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  • SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी: जानिए आपका नाम है या नहीं, ऑनलाइन-ऑफलाइन चेक करने का तरीका

    SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी: जानिए आपका नाम है या नहीं, ऑनलाइन-ऑफलाइन चेक करने का तरीका


    नई दिल्‍ली । पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, गोवा, राजस्थान और लक्षद्वीप में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया के तहत फॉर्म भरने की समयसीमा पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग 16 दिसंबर को इन राज्यों की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी करेगा। आयोग के मुताबिक, केवल पश्चिम बंगाल में करीब 58 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर हो सकते हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में SIR फॉर्म में गड़बड़ियां पाई गई हैं।

    जिन मतदाताओं के फॉर्म अधूरे हैं या जिनका सत्यापन नहीं हो पाया है, उनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किए जाएंगे। ऐसे मामलों में मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है, जहां पासपोर्ट, डोमिसाइल सर्टिफिकेट और जन्म प्रमाणपत्र जैसे चुनाव आयोग द्वारा मान्य 12 दस्तावेजों के आधार पर जांच के बाद नाम जोड़ा जाएगा।

    मतदाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अपना नाम देख सकते हैं। ऑनलाइन जांच के लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट eci.gov.in पर नाम या EPIC नंबर डालकर सर्च किया जा सकता है। वहीं ऑफलाइन जांच के लिए हर पोलिंग स्टेशन पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास ड्राफ्ट लिस्ट उपलब्ध होगी।

    अगर किसी मतदाता का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है, तो वह दावा या आपत्ति दर्ज कर सकता है। चुनाव आयोग ने इसके लिए एक महीने का समय दिया है। दावों की जांच और जरूरत पड़ने पर सुनवाई के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।

  • विशेष वैदिक विवाह और भूत शुद्धि विवाह के गहन आध्यात्मिक और धार्मिक आयाम

    विशेष वैदिक विवाह और भूत शुद्धि विवाह के गहन आध्यात्मिक और धार्मिक आयाम


    नई दिल्ली । भारतीय परंपरा में विवाह को केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं बल्कि सोलह संस्कारों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। यह वह आधारशिला है जिस पर एक व्यक्ति अपने जीवन के चार पुरुषार्थों धर्म अर्थ काम और मोक्ष को साधने के लिए गृहस्थ जीवन की शुरुआत करता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में विवाह की विधियाँ अलग हो सकती हैं लेकिन उनका मूल उद्देश्य जीवन को धार्मिक आध्यात्मिक और सामाजिक आधार प्रदान करना होता है। साल 2025 में भारतीय विवाह परंपरा के दो विशिष्ट स्वरूपों ने देश और विदेश दोनों जगह चर्चा का केंद्र बनकर इसकी गरिमा को एक बार फिर स्थापित किया। ये थे वैदिक विवाह और योगिक परंपरा से जुड़ा भूत शुद्धि विवाह।

    वैदिक विवाह सनातन धर्म का मूल संस्कार

    वैदिक विवाह हिंदू धर्म का सबसे पुराना और मूल विवाह संस्कार माना जाता है। इसका उल्लेख ऋग्वेद यजुर्वेद और अथर्ववेद जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। 2025 में कई हाई-प्रोफाइल और आम लोगों द्वारा इस पारंपरिक पद्धति को अपनाने से यह चर्चा में रहा। कई आधुनिक जोड़ों ने सादगी मंत्रों की महत्ता और विवाह के आध्यात्मिक उद्देश्य पर ज़ोर देने के लिए इसे चुना जिससे यह साबित हुआ कि सनातन संस्कृति आज भी प्रासंगिक है।

    वैदिक विवाह की विशिष्ट परंपराएं
    सप्तपदी और अग्नि साक्षी: इस विवाह का सबसे केंद्रीय अनुष्ठान सप्तपदी सात फेरे है जिसमें वर और वधू सात पवित्र वचन लेते हैं। ये फेरे पवित्र अग्नि अग्नि देवता को साक्षी मानकर लिए जाते हैं जिन्हें सभी अनुष्ठानों का शुद्धिकर्ता माना जाता है।मंत्रोच्चारण का महत्व विवाह के दौरान उच्चारित होने वाले प्रत्येक मंत्र का अपना विशिष्ट अर्थ होता है जो पति-पत्नी को उनके कर्तव्यों जीवन के लक्ष्य और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का बोध कराता है।उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य केवल संतानोत्पत्ति या सहजीवन नहीं बल्कि धर्म के मार्ग पर चलते हुए गृहस्थ जीवन की शुरुआत करना आपसी सहयोग से धर्म का पालन करना और उत्तम संतान की प्राप्ति माना गया है।

    भूत शुद्धि विवाह: योगिक शुद्धिकरण की अनूठी रीत

    साल 2025 में चर्चा में रहा एक अन्य विशिष्ट अनुष्ठान भूत शुद्धि विवाह है। यह योगिक परंपरा से जुड़ा एक ऐसा अनुष्ठान है जो वैवाहिक रिश्ते की शुरुआत से पहले स्वयं को पूर्ण रूप से शुद्ध करने पर ज़ोर देता है।भूत शुद्धि का अर्थ है पंचभूतों पृथ्वी जल अग्नि वायु और आकाश की शुद्धि। योगिक दर्शन के अनुसार हमारा शरीर इन्हीं पाँच तत्वों से बना है। इस विवाह पद्धति को चुनने वाले जोड़ों का मानना है कि रिश्ते की शुरुआत भौतिक इच्छाओं या सामाजिक दबाव से नहीं बल्कि आत्मिक और मौलिक शुद्धिकरण से होनी चाहिए।

    भूत शुद्धि विवाह की ख़ास परंपराएं

    पंचभूतों का अनुष्ठान: इस विधि में विशिष्ट मंत्रों मुद्राओं और अनुष्ठानों के माध्यम से शरीर के पंच तत्वों को शुद्ध किया जाता है। यह माना जाता है कि तत्वों के शुद्ध होने पर व्यक्ति अपने साथी के साथ केवल शारीरिक या मानसिक स्तर पर नहीं बल्कि ऊर्जा के स्तर पर भी जुड़ता है।आध्यात्मिक तैयारी: विवाह से पूर्व वर और वधू को कुछ विशिष्ट योगिक क्रियाओं और ध्यान में शामिल होना पड़ता है जो उन्हें रिश्ते की पवित्रता और गहराई को समझने के लिए तैयार करती हैं। गहन उद्देश्य यह विवाह शारीरिक और सामाजिक बंधन से ऊपर उठकर एक-दूसरे के आध्यात्मिक विकास में सहायक बनने पर केंद्रित होता है। इसका उद्देश्य गृहस्थ जीवन को मोक्ष की ओर ले जाने का एक माध्यम बनाना है।

    साल 2025 के ये विशेष विवाह इस बात की पुष्टि करते हैं कि आधुनिकता की चकाचौंध में भी भारतीय संस्कृति की प्राचीन परंपराएं न केवल जीवित हैं बल्कि अपनी आध्यात्मिक गहराई और गहन उद्देश्य के कारण आज भी प्रासंगिक हैं। जहाँ वैदिक विवाह ने सनातन धर्म की मूल शक्ति को दर्शाया वहीं भूत शुद्धि विवाह ने विवाह में योग और आध्यात्म के समावेश का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया जिससे ये दोनों पद्धतियाँ साल भर चर्चा का विषय रहीं।

  • यूपी बीजेपी अध्यक्ष पंकज चौधरी: सैलरी, भत्ते, पेंशन और सुविधाओं का पूरा लेखा-जोखा

    यूपी बीजेपी अध्यक्ष पंकज चौधरी: सैलरी, भत्ते, पेंशन और सुविधाओं का पूरा लेखा-जोखा


    नई दिल्‍ली । केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी अब उत्तर प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्वप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाहके करीबी माने जाने वाले पंकज चौधरी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है।

    राजनीतिक सफर और प्रोफाइल
    ओबीसी वर्ग की कुर्मी जाति से आने वाले पंकज चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पार्षद के रूप में की थी। इसके बाद वे गोरखपुर के डिप्टी मेयर बने और वर्ष 1991 में पहली बार लोकसभा पहुंचकर राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा। अब तक वे सात बार सांसद चुने जा चुके हैं और दो बार केंद्र सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

    पंकज चौधरी की कुल संपत्ति करीब 41 करोड़ रुपये बताई जाती है। वे राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं और उनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं तक है।

    यूपी बीजेपी अध्यक्ष को सैलरी मिलती है या नहीं?
    सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कोई सरकारी या संवैधानिक पद नहीं है। यह पूरी तरह पार्टी का संगठनात्मक पद होता है।
    इस कारण इस पद के लिए सरकार की ओर से कोई तय वेतन, पे-स्केल या सैलरी स्लिप नहीं मिलती।

    फिर कमाई कैसे होती है?
    हालांकि औपचारिक सैलरी नहीं होती, लेकिन भाजपा अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों को मानदेय और प्रशासनिक सहयोग देती है।

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लगभग 1 से 1.5 लाख रुपये मासिक मानदेय मिलने की चर्चा रही है।

    राज्य अध्यक्षों के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार यूपी बीजेपी अध्यक्ष को भी करीब 1 से 1.5 लाख रुपये प्रति माह मानदेय मिल सकता है।

    इसके अलावा पार्टी कार्यों के लिए अलग से भत्ते और खर्च की व्यवस्था होती है।

    यूपी बीजेपी अध्यक्ष को मिलने वाली सुविधाएं
    सैलरी तय न होने के बावजूद सुविधाओं के मामले में यह पद बेहद प्रभावशाली माना जाता है।

    पूरी तरह फर्निश्ड ऑफिस

    पर्सनल सेक्रेटरी, राजनीतिक सलाहकार और सपोर्ट स्टाफ

    आधिकारिक यात्राओं का पूरा खर्च पार्टी वहन करती है

    हवाई, रेल और सड़क यात्रा की सुविधा

    ड्राइवर सहित वाहन, होटल और भोजन का खर्च

    फर्निश्ड आवास की सुविधा

    निजी स्टाफ की सैलरी भी पार्टी फंड से

    मेडिकल सुविधाएं या तो पार्टी के माध्यम से मिलती हैं या फिर उनके मौजूदा सरकारी पद के नियमों के तहत।

    सांसद और मंत्री के तौर पर अलग आय
    पंकज चौधरी फिलहाल लोकसभा सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री हैं, इसलिए उन्हें इन पदों से मिलने वाली सैलरी और भत्ते अलग से मिलते रहेंगे।

    सांसद के रूप में:
    मासिक वेतन: 1,24,000 रुपये

    निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 87,000 रुपये

    कार्यालय खर्च: 75,000 रुपये

    दैनिक भत्ता: 2,500 रुपये

    दिल्ली में मुफ्त सरकारी आवास या 2 लाख रुपये HRA

    इसके अलावा:

    150 टेलीफोन कॉल

    50,000 यूनिट बिजली

    24,000 लीटर पानी

    34 हवाई यात्राएं

    एसी ट्रेन यात्रा की सुविधा

    मंत्री पद का लाभ:
    राज्य मंत्री के रूप में उन्हें लगभग 2.30 लाख रुपये प्रतिमाह का वेतन और भत्ता मिलता है।

    पेंशन का क्या नियम है?
    मंत्री पद छोड़ने पर अलग से कोई पेंशन नहीं मिलती

    पेंशन केवल सांसद या विधायक के रूप में किए गए कार्यकाल पर आधारित होती है

    पूर्व सांसदों को वर्तमान में 31,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जो लंबे कार्यकाल के साथ बढ़ती जाती है

    पंकज चौधरी को भविष्य में पेंशन का लाभ उनके लंबे संसदीय अनुभव के आधार पर मिलेगा, न कि मंत्री या पार्टी अध्यक्ष पद के कारण।

    कुल मिलाकर, यूपी बीजेपी अध्यक्ष का पद वेतन से ज्यादा ताकत, प्रभाव और राजनीतिक जिम्मेदारी का होता है। पंकज चौधरी के लिए यह भूमिका न सिर्फ संगठनात्मक रूप से अहम है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की रणनीति में भी निर्णायक मानी जा रही है।

  • Netflix पर रिलीज होते ही नंबर-1 बनी 6 एपिसोड की ये सीरीज, कॉमेडी-ड्रामा के साथ दिल छू लेने वाली कहानी

    Netflix पर रिलीज होते ही नंबर-1 बनी 6 एपिसोड की ये सीरीज, कॉमेडी-ड्रामा के साथ दिल छू लेने वाली कहानी


    नई दिल्ली/ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने बीते कुछ सालों में मनोरंजन की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है। अब दर्शकों को अच्छी कहानी और दमदार परफॉर्मेंस के लिए थिएटर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। Netflix जैसे प्लेटफॉर्म हर हफ्ते नई फिल्में और वेब सीरीज रिलीज करते हैं, जिनमें से कुछ कंटेंट ऐसा होता है जो रिलीज होते ही दर्शकों के दिलों में जगह बना लेता है।ऐसी ही एक नई वेब सीरीज ने इन दिनों Netflix पर धूम मचा रखी है। 12 दिसंबर को रिलीज हुई इस 6 एपिसोड की सीरीज ने आते ही ट्रेंडिंग चार्ट में टॉप पोजिशन हासिल कर ली है। कम एपिसोड, दमदार कहानी और कॉमेडी-ड्रामा का बेहतरीन बैलेंस इसे बाकी कंटेंट से अलग बनाता है।

    रिलीज होते ही क्यों छा गई यह सीरीज?
    आज के समय में दर्शक लंबी-लंबी सीरीज से थोड़ा बोर हो चुके हैं। ऐसे में 6 एपिसोड की यह सीरीज उन्हें एक परफेक्ट बिंज-वॉच ऑप्शन देती है। कहानी न तो बेवजह खिंची हुई है और न ही जरूरत से ज्यादा भारी। यही वजह है कि रिलीज के कुछ ही घंटों में यह Netflix की Top Trending Series की लिस्ट में नंबर-1 पर पहुंच गई। दर्शकों को इसमें कॉमेडी, इमोशन और रियल लाइफ स्ट्रगल का ऐसा मिक्स देखने को मिल रहा है, जिससे वे खुद को जोड़ पा रहे हैं।

    क्या है इस वेब सीरीज की कहानी?
    इस सीरीज की कहानी एक ऐसे युवक के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी शादी टूटने की कगार पर है। उसकी और उसकी पत्नी के बीच तलाक का सबसे बड़ा कारण पिता बनने को लेकर मतभेद है। लड़का पिता बनना चाहता है, जबकि उसकी पत्नी इसके लिए तैयार नहीं होती। कई कोशिशों के बाद भी जब दोनों के बीच सहमति नहीं बनती, तो आखिरकार उनका तलाक हो जाता है। तलाक के बाद कहानी एक नया मोड़ लेती है। हालात ऐसे बनते हैं कि उस युवक के अंदर सिंगल फादर बनने की इच्छा जाग उठती है।

    जिम्मेदार बनने की जद्दोजहद
    यह कहानी सिर्फ पिता बनने की चाहत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि एक गैर-जिम्मेदार इंसान के लिए जिम्मेदारी उठाना कितना मुश्किल हो सकता है। सीरीज का हीरो खुद मानता है कि वह जिंदगी को हल्के में लेने वाला इंसान रहा है।अब सवाल यह है कि क्या वह वाकई एक अच्छा सिंगल फादर बन पाएगा? क्या वह अपनी आदतों को बदल पाएगा? और क्या समाज, परिवार और खुद से चल रही उसकी लड़ाई में वह टिक पाएगा? इन सभी सवालों के जवाब सीरीज के हर एपिसोड में धीरे-धीरे सामने आते हैं।

    कॉमेडी के साथ इमोशन का तड़का
    इस सीरीज की सबसे बड़ी खासियत इसका नेचुरल ह्यूमर है। कहानी में कई ऐसे सीन हैं जो आपको हंसाएंगे, लेकिन उसी पल कुछ दृश्य ऐसे भी आते हैं जो भावुक कर देते हैं। यही कॉमेडी और ड्रामा का संतुलन दर्शकों को बांधे रखता है। डायलॉग्स सरल हैं, किरदार असली लगते हैं और सिचुएशन्स रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हुई महसूस होती हैं। यही वजह है कि दर्शक इसे रियल और रिलेटेबल बता रहे हैं।

    कम एपिसोड, ज्यादा असर
    आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग ऐसी सीरीज पसंद करते हैं, जिन्हें कम समय में देखा जा सके। 6 एपिसोड की यह सीरीज बिना वक्त बर्बाद किए सीधे कहानी पर आती है और हर एपिसोड में कुछ नया देती है। हर एपिसोड खत्म होने के बाद अगला देखने की उत्सुकता बनी रहती है, जो किसी भी अच्छी सीरीज की पहचान होती है। क्यों देखनी चाहिए यह सीरीज? अगर आप- हल्की-फुल्की लेकिन अर्थपूर्ण कहानी पसंद करते हैं कॉमेडी के साथ इमोशनल ड्रामा देखना चाहते हैं कम एपिसोड वाली बिंज-वॉच सीरीज ढूंढ रहे हैं रिलेशनशिप और पेरेंटहुड जैसे विषयों में दिलचस्पी रखते है तो यह वेब सीरीज आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।

  • महाराष्ट्र: सिर से टोपी को लेकर हुआ झगड़ा, बीच-बचाव करने गई गर्भवती महिला के बच्चे की गर्भ में मौत

    महाराष्ट्र: सिर से टोपी को लेकर हुआ झगड़ा, बीच-बचाव करने गई गर्भवती महिला के बच्चे की गर्भ में मौत


    महाराष्ट्र। के कल्याण, मोहने गांव के लहूजीनगर इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक छोटी सी बात पर शुरू हुई पड़ोसियों की लड़ाई ने एक मासूम की जान ले ली। आरोप है कि लड़ाई रोकने गई एक गर्भवती महिला पर हमला कर उसके पेट में लात मारी गई, जिसके परिणामस्वरूप गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।

    मामूली बहस बनी जानलेवा हमला
    जानकारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत एक पड़ोसी द्वारा दूसरे के सिर से टोपी उतारने को कहने जैसी मामूली बात पर हुई। यह बहस देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। इसी दौरान, जब एक गर्भवती महिला ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो कथित तौर पर आरोपी ने उसके पेट में जोरदार लात मार दी। इस क्रूर हमले के कारण महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसके गर्भस्थ शिशु की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई।

    पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
    इस हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। साथ ही, क्षेत्र में लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं के कारण स्थानीय पुलिस की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

    पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस द्वारा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस तरह की घटनाओं का बार-बार होना कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल पर पहुँचकर जाँच शुरू कर दी है।

    अतिरिक्त खबर का अंश (संबंधित जानकारी)
    राजनीतिक बयान: इसी बीच, महाराष्ट्र में राजनीतिक गलियारों से एक खबर यह भी है, जहाँ शिवसेना नेता उदय सामंत ने उद्धव ठाकरे से सवाल किया है, “क्या आपमें कांग्रेस के उपमुख्यमंत्रियों से इस्तीफा मांगने की हिम्मत है?”

    सड़क हादसा: महाराष्ट्र के बीड में एक डीजल टैंकर से कार टकराने के बाद हाइवे पर धुएं का गुबार छा गया, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते बचा।

  • इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में रतलाम जिला भी होगा शामिल सीएम डॉ. मोहन यादव की अहम बैठक

    इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में रतलाम जिला भी होगा शामिल सीएम डॉ. मोहन यादव की अहम बैठक


    इंदौर । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में एक अहम बैठक में इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन के विकास की योजनाओं पर चर्चा की। इस बैठक में इंदौर उज्जैन देवास धार और शाजापुर जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। सीएम ने इंदौर मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट नई बस सेवा आईटी हब और नाइट लाइफ पॉलिसी जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार किया।

    इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है कि रतलाम जिले को भी इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में शामिल किया जाएगा। इससे पूरे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और यह क्षेत्र और भी विकसित हो सकेगा। मेट्रो का विस्तार और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल मुद्दे

    बैठक में इंदौर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई जैसे कि एबी रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर मास्टर प्लान की अधूरी सड़कों का निर्माण और यातायात की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में किए जाने वाले उपाय। सीएम ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से इन समस्याओं का समाधान निकालने का आग्रह किया।

    बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम से कहा “अच्छा हुआ आपने हमें बता दिया कि आप इंदौर के प्रभारी मंत्री नहीं हैं। अधिकारी हमें चमकाते थे कि हम बैठक नहीं कर सकते अब हम इंदौर के विकास के लिए बैठक कर सकेंगे।” इस पर सीएम ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा जो बांटना था बांट दिया और जो नहीं बटा उसे अपने पास रख लिया।

    इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में रतलाम जिले को शामिल करने की योजना के साथ-साथ इंदौर में मेट्रो बस सेवा और शहर के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की बैठक में इंदौर की यातायात समस्याओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी चर्चा की गई। इस बैठक के माध्यम से इंदौर के विकास को और अधिक गति मिलने की संभावना है।

  • भारत की बल्लेबाजी का धमाका: 400+ रनों की ऐतिहासिक पारियां जो वनडे क्रिकेट में बनाती हैं टीम इंडिया को अलग

    भारत की बल्लेबाजी का धमाका: 400+ रनों की ऐतिहासिक पारियां जो वनडे क्रिकेट में बनाती हैं टीम इंडिया को अलग

    नई दिल्‍ली । भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे क्रिकेट में हमेशा अपनी आक्रामक और रणनीतिक बल्लेबाजी से विरोधियों को दबाव में रखा है। बड़े स्कोर बनाने की क्षमता अब टीम इंडिया की पहचान बन चुकी है और चाहे घरेलू मैदान हो या विदेशी पिच, भारतीय बल्लेबाजों ने कई बार 400 से अधिक रन बनाकर इतिहास रचा है।

    8 दिसंबर 2011 को इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम ने 418/5 रन बनाकर शानदार जीत हासिल की। इस पारी में रन रेट 8.36 रहा और भारतीय बल्लेबाजों की तेज और आक्रामक सोच का प्रदर्शन हुआ। इसी तरह, 15 दिसंबर 2009 को राजकोट में श्रीलंका के खिलाफ 414/7 रन की पारी ने टीम की गहराई वाली बल्लेबाजी और बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता दिखाई।

    2007 वर्ल्ड कप में पोर्ट ऑफ स्पेन में बरमूडा के खिलाफ भारत ने 413/5 रन बनाकर मुकाबला पूरी तरह एकतरफा कर दिया। इस पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने हर दिशा में चौके-छक्कों की बरसात की और अपनी आक्रामक शैली को पूरी दुनिया के सामने दिखाया। वनडे वर्ल्ड कप 2023 में बेंगलुरु में नीदरलैंड्स के खिलाफ 410/4 रन बनाकर टीम ने घरेलू दर्शकों के सामने अपनी दबदबे वाली छवि और मजबूत की।

    10 दिसंबर 2022 को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ 409/8 रन बनाकर भारतीय बल्लेबाजों ने विदेशी धरती पर भी अपनी परिपक्वता और आक्रामक रणनीति का प्रदर्शन किया। ये ऐतिहासिक पारियां साबित करती हैं कि टीम इंडिया की बल्लेबाजी हमेशा विरोधियों के लिए चुनौती बनी रहती है और बड़े स्कोर बनाने में उसकी विश्वस्तरीय क्षमता को दर्शाती हैं।

  • भोपाल में कुटुंब न्यायालय की नेशनल लोक अदालत में 100 से अधिक रिश्तों को बचाया, पति ने बेटी को गोद में उठाते ही मांगी माफी

    भोपाल में कुटुंब न्यायालय की नेशनल लोक अदालत में 100 से अधिक रिश्तों को बचाया, पति ने बेटी को गोद में उठाते ही मांगी माफी


    भोपाल । भोपाल के कुटुंब न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 100 से अधिक रिश्तों को टूटने से बचाया गया। इस दौरान पति-पत्नी ने अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गिले-शिकवे भूलकर फिर से एक-दूसरे के साथ रहने का निर्णय लिया। यह अदालत उन दंपत्तियों के लिए वरदान साबित हुई जिनके रिश्ते झगड़ों और विवादों की वजह से खटाई में थे।

    एक विशेष मामले में जहां एक व्यवसायी पति और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था दोनों के बीच काउंसलिंग सत्र में एक भावुक पल आया। पत्नी ने डेढ़ साल की अपनी बेटी को पति से दूर रखकर मायके भेज दिया था और वह अपने पति से मिलने भी नहीं देती थी। पत्नी ने पति के खिलाफ भरण-पोषण का केस भी दायर कर रखा था और पति का कहना था कि यदि पत्नी मायके में रहेगी तो वह भरण-पोषण नहीं देगा।

    इस बीच कुटुंब न्यायालय में काउंसलिंग के दौरान जज ने पति से कहा कि वह अपनी बेटी को गोद में लेकर पत्नी से मिलें। जब पति ने बेटी को गोद में उठाया तो उसकी आँखों में पछतावा और अफसोस था। कई महीनों से अपनी बेटी से अलग रह रहे पति को अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद उसने पत्नी से माफी मांगी और समझौते की इच्छा जताई।
    पत्नी ने भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए पति की माफी स्वीकार की और दोनों ने एक-दूसरे को समझते हुए एक नया अध्याय शुरू करने का निर्णय लिया। इसके बाद वे दोनों घर लौट गए और अपने रिश्ते को फिर से संजीवनी दी।

    कुटुंब न्यायालय की नेशनल लोक अदालत में इस तरह के कई अन्य मामले भी आए जिनमें रिश्तों में दरार आ चुकी थी लेकिन अदालत की मध्यस्थता से और समझाइश से वे सब वापस एकजुट हो गए। इस प्रक्रिया ने यह साबित किया कि सही मार्गदर्शन और समझ के साथ पारिवारिक रिश्तों को पुनर्निर्मित किया जा सकता है। भोपाल के कुटुंब न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में कई रिश्तों को टूटने से बचाया गया। एक दिल छूने वाले मामले में पति ने अपनी बेटी को गोद में उठाते हुए पत्नी से माफी मांगी और दोनों ने मिलकर अपने रिश्ते को फिर से संजीवित किया। यह अदालत परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है।

  • सूडान में UN सुविधा केंद्र पर बड़ा हमला, 6 बांग्लादेशी शांतिरक्षकों की मौत

    सूडान में UN सुविधा केंद्र पर बड़ा हमला, 6 बांग्लादेशी शांतिरक्षकों की मौत


    काहिरा। युद्धग्रस्त सूडान में शनिवार को ड्रोन हमले ने संयुक्त राष्ट्र सुविधा को निशाना बनाया। इस हमले में छह बांग्लादेशी शांतिरक्षकों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हुए।

    हमले की जानकारी:
    स्थान: मध्य क्षेत्र कोर्डोफान, कदुगली शहर में यूएन लॉजिस्टिक्स बेस

    पीड़ित: सभी बांग्लादेशी नागरिक, यूएन अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) में तैनात

    घायलों की संख्या: 8

    सूदानी सेना ने आरोप लगाया
    हमला रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) द्वारा किया गया बताया गया।

    RSF सूडान का कुख्यात अर्धसैनिक समूह है, जो सेना के साथ दो साल से अधिक समय से सत्ता संघर्ष में लगा है।

    सेना ने कहा कि यह हमला विद्रोही मिलिशिया और उनके समर्थनकर्ताओं के विध्वंसक दृष्टिकोण को उजागर करता है।

    संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
    UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे युद्ध अपराध करार दिया और जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराने की मांग की।

    गुटेरेस ने सूडान में तत्काल युद्धविराम और एक व्यापक, समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया।

    सूडान का युद्ध परिदृश्य
    अप्रैल 2023 में सेना और RSF के बीच सत्ता संघर्ष ने खार्तूम और अन्य हिस्सों में खुला युद्ध पैदा किया।

    अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

    संघर्ष का केंद्र कोर्डोफान और दारफूर क्षेत्र है।

    युद्ध में शहर तबाह हुए, सामूहिक बलात्कार और जातीय हत्याएं हुईं, जिन्हें यूएन और अधिकार समूहों ने युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध बताया।

    हमले का वीडियो सामने आया
    सूडानी सेना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें यूएन सुविधा के पास घने काले धुएं के गुबार दिखाई दे रहे हैं। यह दिखाता है कि हमला कितने व्यापक पैमाने पर हुआ।

    सूडान में जारी संघर्ष ने न केवल नागरिकों बल्कि शांति मिशन के जवानों को भी निशाना बनाया है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तत्काल युद्धविराम और राजनीतिक समाधान की जरूरत जताई जा रही है।

  • अमेरिकी सेना ने समुद्र में गिरे सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक निकाला, चीन की नजरों से बची तकनीक

    अमेरिकी सेना ने समुद्र में गिरे सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक निकाला, चीन की नजरों से बची तकनीक


    नई दिल्‍ली । अमेरिका ने एशिया के दो बेहद संवेदनशील इलाकों में समुद्र में गिरे अपने अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया है। दक्षिण कोरिया के पश्चिमी समुद्र तट के पास क्रैश हुआ MQ-9 रीपर ड्रोन और साउथ चाइना सागर से एफ-18 फाइटर जेट और एमएच-60 हेलीकॉप्टर को रिकवर किया गया। ये ऑपरेशन अमेरिका की सुरक्षा और तकनीकी श्रेष्ठता के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं।

    1. MQ-9 रीपर ड्रोन – सियोल के पास क्रैश
    कब हुआ था: 24 नवंबर

    कहां गिरा: सियोल से करीब 180 किलोमीटर दक्षिण में, माल्डो-री द्वीप के पास पीले सागर में

    ऑपरेशन: अमेरिकी वायुसेना और दक्षिण कोरियाई नौसेना ने करीब 20 दिनों में ड्रोन का पूरा मलबा निकाल लिया

    उद्देश्य: निगरानी और हमले के लिए तैनात, उत्तर कोरिया की गतिविधियों और पीले सागर में चीन की मौजूदगी पर नजर रखने के लिए

    महत्व: ड्रोन की तकनीक सुरक्षित रखना और इसे दुश्मन के हाथों न पड़ने देना

    2. फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर – साउथ चाइना सागर
    कब गिरे: अक्टूबर में USS निमिट्ज एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरते वक्त

    कौन से उपकरण: एफ-18 फाइटर जेट और एमएच-60 हेलीकॉप्टर

    गहराई: करीब 400 फीट

    रिकवरी की तारीख: 5 दिसंबर

    महत्व: चीन जैसे देशों के हाथ लगने पर सैन्य तकनीक का नुकसान होने से बचाना

    सुरक्षा: उपकरण अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सुरक्षित सैन्य ठिकाने पर भेजे गए हैं

    रणनीतिक महत्व
    साउथ चाइना सागर को लेकर चीन और कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच विवाद लंबा है। चीन लगभग पूरे समुद्री क्षेत्र पर दावा करता है, जबकि अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग मानता है और अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखता है। समुद्र में गिरे अमेरिकी सैन्य उपकरणों की रिकवरी को रणनीतिक सुरक्षा कदम के रूप में देखा जा रहा है।

    अमेरिका ने समय रहते समुद्र में गिरे अपने महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों को सुरक्षित निकालकर अपनी तकनीक और सुरक्षा सुनिश्चित की। इस ऑपरेशन से यह भी जाहिर होता है कि आधुनिक युद्ध में तकनीक और सुरक्षा का महत्व कितनी तेजी से बढ़ता जा रहा है।