वन विभाग ने सफारी के संचालन के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। पर्यटक अटेर स्थित वन विभाग कार्यालय से आफलाइन टिकट प्राप्त कर सकते हैं। चंबल क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और यह इको-टूरिज्म गतिविधियां क्षेत्र की जैव विविधता और पर्यावरणीय संरक्षण में योगदान करेंगी। इस पहल के तहत वन विभाग स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन के अवसर भी पैदा कर रहा है जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
वन विभाग की रेंजर कृतिका शुक्ला ने बताया कि सफारी में स्थानीय व्यंजन पेश करने की योजना भी बनाई जा रही है। इसके जरिए स्थानीय समुदाय को आर्थिक लाभ मिलेगा। वर्तमान में 11 ऊंटों का उपयोग सफारी में किया जा रहा है और जैसे-जैसे सफारी की लोकप्रियता बढ़ेगी इस में और भी ऊंटों को शामिल किया जाएगा।
सुरक्षा और पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वन विभाग ने सफारी के मार्ग को विशेष रूप से तैयार किया है। सफारी में आने वाले पर्यटकों को चंबल क्षेत्र के इतिहास और वन्य जीवन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा विभाग उत्तराखंड के ऋषिकेश की तर्ज पर यहां कैंपिंग की सुविधा भी शुरू करने की योजना बना रहा है। इससे पर्यटकों को एक अलग अनुभव मिलेगा जो स्थानीय पर्यटन को और आकर्षक बना देगा।
यह सफारी क्षेत्र में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और कारीगरी को भी प्रदर्शित करने का एक अवसर है। इसे वन्य जीवों की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है जो आने वाले समय में स्थानीय वन्य जीवन और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगा।
