न करें। यदि व्रत न कर पाएं तो भी कम से कम चावल बिल्कुल न खाएं।

    मोक्ष और समृद्धि के लिए मंत्र

    मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कुछ प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं

    भगवान धन्वंतरि स्वास्थ्य मंत्र

    ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात्॥
    ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात्॥
    भगवान विष्णु का ध्यान मंत्र
    शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
    कुबेर धन मंत्र
    ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
    धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
    व्रत का पारण
    व्रत का पारण अगले दिन सुबह शुभ मुहूर्त में किया जाता है। पारण से पूर्व किसी ब्राह्मण को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।मोक्षदा एकादशी का यह दिन धार्मिक आस्था, समृद्धि और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक है। भक्तों के लिए यह अवसर केवल व्रत रखने का नहीं, बल्कि मन, वचन और कर्म में शुद्धता लाने का भी अवसर है। इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना, नियम पालन और मंत्र जाप से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि घर में सुख, समृद्धि और शांति भी बनी रहती है।

  • भारत-पाक की टक्कर तय: टी20 वर्ल्ड कप 2026 का शेड्यूल हुआ जारी

    भारत-पाक की टक्कर तय: टी20 वर्ल्ड कप 2026 का शेड्यूल हुआ जारी

    नई दिल्ली/ टी20 वर्ल्ड कप 2026 का शेड्यूल सामने आते ही सबसे अधिक चर्चा जिस मुकाबले को लेकर हो रही है वह है भारत बनाम पाकिस्तान। क्रिकेट प्रेमियों का लंबे समय से इंतजार खत्म होने वाला है। दोनों टीमें 15 फरवरी 2026 को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में आमने-सामने होंगी। यह भारत का ग्रुप स्टेज का तीसरा मैच होगा और इसे देखते ही फैंस का रोमांच चरम पर पहुंचने वाला है। 2025 एशिया कप के तीन रोमांचक मुकाबलों के बाद यह पहली बार है जब दोनों टीमें टी20 फॉर्मेट में भिड़ेंगी। इसलिए इस मैच को क्रिकेट जगत में पहले से ही महामुकाबला कहा जा रहा है।

    भारत का ग्रुप और शेड्यूल

    ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार, भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में रखा गया है। इस ग्रुप में यूएसए, नामीबिया और नीदरलैंड्स भी शामिल हैं। भारत के ग्रुप स्टेज के संभावित मैच इस प्रकार हैं:

    7 फरवरी, मुंबई: भारत vs यूएसए टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच

    12 फरवरी, दिल्ली: भारत vs नामीबिया

    15 फरवरी, कोलंबो: भारत vs पाकिस्तान

    18 फरवरी, अहमदाबाद: भारत vs नीदरलैंड्स ग्रुप स्टेज से सुपर-8 और फिर नॉकआउट राउंड तक का रोमांच दर्शकों को बेहद रोमांचक नजर आने वाला है।

    टी20 वर्ल्ड कप 2026 का फॉर्मेट

    इस टूर्नामेंट की सह-आयोजनकर्ता देश भारत और श्रीलंका होंगे। प्रतियोगिता 7 फरवरी से 8 मार्च 2026 तक खेली जाएगी। टूर्नामेंट का फॉर्मेट इस प्रकार होगा:

    कुल 20 टीमें हिस्सा लेंगी

    5 ग्रुप, हर ग्रुप में 4 टीमें

    ग्रुप की टॉप-2 टीमें सुपर-8 में प्रवेश करेंगी

    सुपर-8 के बाद नई ग्रुपिंग

    सुपर-8 के टॉप-4 टीमों के लिए सेमीफाइनल

    अंत में फाइनल मुकाबला यह फॉर्मेट 2024 टी20 वर्ल्ड कप जैसा ही है, जिसने रोमांच और प्रतिस्पर्धा की नई ऊंचाई तय की थी।

    भारत के नॉकआउट मैच और संभावित स्थान

    अगर भारत ग्रुप स्टेज पार कर लेता है, तो उसके सुपर-8 के मैच अहमदाबाद, चेन्नई और कोलकाता में आयोजित किए जा सकते हैं। वहीं, भारत का संभावित सेमीफाइनल मुंबई में आयोजित होने की योजना है। दूसरा सेमीफाइनल कोलंबो या कोलकाता में शिफ्ट किया जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि श्रीलंका या पाकिस्तान आगे बढ़ते हैं या नहीं। फाइनल मुकाबला अहमदाबाद में होगा, लेकिन अगर पाकिस्तान फाइनल में पहुंचता है, तो इसे कोलंबो स्थानांतरित करने पर भी विचार किया जा सकता है। टी20 वर्ल्ड कप 2026 में भाग लेने वाली टीमें ।
    इस टूर्नामेंट में कुल 20 टीमें खिताब के लिए उतरेंगी। ये टीमें हैं:

    भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड

    नामीबिया, नीदरलैंड्स, यूएसए, वेस्ट इंडीज, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, आयरलैंड

    कनाडा, इटली, जिम्बाब्वे, नेपाल, ओमान और यूएई इन सभी टीमों के बीच रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे, और हर मैच फैंस के लिए उत्साह बढ़ाने वाला होगा।

    भारत का लक्ष्य: खिताब का बचाव

    भारत ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ्रीका को हराकर खिताब अपने नाम किया था। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने इस प्रतियोगिता में दुनिया के सामने अपनी क्षमता साबित की। 2026 में टीम का लक्ष्य एक बार फिर खिताब बचाए रखना होगा।

    क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान मुकाबला हमेशा ही टी20 फैंस के लिए सबसे ज्यादा रोमांचक साबित होता है। इस बार भी यह मैच ना केवल भारत-पाकिस्तान के बीच प्रतिस्पर्धा बल्कि पूरे टूर्नामेंट के सिर्फ सबसे बड़े और हाईवोल्टेज मुकाबले में से एक होगा।

  • भारत का चीन पर तीखा प्रहार: अरुणाचल महिला को 18 घंटे रोके रखने पर मुआवज़े की मांग

    भारत का चीन पर तीखा प्रहार: अरुणाचल महिला को 18 घंटे रोके रखने पर मुआवज़े की मांग


    नई दिल्ली
    भारत ने चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जब शंघाई के पुडोंग एयरपोर्ट पर एक अरुणाचल प्रदेश की भारतीय महिला यात्री को 18 घंटे तक हिरासत में रखा गया। चीन के आव्रजन अधिकारियों ने महिला के पासपोर्ट को अमान्य बताते हुए उसे रोकने की कार्रवाई की, केवल इसलिए कि उसके जन्मस्थान के रूप में अरुणाचल प्रदेश लिखा था। भारत ने इस घटना को अपनी संप्रभुता का अपमान और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नियमों का उल्लंघन बताते हुए चीन से जवाबदेही और मुआवज़ा मांगने का आग्रह किया है।
    अरुणाचल प्रदेश के उल्लेख पर रोक
    सरकारी सूत्रों के अनुसार, महिला यात्री पेमा वांगजोम थोंगडोक 21 नवंबर को लंदन से जापान की यात्रा कर रही थीं। शंघाई एयरपोर्ट पर ट्रांजिट के दौरान उन्हें अचानक रोक लिया गया। चीनी अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को अमान्य ठहराते हुए बार-बार पूछताछ की। महिला के अनुसार, उन्हें यह कहा गया कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है और उन्हें चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की सलाह दी गई।पेमा थोंगडोक ने बताया कि उनके पास वैध जापानी वीज़ा होने के बावजूद उनकी उड़ान रोकी गई, पासपोर्ट जब्त किया गया और उन्हें नया टिकट खरीदने के लिए मजबूर किया गया। इस प्रक्रिया में उन्हें 18 घंटे तक हवाई अड्डे पर रोके रखा गया।
    भारत का कड़ा रिएक्शन
    घटना के सामने आने के तुरंत बाद शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने महिला की मदद की और उसे सुरक्षित आगे की यात्रा के लिए आवश्यक समर्थन दिया। वहीं, भारत सरकार ने चीन को स्पष्ट संदेश भेजा कि यह कार्रवाई भारत की संप्रभुता का सीधा अपमान है। भारत ने दोहराया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और यहाँ के नागरिकों को अपने भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा का पूर्ण अधिकार है।

    अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन
    भारत ने इस मामले में कहा कि चीन की कार्रवाई शिकागो और मॉन्ट्रियल कन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नियमों का उल्लंघन करती है। भारत ने चीन से निम्नलिखित मांगें की हैं: घटना के लिए जवाबदेही तय करना
    महिला को उचित मुआवज़ा देना
    भविष्य में अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार दोबारा न होने का आश्वासन देना
    राजनयिक और द्विपक्षीय प्रभावयह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन अपने तनावपूर्ण संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। भारत ने चेतावनी दी है कि इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के बीच चल रहे शांतिपूर्ण प्रयासों में बाधा डाल सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शंघाई में हुई यह कार्रवाई सिर्फ एक नागरिक पर नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अधिकारों पर हमला है। भारत ने इसे स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का संकेत दिया है।

  • ओटावा में खालिस्तानियों का ‘अनौपचारिक जनमत संग्रह’, भारतीय तिरंगे का अपमान; भारत-कनाडा रिश्तों पर फिर बादल

    ओटावा में खालिस्तानियों का ‘अनौपचारिक जनमत संग्रह’, भारतीय तिरंगे का अपमान; भारत-कनाडा रिश्तों पर फिर बादल


    कनाडा की राजधानी ओटावा में रविवार को खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा आयोजित अनौपचारिक ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ के दौरान भारतीय तिरंगे के अपमान की घटना सामने आई है। इस आयोजन में भारी संख्या में कनाडाई सिख समुदाय के लोग शामिल हुए, जहां वीडियो के मुताबिक भीड़ में कुछ लोगों द्वारा हिंसक और उकसावे वाले नारे भी लगाए गए। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत–कनाडा संबंध हाल के महीनों में कुछ हद तक सुधार की ओर बढ़ते दिख रहे थे।

    53 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति का दावा
    यह आयोजन ओटावा के मैकनैब कम्युनिटी सेंटर में 23 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक चला। आयोजक SFJ के अनुसार, कनाडा के विभिन्न प्रांतों—ओन्टारियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक—से 53,000 से अधिक समर्थक यहां पहुँचे। संगठन का दावा है कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक लोग सुबह से ही कतार में थे, और तीन बजे आधिकारिक समय समाप्त होने के बाद भी हजारों लोग मतदान के लिए लाइन में खड़े थे, जिसके चलते वोटिंग को बढ़ाना पड़ा।

    वीडियो में ‘घेरो-काटो’ जैसे उग्र नारे
    अल्बर्टा स्थित डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म मीडिया बेजिर्गन द्वारा साझा किए गए वीडियो में मतदान स्थल पर भारी भीड़ दिखाई देती है। कुछ वीडियो में खालिस्तानी समर्थक कथित तौर पर भारतीय नेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उग्र और हिंसक नारे लगाते नज़र आ रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार पुलिस के लायजन अधिकारी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सीमित सहयोग तो किया, लेकिन हस्तक्षेप नहीं किया।

    भारतीय तिरंगे का अपमान – वीडियो हुआ वायरल
    वोटिंग समाप्त होने के बाद कुछ खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय तिरंगे के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने की घटनाएँ सामने आईं, जिनके वीडियो ऑनलाइन प्रसारित हैं। भारत में प्रतिबंधित संगठन SFJ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में तिरंगे के अपमान को भारतीय समुदाय और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कड़ी आलोचना की है।

    गुरपतवंत पन्नून का ‘सैटेलाइट संदेश’
    भारत में यूएपीए (UAPA) के तहत प्रतिबंधित SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नून, जिन्हें भारत ने आतंकवादी घोषित किया है, ने इस कार्यक्रम में सैटेलाइट संदेश के माध्यम से भीड़ को संबोधित किया। उन्होंने अपनी गतिविधियों को “जनमत की अभिव्यक्ति” बताया, जबकि भारत सरकार ऐसे किसी भी आयोजन को देश की संप्रभुता पर हमला मानती है।

    कनाडाई प्रधानमंत्री की मोदी से मुलाकात पर सवाल
    जनमत संग्रह के दिन ही दक्षिण अफ्रीका में हो रहे G20 नेताओं के सम्मेलन के इतर कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई थी। SFJ ने इस मुलाकात पर सवाल उठाते हुए संकेत दिया कि कनाडाई सिख समुदाय की “बढ़ती सक्रियता” के बीच ऐसी बैठक “संदिग्ध” है। हालांकि कनाडाई सरकार ने पहले भी कहा है कि वह अपने देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने को प्रतिबद्ध है।

    भारत-कनाडा संबंध फिर तनाव की ओर?
    खालिस्तानी समर्थक कार्रवाइयों को लेकर भारत पहले भी कनाडा को कई बार चेतावनी दे चुका है। नई दिल्ली का कहना है कि हिंसक, अलगाववादी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार नहीं दिया जा सकता। ओटावा की इस घटना के बाद दोनों देशों के संबंधों पर फिर से तनाव की छाया पड़ सकती है, खासकर जब हाल ही में दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक संकेत दिखने लगे थे।

    अतीत में भी कई बार हुआ तिरंगे का अपमान
    कनाडा में इससे पहले भी तिरंगे के अपमान और खालिस्तानी उग्र नारेबाजी की कई घटनाएँ दर्ज की जा चुकी हैं।

    मार्च 2024 में कॅलगरी में प्रदर्शनकारियों ने तलवारों और भालों से तिरंगा फाड़ने की कोशिश की थी।

    अप्रैल 2025 की वैसाखी परेड (सरे, कनाडा) में ध्वज को जमीन पर घसीटने की घटना सामने आई थी।

    नवंबर 2025 की शुरुआत में मॉन्ट्रियल की एक रैली में 500 से अधिक वाहन शामिल थे, जहां ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे।

    15 नवंबर 2025 को ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त के घर के बाहर रैली निकाली गई, जिसमें एयर इंडिया Kanishka बमकांड से जुड़े दोषियों में शामिल संतोक सिंह खेला को भी देखा गया।

    नतीजा: कूटनीति की नई चुनौती
    ओटावा की यह घटना भारत–कनाडा संबंधों को एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ पर ले जाने की क्षमता रखती है। जहां भारत ऐसे आयोजनों को अपनी संप्रभुता के खिलाफ मानता है, वहीं कनाडा के भीतर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उग्रवाद विरोधी नीतियों के बीच संतुलन एक जटिल चुनौती बन गया है। आने वाले महीनों में दोनों देशों की कूटनीतिक प्रतिक्रिया इस विषय को किस दिशा में ले जाएगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

  • आयुष्मान भारत का बड़ा तोहफा: 70 साल और उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिक अब पा सकेंगे ₹10 लाख तक का कैशलेस इलाज

    आयुष्मान भारत का बड़ा तोहफा: 70 साल और उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिक अब पा सकेंगे ₹10 लाख तक का कैशलेस इलाज


    नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) अब और भी मजबूत हो गई है। केंद्र सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹5 लाख का अतिरिक्त टॉप-अप हेल्थ कवर जोड़ दिया है। इसके साथ ही, अब उन्हें कुल ₹10 लाख तक का कैशलेस इलाज मिल सकेगा।

    क्या है नया बदलाव?
    पहले: परिवार को सालाना ₹5 लाख तक का कैशलेस हेल्थ कवर मिलता था।
    अब: 70+ उम्र के प्रत्येक सदस्य के लिए ₹5 लाख का अतिरिक्त टॉप-अप, जिससे कुल कवर ₹10 लाख तक पहुँच गया।

    कौन मिलेगा लाभ?
    आयु: 70 वर्ष या उससे अधिक।
    पहचान: आधार कार्ड के माध्यम से।
    प्रक्रिया: लाभ लेने के लिए वरिष्ठ नागरिक को eKYC आधार अपडेट करवाना होगा।

    योजना की विशेषताएँ
    परिवार के सभी सदस्य कवर: पति-पत्नी, बच्चे, माता-पिता, दादा-दादी और अन्य आश्रित।
    सेकेंडरी और टर्शियरी स्वास्थ्य सेवाओं का कवरेज।
    सर्जरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, विशेषज्ञ इलाज शामिल।
    पुरानी बीमारियाँ (pre-existing conditions) भी कवरेज में।

    क्यों है यह बदलाव खास?
    बुज़ुर्गों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खर्च अक्सर सबसे बड़ा बोझ होता है। अब 70+ वरिष्ठ नागरिक अपने गंभीर इलाज के लिए आर्थिक चिंता मुक्त रह सकते हैं, और परिवार को भारी चिकित्सा बिलों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

  • सर्दियों में रूखी त्वचा से मिलेगी राहत महंगे लोशन छोड़ें रोज लगाएं ये सफेद चीज़ चेहरे पर आएगा नैचुरल ग्लो

    सर्दियों में रूखी त्वचा से मिलेगी राहत महंगे लोशन छोड़ें रोज लगाएं ये सफेद चीज़ चेहरे पर आएगा नैचुरल ग्लो


    नई दिल्ली। सर्दियों के आते ही त्वचा का रूखापन लोगों की सबसे बड़ी चिंता बन जाता है। चेहरे की ड्राईनेस कई बार खुजली जलन और खिंचाव का कारण बनती है। ऐसे में ज्यादातर लोग महंगे लोशन और क्रीम आज़माते हैं लेकिन असर जल्दी नहीं दिखता। अगर आप भी कोई प्राकृतिक और सस्ता मगर बेहद असरदार उपाय ढूंढ रहे हैं तो दूध की मलाई आपकी परेशानी दूर कर सकती है। यह सफेद मलाई सर्दियों में त्वचा के लिए किसी घरेलू दवा से कम नहीं है।

    मलाई क्यों है सर्दियों की बेस्ट स्किन दवा

    दूध की मलाई प्राकृतिक मॉइश्चराइजर मानी जाती है जिसमें मौजूद फैट और पोषक तत्व त्वचा की सबसे बाहरी परत को गहराई से पोषण देते हैं।

    यह त्वचा को तुरंत नमी प्रदान कर उसे मुलायम बनाती है

    चेहरे पर नेचुरल ग्लो लाती है

    रूखेपन को दूर कर स्किन को स्मूद बनाती है

    महीन रेखाओं और एजिंग की शुरुआत को धीमा करने में मदद करती है

    कोई भी महंगा मॉइश्चराइजर इतनी गहराई से काम नहीं कर पाता जितना मलाई कुछ ही मिनटों में कर देती है।

    कैसे करें चेहरे पर मलाई का सही इस्तेमाल

    रात को चेहरे को हल्के फेसवॉश से साफ करें

    थोड़ी मात्रा में ताजी मलाई लें

    चेहरे पर हल्के हाथों से 5 से 10 मिनट मसाज करें

    इसे रात भर छोड़ा जा सकता है

    अगर चिपचिपाहट महसूस हो तो 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें

    नियमित उपयोग से चेहरा नर्म और चमकदार नजर आने लगता है।

    किन बातों का रखें ध्यान

    ऑयली स्किन वाले लोग कम मात्रा में मलाई लगाएं

    केवल ड्राई पैच पर लगाने से भी फायदा मिलेगा

    पहली बार इस्तेमाल से पहले पैच टेस्ट जरूर करें

    हफ्ते में 3 से 4 बार लगाने पर बेहतर नतीजे मिलेंगे

    नतीजा

    दूध की मलाई एक सस्ती आसानी से उपलब्ध और प्राकृतिक स्किन केयर दवा है जो सर्दियों के मौसम में चेहरे को रूखेपन से बचाकर मुलायम और चमकदार बनाए रखती है। बिना किसी केमिकल और खर्च के आप घर बैठे सुंदर और हेल्दी स्किन पा सकते हैं।

  • Birthday Special राखी सावंत की कहानी-साधारण शुरुआत, बॉलीवुड में अनोखी पहचान

    Birthday Special राखी सावंत की कहानी-साधारण शुरुआत, बॉलीवुड में अनोखी पहचान


    नई दिल्ली। बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत आज (25 नवंबर) अपना 46वां जन्मदिन मना रही हैं। विवादित बयानों और अजीबोगरीब हरकतों के लिए मशहूर राखी की कहानी सिर्फ ग्लैमर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे संघर्ष और मेहनत की लंबी दास्तान छिपी है।

    गरीबी से शुरू हुआ सफर

    राखी सावंत का असली नाम नीरू भेड़ा था। मुंबई के एक गरीब चॉल में पली-बढ़ी नीरू ने महज 10 साल की उम्र में कमाई शुरू कर दी थी। उन्होंने अनिल अंबानी और टीना मुनीम की शादी में वेट्रेस के तौर पर काम किया था, जिसके लिए उन्हें रोज़ 50 रुपये मिलते थे।

    नीरू से राखी सावंत तक

    सिनेमाई करियर की शुरुआत में उन्होंने नाम बदलकर रूही और बाद में राखी सावंत रखा। अपने सौतेले पिता का सरनेम सावंत अपने नाम के साथ जोड़कर उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई। शुरुआती दौर में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

    विवादों ने दिलाई पहचान

    राखी सावंत की सबसे बड़ी पहचान उनके विवाद हैं। 2006 में गायक मीका सिंह की बर्थडे पार्टी में हुए किस विवाद ने उन्हें रातों-रात कॉन्ट्रोवर्सी क्वीन बना दिया। राखी ने मीका सिंह पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मीका को गिरफ्तार किया गया। इस घटना ने राखी को रियलिटी शोज और इवेंट्स में प्रमुख अवसर दिलाए और उन्हें लाइमलाइट में ला दिया।

    मुंबई की चॉल से बनी बॉलीवुड क्वीन

    राखी सावंत का जीवन संघर्ष, धैर्य और अदम्य हौसले की कहानी है। नीरू भेड़ा से शुरू होकर राखी सावंत बनने तक का उनका सफर दर्शाता है कि कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है। आज वह न केवल बॉलीवुड की एंटरटेनर हैं, बल्कि विवादों की रानी के तौर पर भी अपनी अलग पहचान रखती हैं।

  • धर्मेंद्र के पास थे 4.50 करोड़ के शेयर 1 करोड़ की ज्वेलरी… अब कौन बनेगा इस खज़ाने का वारिस

    धर्मेंद्र के पास थे 4.50 करोड़ के शेयर 1 करोड़ की ज्वेलरी… अब कौन बनेगा इस खज़ाने का वारिस


    नई दिल्ली। हिन्दी सिनेमा के हीमैन और करोड़ों दिलों की धड़कन रहे धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। देओल परिवार और फिल्म जगत की तमाम हस्तियां मुंबई के विले पार्ले श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जुटीं। उनके निधन के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि उन्होंने कितनी संपत्ति छोड़ी और इस विशाल विरासत का मालिक कौन बनेगा। इस पर से पर्दा उठता है वर्ष 2024 में हेमा मालिनी द्वारा दायर किए गए इलेक्शन एफिडेविट से जिसमें धर्मेंद्र की चल और अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा दर्ज है।

    करोड़ों की चल संपत्ति और निवेश में माहिर थे धर्मेंद्र

    धर्मेंद्र न केवल पर्दे पर बल्कि असल जिंदगी में भी दूरदर्शिता के साथ फैसले लेने वाले सितारों में गिने जाते थे। एफिडेविट के अनुसार उनकी चल संपत्ति का मूल्य 17 करोड़ रुपये से अधिक था।

    43 लाख रुपये नकद
    3.52 करोड़ रुपये बैंक डिपॉजिट
    4.55 करोड़ रुपये के शेयर बॉन्ड और डिबेंचर्स
    1 करोड़ रुपये से ज्यादा की ज्वेलरी
    चल संपत्ति के मामले में धर्मेंद्र अपनी पत्नी हेमा मालिनी से भी आगे निकले थे।
    मुंबई का 126 करोड़ रुपये का जुहू बंगला सबसे बड़ी अचल संपत्ति
    धर्मेंद्र की सबसे बड़ी और कीमती दौलत उनका मुंबई के जुहू इलाके में स्थित आलीशान बंगला है जिसकी कीमत एफिडेविट में 126 करोड़ रुपये दर्ज है। वर्तमान बाजार दरों को देखते हुए इसकी कीमत अब और अधिक हो चुकी होगी।

    इसके अलावा
    9.36 करोड़ रुपये से अधिक की नॉन एग्रीकल्चर भूमि
    कई अन्य मूल्यवान संपत्तियां और निवेश
    कुल मिलाकर धर्मेंद्र आर्थिक रूप से हेमा मालिनी से भी अधिक संपन्न थे।
    धर्मेंद्र की कुल संपत्ति लगभग 153 करोड़ रुपये
    हेमा मालिनी की कुल संपत्ति लगभग 126 करोड़ रुपये
    अब किसे मिलेगी धर्मेंद्र की इतनी विशाल विरासत
    कानूनी रूप से धर्मेंद्र की संपत्ति के वारिस होंगे
    पत्नी हेमा मालिनी
    बेटे सनी देओल और बॉबी देओल
    बेटियां ईशा देओल और आहाना देओल

    लेकिन संपत्ति का बंटवारा किस तरह होगा और क्या धर्मेंद्र वसीयत छोड़कर गए थे यह जानकारी देओल परिवार की ओर से आधिकारिक बयान आने पर ही स्पष्ट हो पाएगी।

    मेहनत से खड़ी की गई विरासत
    धर्मेंद्र न केवल पर्दे के नायक थे बल्कि अपनी लगन और व्यवहारिक सोच से करोड़ों की दौलत खड़ी करने वाले कलाकार थे। उनकी यह विशाल संपत्ति आने वाले समय में देओल परिवार के लिए बड़ा निर्णय साबित होगी। धर्मेंद्र भले ही इस दुनिया से चले गए हों लेकिन उनकी मेहनत और यादें हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी।