बांग्लादेशी नेता ने भारत के खिलाफ तीखा बयान दिया, पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर दी धमकी


नई दिल्ली । बांग्लादेश में जैसे-जैसे आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहीं राजनीतिक माहौल में भी गर्माहट बढ़ गई है। नेताओं ने भारत के खिलाफ आरोप लगाना शुरू कर दिया है। इस बीच नेशनल सिटिजन पार्टी के प्रमुख संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने बांग्लादेश के चुनावी प्रक्रिया में दखल दिया तो इसका असर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर पड़ेगा और वे एक-दूसरे से अलग-थलग हो जाएंगे।

यह बयान पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को लेकर आया है जिन्हें “सेवल सिस्टर्स” के नाम से जाना जाता है। इनमें अरुणाचल प्रदेश असम मणिपुर मेघालय नगालैंड मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं। यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से संवेदनशील है और सिलीगुड़ी कॉरिडोर के जरिए मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है। हसनत का यह बयान एक गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आया है कि अगर बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में कोई हस्तक्षेप किया गया तो इससे पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।

हसनत ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ विदेशी एजेंटों को समर्थन देने वालों को बांग्लादेश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। उनका आरोप था कि शेख हसीना और उनके समर्थक अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए भारत का समर्थन लेते हैं जिससे बांग्लादेश की संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है।

हसनत ने आगे कहा “यदि भारत ने उन ताकतों को शरण दी जो बांग्लादेश की स्वतंत्रता और संप्रभुता का उल्लंघन करती हैं तो इसका परिणाम गंभीर होगा और यह पूरे क्षेत्र में अशांति पैदा करेगा।” बांग्लादेश के इस वरिष्ठ नेता का मानना है कि भारत को अपनी नीतियों में बदलाव लाकर बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए वरना दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं।

यह बयान बांग्लादेश में बढ़ते राजनीतिक तनाव और शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध को भी दर्शाता है। हालांकि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में बदलाव के बावजूद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को सुधारने की आवश्यकता है ताकि दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक माहौल बना रहे।